13 फरवरी को महिला दिवस मनाया जाता है क्या? - 13 pharavaree ko mahila divas manaaya jaata hai kya?

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Sun, 13 Feb 2022 11:22 AM IST

आज भारत का राष्ट्रीय महिला दिवस है। कई लोगों को राष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर भ्रम है कि वह 8 मार्च को होता है लेकिन 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस होता है। हालांकि भारत में इस दिन को फरवरी में मनाया जाता है। राष्ट्रीय महिला दिवस को फरवरी में आज के दिन मनाने की एक खास वजह है। यह वजह जुड़ी है भारत की प्रमुख महिला स्वतंत्रता सेनानी से। यहां बात हो रही है भारत कोकिला सरोजिनी नायडू की। सरोजिनी नायडू से राष्ट्रीय महिला दिवस का गहरा नाता है। सरोजिनी नायडू भारत की प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी व कवयित्री हैं। उन्हें भारत कोकिला यानी नाइटिंगेल ऑफ इंडिया भी कहा जाता है। इतना ही नहीं वह आजाद भारत की पहली महिला राज्यपाल भी रही हैं। ब्रिटिश सरकार के खिलाफ देश को आजादी दिलाने के लिए हुए स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। वह हर महिला के लिए प्रेरणा है। लेकिन राष्ट्रीय महिला दिवस को आज ही के दिन मनाने के पीछे की क्या वजह है, इस दिन का इतिहास और महत्व क्या है, यह भी सभी को जान लेना चाहिए। जानते हैं राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास, कब हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत, महत्व और सरोजिनी नायडू से नाता। 

कब मनाया जाता है भारत का राष्ट्रीय महिला दिवस

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 13 फरवरी के दिन मनाया जाता है। यह 8 मार्च को मनाए जाने वाले महिला दिवस से अलग है क्योंकि उस दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस होता है और 13 फरवरी को भारत का महिला दिवस होता है।

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय महिला दिवस

राष्ट्रीय महिला दिवस सरोजिनी नायडू को समर्पित है। सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था। वह बचपन से बुद्धिमान थीं। जब सरोजिनी नायडू 12 साल की थीं, तब से उन्हें कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी। बाद में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। देश की आजादी और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। आजादी के बाद सरोजिनी नायडू को पहली महिला राज्यपाल बनने का भी मौका मिला। उनके कार्यों और महिलाओं के अधिकारों के लिए उनकी भूमिका को देखते हुए सरोजिनी नायडू के जन्मदिन के मौके पर राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।

कब से हुई राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत

जब देश को 1947 में आजादी मिली तो उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनने का गौरव एक महिला को प्राप्त हुआ। वह महिला सरोजिनी नायडू थी। बाद में साल 2014 में सरोजिनी नायडू की जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत की गई।

सरोजिनी नायडू को क्यों कहते हैं भारत कोकिला

वैसे तो सरोजिनी नायडू के नाम कई उपलब्धियां हैं लेकिन साहित्यिक योगदान पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। उन्होंने कई कविताएं लिखी, कुछ कविताएं तो पाठ्यक्रम में शामिल की गईं।  क्योंकि वह बहुत ही मधुर स्वर में अपनी कविताओं का पाठ किया करती थीं, इसी कारण सरोजिनी नायडू को भारत कोकिला कहा जाता था।

13 फरवरी को कौन दिवस मनाया जाता है?

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 13 फरवरी के दिन मनाया जाता है। यह 8 मार्च को मनाए जाने वाले महिला दिवस से अलग है क्योंकि उस दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस होता है और 13 फरवरी को भारत का महिला दिवस होता है। राष्ट्रीय महिला दिवस सरोजिनी नायडू को समर्पित है। सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था।

भारत में महिला राष्ट्रीय दिवस कब मनाया जाता है?

महिला दिवस का इतिहास साल 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं द्वारा एक सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर हर साल मनाने का सुझाव दिया गया। यहीं से 8 मार्च के दिन दुनिया भर में महिला दिवस मनाया जाने लगा।

राष्ट्रीय महिला दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

इसका आयोजन 8 मार्च को होता है. क्लारा ने जब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आइडिया दिया था, तब उन्होंने किसी ख़ास दिन का जिक्र नहीं किया था. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किस दिन हो, 1917 तक इसकी कोई स्पष्टता नहीं थी. साल 1917 में रूस की महिलाओं ने रोटी और शांति की माँग के साथ चार दिनों का विरोध प्रदर्शन किया था.

महिला दिवस 2022 की थीम क्या है?

' इस बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम 'जेंडर इक्वैलिटी फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो' यानी एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता है। महिला दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य है महिलाओं को हर वो अधिकार प्रदान किए जाए जो एक सामान्य नागरिक को दिए जाते हैं। भेदभाव ही उनके पीछे रहने की सबसे बड़ी वजह है।