14 जून 2019 Show
इमेज स्रोत, Getty Images विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो ज़्यादातर सेहतमंद लोग रक्तदान करते हैं. दुनिया में हर जगह लोग रक्तदान करते हैं. रक्तदान करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाई जाती है और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. वैसे तो रक्त दान के लिए कई नियमों का पालन किया जाता है. लेकिन लोगों के बीच इससे जुड़े कई मिथक और आधे-अधूरे सच भी जिन्हें वो मानते आ रहें हैं. शाकाहारी लोग रक्तदान नहीं कर सकते एक सर्वे के मुताबिक़ कई लोगों का मानना है कि शाकाहारी लोग रक्तदान नहीं सकते हैं. इसे आयरन की कमी के रूप में देखा जाता है. आयरन रक्त में पाए जाने वाला एक प्रमुख घटक है जो शाकाहारी भोजन में कम पाया जाता है. लेकिन जब तक आप संतुलित भोजन खा रहे हैं, आपको पर्याप्त आयरन मिलता रहेगा. लेकिन अगर आपके शरीर में समुचित आयरन नहीं है तो आपकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आपको रक्त दान नहीं करने दिया जाता है. कई देशों में दान करने आए लोगों के रक्त में हीमोग्लोबिन की भी जांच करते हैं. यदि रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी पाई जाती है तो व्यक्ति को रक्त दान करने के लिए अयोग्य माना जाता है. टैटू बनवाने और अंग छिदवाने से रक्त दान पर प्रतिबंध नहीं टैटू बनवाना और अंग छिदवाने वाले लोगों पर रक्त दान करने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन उन्हें थोड़े इंतज़ार की ज़रूरत होती है. इसके साथ ही उन लोगों को भी इंतज़ार करना पड़ता है जो दांत की किसी दिक़्क़त से जूझ रहा हो और डॉक्टर से मिलकर आया हो. WHO की गाइडलाइन्स के मुताबिक़ रक्तदान के लिए टैटू बनवाने के बाद 6 घंटे और किसी पेशेवर से अंग छिदवाने के बाद 12 घंटे का इंतज़ार ज़रूरी है. इसके अलावा दांत के डॉक्टर के पीस आने के बाद से 24 घंटे का इंतज़ार करना होता है.
इमेज स्रोत, Getty Images इमेज कैप्शन, रक्तदान करने से पहले ध्यान रखे कि आपने आखिरी टैटू कब बनवाया था बीमार, प्रेग्नेंट हैं तो रक्तदान नहीं कर सकतेये बात एक दम सच है. जो लोग एचआईवी (एड्स वायरस), हेपेटाइटिस, सिफलिस, तपेदिक के लिए सकारात्मक पाए जाते हैं वे भी रक्तदान नहीं कर सकते हैं. रक्तदान करने से 14 दिन पहले ही आपका किसी भी तरह के संक्रमण से मुक्त होना ज़रूरी है और अगर आप कोई ख़ास दवाईयां ले रहे हैं तो रक्तदान करने के सात दिन पहले दवाईयों का कोर्स पूरा करना बेहद ज़रूरी है. दवाइयों से जुड़े नियम प्रत्येक देश पर निर्भर करते हैं. अगर आप प्रेग्नेंट हैं, स्तनपान कराती हैं या फिर अभी-अभी बच्चे को जन्म दिया है या हाल ही में अबॉर्शन कराया है तो आपको रक्तदान करने से पहले आयरन चेक कराने के लिए कुछ समय इंतज़ार करने की आवश्यकता होगी. भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत संचालित विभाग राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नाको (NACO) के अनुसार प्रेग्नेंसी के मामले में 12 महीने तो अबॉर्शन के मामले में यह समय सीमा 6 महीने की है. मासिक धर्म भी रक्तदान करने में किसी तरह की कोई बाधा पैदा नहीं करते हैं. नाको के मुताबिक़ भारत में रक्तदान करने की कम से कम उम्र 18 साल है. वैसे अलग-अलग देशों