दलित - पैंथर्स ने कौन - से मुद्दे उठाए? Show बीसवीं शताब्दी के सातवें दशक के शुरूआती सालों से शिक्षित दलितों की पहली पीढ़ी ने अनेक मंचों से अपने हक की आवाज उठायी। इनमें ज्यादातर शहर की झुग्गी - यस्तियों में पलकर बड़े हुए दलित थे। दलित हितों को दावेदारी के इसी क्रम में महाराष्ट्र में दलित युवाओं का एक संगठन 'दलित पैंथर्स' 1972 में बना।
Concept: दलित पैंथर्स Is there an error in this question or solution? दलित पैंथर ने कौन से मुद्दे उठाएं?दलित पैंथर एक सामाजिक-राजनीतिक संगठन है जो दलितों का प्रतिनिधित्व करने तथा दलितों और पिछडों में प्रबोधन लाने के उद्देश्य से स्थापित हुआ। दलित पैंथर की स्थापना नामदेव ढसाल एवं जे। वी। पवार द्वारा 21 मई सन 1972 में मुंबई, महाराष्ट्र में की गयी थी, जिसने बाद में एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया।
दलित पैंथर्स के कार्यक्रम निम्नलिखित में से कौन संबंधित नहीं है?इस कार्यक्रम का आयोजन एक आर. पी. आई (RPI) और दलित नेता राहुलन अम्बावाडकर ने किया। अप्रैल 1981 में महाराष्ट्र की दलित पैंथर से प्रेरित हो कर दलित पैंथर्स (उत्तर प्रदेश शाखा) की स्थापना की ।
दलित पैंथर्स की स्थापना कहाँ की गई थी?29 मई 1972दलित पैंथर / स्थापना की तारीख और जगहnull
दलित आंदोलन से आप क्या समझते हैं?डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर के आंदोलन के बाद यह शब्द हिंदू समाज व्यवस्था में सबसे निचले पायदान पर स्थित सैकड़ो वर्षों से अस्पृश्य समझी जाने वाली तमाम जातियों के लिए सामूहिक रूप से प्रयोग होता है। अब दलित पद अस्पृश्य समझी जाने वाली जातियों की आंदोलनधर्मिता का परिचायक बन गया है।
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