टाइम टेबल कैसे लिखा जाता है? - taim tebal kaise likha jaata hai?

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पढ़ाई का टाइम टेबल एक सुविधाजनक, आसान सा रास्ता है जो कि आपको अपने पढ़ने के समय पर नियंत्रण रखने में सहायता प्रदान करता है। यह आपको एक परिप्रेक्ष्य देगा कि आप जो करना चाहते हैं और आपके पास कितना समय है उसे आप एक नज़र में देख सकें। यदि आप आर्गनाइज्ड होना, तथा मोटिवेटेड महसूस करना चाहते हैं, तब अपने कार्य को अपनी पूर्ण क्षमता से करने के लिए, एक पर्सनलाइज्ड पढ़ाई की टाइम टेबल बनाने का प्रयास करिए। (Time Table Kaise Banaye, Study Time Table kaise banaye hindi me, student time table, padhai ke liye time table)

  1. टाइम टेबल कैसे लिखा जाता है? - taim tebal kaise likha jaata hai?

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    अपनी जिम्मेदारियों की लिस्ट बनाइये: आपको सोच कर अपनी सारी ज़िम्मेदारियों को एक जगह लिख लेना चाहिए, ताकि उन्हें सूची में उचित स्थान मिल सके। इस बारे में टाइम टेबल भरने से पहले सोच लेने से आपको वास्तविक टाइम टेबल बनाने में बहुत सुविधा हो जाएगी।[१]

    • आपको अपनी क्लासेज, अपने काम, अपनी दिनचर्या, खेल तथा व्यायाम, और जो कुछ भी आप नियमित रूप से पढ़ने के समय में करते हैं, का ध्यान रखना होगा।
    • लोगों के जन्मदिन और प्रमुख छुट्टियों को मत भूलिएगा।
    • आप शायद सब कुछ एक ही समय पर नहीं सोच पाएंगे - आप उसे बाद में भी जोड़ सकते हैं।

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    क्लास/असाइनमेंट संबंधी सभी इन्फॉर्मेशन इकट्ठी कर लें: इसका शायद अर्थ यह होगा कि आप अपना पूरा पाठ्यक्रम और लेखों तथा प्रोजेक्ट्स के लिए असाइनमेंट शीट्स और शायद ऑनलाइन देख कर, कि क्या आपके क्लास के लिए वहाँ जगह है (जैसे, ब्लैकबोर्ड, या अन्य कोई पाठ्यक्रम प्रबंधन प्रणाली) सब कुछ एकत्र कर लें।[२]

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    पढ़ने के लिए दिन के सबसे अच्छे समय चुनिये: कुछ समय यह सोचने में लगाइये कि आप कब करते हैं – या कर सकते हैं – अपनी सर्वश्रेष्ठ पढ़ाई। आप सुबह उठने वाले व्यक्ति हैं, या देर रात तक जागने वाले? इस विषय में अभी विचार करने से आप अपने शीर्ष पढ़ाई के घंटों में सबसे महत्त्वपूर्ण पढ़ाई का समय आवंटित कर पाएंगे।[३]

    • इस चरण को पूरा करते समय, कोशिश करिए कि अपनी अन्य ज़िम्मेदारियों (जैसे आपका काम आदि) के बारे में न सोचें; अपने सर्वश्रेष्ठ समय ऐसे नोट करें जैसे कि आपके पास करने को कुछ और है ही नहीं।

  4. टाइम टेबल कैसे लिखा जाता है? - taim tebal kaise likha jaata hai?

