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बच्चों के पेट में दर्द क्या है? इसके कारण, लक्षण
कहते हैं बच्चों की हँसी में एक माँ को प्रकृति की सुंदरता दिखाई देती है। लेकिन जब माँ का नवजात शिशु रोता है तब यही माँ उसका रोना बंद करने के लिए हर संभव उपाय व प्रयास करती है। अगर इसके बाद भी बच्चा लगातार लंबे समय तक रोता रहे तो इसे पेट दर्द या उदरशूल होना माना जा सकता है। नन्हें बच्चों में उदरशूल क्यों होता है और इसके किस प्रकार दूर किया जा सकता है, इन सवालों के जवाब जननम आपको देने का प्रयास करते हैं। 1) जानिए : बच्चों में उदरशूल के कारण और इसके घरेलू उपचार बोलना शुरू करने से पहले छोटे बच्चे अपनी खुशी और तकलीफ को हँसी और रोने के माध्यम ही व्यक्त करते हैं। कोई भी माँ तब परेशान हो जाती है जब उसका नन्हा शिशु बिना रोके लगातार रूप से रोता रहता है। ऐसा प्रायः तब होता है जब बच्चा उदरशूल या पेट के दर्द से परेशान होता है। नवजात शिशु के पेट में उदरशूल की जांच आप निम्न लक्षणों के आधार पर कर सकतीं हैं:
सामान्य रूप से नवजात बच्चों के पेट में दर्द या उदरशूल का कोई व्यक्त या ज्ञात कारण नहीं होता है। फिर भी निम्न कारणों को उदरशूल होने का जिम्मेदार माना जा सकता है:
शिशु को उदरशूल होने पर पारंपरिक घरेलू उपचार अधिकतर कारगर सिद्ध होते हैं, निम्न उपायों को आप भी आज़मा कर देख सकतीं हैं: अकसर परिवार की बुजुर्ग महिलाएं नवजात शिशु के पेट दर्द को दूर करने के लिए गुनगुने सरसों के तेल की नाभि में मालिश भी करती हैं। अगर एक छोटे रुमाल में थोड़ी सी अजवायन की पोटली बना कर उसे सहने लायक गर्म कर लें और उससे पेट की सिकाई करके पेट दर्द से रोते बच्चे को हँसाया जा सकता है। नवजात बच्चे के पेट दर्द को दूर करने के साथ ही स्तनपान करवाने वाली माँ को अजवायन और सौंफ का पानी भी पीने को दें। यह पानी नवप्रसूता की पाचन शक्ति को ठीक रखती है और नवजात को पेट दर्द की शिकायत होने की संभावना कम हो जाती है। उदरशूल की तकलीफ से होने वाला नुकसान केवल इतना है की इससे बच्चा इतना रोता है कि उसके माता-पिता के आँसू भी आ सकते हैं। इसलिए जब भी आपको लगे कि आपका नन्हा चिराग पेट में दर्द के कारण रो रहा है तो ऊपर लिखे उपायों के साथ ही आप निम्न प्रयास भी जारी रखें:
“घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें, किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए” निदा फ़ाजली के इस शेर को याद करके पेट दर्द से बच्चे को निश्चिंत कर हँसाने का प्रयास करें। Content By Jananam
नवजात शिशुओं का पाचन तंत्र इतना मजबूत नहीं होता है जितना बड़ों का होता है जिसके चलते उन्हें आए दिन पेट में दर्द की समस्या होती है। अगर शिशु रो रहा है या पैर को धनुष के आकार में मोड़ रहा है तो आप समझ जाएं कि उसके पेट में मरोड़ या दर्द हो रहा है। पेट में मरोड़ होने से बच्चा गुमसुम भी हो सकता है। ये तो हैं नवजात शिशु के पेट में मरोड़ होने के लक्षण अब इस समस्या को दूर करने के लिए उपाय और कारण जानना भी जरूरी है जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सलमान खान से बात की। image source:wallpaperflare नवजात शिशु के पेट में मरोड़ के कारण (Causes of tummy cramps in newborn)
