Contents अपठित काव्यांश क्या है? परीक्षा में प्रश्न का स्वरूप प्रश्न हल करने की विधि-
अपठित काव्यांशनिम्नलिखित काव्यांश तथा उन पर आधारित प्रश्नोत्तर ध्यानपूर्वक पढ़िए- 1. हॅस ली दो क्षण खुशी मिली गर कितने रह-रह गिर जाते हैं, प्रश्न (क) कवि दो क्षण के लिए मिली खुशी पर हँसने के लिए क्यों कह रहा है? 1 उत्तर- (क) जीवन में बहुत आपदाएँ हैं। अत: जब भी हँसी के क्षण मिल जाएँ तो उन क्षणों में हँस लेना चाहिए। कवि इसलिए कहता है जब अवसर मिले हँस लेना चाहिए। खुशी मनानी चाहिए। 2. क्या रोकेंगे प्रलय मेघ ये, क्या विद्युत-घन के नर्तन, मैं अविराम पथिक अलबेला रुके न मेरे कभी चरण, मैं अटका कब, कब विचलित मैं, सतत डगर मेरी
संबल मुझे डरा पाए कब अंधड़, ज्वालामुखियों के कंपन, प्रश्न (क) उपर्युक्त काव्यांश के आधार पर
कवि के स्वभाव की किन्हीं दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। 1 उत्तर- (क) कवि के स्वभाव की निम्नलिखित दो विशेषताएँ हैं- (अ) गतिशीलता (ख) मेघ, विद्युत, सागर की गर्जना व ज्वालामुखी जीवनपथ में आई बाधाओं के परिचायक हैं। कवि इनका संयोजन इसलिए करता है ताकि अपनी संघर्षशीलता व साहस को दर्शा सके। 3. यह मजूर, जो जेठ मास के इस निधूम अनल में कितने महा महाधिप आए, हुए विलीन क्षितिज में, प्रश्न (क) जेठ के महीने में अपने काम में लगा हुआ मजदूर क्या अनुभव कर रहा है? 1 उत्तर- (क) जेठ के महीने में अपने काम में लगा हुआ मजदूर अपने काम में मग्न है। गरम मौसम भी उसके कार्य को बाधित नहीं कर रहा है। 4. नीलांबर परिधान हरित पट पर सुंदर हैं, करते अभिषेक पयोद हैं, बलिहारी इस वेश की प्रश्न (क) प्रस्तुत काव्यांश में ‘हरित पट’ किसे कहा गया है? 1 उत्तर- (क) यहाँ हरित पट शस्य-श्यामला धरती के लिए कहा है, जिस पर चारों ओर फैली हरियाली मखमल से कम सुंदर नहीं लगती है। 5. मुक्त करो नारी को, मानव। उसका मुख जग का प्रकाश हो, प्रश्न (क) कनक कि वहा से पुतकरना चहता है बाह अके धन-धन क्यों का क्लब क्यों कर रहा है? ” 1 उत्तर- (क) कवि नारी को पुरुष के बंधन से मुक्त करना चाहता है। वह नारी के जननी, सखी
व प्यारी रूप को बताता है, क्योंकि पुरुष का संबंध उसके साथ माँ, दोस्त व पत्नी के रूप में होता है। 6. कवि, कुछ ऐसी तान सुनाओ जिससे उथल-पुथल मच जाए, बरसे’ आग, जलद जल जाए, भस्मसात भूधर हो जाए, प्रश्न (क) कवि की कविता क्रांति लाने में कैसे सहायक हो सकती है? 1 उत्तर- (क) कवी लोगों में जागरूकता पैदा करता है। वह अपने संदेशों से जनता को कुशासन समाप्त करने के लिए प्रेरित करता है। 7. यदि फूल नहीं बो सकते तो काँटे कम-से-कम मत बोओ! प्रश्न (क) ‘फूल बोने’ और ‘काँटे बोने’ का प्रतीकार्थ क्या है? 1 उत्तर- (क) इनका अर्थ है-अच्छे कार्य करना व बुरे कर्म करना। 8. पाकर तुझसे सभी सुखों को हमने भोगा, प्रश्न (क) यह काव्यांश किसे संबोधित है? उससे हम क्या पाते हैं? 