ट्रायल बैलेंस से आप क्या समझते हैं समझाइए? - traayal bailens se aap kya samajhate hain samajhaie?

दोस्तों, ईस पोस्ट मे हम देखेंगे कि Trial Balance क्या है। और यह कैसे तैयार किया जाता है। Trial Balance जिसे हम हिन्दी मे तलपट या तुलापत्र भी कहते हैं। वैसे तो Trial Balance व्यापारी द्वारा अपनी जरुरत के हिसाब से बनाया जाता है | परन्तु ज्यादातर यह वित्तीय वर्ष के अंत में बनाया जाता है | सबसे पहले हम समझते है , की Trial Balance क्या है |

तलपट क्या है | (What is Trial Balance)

जैसा की हम सभी जानते है, की लेखांकन (Accounting) का कार्य रोजनामचा (Journal) से प्रारम्भ किया जाता है| व्यवसाय में होने वाले प्रतिदिन लेन – देन की प्रविष्टि रोजनामचा (Journal) में की जाती है | फिर रोजनामचा (Journal) में आने वाले प्रत्येक पक्ष के लिए एक अलग – अलग खाता बनाया जाता है | जिसे हम खाताबही (Ledger) कहते है | इन खाताबही (Ledger) की शुद्धता की जांच करने के लिए व्यवसायी द्वारा एक लेखा तैयार की जाता है | जिसे हम Trial Balance (तलपट) कहते है।

यदि Trial Balance (तलपट) के Debit और Credit पक्ष का योग समान होता है। तो व्यवसायी द्वारा य़ह मान लिया जाता है, कि रोजनामचा (Journal) से खाताबही (Ledger) में की गयी खतौनी (Posting) ठीक ठाक है।

यदि आप सभी नहीं जानते कि रोजनामचा (Journal) से खाताबही (Ledger) में खतौनी (Posting) कैसे करते हैं। तो ये पोस्ट आप के लिए पढ़ना बहुत जरूरी है। ये जरूर पढ़े :- रोजनामचा (journal) से खाता-बही (Ledger) में खतौनी (Posting) कैसे करे।

साधारण भाषा में हम Trial Balance को समझते है। 

Trial Balance (तलपट) दो शब्दों से मिलकर बना है।

Trial का अर्थ है | जाँच
Balance का अर्थ है | शेष  

अर्थात खाताबही (Ledger) बनाने के पश्चात् प्रत्येक पक्ष के खाताबही (Ledger) का शेष सही है या नहीं इसकी पुष्टि करने के लिए व्यवसायी के द्वारा Trial Balance (तलपट) बनाया जाता है।

तलपट कब बनाया जाता है। 

सामान्यतः Trial Balance (तलपट) वित्तीय वर्ष के अंत में बनाया जाता है | परन्तु कभी-कभी व्यवसायी के द्वारा खाताबही (Ledger) में खोले गए खातों के शेष की जांच करने के लिए यह वित्तीय वर्ष में कभी भी बनाया जा सकता है।

तलपट से व्यवसायी को होने वाले लाभ। 

अब हम देखते हैं, की व्यवसायी के द्वारा तलपट क्यों बनाया जाता है। तथा किसी व्यवसायी को तलपट बनाने से क्या लाभ होते हैं।

1. तलपट तैयार करने से किसी व्यवसायी को य़ह आसानी से ज्ञात हो जाता है, कि उसके द्वारा journal से Ledger मे कि गयी Posting सही है या नहीं।

2. तलपट अंतिम खाते का आधार होता है। अर्थात्‌ तलपट बनाने से व्यवसायी को अन्य खाते जैसे Treading A/c, Profit & Loss A/c और Balance sheet बनाने में सहायता होती है।

3. तलपट के माध्यम से एक व्यवसायी व्यवसाय में होने वाले आय और व्यय को आसानी से ज्ञात कर सकता है।

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तलपट का प्रारूप

यदि आप तलपट की तरह ही खाताबही (Ledger) का प्रारूप देखना चाहते हैं। तो ये पोस्ट जरूर देखे। 

