Aavesh Kise Kahate Hain : दोस्तों आज हम आप को आवेश किसे कहते हैं के बारे में लेख लिखा है। इस लेख में हमने आवेश किसे कहते हैं, आवेश का मात्रक, आवेश के प्रकार इत्यादी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। Show अक्सर कक्षा 9,10,11,12 के विद्यार्तियो को आवेश के बारे पूछा जाता है। इसलिए विद्यार्तियो की सहायता के लिए हमने Aavesh kya Hai लिखा है।
Aavesh Kise Kahate Hain In Hindiआवेश किसे कहते हैं :- जब कोई भी पदार्थ अपने सामान्य व्यवहार से अलग व्यवहार प्रदर्शित करने लग जाता है। अर्थात उसके कारण विद्युत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होने लगता है। पदार्थ के इस गुण को विद्युत आवेश कहते हैं। अक्सर हम अपने दैनिक जीवन में देखते हैं कि जब कोई प्लास्टिक के स्केल को हम अपने सिर के बालों से रगड़ते है। तो रगड़ने के पश्चात हम उसको छोटे-छोटे कागज के टुकड़ों में पास लाते हैं। तो वह स्केल कागज के टुकड़ों को अपनी और आकर्षित करता है। कागज के टुकड़ों को अपने से चपे लेता है। तो यह घटना विद्युत आवेश के कारण होती है। विद्युत आवेश के अन्य उदाहरण हमारे दैनिक जीवन में होते हैं। जैसे अंधेरे में टेरीकॉट के कपड़े को अपने शरीर से उतारते हैं तो उसमें बिजली की तरह चमक उत्पन्न होती है। यह सब घटनाएं विद्युत आवेश के कारण होती है। विद्युतमय पदार्थ हो आवेशित पदार्थ भी कहा जाता है। आवेश एक अदिश राशि है। यह Q से प्रदर्शित करते हैं। Vidyut Aavesh Ka Itihasविद्युत आवेश का इतिहास :- लगभग 600 ईसा पूर्व ग्रीस देश के वैज्ञानिक थेल्स ने पाया कि एम्बर (रेजिनी पदार्थ) को रेशेदार ऊन से रगड़ा जाता है। तो वह पदार्थ छोटे-छोटे कागज के टुकड़ों तथा तिनकों या भूसे के टुकड़े को अपनी ओर आकर्षित करता है। एम्बर को ग्रीक भाषा में इलेक्ट्रॉन (इलेक्ट्रॉन) के नाम से जाना जाता है। इसी घटना के कारण विद्युतिकी (electricity) का अविष्कार हुआ। इसी तरह से एक अन्य वैज्ञानिक गिलबर्ट ने देखा कि एबोनाइट की छड़ को बिल्ली की खाल से तथा कांच की छड़ी को रेशम से रगड़ने पर यह छोटे-छोटे कागज के टुकड़ों या तिनकों को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। तो इन पदार्थों को आवेशित पदार्थ कहते हैं। पदार्थों द्वारा दूसरे हल्के पदार्थों को अपनी और आकर्षित करने का यह गुण घर्षण के कारण उत्पन्न होता है। अतः इस प्रभाव को घर्षण विद्युत प्रभाव कहते हैं। Aavesh Ka SI Matrakआवेश का SI मात्रक :- आवेश का SI मात्रक कूलाम है। CGS मात्रक = स्टेट कुलाम या फ्रेंकलाइन [1 कुलाम = 3 x 10⁹ स्टेट कूलाम ] 1 कुलाम आवेश = 3 x 10⁹ esu आवेश = 1/10 emu आवेश = 1/10 ऐब कुलाम esu = स्थिर वैद्युत इकाई emu = विद्युत चुम्बकी इकाई यह एक अदिश राशि है। Aavesh Ke Prakarआवेश के प्रकार :- आवेश मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।
जब कोई दो वस्तुओं को आपस में रगड़ते हैं तो एक में ऋण आवेश तथा दूसरी में धन आवेश उत्पन्न होता है अर्थात दोनों वस्तुओं पर उत्पन्न आवेशों की प्रकृति एक दूसरे के विपरीत होती है। उदाहरण- यदि काँच को रेशम के साथ रगड़ा जाय तो काँच में धन आवेश उत्पन्न होता है, लेकिन यदि काँच को रोआँ से रगडा जाय तो काँच में ऋण आवेश उत्पन्न होगा। सजातीय आवेशों में प्रतिकर्षण होता है अर्थात धन आवेशित वस्तुएँ एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती है। और ऋण आवेशित वस्तुएँ भी एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती है। विजातीय आवेशों में आकर्षण होता है अर्थात एक धन आवेशित वस्तु और एक ऋण आवेशित वस्तु में आकर्षण होता है। Aavesh Ke Gundharmआवेश के गुणधर्म :- आवेश के निम्न गुणधर्म है।
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विद्युत आवेश क्या है एवं प्रकार लिखिए?विद्युत आवेश : द्रव्य के साथ जुड़ी हुई वह अदिश भौतिक राशि है जिसके कारण चुम्बकीय और वैद्युत प्रभाव उत्पन्न होते है , आवेश कहलाती है। किसी वस्तु में इलेक्ट्रॉनों को अधिकता अथवा कमी से आवेश की अभिधारणा प्राप्त होती है। ऋणावेशित वस्तु में इलेक्ट्रॉनों की अधिकता व धनावेशित वस्तु में इलेक्ट्रॉनो की कमी होती है।
आवेश दो प्रकार के होते हैं कौन कौन से?हम जानते हैं कि सजातीय आवेशों में प्रतिकर्षण तथा विजातीय आवेशों में आकर्षण होता है।
विद्युत आवेश की इकाई क्या है?विद्युत आवेश की SI इकाई कूलम्ब (C) है।
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