1 उत्तर- (क) यह काव्यांश मातृभूमि को संबोधित है। मातृभूमि से हम जीवन के लिए आवश्यक सभी वस्तुएँ पाते हैं। 9. चिड़िया को लाख समझाओ अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी। प्रश्न (क) पिंजड़े के बाहर का संसार निर्मम कैसे है? 1 उत्तर- (क) पिंजड़े के बाहर संसार हमेशा कमजोर को सताने की कोशिश में रहता है। यहाँ सदैव संघर्ष रहता है। इस कारण वह निर्मम है। 10. ले चल माँझी मझधार मुझे, दे-दे बस अब पतवार मुझे। फिर कहाँ डरा पाएगा यह पगले जर्जर संसार मुझे। मैं हूँ अबाध, अविराम, अथक, बंधन मुझको स्वीकार नहीं। प्रश्न (क) ‘अपने मन का राजा’ होने के दो लक्षण कविता से चुनकर लिखिए। 1 उत्तर- (क) ‘अपने मन का राजा’ होने के दो लक्षण निम्नलिखित हैं
(ख) ये पंक्ति हैं- 11. पथ बंद है पीछे अचल है पीठ पर धक्का प्रबल। ओ बैठने वाले तुझे देगा न कोई बैठने। ऊँचे हिमानी श्रृंगपर,
अंगार के ध्रु-भृग पर प्रश्न (क) इस काव्यांश में कवि किसे और क्या प्रेरणा दे रहा है? 1 उत्तर- (क) इस काव्यांश में कवि मनुष्य को निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहा है। 12. रोटी उसकी, जिसका अनाज, जिसकी जमीन, जिसका
श्रम है; प्रश्न (क) आजादी क्यों आवश्यक है? 1 उत्तर- (क) परिश्रम का फल पाने तथा शोषण का विरोध करने के लिए आजादी आवश्यक है। 13. अपने नहीं अभाव मिटा पाया जीवन
भर मेरे ‘मैं’ की संज्ञा भी इतनी व्यापक है, जब-जब भी मैंने खंडहर आबाद किए हैं, प्रश्न (क) उपर्युक्त काव्य-पंक्तियों में किसका महत्व प्रतिपादित किया जाता है? 1 उत्तर- (क) उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में मजदूर की शक्ति का महत्व प्रतिपादित किया गया है। 14. निर्भय स्वागत करो मृत्यु का, मृत्यु एक सरिता
है, जिसमें सच्चा प्रेम वही है जिसकी- प्रश्न (क) कवि ने मृत्यु के प्रति निर्भय बने रहने के लिए क्यों कहा है? 1 उत्तर (क) कवि ने मृत्यु के प्रति
निर्भय बने रहने के लिए क्यों कहा है ? 15. जीवन एक कुआँ है मेरे मन! तूने भी, बार-बार कभी पानी को प्रश्न (क) कविता में जीवन को कुआँ क्यों कहा गया है कैसा व्यक्ति कुएँ के पास जाकर भी प्यासा रह जाता है ?1 उत्तर- (क) कवि ने जीवन को कुआँ कहा है क्योंकि जीवन भी कुएँ की तरह अथाह व अगम है। दोषी व्यक्ति कुएँ के पास जाकर भी प्यासा रह जाता है। 16. माना आज मशीनी युग में, समय बहुत महँगा है लेकिन उम्र बहुत बाकी है, लेकिन, उम्र बहुत छोटी भी तो है मन
छोटा करने से मोटा काम नहीं छोटा होता है, प्रश्न (क) मशीनी युग में समय महँगा होने का क्या तात्पर्य है? इस कथन पर आपकी क्या राय है?1 उत्तर- (क) इस युग में व्यक्ति समय के साथ बँध गया है। उसे हर घंटे के हिसाब से
