महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के राज्याभिषेक का दिन शानदार झांकियों और रस्मों का दिन था, जिसे दुनिया भर में मनाया गया था और एक लंबे तथा ऐतिहासिक शासनकाल की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया गया. Show बच्चे राज्याभिषेक मनाते हुए महारानी का राज्यारोहण किंग जॉर्ज षष्टम की मुत्यु 6 फ़रवरी 1952 की रात सैंड्रिंघम हाउस में सोते हुए हो गई. वे केवल 56 वर्ष के थे. लंबी बीमारी और द्वितीय विश्व युद्ध के काले दिनों के दौरान नेतृत्व के तनाव ने बहुत प्रेम किए जाने वाले सम्राट को मृत्यु की चपेट में ले लिया. राजकुमारी एलिज़ाबेथ, राजा की दो बेटियों में से बड़ी बेटी, दूर केन्या में, पिता के खराब स्वास्थ्य के कारण उनके स्थान पर राष्ट्रमंडल राज्यों के शाही दौरे का आरंभ कर रही थीं. पिता की मृत्यु का समाचार उन्हें उनके पति राजकुमार फ़िलिप ने दिया. एलिज़ाबेथ ने, जो केवल 25 वर्ष की थीं, न केवल अपने पिता को खोने के दुःख का सामना किया बल्कि इस चुनौतीपूर्ण संभावना का भी सामना किया कि वह अब यूनाइटेड किंगडम की रानी और राष्ट्रमंडल की प्रमुख थीं. यद्यपि एलिज़ाबेथ ने राजसिंहासन को स्वीकार कर लिया था, फिर भी उनके राज्याभिषेक में और 16 महीने थे. अपनी नवजात बेटी राजकुमारी एलिज़ाबेथ के साथ डचेस ऑफ़ यॉर्क (यॉर्क की रानी) (भविष्य की रानी की मां) का पोर्ट्रेट एलिज़ाबेथ का बचपन से युवावस्था तक का समय एलिज़ाबेथ का जन्म 21 अप्रैल 1926 को लंदन में हुआ. चार वर्षों के बाद उनकी छोटी बहन राजकुमारी मार्गरेट का जन्म हुआ. उनके पिता, ड्यूक ऑफ़ यॉर्क, किंग जॉर्ज पंचम के दूसरे बेटे थे और इसलिए उनके राजा बनने की उम्मीद किसी को नहीं थी. लेकिन यह सब 1936 में बदल गया, जब उनके पिता के बड़े भाई, किंग एडवर्ड अष्टम ने इस पद को स्वयं छोड़ दिया क्योंकि वह अमेरिकी तलाकशुदा वॉलिस सिंपसन से विवाह करना चाहते था, जो कि इंग्लैंड के चर्च के प्रमुख के रूप में उनको शोभा नहीं देता. एलिज़ाबेथ के पिता किंग जॉर्ज षष्टम बने और वह राजगद्दी की उत्तराधिकारी बन गईं. बचपन में भी, राजकुमारी एलिज़ाबेथ के मज़बूत चरित्र और ज़िम्मेदार रवैये की वाहवाही की जाती थी. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, उन्होंने अन्य बच्चों के मनोबल को बढ़ाने के लिए रेडियो प्रसारण किए, धर्मार्थ संगठनों की सहायता की और 18 वर्ष की आयु में वुमेन्स ऑक्ज़िलेरी टेरिटॉरियल सर्विस (महिला सहायक क्षेत्रीय सेवा) से जुड़ीं और ड्राइवर तथा मेकैनिक के रूप में प्रशिक्षित हुईं. 1947 में, राजकुमारी ने अपने माता-पिता के साथ दक्षिण अफ़्रीका में अपनी पहली शाही यात्रा की. राजकुमारी एलिज़ाबेथ अपनी मां और बहन के साथ राजकुमारी एलिज़ाबेथ: समय, 1929 परिवार के साथ एक दिन, 1936 ""मैं आप सभी के सामने घोषणा करती हूं कि मेरा पूरा जीवन, चाहे वह लंबा हो या राजकुमार फ़िलिप राजकुमारी एलिज़ाबेथ पहली बार राजकुमार फ़िलिप से 1934 में तब मिलीं जब वह मात्र 18 वर्ष की थीं. फ़िलिप एक ग्रीक राजकुमार थे जिनके परिवार को 1922 में तब ज़बरदस्ती देश से निकाल दिया गया था, जब वह शिशु थे. 