Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 1 जीव जगत Textbook Exercise Questions and Answers. Show RBSE Class 11 Biology Solutions Chapter 1 जीव जगतRBSE Class 11 Biology जीव जगत Textbook Questions and Answersप्रश्न 1.
प्रश्न
2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्य 8.
हम किसी भी स्पीरीज को उसके समीपस्थ सम्बन्धिा स्पीशीच से आकारिकोप विजिला के आधार पर उन्हें एक दूसरे से अलग कर सकते हैं। हम इसके लिए मंजीफेरा हडिका (अम), सोलतम उपचारांसम (आस) तप धत लिमो (जेर) के उदाहरण लेते हैं। सभी तीनों गमों में इंडिका, इमोसम या तिad जाति संकेत पद हैं। ज्यांक पहले पद में मेंतोपेला सोलेनम लदा पंथा शके नाम हैं और पे रैक्स अवा संवर्ग का भी निरूपण करते हैं। प्रत्येक वंश में एक अपवा एक से अधिक गति के संकेत पद हो सकतेजिलो निलो आकारिकीच गप समान हों, को दिखाते हैं। उदाहरणार्थ पंथपा में एक अन्य जाति संकेत पद है जिसे हिगरिस कहते है। सोलंका पंज में नाम मैलांजिन भी आते हैं। मान्य की जाति सेपियनर है जे होने
वंश में आता है। इसलिए मानव का वैज्ञानिक नाम होगा पिया है। प्रश्न 9. (ii) वर्ग (Class क्लास): समानता रखने वाले गागों (Orders) के समूहको वर्ग कहते हैं। उदाहरणार्थ प्रमेय गण जिसमें बंदर, गोरिल्ला तथा गिबन मो और कारनोयोग गण जिसमें वाप, चिल्लो तथा का मातेको मैमेलिया (Mammalis) वर्ग में रखा गया है। इसके अतिरिका मेलिप वर्ग में अन्य गण भी आते हैं। (iii) कल (Family फेमिली) समना वाले वंशों को समूहिक रूप से पल (Family) कहते हैं। स्पीशीन की तसना में कम सम्बनता प्रदर्शित करते हैं। कल के वर्गीकरण का आधार पौधों के कादिक ता जनन गण है। उदाहरणार्थ पौधों में तीन विभिन्न वंश सोलेनम मिनिस त दया को सोलेनेसो कल में रखते हैं। जबकि प्राणी वंश पर जिसमें शेर, माप, चीत आते है.को फैलिस (विप्ली। के साथ कॅलिडी कल में राजे जाते। इसी प्रकार पदि हम बिल्ली तदा कसे के लक्षणों को देखें हमको दोने में कह समानताएँ तथा का विभिन्नताएं दिखाई पड़ेंगी। उनें क्रमश: दो विभिन्न कुलों कैनीडी तथा फेलिही में रखा गया है। (iv) गण ( Order आर्डर) समानता साने वाले कलों के समूहों को गण कहते गण में उच्यता वर्ग होने के कारण पलों के समूह होते हैं. जिनके कालपर एकत्रमान होते हैं। इसमें एक से लक्षप कल में शामिल विभिन्न चहा की अपेक्षा कम होते हैं। पादप फल जैसे कोन्योलव्यालेसी, सेलेनेसी को पोलिमोनिएलस गप में रखा गया है। इसका मुख्य आश्चर पुची लक्षण है। जबकि प्रागी कारणीवरा गण में फेलिकी जदा केनीही कुत्तों को रखा गया है। (v) वंश (Genus जीनस) एकसमान जातियों के समूह को वंश कहते हैं। उदाहरणार्थ,भारण, टमाटर तथा बैंगन। ये दोनों अलगअलग स्पोशीज, लेकिन सीमोलेगा वंश में भाती है। शेर (खरा लिओ), चौता (पवर पपडर) तथा (बा टियारसा ये सभी पंधरा वंश में आते हैं। यह वंश इसी वंश गैलिम जिसमें बिल्ली आती है.से भिन्न है। प्रश्न 10. प्रश्न 11. सभी शात जीवों के वर्गिकीय अध्ययन से सामान्य
संवर्ग जैसे जगत, संघ अधया प्रभाग (पौधों के लिए) वर्ग, कुल, वंश तथा जाति का विकास हुआ। पौधों तथा प्राणियों दोनों में स्पीशीज सबसे निचले संवर्ग में आती है। अब प्रश्न उतना है कि किसी जीव को विभिन्न संवर्गों में कैसे रखते हैं। इसके लिए मूलभूत आवश्यकता व्यष्टि तथा उसके वर्ग के गुणों का ज्ञान होता है। यह समान प्रकार के जीवों तथा अन्य प्रकर के जीवों में समानता तथा विभिन्नता को पहचानने में सहायता करता हैं। आगे चित्र में स्पीशीजसे लेकर जात तक विभिन्न वगिकी संवर्ग को आरोही क्रम में दिखाया गया है। इस
संवर्ग में पद्यपि वर्गिको विज्ञानियों ने पदानुक्रम में उपसंवर्ग भी बताये हैं। इसमें विभिन्न टैक्सान का उचित वैज्ञानिक स्थान देने में सुविधा होती है। उपयुक्त चित्र को देखने के पश्चात् हमें लगता है कि जैसे - जैसे हम स्पोशोज से जगत की ओर ऊपर जाते हैं वैसे हो समान गुणों में कमी आती जाती है। सबसे नीचे जे
टैक्या होगा उनके सदस्यों में सबसे अधिक समान गुण होंगे। जैसे जैसे उच्चतर संवर्ग की ओर जाते हैं, उसी स्तर पर अन्य टैक्सा के संबंध गिधारित करने अधिक कठिन हो जाते हैं। इसलिए वर्गीकरण की समस्या और भी जटिल हो जाती है।
1 जीवों को वर्गीकृत क्यों करते हैं 2 वर्गीकरण प्रणाली को बार बार क्यों बदलते हैं ?`?Solution : अध्ययन की सुविधा के लिये जीवों को छोटे-बड़े समूहों में कुछ लक्षणों की उपस्थिति या समानताओं व अनुपस्थिति या असमानताओं, आकार एवं वितरण के आधार पर वर्गीकृंत करते हैं।
जीवों को वर्गीकृत क्यों करते हैं 2?Answer: संसार में विभिन्न प्रकार के पौधे तथा जन्तु पाए जाते है । इसमें से कुछ जीवों की संरचना सरल तथा कुछ की जटिल होती है । उनके अध्ययन को सरल बनाने के लिए वर्गीकरण किया जाता है जो उनकी समानताओं ओर असमानताओं पर आधारित होता है ।
वर्गीकरण प्रणाली को बार बार क्यों बदल जाता है?वर्तमान में कोशिकीय संरचना, गुणसूत्र, जैव रासायनिक विश्लेषण, जीन संरचना तथा DNA में समानता का भी उपयोग जीवों के बीच सम्बन्ध स्थापित करने में तथा वर्गीकरण में किया जा रहा है। इसलिए वर्गीकरण प्रणाली समय के साथ-साथ परिवर्तित एवं विकसित की जाती रही है।
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