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    फ़ॉर्मेट तय करिए: आप अपनी टाइम टेबल काग़ज़ पर बना सकते हैं या स्प्रेडशीट जैसे डिजिटल फ़ॉर्मेट में, या अपने फोन पर किसी ऐप में।

    • माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल या एपल नंबर्स जैसे स्प्रेडशीट कार्यक्रम, ज़ाहिर समाधान प्रस्तुत करते हैं। साथ ही, अनेक वर्ड प्रोसेसिंग कार्यक्रमों में, आप जो करना चाहते हैं, उसके लिए टेम्पलेट्स उपलब्ध हैं।[४]
    • आप कोई ऑनलाइन समाधान खोज सकते हैं। माईस्टडीलाइफ नाम का एक बहु-समीक्षित कार्यक्रम है जिसमें ऐप तथा वेब इंटरफेस उपलब्ध है।
    • चाहे आप प्रायः ऑनलाइन या फ़ोन पर क्यों न रहते हों, एक भौतिक काग़ज़ पर बनी हुई टाइम टेबल तब भी आपके लिए सर्वश्रेष्ठ होगी। यह तब भी उपयोगी होगी, जब क्लास के दौरान आपको अपनी डिवाइसेज़ इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होती है।
    • काग़ज़ और डिजिटल दोनों प्रकार की समय सारिणियों के अपने लाभ हैं। डिजिटल टाइम टेबल में बड़े परिवर्तन करना शायद आसान हो सकता है मगर काग़ज़ की टाइम टेबल जो आप अपने साथ रख सकते हैं, उसमें छोटे छोटे परिवर्तन संभव होते हैं। काग़जी प्रारूप में रंग करना और उसे निजी बनाना अधिक सरल (या कम से कम अधिक मज़ेदार) तो होता ही है।
    • आप काग़ज़ और डिजिटल का मिश्रण भी चुन सकते हैं: अपने कंप्यूटर से एक ग्रिड छाप लीजिये जिसमें आपने पहले से ही दिन और समय भर रखे हों, और उसकी जितनी चाहें उतनी प्रतियाँ निकाल लें (यह इस पर निर्भर करता है कि आप कितने सप्ताहों के लिए योजना बना रहे हैं) और उन्हें हाथ से भर लें।

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    ग्रिड की संरचना करिए: कोई भी टाइम टेबल चार्ट ही होती है, जिसमें “दिन” और “समय” परिवर्तनशील होते हैं, उसमें सप्ताह के दिन ऊपर रखिए और समय किनारे पर।

    • यदि आप टाइम टेबल काग़ज़ पर हाथ से बना रहे हों, तब आपको ग्रिड ख़ुद ही बनानी पड़ेगी। आप सामान्य नोटबुक का काग़ज़ या सादा काग़ज़ इस्तेमाल कर सकते हैं। सफ़ाई से बनाने के लिए लाइनें रूलर से खींचिए।
    • काग़ज़-और-पेंसिल विधि से बनाने की सबसे बड़ी बुराई यह है कि बाद में परिवर्तन करना कठिन होता है। चाहे आप सभी चीजों के लिए पेंसिल ही क्यों न इस्तेमाल करते हों, रो और कॉलमों को समायोजित करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा, अगर आपको कई पेज चाहिए हों, जैसे हर महीने के लिए एक, आपको यही सब हर बार करना पड़ेगा।

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    चुनिये कि एकल टाइम टेबल चाहिए या कस्टम: आप एकल टाइम टेबल बना सकते हैं जो प्रत्येक सप्ताह में वही रहेगी। या, आप हर सप्ताह के लिए एक कस्टम टाइम टेबल बना सकते हैं, जो सप्ताह की विशिष्टताओं के अनुसार बदलती जाएगी। आप अपनी सभी कस्टम समय सारिणियाँ एक ही समय में बनाएँगे।

    • कस्टम साप्ताहिक टाइम टेबल बनाने के लिए, उल्टा शुरू करिए। बड़े असाइनमेंट्स या फ़ाइनल परीक्षाओं से शुरू करके पीछे जाइए। आपकी पढ़ाई का शिड्यूल इस पर निर्भर करेगा कि कौन से बड़े असाइनमेंट्स आने वाले हैं।[५]
    • इस प्रक्रिया में पहले आपने जितना भी ब्रेनस्टॉर्म किया है वह सब इसमें भरना मत भूलिएगा। पढ़ने का समय भरने से पहले यह सब करिए। इसमें सभी नियमित कामिटमेंट जैसे खेल का अभ्यास वगैरह शामिल होने चाहिए। आपको यह पहले करना है, ताकि आप जान सकें कि पढ़ने का समय कहाँ रखना है।
    • यदि आप कस्टम साप्ताहिक टाइम टेबल बना रहे हैं, तब उसमें जन्मदिन और छुट्टियों जैसे अपवाद रखना मत भूलिएगा।