1939 में एक और मुलाकात के बाद, जब राजकुमारी एलिज़ाबेथ केवल 13 वर्ष की थीं, तब उन्होंने ऐलान कर दिया कि वह फ़िलिप से प्रेम करती हैं, जो तब एक रॉयल नौसेना अधिकारी कैडेट थे और वे दोनों एक दूसरे को नियमित रूप से पत्र लिखने लगे. राजकुमार फ़िलिप शाही जोड़ा Princess Elizabeth's Wedding, William J Sumits, 1947-11-25, इनके संग्रह से लिया गया है: LIFE Photo Collectionएक शाही विवाह राजकुमार फ़िलिप द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मेडिटरेनीअन के युद्धक्षेत्र में सेवारत थे, लेकिन युद्ध के बाद राजकुमार और राजकुमारी ने वापस अपना मिलना-जुलना शुरू कर दिया. 1947 में उनकी सगाई की घोषणा की गई और 20 नवंबर को वेस्टमिन्स्टर ऐबी में उनका विवाह हुआ. उसी दिन, राजकुमार फ़िलिप को ऐडिन्बर्ग के ड्यूक की उपाधि दे दी गई. कड़वी मिठाई: राशन के लिए कतार में लोग 1953 में ब्रिटेन 1953 में ब्रिटेन अभी भी द्वितीय विश्व युद्ध के साए में जी रहा था. चीनी और मांस के लिए खाद्य राशन अभी भी मान्य था और बहुत ही अलोकप्रिय था. कई शहर अभी भी उन स्थानों से डरते थे जहां बम फटे थे. ब्रिटेने के दुनिया की महाशक्तियों में से एक होने की स्थिति पर खतरा मंडरा रहा था और साम्राज्य हाथ से निकलते जा रहा था. लेकिन 1950 के दशक में युद्ध के बाद की कठिनता से उबरने लगा. वेतन बढ़ने लगे, राशन नियंत्रण समाप्त होने लगा और सरकार ने बड़े पैमाने पर घर-निर्माण की योजना शुरू की. नई रानी का राज्याभिषेक – युवा, सुंदर और कर्तव्यनिष्ठ – एक उज्जवल भविष्य के संकेत जैसा था. ""राज्याभिषेक रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के राज्याभिषेक के लिए जुलूस की तैयारी उसी पल से शुरू हो गई थी जब फ़रवरी 1952 को राजगद्दी की उत्तराधिकारी बन गई थीं. लेकिन उन्हें रानी का ताज 16 महीने बाद, 2 जून 1953 को पहनाया गया. बेसब्री से इंतज़ार किए जा रहे दिन की शुरुआत बंकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर ऐबी तक, 1066 में हैरोल्ड द्वितीय से अंग्रेज़ और ब्रिटिश राज्याभिषेक का स्थान, जुलूस से हुई. भारी बारिश के बावजूद, हज़ारों उत्सुक दर्शक जुलूस देखने का मुख्य स्थान प्राप्त करने के लिए रातभर जुलूस के मार्ग पर डेरा डाले रहे. राज्याभिषेक वाले दिन ही नई रानी की जय-जयकार करने के लिए सड़क पर लगभग 30 लाख लोग पंक्ति बनाए खड़े थे. पूरे दिन छिटपुट बारिश होती रही, लेकिन जुलूस के लिए मौसम ने भी स्वयं को रोक लिया. जुलूस की शुरुआत ब्रिगेड ऑफ़ गार्ड के बैंड के समूह ने की, उसके बाद राष्ट्रमंडल देशों के सशस्त्र बलों के दस्ते आए. राज्य के प्रमुख और विदेश रॉयल्टी कोच में यात्रा कर रहे थे. उनके पीछे गोल्ड स्टेट कोच में स्वयं रानी थीं. जुलूस के दौरान मार्च करते सैनिक
"हिलेरी और ऐवरेस्ट 29 मई 1953 को न्यूज़ीलैंड पर्वतारोही एडमंड हिलेरी और नेपाल के शेरपा तेनज़िंग नोर्गे उनकी असाधारण उपलब्धि का समाचार हिलेरी और अभियान के नेता कर्नल जॉन एडमंड हिलेरी और तेनज़िंग नोर्गे "शाही कोच ब्रिटिश राजतंत्र के पास 100 से अधिक कोच और घोड़ा गाड़ियां हैं. उनमें से सबसे प्रतिष्ठित गोल्ड स्टेट कोच है, जिसका उपयोग
