योजना अवधि के दौरान औद्योगिक विकास में सार्वजनिक क्षेत्र को ही अग्रणी भूमिका क्यों सौंपी गई थी? - yojana avadhi ke dauraan audyogik vikaas mein saarvajanik kshetr ko hee agranee bhoomika kyon saumpee gaee thee?

योजना अवधि के दौरान औद्योगिक विकास में सार्वजनिक क्षेत्र को ही अग्रणी भूमिका क्यों सौंपी गई थी?

Solution

सार्वजनिक क्षेत्र निम्नलिखित प्रकार से उद्योगों के विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है

  1. एक मजबूत औद्योगिक आधार बनाने के लिए।
  2. बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए।
  3. पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए।
  4. बचत जुटाने और विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लिए।
  5. आर्थिक शक्ति की एकाग्रता को रोकने के लिए।
  6. आय और धन वितरण की समानता को बढ़ावा देने के लिए।
  7. रोजगार प्रदान करने के लिए।
  8. आयात प्रतिस्थापन को बढ़ावा देने के लिए।

योजना अवधि के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र को औद्योगिक विकास में अग्रणी भूमिका क्यों दी गई?

(2) न ही भारतीय बाजार इतना बड़ा था कि उद्योगपतियों को बड़ी परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। (3) भारतीय अर्थव्यवस्था को समाजवाद के पथ पर अग्रसर करना था। (4) देश में आर्थिक एवं सामाजिक समानता को बढ़ाना था। इन सभी तत्वों से प्रभावित होकर सार्वजनिक क्षेत्र को औद्योगिक विकास के लिए अग्रणी भूमिका सौंपी गई

सार्वजनिक क्षेत्र से आप क्या समझते हैं?

सार्वजनिक क्षेत्र किसे कहते है अर्थ मतलब उदाहरण ? कोई भी संगठन जो सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण में है सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई कहलाता है। यहाँ सार्वजनिक का अभिप्राय सरकार है और न कि आम जनता।

सामाजिक विकास में निजी क्षेत्र की क्या भूमिका है स्पष्ट कीजिए?

निजी क्षेत्र लोगों की बचत करने की इच्छा एवं शक्ति में वृद्धि करता है। जब देश के नागरिक बचत के धन को उद्योगों में विनियोजित करने का अवसर पाते हैं। तो वे अधिक-से-अधिक बचत करने लिए प्रोत्साहित होते हैं। साम्यवादी राष्ट्रों की तुलना में पूँजीवादी एवं मिश्रित अर्थव्यवस्था वाले देशों में बचत की प्रवृत्ति ज्यादा देखी जाती है।

वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र के लिए आरक्षित उद्योगों की संख्या कितनी है?

इस प्रकार अब केवल 3 उद्योग सार्वजनिक क्षेत्र के लिए आरक्षित रह गये हैं। नई औद्योगिक नीति के द्वारा 18 उद्योगों को छोड़कर अन्य सभी उद्योगों को लाइसेंसिंग से मुक्त कर दिया गया। समय के साथ इनमें से भी बहुत से उद्योगों को अलग-अलग समय पर लाइसेंस से मुक्त कर दिया गया है। अब केवल 5 उद्योगों के लिए ही लाइसेंस अनिवार्य है।