1. सरसों के तेल से मालिश करें (Mustard oil massage)आपको नवजात शिशु के पेट में मरोड़ की समस्या होने पर हल्के हाथ से पेट की मालिश करनी चाहिए, मालिश के लिए आप सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। सरसों के तेल की मसाज करने से पेट के दर्द में आराम मिलता है, आप दिन में दो बार मालिश कर सकते हैं। मालिश करने से शिशु को गैस की समस्या भी नहीं होगी। इसे भी पढ़ें- शिशु के दांत निकलने से पहले और बाद उसके मुंह के स्वास्थ्य का कैसे रखें ध्यान? जानें एक्सपर्ट से 2. शिशु को साइकिलिंंग मोशन में घुमाएंअगर नवजात शिशु के पेट में मरोड़ की समस्या को दूर करना है तो आपको उसे साइकिलिंग मोशन में घुमाना चाहिए। इससे पेट से गैस निकल जाएगी और दर्द कम होगा। साइकिलिंंग मोशन में घुमाने का मतलब है बच्चे के दोनों पैरों को हल्के हाथ से पकड़ें और कोमलता के साथ बच्चे के पैर ऐसे घुमाएं जैसे वो साइकिल चला रहा हो। इससे कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी। 3. नवजात शिशु को डकार दिलवाएं (How to burp a newborn)image source:cdnparenting अगर आपको महसूस हो रहा है कि बच्चे को गैस या पेट में मरोड़ का दर्द हो रहा है तो आप बच्चे को डकार दिलाएं। डकार दिलाने के लिए आप बच्चे को गोद में उल्टा लिटाकर हल्के हाथ से पीठ को थपथपाएं। या आप बच्चे का सिर कंधे पर रखकर टहलें तो पेट में गैस की समस्या दूर होगी और मरोड़ घटने से बच्चा रोना बंद कर देगा। 4. नवजात शिशु के पेट की मरोड़ दूर करे अजवाइन (Use of ajwain)अजवाइन का इस्तेमाल करने से नवजात शिशु के पेट की मरोड़ या पेट में दर्द दूर होगा। आपको अजवाइन को तवे पर भूनकर गरम कर लेना है और उसकी पोटली बनानी है फिर उससे सिकाई करनी है जिससे पेट में मरोड़ या दर्द की समस्या दूर हो जाए। स्तनपान करवाने वाली मांओं को भी अजवाइन का पानी पीने की सलाह दी जाती है ताकि गैस या पेट में दर्द की शिकाायत न रहे। इसे भी पढ़ें- नवजात शिशु के पैर क्यों कांपते हैं? जानें कारण और बचाव के तरीके 5. शिशु के पेट की मरोड़ दूर करने दादी का नुस्खा (Dadi ke nuskhe in hindi)नवजात शिशु की नाभि में आप हींग का लेप लगाएं, हींग के लेप के फायदे पेट दर्द और मरोड़ से राहत दिलाने में असरदार माने जाते हैं। आप एक चम्मच गरम पानी में हींग को घोलें और शिशु की नाभि पर हल्के हाथ से मसाज करते हुए लगा दें, इससे पेट की मरोड़ दूर होगी, इसे अलावा आप नाभि में सरसों का तेल भी लगाकर मालिश कर सकती हैं, इसे दादी-नानी का नुस्खा भी कहा जाता है जिसे सालों से इस्तेमाल किया जाता रहा है। आप शिशु के पेट में मरोड़ की समस्या से बचने के लिए उसे सीमित मात्रा में दूध पिलाएं और हर फीडिंग के बाद डकार जरूर दिलवाएं तो बच्चे के पेट में दर्द या मरोड़ नहीं होगी। main image source:https://www.baby-chick.com/ 1 महीने के बच्चे का पेट दर्द करे तो क्या करें?नवजात शिशु की नाभि-क्षेत्र से गर्भनाल जब पूरी तरह हट जाती है तब यदि वह पेट दर्द से रो रहा है तब हल्का गर्म करके हींग का लेप किया जा सकता है। इसके लिए एक चम्मच सहने लायक गर्म पानी में पीसी हुई हींग को घोलकर उसका लेप लगाया जा सकता है। इससे अक्सर बच्चों के पेट दर्द में आराम आ जाता है।
छोटे baby के पेट में दर्द हो तो क्या करें?बच्चों में पेट दर्द के लिए घरेलू उपचार | Home Remedies For Stomach Ache In Kids. 1) अपने बच्चे को हाइड्रेटेड रखें ... . 2) गर्म सेक का प्रयास करें ... . 3) हींग का पेस्ट लगाएं ... . 4) दही और अन्य प्रोबायोटिक खिलाएं ... . 5) हर्बल चाय दे सकते हैं ... . 6) उसे शहद दें ... . धीरे से उसकी मालिश करें. नवजात शिशुओं में पेट दर्द क्यों होता है?सादा और सरल, आपके शिशु के पेट दर्द के पीछे संभावित अपराधी गैस है। बच्चे का नया पाचन तंत्र हमेशा एक अच्छी तरह से तेलयुक्त मशीन नहीं होता है, और विभिन्न कारक इन परेशान पेट के बुलबुले का कारण बन सकते हैं। सौभाग्य से, हालांकि बच्चे की गैस आपको कुछ रातों की नींद हराम कर सकती है, यह आमतौर पर हानिकारक नहीं है।
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