अयोध्या के राजा दशरथ के चार पुत्रों में सबसे बड़े पुत्र थे भगवान राम। दशरथ की तीन पत्नीयां थी- कौशल्या, सुमीत्रा और कैकयी। राम के तीन भाई थे। लक्ष्मण, भरत और शत्रुध्न। राम कौशल्या के पुत्र थे। सुमीत्रा के लक्ष्मण और शत्रुध्न दो पुत्र थे। कैकयी के पुत्र का नाम भरत था। शत्रुघ्न सबसे छोटे पुत्र थे। श्रीराम की दो बहनें भी थी एक शांता और दूसरी कुकबी। आओ जानते हैं शत्रुघ्न के संबंध में 5 खास बातें। Show 1. भारत के सेवक शत्रुघ्न : राम के वनवास में चले जाने के बाद शत्रुघ्न ने राज भरत की सेवा की। इन्होंने ने भी माता-पिता, भाई, पत्नी सबको छोड़कर भरत के साथ रहना और उनकी सेवा करना ही अपना कर्तव्य समझा। 2. मंथरा की कूबर तोड़ दी : जब शत्रुघ्न को यह पता चला कि मंथरा के कारण ही श्री राम को बनवास हुआ है तो उन्होंने मंथरा को लात मारकर उसकी कूबर तोड़ दी थी। 3. शत्रुध्न की पत्नी और पुत्र : शत्रुध्न की पत्नी का नाम श्रुतकीर्ति था जो जनक के भाई कुशध्वज की पुत्री थीं। 4. शत्रुघ्न के पुत्र : मथुरा में शत्रुघ्न के पुत्र सुबाहु का तथा दूसरे पुत्र शत्रुघाती का भेलसा (विदिशा) में शासन था। 5. लवणासुर का वध : श्रीराम के आदेश पर शत्रुघ्न ने मथुरा के राजा लवासुर का वध कर कर दिया था। लवणासुर मथुरा से लगभग साढ़े तीन मील दक्षिण-पश्चिम की ओर स्थित रामायण में वर्णित मधुपुरी का राजा था जिसे मधुवन ग्राम कहते हैं। यहां लवणासुर की गुफा है। लवणासुर का वध करके शत्रुघ्न ने मधुपुरी के स्थान पर नई मथुरा नगरी बसाई थी। शत्रुघ्न कम से कम बारह वर्ष तक मधुपुरी नगरी एवं प्रदेश के शासक रहे। शत्रुध्न के वंशजों का राज्य अधिक दिन नहीं रहा। भीमरथ यादव ने रघुवंशियों से मथुरा का राज्य छीन लिया था। प्राचीन काल में यह शूरसेन देश की राजधानी थी। Ramayan Katha in Hindi: पिता दशरथ का वचन पूरा करने के लिए श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के लिए घर से निकले तो अनुज लक्ष्मण और अर्धांगिनी सीता भी साथ गईं. इस दौरान छोटे भाई भरत और शत्रुघ्न अपनी ननिहाल में थे, लेकिन जब वे लौटे तो भाई के वियोग में उन्होंने भी राजमहल छोड़ दिया. भरत भाई की चरणपादुका रखकर नंदीग्राम के जंगल में कुटिया बनाकर तपस्वी के भेष में रहते हुए राजपाट देख रहे थे. वह यहां जमीन पर सोते थे और नदी पोखरे का पानी पीते, कंदमूल फल खाते. इधर, तीनों भाइयों के राजमहल छोड़कर जंगल में रहने से आहत चौथे भाई शत्रुघ्न ने भी अयोध्या छोड़ने का फैसला कर लिया. बिना किसी को बताए वह नंदीग्राम में ही जाकर भाई भरत की कुटिया के बाहर तपस्वी की तरह रहने लगे. बताया जाता है कि पूरे 13 साल तक पूरी अयोध्या तो क्या खुद मां कौशल्या को भी इसकी खबर नहीं थी. एक दिन रात के समय राजमहल की छत पर कौशल्या ने शत्रुघ्न की पत्नी श्रुतकीर्ति को अकेले टहलते देखा तो चौंक उठीं. उन्होंने तत्काल पहरेदारों के जरिए उन्हें बुलवाया. श्रुतकीर्ति के आने पर कौशल्या ने उनसे पूछा, तुम अकेले छत पर