सुबह सुबह कौन से योग करना चाहिए? - subah subah kaun se yog karana chaahie?

सुबह का समय हमारी हेल्थ के लिए सबसे बढ़िया होता है। इस समय आपको ताजा हवा मिलती है जिससे मन शांत रहता है और स्वस्थ ऑक्सीजन से बॉडी भी हेल्दी रहती है। सुबह के समय दिमाग में सकारात्मक विचार आते हैं। 

आप जिस तरह दिन की शुरुआत करते हैं, उसका असर आपके दिनभर के मूड और काम पर पड़ता है। अगर आप शुरुआत अच्छी करते हैं तो दिनभर आपका मन और मूड अच्छा रहता है। सुबह के सूर्य की किरणें बेहतर स्वास्थ्य के लिए नितांत आवश्यक हैं। यह वह शक्तिशाली शक्ति है जो सभी जीवन के आसपास ही है। 

एक्सपर्ट का मानना है कि इस समय वर्कआउट या एक्सरसाइज करने से शरीर को सबसे अधिक फायदे मिलते हैं। वहीं, सुबह के समय योग करना भी अधिक लाभकारी होता है। सुबह के समय 30 मिनट भी योग का अभ्यास शरीर को स्वस्थ और दिमाग को सक्रिय बनाने में मदद करता है। 

योग रोजमर्रा की जीवनशैली के लिए एक परिपूर्ण दृष्टिकोण है। इसके लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है। आप कहीं भी कभी भी योग कर सकते हैं। अब सवाल उठता है कि सुबह में योग करें तो कैसे और कौन से योगासन करना बेहतर है। योग गुरु और लाइफस्टाइल कोच अक्षर हमें बता रहे हैं किसुबह के समय दिमाग को शांत और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कौन से योग करने चाहिए। आइए जानते हैं-

सूक्ष्म व्यायाम (Warm-Up)

हमेशा किसी भी एक्सरसाइज या योग से पहले बॉडी को वार्म-अप कर लेना जरूरी है ताकि आप इसे आगे के मूवमेंट्स के लिए तैयार कर सकें। इसलिए शुरुआत करें सूक्ष्म योग से। अपने पैर की उंगलियों के साथ शुरू और अपनी गर्दन तक बढ़ें। धीरे-धीरे शरीर के प्रत्येक हिस्से को हल्के मूवमेंट्स के साथ हिलाएं और घूमाएं। यह मांसपेशियों को स्ट्रेच करेगा और जोड़ों को वार्म-अप करके शरीर को योग आसनों के अभ्यास के लिए तैयार करेगा।

समस्थिति (Balanced Pose)

सुबह सुबह कौन से योग करना चाहिए? - subah subah kaun se yog karana chaahie?

1. इस आसन के अभ्यास के लिए पैरों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं। पीठ को सीधा रखें।

2. अपने हाथों को कमर के दोनों तरफ रखें।

3. हथेलियों को अंदर की ओर रखें और चेहरा सामने की ओर होना चाहिए।

4. इसी मुद्रा में कुछ देर रहें और गहरी सांस लेते रहें।

वृक्षासन (Tree Pose)

सुबह सुबह कौन से योग करना चाहिए? - subah subah kaun se yog karana chaahie?

1. सीधे खड़े होकर अपने पैरों को आप पास रखें। अब अपने सीधे पैर को जमीन से उठाकर बाएं पैर की जांघ पर रखें। 

2. अब अपनी हथेलियों को प्रणाम की मुद्रा में रखें। इस दौरान कमर को सीधा रखें और संतुलन बनाए रखें। 

3. इसी तरह दूसरे पैर के साथ दोहराएं।

मार्जरी आसन (Cat Pose)

सुबह सुबह कौन से योग करना चाहिए? - subah subah kaun se yog karana chaahie?

