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Meta © 2022 यूरेनियम उत्पाद का सबसे बड़ा दूसरा देश कौन सा है?...चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। देखिए यूनियन उत्पादन का सबसे बड़ा दूसरा देश कनाडा है इसके बाद बाकी के सारे देश आते हैं जैसे ऑस्ट्रेलिया को सजाना Romanized Version 6 जवाब Related Searches: uranium ka sabse bada utpadak desh ; यूरेनियम का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है ; यूरेनियम का सबसे बड़ा उत्पादक देश ; uranium utpadak desh ; यूरेनियम उत्पादन में प्रथम देश ; Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! सन २०१२ में प्रमुख देशों द्वारा यूरेनियम खनन यूरेनियम खनन जमीन से यूरेनियम अयस्क की निकासी की प्रक्रिया है। 2015 में दुनिया भर में यूरेनियम का उत्पादन 60,496 टन हुआ था। पूरे दुनिया में 63 फीसदी उत्पादन मात्र तीन देशों कजाकिस्तान, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में होता है। इन तीन देशों के अलावा एक हजार टन उत्पादन करने वाले देशों में निगेर, रूस, नामीबिया, उज्बेकिस्तान, चीन, संयुक्त राष्ट्र और यूक्रेन हैं। खनन से प्राप्त यूरेनियम का लगभग पूरी तरह से परमाणु संयंत्रों में ईंधन के रूप में प्रयोग होता है। यूरेनियम अयस्क प्राप्त करने हेतु अयस्क सामग्री को पिसा जाता है, जिससे सभी कण समान आकार के हो और उसके पश्चात रासायनिक अभिक्रिया द्वारा यूरेनियम को निकाला जाता है। इस प्रक्रिया द्वारा एक पीले रंग का शुष्क चूर्ण प्राप्त होता है। इसे यूरेनियम के बाजार में U3O8 के रूप में बेच दिया जाता है। इतिहास[संपादित करें]यूरेनियम का खोज वर्ष 1789 में किया गया था, लेकिन खनन करने वालों ने यूरेनियम अयस्क को पहले ही देख लिया था। यूरेनियम का ऑक्साइड जो राल जैसी वस्तुओं में पाया जाता है, के बारे में क्रूसने होरी ने वर्ष 1565 में बताया था। इसके बाद और इसके खोज से पूर्व जैचीमोव में 1727 और स्च्वर्जवल्ड में 1763 में इसके अयस्क मिलने का पता चला था। उन्नीसवीं सदी में यूरेनियम अयस्क बोहेमिया और कॉर्नवल में खनन करने से प्राप्त होता था। पहली बार जानकर इसके खनन का कार्य जैचीमोव में हुआ था। इसे चाँदी खनन का शहर भी कहा जाता है। मैरी क्यूरी ने भी जैचीमोव से निकाले अयस्क से ही रेडियम नामक तत्व को अलग किया था। द्वितीय विश्व युद्ध से पहले तक इसका उपयोग मुख्य रूप से रेडियम प्राप्त करने के लिए किया जाता था। इसका उपयोग स्वास्थ्य से जुड़े कार्यों, घड़ी और अन्य चीजों में चमकीले रंग के रूप में किया जाता था, पर इसका उपयोग कुछ अन्य स्थानों में भी किया गया था, जो हानिकारक था। इस यूरेनियम का उपयोग मुख्यतः पीले रंग में उपयोग किया जाता था। खनन तकनीक[संपादित करें]खुले गड्ढे[संपादित करें]खुले खड्ढे वाली विधि में ऐसे स्रोतों को ढूंढा जाता है, जहां अयस्क प्राप्त हो सके। इस विधि