क्यों टहल रही हो, शत्रुघ्न कहां है, तो श्रुतकीर्ति ने कहा, मुझे नहीं पता माता, वह तो मुझे 13 वर्षों से कहीं नहीं दिखे हैं. यह सुनकर कौशल्या बहुत दुखी हो गईं और खुद आधी रात ही सैनिकों के साथ शत्रुघ्न को खोजने निकल पड़ीं कई जगह पूछने पर पता चला कि वह नंदीग्राम में हैं. कठिन रास्तों से होते हुए मां कौशल्या नंदीग्राम पहुंची तो वहां भरतजी कुटिया बनाकर तपस्वी के भेष में दिखे, जबकि कुटिया के बाहर बड़ी चट्टान पर अपनी बांह का तकिया बनाए शत्रुघ्नजी गहरी नींद में सोए मिले. बेटे को ऐसी हालत में देखकर मां कौशल्या द्रवित हो उठीं. उन्होंने शत्रुघ्न को छूकर आवाज लगाई तो वो चौंक कर उठे. शत्रुघ्न ने हैरानी से पूछा, मां यहां कहां, आपने आने का कष्ट क्यों किया, मुझे ही बुला लेती. मां कौशल्या उन्हें दुलारते हुए बोलीं, क्या अपने बेटे से मिलने नहीं आ सकती, लेकिन तुम यहां क्यों सोए हो, अयोध्या में क्यों नहीं. तभी शत्रुघ्न भावुक हो उठे, उन्होंने कहा, मां बड़े भैया राम पिता का आदेश मानते हुए वन चले गए, साथ भैया लक्ष्मण और भाभी सीता भी गए अब भैया भरत भी नंदीग्राम में कुटिया बनाकर रह रहे हैं तो क्या राजमहल का ठाट बाट मेरे लिए ही था? इस पर मां कौशल्या कोई जवाब न दे सकीं। News Reels शत्रुघ्न ने भाइयों को वन में रहते हुए खुद भी पत्नी और भोग विलासिता से दूरी बना ली थी, मगर माता कौशल्या के आदेश पर उन्हें मथुरा का राजा बनाया गया और पत्नी श्रुतकीर्ति के साथ वहां रहने का आदेश दिया गया. श्रुतकीर्ति सीता की चचेरी बहन और दशरथ के छोटे भाई राजा कुलध्वज की पुत्री थीं. इस तरह 13 वर्ष का वनवास काटकर शत्रुघ्न मथुरा के राजा बने तो शत्रुघ्न जंगल से राजकाज चलाते हुए राम के वनवास पूरे होने के बाद अयोध्या लौटे. यह भी पढ़ें : रामायण से हम सब परिचित हैं। हमारे परिवार के कई सदस्य तो ऐसे होंगे जो रामायण कई बार पढ़ चुके हैं। फिर भी युवा पीढ़ी में ज्यादातर इस महाकाव्य के सभी पात्रों से परिचित नहीं होंगे। हम यहां दे रहे हैं रामायण के सभी प्रमुख पात्र और उनका परिचय । इसके परिचय से रामायण को आसानी से और अच्छे से समझ सका जा सकेगा। (नोटः यह सामग्री सोशलमीडिया से ली गई है। www.naidunia.com न इसकी पुष्टि करता है, ना ही खंडन। ) भरत और शत्रुघ्न की पत्नियों का क्या नाम था?मांडवी- जनक के भाई कुशध्वज की पुत्री, भरत की पत्नी। श्रुतकीर्ति - जनक के भाई कुशध्वज की पुत्री, शत्रुघ्न की पत्नी।
रामायण के अणु शत्रुघ्न की पत्नी कौन थी?श्रुतिकीर्ति शत्रुघन जी की पत्नी थी, भरत जी की मांडवी और लष्मन जी की उर्मिला और सीता जी श्री राम जी की भार्या थी । ये चारों जनक जी की पुत्री थी ।
भारत की पत्नी का क्या नाम है?माण्डवी हिंदू महाकाव्य रामायण में कुशध्वज की बेटी थीं और उनकी माता रानी चंद्रभागा थीं। उनकी एक छोटी बहन श्रुतकीर्ति थी। वह कैकेयी के पुत्र और राम के छोटे भाई भरत की पत्नी थीं।
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