Show महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा का महत्व सर्वोपरि : आनंदPublish Date: Wed, 11 Mar 2015 07:03 PM (IST)Updated Date: Wed, 11 Mar 2015 07:03 PM (IST) जागरण संवाददाता, यमुनानगर : अंतरराष्ट्रीय महिला सप्ताह के अंतर्गत नेहरू युवा केंद्र की ओर से महिला ज जागरण संवाददाता, यमुनानगर : अंतरराष्ट्रीय महिला सप्ताह के अंतर्गत नेहरू युवा केंद्र की ओर से महिला जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन गाव कांजनू में किया गया। केंद्र के लेखाकार अमरजीत शर्मा ने बताया कि महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं चलाई गई हैं। कौशल विकास के अन्तर्गत अपने हाथों से हुनर सीखकर अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं। महिलाएं जब तक शिक्षित नहीं होगी तब तक वह आगे नहीं बढ़ सकती, इसलिए महिला सशक्तीकरण के लिए शिक्षा का महत्व सर्वोपरि है। जब हम शिक्षित होंगे तभी अपने अधिकारों, कर्तव्य एवं अपने कानूनों को जान पाएंगे। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है, केवल जरूरत है हम सबको जागरूक होने की और अपनी शक्ति एवं प्रतिभा को पहचानने की। मुख्य अतिथि भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी मलिक रोजी आनंद ने महिला सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा कि आज की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। हमारे देश में महिलाएं आज कई महत्वपूर्ण पदों पर पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। महिलाओं पर होने वाले अपराध एवं अत्याचार, महिलाओं के कानूनी अधिकार बाल एवं महिला विकास की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। स्त्री शिक्षा का क्या महत्व है?एक शिक्षित स्त्री के कारण देश कि आर्थिक स्थिति और घरेलु उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है। एक शिक्षित नारी घरेलु हिंसा और अन्य अत्याचारों से सक्षमता से निजाद पा सकती है। संक्षेप में हम यह कह सकते हैं कि स्त्री शिक्षा का प्रभाव परिवार,समाज और देश के हर क्षेत्र में अहम योगदान देता है।
महिला सशक्तिकरण की भूमिका क्या है?महिला सशक्तीकरण को बेहद आसान शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि इससे महिलाएं शक्तिशाली बनती है जिससे वह अपने जीवन से जुड़े सभी फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती है। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना महिला सशक्तीकरण है।
स्त्री शिक्षा से क्या तात्पर्य है?स्त्री शिक्षा स्त्री और शिक्षा को अनिवार्य रूप से जोड़ने वाली अवधारणा है। इसका एक रूप शिक्षा में स्त्रियों को पुरुषों की ही तरह शामिल करने से सम्बन्धित है। दूसरे रूप में यह स्त्रियों के लिए बनाई गई विशेष शिक्षा पद्धति को सन्दर्भित करता है।
स्त्री शिक्षा के महत्व पर लगभग 8 से 10 वाक्यों में अपने विचार लिखिए?(8) महिलाएं पढ़ी लिखी होंगी तो समाज का सामाजिक स्तर सुधरेगा क्योंकि एक बच्चे की पहली गुरु नारी ही होती है अगर वहीं से बच्चों को अच्छा ज्ञान प्राप्त हुआ तो हमारे समाज का सामाजिक स्तर स्वत: अच्छा हो जाएगा. (9) नारी शिक्षित होगी तो दहेज प्रथा, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों का अंत हो जाएगा.
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