Authored by Gitika dubey | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Apr 23, 2022, 11:00 AM Show
हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा और आराधना की जाती है। कोई धन लक्ष्मी, कोई वैभव लक्ष्मी, कोई गजलक्ष्मी तो कोई संतान लक्ष्मी के रूप में पूजता है। मनोकामना के अनुसार आप मां लक्ष्मी के स्वरूप की पूजा अर्चना कर सकते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं वैभव लक्ष्मी की पूजा करने का विधान और व्रतविधि।Vaibhav Laxmi Vrat Vidhi : घर में कोई रखता है वैभव लक्ष्मी का व्रत, तो इन बातों को जान लेंअपना यह राशिफल हर दिन ईमेल पर पाने के लिए क्लिक करें - सब्सक्राइब करेंक्लिक करे
यदि लंबे समय ये अथक प्रयास के बाद आपका कोई सोचा हुआ काम नहीं बन पा रहा है। या फिर धन के मामले में लगातार हानि हो रही है। यदि कोर्ट कचहरी के मामले से नहीं निकल पा रहे हैं। या फिर विद्यार्थियों को सफलता नहीं मिल पा रही है। शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी का व्रत करने से उन्हें सफलता प्राप्त हो सकती है। वैभव लक्ष्मी की कृपा से आपकी सभी मनोकामना पूरी होती है। किस माला के जप से प्रसन्न होते हैं शिव और किससे राम, जानें सभी को खुश करने के उपाय ऐसे करें व्रत की शुरुआतशुक्रवार के दिन प्रात:काल स्नान के बाद महिलाएं शुद्ध होकर साफ वस्त्र धारण करें। सुबह मंदिर की साफ-सफाई करें और मां लक्ष्मी का ध्यान करके सारा दिन व्रत रखने का संकल्प लें। पूरे दिन आप फलाहार करके यह व्रत रख सकते हैं। चाहें तो शाम को व्रत पूर्ण होने के बाद अन्न ग्रहण कर सकते हैं। शाम को ऐसे करें पूजाशुक्रवार को पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को स्नान करें। पूजन करने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएं। उसके बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर वैभव लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें और श्रीयंत्र को तस्वीर के पीछे या बगल में रखें। भगवान के भोग-प्रसाद में इन नियमों का पालन करना है जरूरी, जानिए किस देवी-देवता को कौन सा प्रसाद चढ़ाएं पूजा में शामिल करें इन वस्तुओं कोवैभव लक्ष्मी की तस्वीर के सामने मुट्ठी भर चावल का ढेर लगाएं और उस पर जल से भरा हुआ तांबे का कलश स्थापित करें। कलश के ऊपर एक छोटी सी कटोरी में सोने या चांदी का कोई आभूषण रख लें। वैभव लक्ष्मी की पूजा में लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल जरूर रखें। भोग और प्रसादप्रसाद के लिए घर में गाय के दूध से चावल की खीर बनाएं। अगर किसी कारणवश खीर न बना सकें तो मां लक्ष्मी को भोग में आप सफेद मिठाई या फिर बर्फी का भी प्रयोग कर सकते हैं। मां लक्ष्मी को यह भी प्रिय है। पूजा के बाद लक्ष्मी स्तवन का पाठ करें। या फिर वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें… या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥ सपने में शादी सगाई देखने का मतलब यह हो सकता है श्री यंत्र की करें पूजावैभव लक्ष्मी के व्रत में श्रीयंत्र की भी पूजा करें। पूजा के वक्त श्रीयंत्र को लक्ष्मी माता के पीछे रखें और पहने उसकी पूजा करें और उसके बाद वैभव लक्ष्मीजी की पूजा करें। उसके बाद व्रत कथा पढ़ें और फिर गोघृत दीपक से आरती करें। ऐसे करें मां का ध्यानकथा पूजन के बाद मन ही मन ही मन कम से कम 7 बार अपनी मनोकामना को दोहराएं और मां लक्ष्मी का ध्यान करें। उसके बाद मां लक्ष्मी का प्रसाद ग्रहण करके घर के मुख्य द्वार पर घी का एक दीपक जलाकर रखें। ननदोई जेठ ने किया भाभी संग कुछ ऐसा, मिला भयंकर परिणाम Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें वैभव Laxmi पूजा कितने बजे करनी चाहिए?वैभव लक्ष्मी की पूजा शाम के समय की जाती है। व्रत के दौरान पूरे दिन फलाहार करें। शाम को अन्न ग्रहण कर सकते हैं। शुक्रवार को शाम को स्नान करने के बाद पूर्व दिशा में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
वैभव लक्ष्मी की पूजा में क्या क्या लगता है?पूजा स्थल पर वैभव लक्ष्मी का चित्र स्थापित कर उन्हें लाल या श्वेत पुष्प चढ़ाएं. तथा लाल या श्वेत चंदन का तिलक लगाएं. इसके बाद माता वैभव लक्ष्मी को अक्षत्, पुष्प, फल, कमलगट्टा, धूप, दीप, गंध आदि चढ़ाकर पूजन करें. अब माता वैभव लक्ष्मी को चावल की खीर का भोग लगाएं. वैभव लक्ष्मी की आरती करें.
वैभव लक्ष्मी व्रत की पूजा कब करनी चाहिए?वैभव लक्ष्मी व्रत को शुरू करने के लिए शुभ दिन
वैभव लक्ष्मी व्रत को शुक्रवार के दिन किया जाता है क्योंकि यह दिन दुर्गा एवं संतोषी माता का दिन माना जाता है और मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से पूजा अर्चना करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वह सदैव अपनी कृपा बनाए रखती हैं।
वैभव लक्ष्मी व्रत कब शुरू करें 2022?इस साल भाद्रपद शुक्ल की अष्टमी तिथि यानी की 3 सितंबर 2022 से महालक्ष्मी व्रत का आगाज हो जाएगा. ये व्रत सोलह दिन तक चलते है. व्रत का समापन अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन होता है, यानी की इस साल महालक्ष्मी व्रत 17 सितंबर 2022 को समाप्त होंगे. इस व्रत को करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है.
वैभव लक्ष्मी के व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?माता वैभव लक्ष्मी को अक्षत्, पुष्प, फल, कमलगट्टा, धूप, दीप, गंध आदि से पूजा करें। उसके बाद चावल और खीर का माता को भोग लगाएं। पूजा के अंत में वैभव लक्ष्मी की आरती करें, फिर प्रसाद ग्रहण करें। वैभव लक्ष्मी व्रत के दिन उपासक को एक समय ही भोजन करना चाहिए तथा प्रसाद में खीर अवश्य खानी चाहिए।
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