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जयपुर| देशभरमें पंचायतों में महिलाओं के लिए 50% भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आगामी बजट सत्र में केंद्र सरकार विधेयक ला रही है जबकि राजस्थान सबसे पहला राज्य है जहां पंचायत चुनावों में महिलाओं को सबसे पहले 50% आरक्षण का प्रावधान किया जा चुका है। यही कारण है कि वर्ष 2010 और 2015 के पंचायत चुनाव में 50% सीटों पर महिलाओं ने चुनाव लड़कर गांवों की सरकार में भागीदारी निभाई। 74वें संविधान संशोधन के बाद राज्य में 1994 में बनाए गए पंचायतीराज के नए अधिनियम में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान लागू किया था। इसके बाद वसुंधरा राजे की पिछली सरकार में 11 अप्रैल 2008 को महिलाओं के लिए पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया।
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पीआरआई में महिलाओं का आरक्षणList of States having 50 % reservation for Women in PRIsList of States having 50 % reservation for Women in PRIs
त्वरित सम्पर्कत्वरित सम्पर्कभारत में, महिलाओं की आबादी आधी है, लेकिन निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है। यह केवल भारत की समस्या नहीं है; दुनिया भर में महिलाओं को स्थानीय सरकार में कम प्रतिनिधित्व दिया जाता है। इस मुद्दे को हल करने के लिए, कुछ देशों ने ऐसी नीतियां लागू की हैं जो महिलाओं के लिए एक निश्चित संख्या में सीटें आरक्षित करती हैं। आइए जानते हैं, इस संघर्ष की कहानी में कैसे भारत के 28 राज्यों में से अब 21 राज्यों में पंचायती राज्य के पदों पर 50% महिला आरक्षण हो चुका है. भारत में मौजूदा समय कुल 28 राज्य हैं. जैसा कि आप खबरों में सुन चुके होंगे जम्मू कश्मीर अब राज्य नहीं है वह अब एक केंद्र शासित प्रदेश है. इसीलिए राज्यों की संख्या 29 से घटकर 28 हो गई है. पंचायत में 50% महिलाओं आरक्षण भारत के किन-किन राज्यों में है?भारत के 28 राज्यों में से ,अब 21 राज्यों में महिलाओं को पंचायती राज्य के पदों पर 50% आरक्षण प्राप्त है. 1 आंध्र प्रदेश 2 असम 3 बिहार 4 छत्तीसगढ़ 5 गुजरात 6 हरियाणा 7 हिमाचल प्रदेश 8 झारखंड 9 कर्नाटक 10 केरल 11 मध्य प्रदेश 12 महाराष्ट्र 13 ओडिशा 14 पंजाब 15 राजस्थान 16 सिक्किम 17 तमिलनाडु 18 तेलंगाना 19 त्रिपुरा 20 उत्तराखंड 21 पश्चिम बंगाल. महिला आरक्षण क्या है?भारत में महिला आरक्षण एक ऐसी नीति है जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं, ग्राम पंचायतों, सरकारी पदों एवं गैर सरकारी पदों के साथ स्कूल कॉलेज में दाखिला के लिए महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करती है। नीति पहली बार 1948 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रस्तावित की गई थी, और इसे अंततः 1993 में लागू किया गया था। भारतीय विधान सभाओं और संसद में महिलाओं के लिए सीटों का एक निश्चित प्रतिशत आरक्षित करने की नीति 1993 में अपनाई गई थी। नीति का घोषित लक्ष्य निर्वाचित कार्यालय में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाना और महिलाओं के दृष्टिकोण को शामिल करके निर्णय लेने की समग्र गुणवत्ता में सुधार करना है। . पंचायती राज में महिलाओं के आरक्षण का आधार क्या है?गैर-शहरी क्षेत्रों के लिए पंचायती राज अधिनियम, 1992 ने महिलाओं को काफी समर्थन दिया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत में इस कानून के पारित होने से महिलाओं की स्थिति में अत्यधिक सुधार हुआ है। आपको बता दें, संविधान के 73वें संशोधन 1992 में महिलाओं को पंचायतों में एक तिहाई (33) आरक्षण दिया गया है। इस बीच, कई राज्यों ने इस आरक्षण के लिए इस सीमा को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है। राजस्थान में महिलाओं को 50% आरक्षण कब दिया गयाराजस्थान सरकार 2008 के मई महीने के आखिरी सप्ताह में पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2008 को ध्वनि मत से पारित कर दिया किया था. पंचायती राज मंत्री केएल गुर्जर द्वारा विधेयक पेश किए जाने पर मुख्य विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। आपको बता दें कि राजस्थान में सरकारी पदों पर नौकरी में महिलाओं को 30% आरक्षण दिया हुआ है. उत्तराखंड में महिलाओं को पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण कब दिया गया थाउत्तराखंड सरकार ने 2022 के जुलाई महीने के आखिरी सप्ताह में वन पंचायतों में सरपंच पद के लिए महिलाओं के लिए 50% आरक्षण की घोषणा कर दिया है. इस तरह से 50% महिला आरक्षण के मामले में भारत का उत्तराखंड का 21वां राज्य बन गया है. बिहार में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए कितनी सीटें आरक्षित हैं?2006 का बिहार पंचायत राज अधिनियम ऐतिहासिक था क्योंकि इसने एक नया कानून बनाया जिसमें सभी स्तरों पर सरकार में 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित दिया गया था. पंचायती राज्य के सभी सीटों पर 50% की महिलाओं को आरक्षण है. देखा जाए तो पंचायती राज के लगभग 61 परसेंट पदों पर बिहार में महिला राज कर रही हैं. पंचायती राज में महिलाओं को 50 आरक्षण देने वाला पहला राज्य कौन है?