1. सीधे खड़े हो जाएं।

2. अब अपने घुटनों को मोड़कर जमीन पर टिकाएं और हाथों की हथेलियों को जमीन से मिलाएं।

3. अब सांस लेते हुए अपनी पीठ को ऊपर की ओर उठाएं और नीचे देखें।

4. सांस छोड़ते हुए अपनी पीठ को अंदर की ओर झुकाएँ और ऊपर देखें।

5. इस क्रिया को 5 बार दोहराएं।

वज्रासन (Thunderbolt pose)

सुबह सुबह कौन से योग करना चाहिए? - subah subah kaun se yog karana chaahie?

1. जमीन पर चटाई बिछाकर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। 

2. अब घुटनों को अंदर की ओर मोड़े और अपने पैरों पर कूल्हों को रखें।

3. अब हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें। 

4. गहरी सांस लेते रहें और छोड़े रहें।

सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar)

सुबह सुबह कौन से योग करना चाहिए? - subah subah kaun se yog karana chaahie?

रोजमर्रा की सेहत और फिटनेस के लिए सबसे अच्छा नुस्खा हर सुबह सूर्य नमस्कार करना है। सुबह सुबह उठकर इसका अभ्यास करने से शरीर और दिमाग खुलता है। शुरुआत में हर दिन 5 राउंड कर सकते हैं। इसके बाद आप अपने शरीर के आराम के स्तर के अनुसार इस नंबर को बढ़ा सकती हैं। 

इन आसनों का नियमित अभ्यास फिट शरीर और सक्षम दिमाग पाने में मदद करता है। ऐसे ही और आर्टिकल्स के लिए iDiva हिंदी के साथ।

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सुबह सुबह कौन से योग करना चाहिए? - subah subah kaun se yog karana chaahie?

                    “घर पर योग और परिवार के साथ योग”

covid -19 के कारण इस साल 21 जून को मनाया जानेवाला विश्व योग दिवस कुछ अलग ही तरीके से मनाया जायेगा | कोरोना के कारण किसी को भी ग्रुप बनाने का अनुमति नहीं है | योग दिवस पर भारत की भूमिका अहम है। पिछले कई सालों से योग दिवस पर सक्रिय भागीदारी निभाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का योगदान सराहनीय रहा है। Covid -19 की वजह से इस साल योग दिवस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मनाने की तैयारी चल रही है।

इस साल के योग दिवस का थीम ही है घरपरयोगऔरपरिवारके साथयोग” है इस थीम के मुताबिक, लोग 21 जून को सोशल मीडिया के माध्यम से सुबह सात बजे अपने परिवार के साथ योग दिवस में शामिल हो सकेंगे।

सोशल गैदरिंग मौजूदा हालात में जानलेवा साबित हो सकती है, इसलिए सरकार ने इpस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से मनाने का विचार किया है। इस साल लोग फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम के माध्यम से योग दिवस मनाएंगे। इस बार योगदिवस पर जनसमूह की मौजूदगी वाला कोई कार्यक्रम नहीं होगा |

साधारणतः ऐसा माना जाता था की योग वही लोग करते है जो बिमार है या जिसको किसी तरह का समस्या है लेकिन लोगों में जब जागरूकता बड़ा तो हर वर्ग के लोग योग करना शुरू किये लेकिन

उसके बाद जो एक बड़ा कन्फूशन था वो ये था की जो किसी पर्टिकुलर समस्या से पीड़ित है तो उसके लिए क्या योग है वह व्यक्ति वही करता है | जैसे किसी को गैस का समस्या है वो अनुलोम-विलोम करता है, वैसे ही यदि किसी को मोटापा का समस्या है तो उठक -बैठक करता है |

लेकिन जो स्वस्थ है वो कौन सा योग करें वो अक्सर समझ नहीं पता है तो आज के पोस्ट में आपको यही बताने वाला हूँ की एक स्वस्थ व्यक्ति को कौन सा योग और कितने देर तक करना चाहिए |

आपको हर सुबह उठकर कम से कम 20 -30 मिनट तक योग करना चाहिए | और हाँ यदि आप कल से स्टार्ट करते है तो हो सकता है , 2 -4 दिन बाद आपको योग करने का मन ना करे , ऐसे में आपको इतना ध्यान रखना है की मूड नहीं हो तो भी 5 मिनट ही करो लेकिन करना जरूर है |