में उस स्थान पर खोदाई की जाती है या उस जगह को विष्फोट द्वारा उड़ाया जाता है, जिससे अयस्क का हिस्सा दिखने लगे। इस प्रक्रिया में लोडर और डंप ट्रकों का इस्तेमाल किया जाता है। विकिरण अर्थात रेडिएशन से बचने के लिए मजदूर ज़्यादातर अपने कैबिन में रहते हैं। इसके अलावा ऐसे स्थानों में धूल के कर्ण बहुत अधिक मात्रा में उड़ते रहते हैं, जिसे कम करने के लिए ऐसे जगहों में अत्यधिक मात्रा में पानी का इस्तेमाल किया जाता है। भूमिगत यूरेनियम खनन[संपादित करें]भूमिगत खनन और खुले गड्ढे की विधि में कोई खास अंतर नहीं है। यदि अयस्क भूमि के काफी भीतर उपस्थित हो, तो ऐसी स्थिति में खुले गड्ढे वाली विधि के स्थान पर भूमिगत खनन विधि का उपयोग किया जाता है। यह विधि भी काफी हद तक उसी प्रकार होती है, जिस प्रकार सोने, तांबे एवं अन्य ठोस अयस्कों को निकाला जाता है। इसमें सुरंग बनाए जाते हैं, जिससे भूमिगत खदान तक पहुंचा जा सके। यूरेनियम का मूल्य[संपादित करें]वर्ष 1981 से अमेरिका का ऊर्जा विभाग, वहाँ के यूरेनियम की कीमतों और तादाद के बारे में जानकारी देता रहता है। इसकी कीमत वर्ष 1981 में 32.90 अमेरिकी डॉलर प्रति पाउण्ड U3O8 थी। यह 1990 में गिरकर 12.55 पर आ गया और 2000 में यह 10 अमरीकी डॉलर से भी नीचे चला गया। यूरेनियम का मूल्य 1970 के आसपास बहुत अधिक था, परमाणु सूचना केन्द्र ने 1978 में बताया कि ऑस्ट्रेलियाई यूरेनियम की कीमत इस दौरान 43 अमरीकी डॉलर/lb-U3O8 थी। यूरेनियम का अब तक का सबसे कम मूल्य वर्ष 2001 में था। इस दौरान इसकी कीमत 7 डॉलर प्रति एलबी था, लेकिन अप्रैल 2007 में इसकी कीमतों में उछाल आया और मूल्य बढ़ कर 113 अमेरिकी डॉलर हो गया। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]विश्व में सबसे ज्यादा यूरेनियम कहाँ पाया जाता है?दुनिया के ज्ञात यूरेनियम भंडार का 29 फीसदी ऑस्ट्रेलिया में है। यहां इसकी 17 लाख टन मात्रा है। 2. कजाख्स्तान में 12 फीसदी (6.8 लाख टन) यूरेनियम है।
यूरेनियम उत्पादन में प्रथम देश कौन है?सही उत्तर कज़ाकिस्तान है। 50 वर्षों से अधिक से, कज़ाकिस्तान यूरेनियम का एक प्रमुख उत्पादक रहा है। कज़ाकिस्तान में दुनिया के यूरेनियम भण्डार का 12% है। 2001 और 2013 के बीच आउटपुट 2022 से बढ़कर लगभग 22,550 U टन प्रति वर्ष हो गया, जिससे कज़ाकिस्तान यूरेनियम का दुनिया का अग्रणी उत्पादक बन गया।
यूरेनियम का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन है?आंध्र प्रदेश के बाद झारखंड में ही यूरेनियम सबसे अधिक भंडार है।
भारत में सबसे अधिक यूरेनियम कहाँ पाया जाता है?आंध्र प्रदेश में कडप्पा ज़िले के तुम्मलपल्ली में डेढ़ लाख टन यूरेनियम का भंडार होने की संभावना पर सरकारी स्तर पर तो ख़ुशी जताई गई है मगर इस बात को लेकर भी आशंकाएँ हैं कि वहाँ उपलब्ध यूरेनियम का कितना इस्तेमाल हो पाएगा.
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