में यह उम्र अलग-अलग है, जैसे, अमरीका में रक्तदान की शुरुआती उम्र 16 साल है. जोखिम गतिविधियांविश्व स्वास्थ्य संगठन ने इंसानों की कुछ गतिविधियों को रक्तदान के लिहाज़ से उच्च जोखिम कैटेगरी में रखा है. ऐसे ही कुछ जोखिम आपको रक्तदान करने से रोक सकते हैं. WHO ने इस वर्ग में सेक्स वर्कर और उन पुरुषों को रखा है जो आपस में यौन संबंध बनाते हैं. रक्तदान करने समय इस बात का बिल्कुल ख़्याल रखें कि इसमें इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन का दोबारा इस्तेमाल न हो. रक्तदान से शरीर में ख़ून ख़त्म हो जाएगा?यह भी एक ग़लत भ्रांति है कि रक्तदान से शरीर में ख़ून ख़त्म हो जायेगा. एक औसत वयस्क शरीर में लगभग पांच लीटर ख़ून होता है. हालांकि यह शरीर के वज़न पर भी निर्भर करता है. वहीं रक्तदान के दौरान लगभग 450 मिलीलीटर ख़ून आपके शरीर से निकाला जाता है और सेहतमंद व्यक्ति इतना रक्त 24 से 48 घंटों में फिर से बना लेता है. अमरीका में आप रक्तदान साल में 12 बार कर सकते हैं यानी प्रत्येक चार हफ़्ते में एक बार, वहीं अगर प्लेटलेट्स दान की बात करें तो इसे आप सालाना 24 बार तक कर सकते हैं. वहीं नाकों (NACO) के मुताबिक़ भारत में पुरुष तीन महीने में एक बार और महिलाएं चार महीने में एक बार रक्तदान कर सकती हैं. आप रक्त दान करने के योग्य हैं:1. अगर आप पूर्ण रूप से सेहतमंद हैं 2. आपका वज़न कम से कम 50 किलो और ज़्यादा से ज़्यादा 160 किलो होना चाहिए 3. आपकी उम्र 18 से लेकर 66 साल होना चाहिए (अलग-अलग देशों के नियम पर निर्भर करता है) 4. प्रेग्नेंट न हो और न ही स्तनपान कराती हों 5. एचआवी से जुड़ा कोई इतिहास न रहा हो
रक्तदान से नहीं होती कमजोरी, यह सिर्फ एक भ्रांति है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार भारत में सालाना एक करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत होती है। लेकिन करीब 75 प्रतिशत रक्त ही उपलब्ध हो पाता है, जिसके कारण लगभग 25 लाख यूनिट खून के अभाव में हर साल सैकड़ों मरीज़ों की जान चली जाती है। जानिए रक्तदान से जुड़े कुछ सवालों के जवाब... 1. स्वैच्छिक रक्तदान क्या है? और इसे प्रधानता क्यों दी जाती है? व्यक्ति जब अपनी इच्छा से बिना किसी आर्थिक लाभ के रक्त देता है तो उसे स्वैच्छिक रक्तदान कहते हैं। सामान्यतः स्वैच्छिक रक्तदान से प्राप्त रक्त अनेक संक्रमणों जैसे हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी, मलेरिया, सिफलिस एवं एच.आई.वी. /एड्स से मुक्त होता है। व्यवसायिक रक्तदाता जो केवल धन कमाने की इच्छा रखते हैं, यौन रोग, हेपेटाइटिस तथा एड्स जैसे संक्रामक रोगों से ग्रसित हो सकते है एवं रक्त प्राप्त करने वाले व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकते हैं। 2. क्या मानव रक्त का कोई विकल्प है? कृत्रिम रक्त बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं पर अभी तक इसका कोई कारगर विकल्प नहीं मिला। है। रक्तदान ही एकमात्र उपाय है। 3. रक्तदान कौन कर सकता है? कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच हो, वज़न 45 किलोग्राम या अधिक हो तथा हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर हो, रक्तदान कर सकता है। 4. मुझे रक्तदान क्यों करना चाहिए? और इससे मुझे क्या लाभ होगा? मानव जीवन की रक्षा के लिए हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि उन लोगों की मदद करें, जिन्हें रक्त की आवश्यकता