ताकि योग करने का जो आदत हो वो बना रहे , यदि आप ऐसा नहीं करते है तो दुबारा शुरू करना इतना आसान नहीं होगा है |

1. वार्मअप 

सुबह सबसे पहले थोड़ा वार्मअप करें , वार्मअप शब्द से आप लोग अच्छी तरह से परचित होंगे | हम अक्सर क्रिकेट में क्रिकेटर को मैच स्टार्ट होने से पहले या बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी से पहले अपने शरीर को स्ट्रेच करते देखते है , उसी को वार्मअप कहते है |

तो आपको भी योग करने से पहले अपने शरीर को स्ट्रेच करना है | इसमें आप अपने सुविधा के अनुसार कुछ भी कर सकते है ये आप 5 मिनट के लिए करें | जैसे मैं सुबह में थोड़ा जम्पिंग , पैर को स्ट्रेच , PT वाला कुछ एक्टिविटी करता हूँ , अपने कमर को हिलना , मुठी बांध -मुठी खोल , गर्दन को क्लॉक-वाइज और एंटी-क्लॉक वाइज घूमना अदि शामिल है

2. सूर्यनमस्कार

कैसे करना है मैं मान के चलता हूँ की आपको आता है , आपको सूर्य नमस्कार शुरुआत में जितने बार कर सकते है करें , लेकिन हर दिन कम से कम पिछले दिन से एक ज्यादा करें , और कुछ समय बाद मिनिमम 10 बार करें |

सूर्यनमस्कार अपने शरीर के हर अंग के लिए एक सम्पूर्ण व्याम है |सूर्यनमस्कारयोगासनोंमेंसर्वश्रेष्ठहै।यहअकेलाअभ्यासहीसाधकको सम्पूर्णयोगव्यायामकालाभपहुंचानेमेंसमर्थहै। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। ‘सूर्य नमस्कार’ स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है

3. सुखासन

योग विज्ञान के सबसे सरल आसनों में से एक है। सुखासन को हठ योग के सबसे साधारण और सरल आसनों में से एक माना जाता है। सुखासन का शाब्दिक अर्थ सुख से बैठना है।

सुखासन को किसी भी उम्र और लेवल के योगी कर सकते हैं। बैठकर किया जाने वाले सुखासन सरल होने के साथ ही उपयोगी भी है। इस आसन के अभ्यास से घुटनों और टखने में खिंचाव आता है। इसके अलावा ये पीठ को भी मजबूत करने में मदद करता है।

4. वज्रासन

वज्रासनपाचनतंत्रकेलिएकिसीरामबाणसेकमनहींहै। जो लोग नियमित रूप से इसका अभ्यास करते हैं, उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज, एसिडिटी और अल्सर आदि की समस्या नहीं होती। इसके अतिरिक्त इस आसन के अभ्यास के दौरान व्यक्ति का पूरा शरीर खासतौर से पीठ तनी होती है, जिससे व्यक्ति की पीठ सुदृढ़ होती है और पीठ के निचले हिस्से की समस्या और साइटिका की समस्या से राहत दिलाता है।

5 . पश्चिमोत्तानासन

पेट की चर्बी घटाने में बहुत मददगार है यह आसन। कब्ज, अपच, गैस, डकार व डायबीटीज में लाभकारी है। इसे करने के लिए पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं अब हथेलियों को घुटनों पर रखकर सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं व कमर को सीधा कर ऊपर की तरफ खींचिये। सांस निकालते हुए आगे की तरफ झुकें व हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़कर माथे को घुटनों पर लगायें। यहां घुटने मुड़़ने नहीं चाहिए। कोहनियों को जमीन पर लगाने का प्रयास करें। आंखें बंद कर सांस को सामान्य रखते हुए थोड़ी देर के लिए रोकें, फिर सांस भरते हुए वापस आ जाएं।