मजदूरी मिलती है। हमारी राय में यह बात सही है। 17. नवीन कंठ दो कि मैं नवीन गान गा सकूं, नवीन दृष्टि का नया विधान आज हो रहा, युगांत की व्यथा लिए अतीत आज रो रहा, नए समाज के लिए नवीन नींव पड़
चुकी, भविष्य-द्वार मुक्त से स्वतंत्र भाव से चलो, पुराण पंथ में खड़े विरोध वैर भाव
के प्रश्न (क) कवि ने किन नवीनताओं की चर्चा की है? 1 उत्तर- (क) कवि कहता है कि उसे नयी आवाज मिले ताकि वह स्वतंत्र देश के लिए नए गीत गा सके तथा नयी आरती सजा सके। 18. जिसमें स्वदेश का मान भरा बाधाओं के पर्वत चढ़कर प्रश्न (क) कवि किन वीरों को प्रणाम करता है? 1 उत्तर- (क) कवि उन वीरों को प्रणाम करता है जिनमें स्वदेश का मान भरा है
तथा जो निभीक होकर अंतिम दम तक देश के लिए संघर्ष करते हैं। 19. पुरुष हो पुरुषार्थ करो, उठो। न पुरुषार्थ बिना कुछ स्वार्थ है, न पुरुषार्थ बिना वह स्वर्ग है, न जिसमें कुछ पौरुष हो यहाँ प्रश्न (क) प्रथम काव्यांश के माध्यम से कवि ने मनुष्य को क्या प्रेरणा दी है? 1 उत्तर- (क) प्रथम काव्यांश में कवि मनुष्य को प्रेरणा देता है कि
वह अपनी समस्त शक्तियाँ इकट्ठी करके परिश्रम करे। इससे उसका विकास होगा। 20. मनमोहनी प्रकृति की जो गोद में बसा है। नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं। जिसके सुगंध वाले, सुंदर प्रसून प्यारे। जिसकी अनंत वन से धरती भरी पड़ी है। प्रश्न (क) मनमोहिनी
प्रकृति की गोद में कौन-सा देश बसा हुआ है और वहाँ कौन-सा सुख प्राप्त होता है? 1 उत्तर- (क) मनमोहिनी प्रकृति की गोद में भारत देश बसा हुआ है। यहाँ
स्वर्ग के समान सुख प्राप्त होता है। 21. जब कभी मछेरे को फेंका हुआ प्रश्न (क) कविता में प्रयुक्त ‘स्व’ शब्द से कवि का क्या अभिप्राय है? उसकी जाल से तुलना क्यों की गई है? 1 उत्तर- (क) यहाँ ‘स्व’ का अभिप्राय निजता से है। इसकी तुलना जाल से की गई है, क्योंकि इसमें भी जाल की तरह विस्तार व संकुचन की क्षमता होती
है। 22. तू हिमालय नहीं, तू न गंगा-यमुना मेघ करते नमन, सिंधु धोता चरण, तू पुरातन बहुत, तू नए से नया देश! मेरे लिए तू महा अर्चना। शक्ति–बल का समर्थक रहा सर्वदा, सत्य और प्रेम की है परम प्रेरणा प्रश्न (क) कवि का देश को ‘महाशील की अमर कल्पना’ कहने से क्या तात्पर्य है?1 उत्तर- (क) कवि देश को महाशील की अमर कल्पना कहता है। इसका अर्थ है कि भारत में महाशील
के अंतर्गत करुणा, प्रेम, दया, शांति जैसे महान आचरण हैं जिसके कारण भारत का उज्ज्वल चरित्र बना है। ‘ 23. जब-जब बाहें झुकी मेघ की, धरती का तन-मन ललका है सुन बाँसुरिया सदा-सदा से हर बेसुध राधा बहकी है, जब-जब मन में भाव उमड़ते, प्रणय श्लोक अवतीर्ण हुए हैं। प्रश्न (क) मेघों के झुकने का धरती पर क्या प्रभाव पड़ता है और
क्यों? 1 उत्तर- (क) मेघों के झुकने पर धरती का तन-मन ललक उठता है,