है।
5. मैं रक्तदान कहाँ कर सकता हूँ? और इसमें कितना समय लगता है? आप लायसेंसीकृत सरकारी अस्पताल के रक्तकोष अथवा रेडक्रास सोसायटी के रक्तकोष में रक्तदान कर सकते हैं। रक्तदान में सिर्फ 5 मिनट का समय लगता है। रक्तदान केन्द्र में पंजीकरण से अल्पाहार करने तक कुल आधे घण्टे का समय लग सकता है।
रक्तदान के बाद केन्द्र में व्यतीत किया गया मात्र आधे घण्टे का समय पर्याप्त है तथा रक्तदान के उपरांत विशेष भोजन की कोई आवश्यकता नहीं होती है। रक्तदाता रक्तदान के बाद सामान्य दिनचर्या जारी रख सकते हैं। 7. दान किये गये रक्त की प्रतिपूर्ति में कितना समय लगता है? रक्तदाता से एक बार में 300 से 400 मि.ली. रक्त लिया जाता है जो शरीर में उपलब्ध रक्त का लगभग 15 वां भाग होता है। शरीर में रक्तदान के तत्काल बाद दान किये गये रक्त की प्रतिपूर्ति करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है तथा लगभग 24 घंटे में दान किये गये रक्त की प्रतिपूर्ति हो जाती है। शरीर में प्रवाहित होने वाले रक्त का आयतन रक्तदान से अप्रभावित रहता है क्योंकि रक्तदान में दिये गये रक्त के स्थान पर शरीर में संग्रहित रक्त तत्काल आ जाता है। 8. कोई भी व्यक्ति कितने अंतराल के बाद दुबारा रक्तदान कर सकता है? कोई भी व्यक्ति 3 माह के अंतराल से रक्तदान कर सकता है। ऐसे अनेक व्यक्ति हैं जो अपने जीवनकाल में 50 से 100 बार तक रक्तदान कर चुके हैं। 9. यह कैसे जाना जा सकता है कि कोई व्यक्ति रक्तदान करने के योग्य है या नही? रक्तदान के पहले चिकित्सक स्वास्थ्य परीक्षण करता है। इस परीक्षण से जाना जा सकता है कि व्यक्ति रक्तदान के योग्य है या नहीं। रक्तदान नहीं करने से क्या होता है?रक्तदान करने से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता
रक्तदान करने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?रक्तदान करने के बाद शरीर खून की कमी को पूरा करने में जुट जाता है। जिससे शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं ज़्यादा बनती हैं, और आपकी सेहत में सुधार आता है। अगर आप नियमित रूप से रक्तदान करते रहते हैं, तो इससे आपके शरीर में आयरन की अधिकता नहीं होती। जिससे आपका शरीर कुछ खास तरह के कैंसर के जोखिम से बच सकता है।
खून निकलवाने से क्या होता है?दिल की सेहत में सुधार- रक्तदान करना आपके दिल की सेहत को सुधार सकता है और दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है. माना जाता है कि खून में आयरन की ज्यादा मात्रा दिल के खतरे को बढ़ा सकती है. नियमित रूप से रक्तदान करने से आयरन की अतिरिक्त मात्रा नियंत्रित हो जाती है, जो दिल की सेहत के लिए अच्छा है.
हमें समय समय पर रक्तदान क्यों करना चाहिए?दुर्घटना, रक्तस्त्राव, प्रसवकाल और ऑपरेशन आदि अवसरों में शामिल है, जिनके कारण अत्यधिक खून बह सकता है और इस अवसर पर उन लोगों को खून की आवश्यकता पडती है। थेलेसिमिया, ल्यूकिमिया, हीमोफिलिया जैसे अनेंक रोगों से पीडित व्यक्तियों के शरीर को भी बार-बार रक्त की आवश्यकता रहती है अन्यथा उनका जीवन खतरे में रहता है।
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