6. सर्वांगासन

सर्वांगासन योगपूरेशरीरयानिपैरकीउंगलियोंसेलेकरमस्तिष्कतकफायदापहुंचता है। साथ ही साथ यह कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ के लिए जाना जाता है। सर्वांगासनकोयोगकीदुनियामेंआसनोंकेमाँकेनाम सेपुकाराजाताहैक्योंकि यह आसन शरीर के हर अंग को किसी न किसी तरह से स्वास्थ लाभ पहुंचाता है। माँ को देख कर मुस्कान छिपाए नहीं छुपती उसी तरह सर्वांगासन का प्रतिदिन अभ्यास करने से पूरा शरीर हर्ष व् उल्लास से भरा रहता है और साधक विभिन्न प्रकार की विकारों से भी बचता है।

7. हलासन

हलासन कानियमितरूपसेअभ्यासकरनेपरसंपूर्णशरीरमेंभरपूरऊर्जाका संचारहोताहैऔरपोषणमिलताहै।हलासनसेशरीरमेंरक्तसंचार बढ़ताहैऔरगलेऔरपेटकेआसपासलचीलापनबढ़जाताहै।हलासन शरीरसेतनावऔरटेंशनकोदूरकरताहै।गलेऔरगर्दनमें होनेवालेदर्दमेंइसकेनियमितअभ्याससेकमीआनेलगतीहै।

अगर आपको साइनोसाइटिकस की समस्या है या फिर श्वसन नली में कोई बलगम या कफ जमने की समस्या रहती है तो हलासन के अभ्यास से श्वसन तंत्र साफ हो जाता है। निरंतर अभ्यास से सांसों की गति भी स्थिर होने लगती है।

8 . कपालभातिप्राणायाम

 जब आप कपालभाति प्राणायाम करते हैं तो आपके शरीर से 80 % विषैले तत्त्व बाहर जाती साँस के साथ निकल जाते हैं। कपालभाति प्राणायाम के निरंतर अभ्यास से शरीर के सभी अंग विषैले तत्व से मुक्त हो जाते हैं। किसी भी तंदुरस्त व्यक्ति को उसके चमकते हुए माथे (मस्तक या सिर) से पहचाना जा सकता है। कपालभातिप्राणायामकीउचितव्याख्याहै, “चमकनेवालामस्तक मस्तक पर तेज या चमक प्राप्त करना तभी संभव है जब आप प्रतिदिन इस प्राणायाम का अभ्यास करें। इसका तात्पर्य यह है कि आपका माथा सिर्फ बाहर से नही चमकता परंतु यह प्राणायाम आपकी बुद्धि को भी स्वच्छ व तीक्ष्ण बनाता है।

9. अनुलोमविलोमप्राणायाम

अनुलोम विलोम प्राणायाम कई प्राणायाम या श्वास व्यायाम में से एक है जो हठ योग के अभ्यास में उपयोग किया जाता है। अनुलोम विलोम के लाभ जानने से पहले, आपको अनुलोम विलोम का अर्थ समझना होगा।

अनुलोम का मतलब है सीधा और विलोम का मतलब है उल्टा। अनुलोम विलोम का अभ्यास करते समय नाक के दाएं छेद से गहरी श्वास अंदर को भरते हैं, तो बायीं नाक के छेद से श्वास बाहर निकालते है। इसी तरह नाक के बाएं छेद से श्वास अंदर को भरते हैं, तो नाक के दाहिने छेद से श्वास को बाहर निकालते है।

10. भ्रामरीप्राणायाम (Bhramari Pranayama)

 भ्रामरीप्राणायाम मनकोशांतकरनेऔरक्रोधकोदूरकरनेकेलिएउत्तमप्राणायाम (Yoga) है। मनकीहताशाऔरनिराशादूरकरनेकेलिएयहप्राणायामबहुत हीउपयोगीहै। यह प्राणायाम काफी सरल है और भ्रामरी प्राणायाम मन की व्याग्रता मिटाने का सटीक उपाय है।

वास्तव में भ्रमर का अर्थ ही मधुमक्खी (Bee) होता है। चूँकि इस प्राणायाम को करते वक्त व्यक्ति बिल्कुल मधुमक्खी की तरह ही गुंजन करता है, इसलिए इसे भ्रामरी प्राणायाम कहते है| यह प्राणायाम अंग्रेज़ी में Bee-Breathing Technique के नाम से भी जाना जाता है।