क्योंकि मेघों से बारिश होती है और इससे धरती पर खुशियाँ फैलती हैं। स्वयं करेंनिम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 1. यहाँ कोकिला नहीं, काक हैं शोर मचाते। परिमल-हीन पराग दाग-सा बना पड़ा है। वायु चले मंद चाल से उसे चलाना। लाना संग में पुष्प, न हों
वे अधिक सजीले। कोमल बालक मरे यहाँ गोली खा—खाकर। कुछ कलियाँ अधखिलीं यहाँ इसलिए चढ़ाना। प्रश्न (क) कवि ने बाग की क्या दशा बताई है? 1 2. चौड़ी सड़क पतली गली थी, लोग सिमटकर आँख गदाडाए प्रश्न (क) रामदास
की उदासी का क्या कारण था? 1 3. एक फाइल ने दूसरी फाइल से कहा पर साहब हैं कि ……… अधिकारी बार-बार दूसरी फाइल ने उसे पर कुछ बातें ऐसी होती हैं प्रश्न (क) साहब जल्दी-जल्दी काम क्यों निपटा रहे हैं? 1 4. विपदाओं से मुझे बचाओ, यह मेरी प्रार्थना नहीं हानि उठानी पड़े जगत में लाभ अगर वंचना रही प्रश्न (क) विपदाओं से मुझे बचाओ, यह मेरी प्रार्थना नहीं – पंक्ति के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है? 1 5. ग्राम, नगर या कुछ लोगों का जहाँ इरादे नहीं बदलते प्रश्न (क) कवि किसे देश नहीं मानता? 1 6. बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने
बुलाया पैरों में मखमल की जूती-सी क्यारी प्रश्न (क) धूप किस रूप में आई? 1 7. अभी परिंदों ओी माझी नदियां कब थकती? प्रश्न (क) उदास व्यक्ति को कवि किस तरह उत्साहित कर रहा है? 1 8. उसे दरवाजे पर रखकर न सही कुदाल प्रश्न (क) माली किस वस्तु को घर के दरवाजे पर रखकर चला गया और क्यों? 1 उनको प्रणाम कविता में कवि और समाज की सोच में क्या अंतर है?रह - रहकर उनके मन मे उत्साह हिलोरे ले रहा था पर उनमें कुछ लोग ऐसे भी थे ,जो उच्च शिखर की ओर बढ़े कुछ लोगों ने बर्फानी चोटी पर समाधि ले ली,और कुछ असफल ही नीचे उतर गए । कवि ऐसे लोगो के मनोबल को भी प्रणाम करता है। कवि कहता है इस संसार मे ऐसे व्यक्ति भी है, जो एकाकी - मतलब अकेले है ।
उनको प्रणाम कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?कवि ऐसे लोगों को प्रणाम करना चाहता है जिन्होंने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कठिन साधना की अपने सुखों की चिंता नहीं कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपार कष्ट सहे किंतु उनके जीवन रूपी नाटक का अंत दुख के रूप में हुआ।
उनको प्रणाम कविता के लेखक कौन है?“उनको प्रणाम” कविता कवि 'नागार्जुन' द्वारा लिखी गई कविता है।
कविता उनको प्रणाम में अदृष्ट के दाव क्या करने वालों पर चले?कुछ छोटी सी नौका लेकर समुद्र को पार करना चाहते थे पर उनका यह प्रयास मन में ही रखा रह गया वे अपने लक्ष्य को कोई आकार नहीं दे पाये । असफल ही नीचे उतर आये । जो लोग बहुत दरिद्र थे वे लोग भी भूमि परिक्रमा के निकलें लेकिन आगे- बढ़ते-बढ़ते कवि ऐसे अदृष्ट लोगों को भी स्मरण करता है जिनका कहीं नामों-निशन नहीं है ।
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