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    पढ़ने के समय के ब्लॉक बनाइये: पढ़ने के समय के बड़े ब्लॉक बनाने का लक्ष्य रखिए, जैसे एक साथ 2-4 घंटे। इससे आपको पढ़ाई की लीक में जाने में मदद मिलेगी और आपके समय की उत्पादकता भी बढ़ेगी।[६]

    • वैसे, पढ़ाई के लिए समय का कोई बड़ा टुकड़ा उपलब्ध नहीं होने का यह मतलब नहीं, कि पढ़ाई हो ही नहीं सकती। अगर आपको लगता है कि 45 मिनट यहाँ और एक घंटा वहाँ देने से लाभ होगा, तब ज़रूर वही करिए।
    • आप निश्चय ही कठिन कक्षाओं के लिए अधिक समय शिड्यूल करना चाहेंगे।[७]

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    ब्रेक के लिए समय निकालिए: सफलता के लिए ब्रेक अनिवार्य होते हैं। आप रोबॉट नहीं हैं इसलिए घंटों तक अनवरत काम नहीं कर सकते। अगर आप काम से नियमित ब्रेक लेते रहेंगे, तब आप कहीं बेहतर काम कर पाएंगे।[८]

    • अनेक विशेषज्ञों का विचार है कि 45 मिनट काम के बाद 15 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। हालांकि, सभी लोग फ़र्क होते हैं, तो परीक्षण करके पता करिए कि आपके लिए सर्वश्रेष्ठ क्या है।[९]

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    यथासंभव विस्तार में जाइए: याद है कि आपने कैसे अपने सारे असाइनमेंट और पाठ्यक्रम (सिलेबस) एकत्र किये थे? अब उसके इस्तेमाल का समय है। आप विशिष्ट कक्षाओं के लिए समय के ब्लॉक शिड्यूल कर सकते हैं और असाइनमेंट लिखने के लिए भी स्वयं को समय के बड़े टुकड़ों का इस्तेमाल करने दे सकते हैं।

    • चीज़ें समय के साथ बदलेंगी ही, और कुछ चीज़ें जिनकी योजना आपने दो महीने पहले बनाई होगी, वे शायद अब लागू नहीं होंगी। मगर उसे अपनी गति को रोकने मत दीजिये। इसे एक सहायक मार्गदर्शिका समझिए, ऐसा कुछ जो आपको पटरी पर रखेगा जिससे आप बड़े असाइनमेंट्स को टुकड़ों में तोड़ सकेंगे।
    • अगर आपको हर सप्ताह एक निश्चित मात्रा में होमवर्क मिलता है, तब उसे टाइम टेबल में शामिल करना एक बढ़िया बात होगी। जैसे कि, अगर आपको हर सप्ताह गणित के 20 सवाल करने ही हों, आप इसको अपनी टाइम टेबल में टुकड़ों में रख सकते हैं।

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    एक सेशन (session) में कई विषय शामिल करिए: एक ही सत्र में कई विषयों पर काम करने से आप एक ही विषय पर पूरी शक्ति लगा कर थक जाने और कुछ भी कर पाने लायक ऊर्जा नहीं रहने की स्थिति से बच सकेंगे।[१०]

    • बेशक, यह परीक्षा के समय बदल सकता है जब आप अपनी पूरी शक्ति एक ही विषय में लगा सकते हैं!

  6. टाइम टेबल कैसे लिखा जाता है? - taim tebal kaise likha jaata hai?

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    अपनी टाइम टेबल को सुंदर बनाइये: कक्षाओं और जिम्मेदारियों की रंगों से कोडिंग करने से आपकी टाइम टेबल इस्तेमाल में आसान और दिखने में सुंदर लगेगी। आप इस टाइम टेबल को खूब देखेंगे – इसे अपना बनाइये!

