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यदि अतिथि पाँचवें दिन भी रुक गया तो लेखक की क्या दशा हो सकती थी? Advertisement Remove all ads Solutionयदि अतिथि पाँचवें दिन भी रुक जाता तो लेखक की बची-खुची सहनशक्ति भी जवाब दे जाती। वह आतिथ्य के बोझ को और न सह पाता। डिनर से उतरकर खिचड़ी से होते हुए उपवास करने की स्थिति आ जाती। वह किसी भी स्थिति में अतिथि का सत्कार न कर पाता। Concept: गद्य (Prose) (Class 9 B) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 3: शरद जोशी - तुम कब जाओगे, अतिथि - अतिरिक्त प्रश्न Q 10Q 9Q 11 APPEARS INNCERT Class 9 Hindi - Sparsh Part 1 Chapter 3 शरद जोशी - तुम कब जाओगे, अतिथि Advertisement Remove all ads यदि अतिथि पाँचवें दिन भी रुक गया तो लेखक की क्या दशा हो सकती थी?यदि अतिथि पाँचवें दिन भी रुक जाता तो लेखक की बची-खुची सहनशक्ति भी जवाब दे जाती। वह आतिथ्य के बोझ को और न सह पाता। डिनर से उतरकर खिचड़ी से होते हुए उपवास करने की स्थिति आ जाती। वह किसी भी स्थिति में अतिथि का सत्कार न कर पाता।
जब अतिथि 4 दिन तक नहीं गया तो लेखक के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?जब अतिथि चार दिन तक नहीं गया तो लेखक ने उसके साथ मुस्कुरा कर बात करना छोड़ दिया,बात चीत के विषय समाप्त हो गए। सौहार्द व्यवहार अब बोरियत में बदल गया। लंच डिनर अब खिचड़ी पर आ गए। इसके बाद लेखक उपवास तक जाने की तैयारी करने लगा।
पांचवें दिन भी यदि अतिथि अपने घर को नहीं जाते तो लेखक उनसे कौन सा शब्द कह सकते थे?पर वे उन्हें टालते रहे।
अतिथि के अपेक्षा से अधिक रुक जाने पर लेखक की क्या प्रतिक्रिया हुई उन्हें क्रम से लिखिए?पाठ में आए निम्नलिखित कथनों की व्याख्या कीजिए- (क) अंदर ही अंदर कहीं मेरा बटुआ काँप गया। (ख) अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है। (ग) लोग दूसरे के होम की स्वीटनेस को काटने न दौड़े। (घ) मेरी सहनशीलता की वह अंतिम सुबह होगी।
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