व्यंजन गुच्छ की प्रथम ध्वनि कौन सी है? - vyanjan guchchh kee pratham dhvani kaun see hai?

व्यंजन गुच्छ किसे कहते हैं? | द्वित्व व्यंजन किसे कहते हैं? | व्यंजन गुच्छ और द्वित्व व्यंजन के उदाहरण (वर्ण)

व्यंजन गुच्छ किसे कहते हैं? | द्वित्व व्यंजन किसे कहते हैं? | व्यंजन गुच्छ और द्वित्व व्यंजन के उदाहरण | Vyanjan Guch and Dwitwa Vyanjan in Hindi Grammar

व्यंजन-गुच्छ

यदि किसी शब्द में दो-तीन व्यंजन लगातार हों और उनके बीच कोई स्वर न हो, तो उस व्यंजन-समूह को व्यंजन-गुच्छ कहते हैं।
उदाहरण जैसे - अच्छा, क्लेश, स्पष्ट, स्वप्न, मत्स्य, उज्ज्वल, स्वास्थ्य, आदि।

यहाँ उदाहरण विस्तार से समझाया गया है -

  • अच्छा = अ + च् + छ् + आ (च्, छ्-दो व्यंजनों का गुच्छ)
  • मत्स्य = म् +अ + त् + स् + य् + अ (त्, स्, य–तीन व्यंजनों का गुच्छ)

ध्यान दे : कभी-कभी एक ही शब्द में एक से अधिक व्यंजन-गुच्छ पाए जाते हैं। जैसे - स्वास्थ्य, च्यवनप्राश, ज्योत्स्ना, ध्वस्त आदि ।

उदाहरण विस्तार में :

  • स्वास्थ्य = स् + व् + आ + स् + थ् + य् + अ (दो व्यंजन-गुच्छ)

द्वित्व व्यंजन

यदि दो समान व्यंजनों के बीच कोई स्वर न हो, तो उसेसंयुक्त व्यंजन या व्यंजन-गुच्छ द्वित्व कहते हैं।
जैसे - अड्डा/अड्डा, पट्टी / पट्टी, धक्का / धक्का, सत्ता / सत्ता, पत्ती / पत्ती, कुत्ता/ कुत्ता आदि।

ध्यान दे : उपर्युक्त शब्दों में मोटे अक्षर प्रत्येक शब्द में दो-दो बार आए हैं। इन्हीं को 'द्वित्व' कहते हैं।

उदाहरण विस्तार में :

  • धक्का = ध् + अ + क् + क् + आ (क् + क्—द्वित्व हैं)

ध्यान दे : वर्गीय व्यंजन के दूसरे अथवा चौथे वर्गों को द्वित्व (दो बार) के रूप में नहीं लिखा जाता, अर्थात् दो महाप्राण आपस में संयुक्त नहीं होते हैं।

उदाहरण जैसे - ख-ख; घ-घ; छ-छ; झ-झ; ठ-ठ; ढ-ढ; थ-थ; ध-ध; फ-फ और भ-भ ।

कुछ ओर उदाहरण विस्तार में -

  • अशुद्ध - मख्खन, बध्धी, मच्छर, झझ्झर, चिट्ठी, बुढ्ढा, पथ्थर आदि।
  • शुद्ध - मक्खन, बग्घी, मच्छर, झज्झर, चिट्ठी, बुड्ढा, पत्थर आदि।

व्यञ्जन वर्ण का प्रयोग वैसी ध्वनियों के लिए किया जाता है जिनके उच्चारण के लिये किसी स्वर की ज़रुरत होती है। ऐसी ध्वनियों का उच्चारण करते समय हमारे मुख के भीतर किसी न किसी अङ्ग विशेष द्वारा वायु का अवरोध होता है। जब हम व्यञ्जन बोलते हैं, हमारी जीभ मुह के ऊपर के हिस्से से रगड़कर उष्ण हवा बाहर आती है।