    • यदि वह काग़ज़ पर है तब शायद आप रंगीन पेंसिलें इस्तेमाल करना चाहें। यदि अप कोई ऑनलाइन-केवल ऐप इस्तेमाल करेंगे तब तो वह पहले से ही रंग कोडेड होगा, हालांकि कुछ हद तक शायद आप उसे भी कस्टमाइज़ कर सकेंगे।

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    उस पर डटे रहिए: शायद आपको टाइम टेबल का उपयोग करने की आदत पड़ने में कुछ समय लगे, मगर उस पर डटे रहिए। जब एक बार वह आपकी नित्यक्रिया का हिस्सा बन जाएगा, तब वह बहुत मददगार साबित होगा।

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    उसके कारण तनाव में मत रहिए: यह मत सोचिए कि टाइम टेबल का मिनट मिनट अनुपालन करना ही है। यह एक छोटी सी प्रणाली है ताकि आप स्कूल में बेहतर कर सकें। अपना समय निर्धारण उससे करिए, मगर यह तनाव मत लीजिये कि आप उसका सटीक अनुपालन नहीं कर पा रहे हैं।

  3. टाइम टेबल कैसे लिखा जाता है? - taim tebal kaise likha jaata hai?

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    संशोधन करिए: देखिये कि क्या काम करता है और क्या नहीं, और अगर कुछ काम नहीं कर रहा है, तब उसे ठीक करिए! आपने टाइम टेबल बनाने में परिश्रम किया ही है – कोई कारण नहीं कि उसे यूं ही फेंक दिया जाये, जबकि मामूली संशोधन उसे आपके लिए ठीक कर सकते हैं। सदैव अपनी टाइम टेबल के अनुसार चलिये।

सलाह

  • यदि अभी आपको लगता हो कि उल्टा शुरू करना और प्रति सप्ताह बदलने वाली कस्टम टाइम टेबल बनाना बहुत कठिन है, आप तब भी एक सामान्य पढ़ने की टाइम टेबल काफ़ी आसानी से बना सकते हैं। चाहे वह हर हफ़्ते में एक जैसा ही क्यों न हो टाइम टेबल होना बहुत ही लाभकारी है।
  • समय सारिणियों के मुफ़्त टेम्पलेट पाने के लिए आप ऑनलाइन या फ़्लिकर या पिंटेरेस्ट का इस्तेमाल कर छवि सर्च कर सकते हैं।
  • याद रखिए कि यदि आपकी कक्षाओं के समय में कोई परिवर्तन होता है तब अपनी टाइम टेबल का अनुपालन, उसी के अनुसार करिए।
  • जब आप एक घंटे पढ़ लें, तब एक काग़ज़ पर स्टार का चिन्ह बनाइये। एक दिन में कम से कम 7 स्टार बनाने का प्रयास करें।

विकीहाउ के बारे में

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टाइम टेबल कैसे बनाते?

एक अच्छा टाइम टेबल बनायें अपनी जिम्मेदारियों की लिस्ट बनाइये: आपको सोच कर अपनी सारी ज़िम्मेदारियों को एक जगह लिख लेना चाहिए, ताकि उन्हें सूची में उचित स्थान मिल सके। इस बारे में टाइम टेबल भरने से पहले सोच लेने से आपको वास्तविक टाइम टेबल बनाने में बहुत सुविधा हो जाएगी।

पढ़ने का सही टाइम टेबल क्या है?

पढ़ने के लिए उचित समय कौन सा है? उत्तर – सुबह 5:00 बजे से 7:00 बजे का समय पढ़ाई करने के लिए बहुत ही अच्छा समय है क्योंकि इस समय को याद करने के लिए बहुत सही माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सुबह का समय शांति से भरा होता है और छात्र का दिमाग भी शांत और एकाग्र होता है, तो उस वक्त याद किया गया चीज लंबे समय तक याद रहता है।