रानी हाल ही में, शाही कोच में से सबसे ज़्यादा दिखाई देने वाला शाही कोच 1902 स्टेट लैंडॉ है, जिसका वेस्टमिंस्टर ऐबी की नक्काशी राज्याभिषेक वेस्टमिंस्टर ऐबी, जहां 8,000 अतिथि प्रतीक्षा कर रहे थे, में रानी ऐलिज़ाबेथ के आगमन से एक धार्मिक समारोह की शुरुआत हुई, जो उनके राज्याभिषेक से समाप्त हुआ. उन्होंने सफेद रेशम का परिधान पहना था, जिसमें राष्ट्रमंडल देशों के प्रतीकों की कशीदाकारी की हुई थी और इन सब के ऊपर मखमल का रोब ऑफ़ स्टेट, जो 5 मीटर लंबा था, उसे संभालने के लिए 7 मेड ऑफ़ ऑनर. ऑल्टर पर रानी ने राज्याभिषेक की शपथ ली, जिसमें उन्होंने अपने राज्य में न्याय और कानून बनाए रखने तथा एंग्लिकन विश्वास की रक्षा करने का शपथ ग्रहण किया. फिर, समारोह के सबसे प्राचीन और पवित्र पल में, रानी को राज्याभिषेक की गद्दी पर बैठा कर कैंटबेरी के आर्कबिशप ने पवित्र तेल से उनका अभिषेक किया. जैसे ही उनको शाही छड़ी, ओर्ब तथा रोब और अंत में ताज मिला,वहां खड़ी भीड़ 'गॉड सेव द क्वीन (भगवान रानी की रक्षा करे)!' के नारे लगाने लगी. "“वे बातें समारोह के बाद राज्याभिषेक समारोह के बाद रानी गोल्ड स्टेट कोच में वापस बकिंघम पैलेस को गईं. पैलेस की रेलिंग पर भारी भीड़ तुरंत इकट्ठा हो गई और ‘हमें रानी चाहिए!’ के नारे लगाने लगी. रानी, जिनके साथ शाही परिवार था, ने लोगों को उस दिन अपने दिए गए कई झरोखा दर्शनों में से पहला दर्शन उचित रीति से दिया. भीड़ ने उनका उत्साहपूर्वक जय-जयकार करते हुए स्वागत किया. फिर वह दो राज्याभिषेक दावतों में से पहले दावत के लिए अंदर गईं, जिसमें परिवार, विदेशी शाही परिवार और वहां आए गणमान्य लोग शामिल थे. दूसरी दावत में ‘कोरोनेशन चिकन’ पेश किया गया – इस अवसर के लिए क्रीम से भरी करी चटनी में ठंडा चिकन डाल कर बनाया गया व्यंजन. शाम 5 बजे बकिंघम पैलेस का 150 से अधिक विमान द्वारा विमान परेड (खराब मौसम के कारण कई बार इसे विलंब किया गया) किया गया. रानी ने बालकनी (झरोखा) से अंतिम दर्शन आधी रात को दिया. ""आशा करते हैं कि हम टेलीविज़न रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का राज्याभिषेक टेलीविज़न के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल बना. स्वयं समारोह पहले कभी इस तरह से फ़िल्माया नहीं गया था और हालांकि प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के विचार में यह आवश्यक नहीं था, लेकिन रानी मानती थीं कि यह होना चाहिए था. 1952 में एक तिहाई से कम ब्रिटिश घरों में टेलीविज़न सेट था, लेकिन राज्याभिषेक देखने की मांग बहुत थी. उस दौरान, BBC ने कवरेज बढ़ाने के लिए दिन-रात काम किया और टीवी सेट की बिक्री में तेज़ी से बढ़त हुई. उस दिन, 11 घंटे के लाइव कवरेज को देखने के लिए लिविंग रूम, सिनेमा और कॉन्सर्ट में लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई. लाइव प्रसारण श्वेत और श्याम (ब्लैक एंड व्हाइट) में