श्री नीतीश कुमार के कार्यकाल को इतिहासिक माना जा सकता है क्योंकि बिहार ही उनके समय पहली बार 50% महिला आरक्षण दिया था. 50% महिला आरक्षण लागू करने वाला बिहार देश का प्रथम राज्य है. क्या महिलाओं के लिए आरक्षण होना चाहिए?भारत में महिलाओं के लिए आरक्षण के विचार को लेकर महत्वपूर्ण बहस चल रही है। तर्क के एक तरफ, लोगों का कहना है कि ऐतिहासिक नुकसान के कारण महिलाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसरों में तरजीह दी जानी चाहिए। तर्क के दूसरी तरफ, कुछ लोगों का तर्क है कि महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करना केवल लिंग आधारित भेदभाव को और मजबूत करने का काम करेगा। इस प्रश्न के बारे में सोचने के कुछ अलग तरीके हैं। इस तक पहुंचने का एक तरीका सकारात्मक कार्रवाई के नजरिए से है। सामान्य तौर पर, सकारात्मक कार्रवाई कार्यक्रम हाशिए के लोगों की मदद करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जैसे कि महिलाएं और रंग के लोग, समाज में संस्थागत नुकसान का सामना करते हैं। इसलिए, इस दृष्टिकोण से, यह तर्क दिया जा सकता है कि महिलाओं के लिए आरक्षण होना चाहिए ताकि खेल के मैदान को समतल करने में मदद मिल सके। भारतीय महिलाओं को अंतत: स्थानीय सरकारों में प्रतिनिधित्व प्राप्त हुआभारतीय महिलाओं को लंबे समय से हाशिए पर रखा गया है और स्थानीय सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रियाओं से बाहर रखा गया है। हालांकि, हाल ही में कानून में बदलाव ने उन्हें इन महत्वपूर्ण मंचों पर आवाज दी है। नए कानून के अनुसार स्थानीय परिषदों की सभी सीटों में से एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होनी चाहिए। इस उपाय से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलने की उम्मीद है कि भारतीय महिलाओं की चिंताओं को ध्यान में रखा जाता है जब उनके समुदायों के बारे में निर्णय लिया जाता है। Conclusion Pointभारत के ज्यादातर 21 बड़े राज्यों में ग्राम पंचायत के पदों में महिलाओं को 50% आरक्षण प्राप्त है. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि, पंचायती राज के पद में महिलाओं के लिए 50% सीट सुरक्षित यानी Reversed है. ग्राम पंचायतों में महिलाओं के लिए 50% सीटों का आरक्षण सही दिशा में एक कदम है। यह अधिक महिलाओं को राजनीतिक प्रक्रिया में लाने में मदद करेगा और उन्हें अपने जीवन को प्रभावित करने वाले निर्णयों में आवाज उठाने की अनुमति देगा। हालाँकि, यह सुनिश्चित करने के लिए और अधिक किए जाने की आवश्यकता है कि महिलाएं लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पूरी तरह से भाग लेने में सक्षम हों और अपने समुदायों के शासन में समान रूप से शामिल हों। Bihar में महिलाओं को 50 आरक्षण कब दिया गया?o 2006 में बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 के गठन एक ऐतिहासिक कदम था। इस नये अधिनियम से सभी कोटियों में एकल पदों सहित सभी पदों पर महिलाओं के लिए यथाशक्य 50 प्रतिशत पद आरक्षित किया गया है, जो पूरे देश में पहला ऐसा कदम था और उसके बाद कई राज्यों ने इसका अनुकरण किया है।
पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को कितने प्रतिशत आरक्षण दिया गया है?पंचायतों में महिलाएं
पंचायतों में माध्यम से महिलाओं के सषक्तिकरण का कार्य किया जा रहा है। पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी उनके लिए आरक्षित 33 प्रतिषत की न्यूनतम सीमा से अधिक है।
राजस्थान में पंचायती राज में महिलाओं को कितना आरक्षण है?सरकार में महिलाओं के लिए 30% आरक्षण का प्रावधान है। राजस्थान सरकार द्वारा दी गई नौकरियों। 5. पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50% आरक्षण।
भारत में महिलाओं के लिए शासन के कौन से स्तर पर सीटों को आरक्षित किया गया है?परन्तु 73वें संविधान संशोधन के अनुच्छेद 243-घ के द्वारा पंचायती राज व्यवस्था ( पी आर एस ) के सभी तीन स्तरों पर अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति तथा इन समूहों की महिलाओं के लिए सीटों के आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
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