इस तालिका में सभी भाषाओं के व्यञ्जन गिये गये हैं, उनके IPA वर्णाक्षरों के साथ।

Plosives / स्पर्श
अल्पप्राण
अघोष
महाप्राण
अघोष
अल्पप्राण
घोष
महाप्राण
घोष
नासिक्य
कण्ठ्य / kə /
k; English: skip
/ khə /
kh; English: cat
/ gə /
g; English: game
/ ghə /
gh; Aspirated /g/
/ ŋə /
n; English: ring
तालव्य / tʃə /
ch; English: chat
/tʃhə/
chh
/ dʒə /
j; English: jam
/dʒɦə/
jh
/ ɲə /
n; English: finch
मूर्धन्य / ʈə /
t; American Eng: hurting
/ ʈhə /
th; Aspirated /ʈ/
/ ɖə /
d; American Eng: murder
/ ɖhə /
dh; Aspirated /ɖ/
/ ɳə /
n; American Eng: hunter
दन्त्य / t̪ə /
t; Spanish: tomate
/ t̪hə /
th; Aspirated /t̪/
/ d̪ə /
d; Spanish: donde
/ d̪hə /
dh; Aspirated /d̪/
/ nə /
n; English: name
ओष्ठ्य / pə /
p; English: spin
/ phə /
ph; English: pit
/ bə /
b; English: bone
/ bhə /
bh; Aspirated /b/
/ mə /
m; English: mine
Non-Plosives / स्पर्शरहित
तालव्यमूर्धन्यदन्त्य/
वर्त्स्य
कण्ठोष्ठ्य/
काकल्य
अन्तस्थ / jə /
y; English: you
/ ɾə /
r; Scottish Eng: trip
/ lə /
l; English: love
/ ʋə /
v; English: vase
ऊष्म/
सङ्घर्षी
/ ɕə /, / ʃə /
sh; English: ship
/ ʂə /
sh; Retroflex /ʃ/
/ sə /
s; English: same
/ ɦə / or / hə /
h; English behind

नोट करें :

  • संस्कृत में का उच्चारण ऐसे होता था : जीभ की नोक को मूर्धा (मुँह की छत) की ओर उठाकर जैसी आवाज़ करना। आधुनिक हिन्दी में का उच्चारण पूरी तरह की तरह होता है।
  • हिन्दी में का उच्चारण ज़्यादातर ड़ँ की तरह होता है, यानि कि जीभ मुँह की छत को एक ज़ोरदार ठोकर मारती है। हिन्दी में क्षणिक और क्शड़िंक में कोई फ़र्क़ नहीं। पर संस्कृत में ण का उच्चारण की तरह बिना ठोकर मारे होता था, फ़र्क़ सिर्फ़ इतना कि जीभ के समय मुँह की छत को कोमलता से छूती है।
  • इस पेज में ध्वन्यात्मक चिन्ह दिये गये हैं जो कुछ ब्राउसर पर शायद ठीक से न दिखें। (सहायता)
  • जहाँ भी चिन्ह् जोड़ी में गिये गये हैं, वहाँ दाहिने का चिह्न en:voiced consonant / घोष व्यञ्जन के लिए है और वायेँ का अघोष के लिए। शेडेड क्षेत्र उन ध्वनियों के लिये हैं जो असम्भव मानी जाती हैं।
  • द्वित्व व्यञ्जन या व्यञ्जन गुच्छ - सूत्र : समानस्य व्यञ्जनस्य समूह: इति 'लघु सिद्धान्त कौमुदी' जब दो समान व्यञ्जन एक साथ आए, तब वह द्वित्व व्यञ्जन या व्यञ्जन गुच्छ बन जाता है,जैसे: सच्ची,दिल्ली।

ध्यान दें कि महाप्राण ध्वनियों, जैसे ख, घ, फ, ध, आदि के लिए उसके अल्पप्राण चिह्न के बाद superscript में h का निशान लगाया जाता है, जैसे :

  • ख / kh /
  • ध / dh /

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • महाप्राण व्यंजन
  • व्यंजन (व्याकरण)

प्रौढ़ में व्यंजन गुच्छ के प्रथम ध्वनि कौन सी है?

यदि किसी शब्द में दो-तीन व्यंजन लगातार हों और उनके बीच कोई स्वर न हो, तो उस व्यंजन-समूह को व्यंजन-गुच्छ कहते हैं। उदाहरण जैसे - अच्छा, क्लेश, स्पष्ट, स्वप्न, मत्स्य, उज्ज्वल, स्वास्थ्य, आदि। ध्यान दे : कभी-कभी एक ही शब्द में एक से अधिक व्यंजन-गुच्छ पाए जाते हैं।

प्रथम ध्वनि क्या है?

अ देवनागरी लिपि का पहला वर्ण तथा संस्कृत, हिंदी , मराठी, नेपाली आदि भाषाओं की वर्णमाला का पहला अक्षर एवं ध्वनि है। यह एक स्वर है। यह कंठ्य वर्ण है।। इसका उच्चारण स्थान कंठ है

15 व्यंजन गुच्छ क्या है?

(क् + ष), त्र (त् + र), ज्ञ (ज् + ञ), श्र (श् + र) इसी प्रकार, क्ख, च्छ, व्य, प्य, ट्ठ, त्थ, दूध आदि । इन्हें व्यंजन-गुच्छ भी कहते हैं।

व्यंजन ध्वनि कितने होते हैं?

हिंदी में कुल 45 व्यंजन हैं जिनका कई आधारों पर वर्गीकरण किया जा सकता है। - प,फ,ब,भ,म,व, (2)अवरोध के आधार पर व्यंजनों के भेद इस आधार पर व्यंजनों के तीन भेद किए जाते हैं- अंतस्थ, ऊष्म व स्पर्श।