दसू रे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती हैं स्पष्ट कीजि ए? - dasoo re pad mein meeraabaee shyaam kee chaakaree kyon karana chaahatee hain spasht keeji e?

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए-
दूसरे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती हैं? स्पष्ट कीजिए।

Solution

मीरा का हृदय कृष्ण के पास रहना चाहता है। उसे पाने के लिए इतना अधीर है कि वह उनकी सेविका बनना चाहती हैं। वह बाग-बगीचे लगाना चाहती हैं जिसमें श्री कृष्ण घूमें, कुंज गलियों में कृष्ण की लीला के गीत गाएँ ताकि उनके नाम के स्मरण का लाभ उठा सके। इस प्रकार वह कृष्ण का नाम, भावभक्ति और स्मरण की जागीर अपने पास रखना चाहती हैं और अपना जीवन सफल बनाना चाहती हैं।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 B)

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मीराबाई अपने आराध्य श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती हैं?

दूसरे पद में कवयित्री मीराबाई अपने आराध्य श्रीकृष्ण की चाकरी इसलिए करना चाहती हैं ताकि उन्हें इसी चाकरी के बहाने दिन-रात कृष्ण की सेवा का अवसर मिल सके। मीरा अपने कृष्ण का दर्शन करना चाहती हैं, उनके नाम का दिनरात स्मरण करना चाहती हैं तथा अनन्य भक्तिभाव दर्शाना चाहती है।

मीरा कृष्ण की चाकर क्यों बनना चाहती हैं?

मीरा ने द्रौपदी, प्रह्लाद और ऐरावत के उदाहरण देते हुए हरि से विनती की है कि वे मीरा के दुख को भी दूर करें। प्रश्न 2: दूसरे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती हैं? स्पष्ट कीजिए। उत्तर: मीराबाई कृष्ण के दर्शन करने का कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहती हैं।

मीरा श्याम की चाकर बनकर सर्वप्रथम कौन सा काम करना चाहती हैं?

दूसरे पद में मीरा बाई श्याम की चाकरी इसलिए करना चाहती है क्योंकि मीराबाई श्री कृष्ण की सेविका बनकर उनके आसपास रहना चाहती है और उनके बार-बार दर्शन करना चाहती हैं। सेवक सदा अपने स्वामी के आसपास रहता है मीराबाई श्री कृष्ण के आसपास रहकर उनकी लीला का गुणगान करना चाहती हैं

मीराबाई श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती है चाकरी से मीरा को क्या लाभ मि लेगा?

उत्तर: मीराबाई श्याम (श्रीकृष्ण) की चाकरी इसलिए करना चाहती हैं, क्योंकि उनकी चाकरी करने पर मीरा को नित्य दर्शन का लाभ मिलेगा, वृंदावन की कुंज गली में गोविन्द की लीलाओं को गा सकेंगी और उन्हें भक्ति भाव का साम्राज्य प्राप्त हो जाएगा।