किया गया था, हालांकि उसे रंगीन फ़िल्माया गया था. यूके में लगभग 2 करोड़ टीवी दर्शक थे (जनसंख्या का 40%). इससे यूके में टेलीविज़न के मुख्य मनोरंजन का साधन होने की शुरुआत हुई. BBC टीवी ट्रांसमीटर नियंत्रण कक्ष टेलीविज़न पर राज्याभिषेक हम पर लंबे समय तक शासन करें रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के राज्याभिषेक से एक अनूठे शासन की शुरुआत हुई, जो ब्रिटिश इतिहास में अब तक का दूसरा सबसे लंबा शासन है. उस समय उन्होंने विदेश और राष्ट्रमंडल राज्यों की अनगिनत यात्राएं की और इतिहास में सबसे अधिक यात्रा करने वाली राज्य प्रमुख बन गईं. उनके शासन में यूनाइटेड किंगडम और उसके बाहर की दुनिया में देखने योग्य और प्रभावशाली बदलाव हुए और ब्रिटिश साम्राज्य शक्ति के धीरे-धीरे भंग होने में भी इसका असर था. शाही परिवार, उनके चार बच्चों में से तीन का विवाह टूटना और 1997 में डायना, वेल्स की राजकुमारी के दुःखद और अकाल मृत्यु सहित अपने दुःख सह रहा था. फिर भी रानी दृढ़, सम्मानजनक और कर्त्तव्यनिष्ठ रहीं और राजकुमार फ़िलिप ने हमेशा उनका साथ दिया. उन्होंने स्वदेश और विदेश दोनों जगह अपनी ज़बरदस्त लोकप्रियता कायम रखी, 2012 में उनकी हीरक जयंती पर उन्हें बधाई देने वाले लोगों की तादाद ने इसका प्रमाण दिया. Queen Elizabeth In Carribbean, Michael Rougier, 1966-02, इनके संग्रह से लिया गया है: LIFE Photo Collectionआभार: कहानी —Toby Groom, Documentary Producer & Historian क्रेडिट: सभी मीडिया कुछ मामलों में ऐसा हो सकता है कि पेश की गई कहानी किसी स्वतंत्र तीसरे पक्ष ने बनाई हो और वह नीचे दिए गए उन संस्थानों की सोच से मेल न खाती हो, जिन्होंने यह सामग्री आप तक पहुंचाई है. ज़्यादा जानें मिलती-जुलती थीम संस्कृति में महिलाएं ये विविध संकलन संस्कृति के सभी पहलुओं पर महिलाओं के दूरगामी प्रभावों का प्रदर्शन करते हैं. नवाचारी महिला कलाकारों और पुरोधा वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों से लेकर उन महिलाओं तक जिन्होंने वैश्विक मताधिकार और समाजिक समानता की लड़ाई लड़ी, उनकी कहानियां हमारी साझा विरासत में महिलाओं के बहुआयामी यो थीम देखेंविश्व की सबसे पहली रानी कौन थी?एलिज़ाबेथ प्रथम (Elizabeth I, जन्म: ७ सितम्बर १५३३, मृत्यु: २४ मार्च 1603 ) इंग्लैंड और आयरलैंड की महारानी थीं, जिनका शासनकाल १७ नवम्बर १५५८ से उनकी मौत तक चला।
...
. भारत की पहली महारानी कौन थी?
लंदन की रानी कौन है?ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ IIके बाद कौन हैं उनके उत्तराधिकारी, क्या है कोड लंदन ब्रिज इज डाउन नई दिल्ली, 08 सितंबर: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 08 सितंबर 2022 यानी आज बकिंघम पैलेस में निधन हो गया। उनकी उम्र 96 वर्ष थी।
रानी एलिजाबेथ कहाँ की रानी थी?एलिज़ाबेथ ने, जो केवल 25 वर्ष की थीं, न केवल अपने पिता को खोने के दुःख का सामना किया बल्कि इस चुनौतीपूर्ण संभावना का भी सामना किया कि वह अब यूनाइटेड किंगडम की रानी और राष्ट्रमंडल की प्रमुख थीं.
|