11. उच्चारण

भ्रामरी आसान के स्तिथि में ही रहना है उसके बाद ॐ का उच्चारण करना है | हिन्दू धर्म में किसी भी पूजन व मंत्रोच्चार की शुरूआत ॐ के उच्चारण के साथ होती है। इसके अलावा वैज्ञानिक भी ओम के उच्चारण से निकलने वाली ध्वनि तरंगों पर शोध कर चुके हैं, और आगे भी कर रहे हैं। केउच्चारणकेबाद मनऔरदिमागशांतहोनेकीप्रक्रियाकेबारेमेंहमसभीजानते हैं। लेकिन ॐ के उच्चारण से आपकी कई बीमारियां भी ठीक हो सकती है।

काउच्चारणकरनेसेगलेमेंकंपनपैदाहोतीहै जोकिथायरायडग्रन्थिपरसकारात्मकप्रभावडालतीहै. केउच्चारणसे हार्टकीसमस्याएंऔरपाचनतंत्रदोनोंहीठीकरहताहै. नींदना आनेकीसमस्यायानि insomnia इससेकुछसमयमेंहीदूरहोजातीहै. इसलिएबेडपरजातेहीकाउच्चारणकरनाचाहिए|

इसके बाद प्रभु को प्रणाम करके अपने दोनों हाथ को रगड़े जिससे हाथ गर्म होता है और उस हाथ को अपने आँख को सेकते हुए धीरे -धीरे आँख को खोलें |

तो दोस्तों हर सुबह मैं इन योग को करता हूँ आशा करता हूँ ये लिस्ट आपके लिए भी उपयोगी होगा यदि अच्छा लगे तो अपने परिवार और मित्रजनों के साथ इस पोस्ट को साझा करें

योग करें और निरोग रहें

ॐ शांति

सिरदर्द के लक्षण घरेलु उपचार और योग

कोरोना से लड़ने और इम्युनिटी बूस्टर योगासन

योग या जिम

सुबह उठकर कौन सी योग करनी चाहिए?

शरीर को फिट और दिमाग को शांत रखने के लिए सुबह-सुबह करें ये योगासन.
सूक्ष्म व्यायाम (Warm-Up).
समस्थिति (Balanced Pose).
वृक्षासन (Tree Pose).
मार्जरी आसन (Cat Pose).
वज्रासन (Thunderbolt pose).
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar).

सबसे अच्छा योगा कौन सा है?

वज्रआसन.
ताड़आसन.
सुखासन.
वीरभद्रसन.
उत्तानसन.
बालासन.
सेतुबँधासन.
यदि यह बीमारी अभी शुरू ही हुई है तब आप से आसन प्रतिदिन किसी अच्छे योग शिक्षक के निर्देश में करें, और यदि यह बीमारी ज़्यादा बड़ गयी है तब यह सब आसन इनके वेरीएशन के साथ करें, जो आपके लिए अति उत्तम रहेगा।.

रोज कौन कौन से योग करने चाहिए?

महिलाओं को रोजाना करने चाहिए ये योग आसन, फिट और हेल्दी रहने के लिए जरूर फॉलो करें.
1) सेतु बंधासन इसे ब्रिज पोज के रूप में जाना जाता है, सेतु बंधासन के कई लाभ हैं। ... .
2) नवासना ये उन महिलाओं के लिए एकदम सही है जो एक ही स्थान पर बैठकर लंबा समय बिताती हैं। ... .
3) हलासन.

सुबह कितने बजे व्यायाम करें?

1 सुबह का समय व्यायाम के लिए अच्छा होता है यह सभी जानते हैं, लेकिन सूरज निकलने के पहले या जल्दी उठकर व्यायाम करने के बजाए सुबह 10 से 11 बजे के बीच व्यायाम करना ज्यादा फायदेमंद होता है। इस समय आपका मेटाबॉलिज्म सही होता है और आप अधि‍क सक्रिय होते हैं।