सामान्यतः तलपट मे चार खाने होते हैं।

1. विवरण (Particular) :-

तलपट मे सबसे पहला खाना विवरण का होता है। जब हम रोजनामचा (Journal) से प्रत्येक पक्ष के लिए अलग-अलग खाता (Ledger) खोलते हैं। तो इस प्रत्येक पक्ष के खाते का नाम विवरण मे लिखा जाता है।

2. खाता पृष्ठ संख्या (L.F. No.) :-

तलपट का दूसरा खाना खाता संख्या यानि Ledger folio number का होता है। इस खाने मे वो खाता पृष्ठ संख्या लिखी जाती है। जिस पृष्ठ से खाता लिया होता है।

3. नामे राशि (Debit amount) :-

तलपट का तीसरा खाना नामे राशि (Debit amount) का होता है। यदि किसी पक्ष के खाते (Ledger) का शेष नामे (Debit) है। तो उस शेष को तलपट मे नामे राशि (Debit amount) वाले खाने मे लिखा जायगा।

4. जमा राशि (Credit amount) :-

तलपट का चतुर्थ खाना जमा राशि (Credit amount) का होता है। यदि किसी पक्ष के खाते (Ledger) का शेष जमा (Credit) है। तो उस शेष को तलपट मे जमा राशि (Credit amount) वाले खाने मे लिखा जायगा।

तलपट कैसे बनाया जाता है | 

अभी हमने देखा की तलपट क्या है | अब हमारे सामने प्रश्न आता है, की यह कैसे तैयार किया जाट है | बहुत से व्यक्ति खासकर वो नए छात्र जो एकाउंटिंग लाइन में नए है | ये बात को लेकर कन्फुज़ रहते है, की तलपट में Debit पक्ष में कौन सी मदे आयगी और Credit पक्ष में  कौन सी मदे आयगी | तो अब हम देखते है, की तलपट कैसे तैयार किया जाता है |

तलपट में Debit पक्ष में कौन सी मदे आयगी और Credit पक्ष में  कौन सी मदे आयगी इसे हम एक प्रारूप से समझते है |

ट्रायल बैलेंस से आप क्या समझते हैं समझाइए? - traayal bailens se aap kya samajhate hain samajhaie?
तलपट का प्रारूप


Note :- Trial Balance (तलपट) में Closeing Stock को शामिल नहीं किया जाता है | 

दोस्तों इस पोस्ट में मैने आप को बताया की तलपट क्या है | और यह कैसे तैयार किया जाता है | साथ ही साथ हमने तलपट का प्रारूप भी देखा | तो आप सभी को ये पोस्ट कैसा लगा कृपया आप सभी comment Box में जरूर बताये | और मुझे Follw जरूर करे | ताकि में आप की मदद कर सकू |

इसे भी पढ़े :- Accounting क्या है

इसे भी पढ़े :- Accounted कैसे बने।

ट्रायल बैलेंस से आप क्या समझते हैं समझाइए? - traayal bailens se aap kya samajhate hain samajhaie?

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ट्रायल बैलेंस क्या है समझाइए?

ट्रायल बैलेंस क्या है? ट्रायल बैलेंस, बैंक बैलेंस, कैश बुक आदि जैसे कई लेज़र खातों से निकाले गए क्रेडिट और डेबिट बैलेंस का योग या सूची है। ट्रायल बैलेंस का बुनियादी नियम यह है कि ट्रायल बैलेंस डेबिट और क्रेडिट अकाउंट और लेजर से लिया गया बैलेंस एक समान या बराबर होना चाहिए।

ट्रायल बैलेंस कितने प्रकार के होते हैं?

इस फॉर्मेट के तहत सीरियल नंबर, अकाउंट का नाम, लेजर फोलियो, डेबिट और क्रेडिट की रकम के लिए कॉलम है। 2. लेजर प्रारूप: ट्रायल बैलेंस के इस रूप में डेबिट और क्रेडिट के लिए दो पक्ष हैं। हर साइड में बही-खाते का नाम और राशि कॉलम में बही-खाते की शुद्ध राशि होगी।

तलपट से आप क्या समझते हैं?

तलपट का तात्पर्य एवं महत्व तलपट ऐसी सूची है जिसमें खाताबही के विभिन्न लेखा शीर्षों के क्रेडिट एवं डेबिट शेषों को बताया जाता है। तलपट में लिखित डेबिट एवं क्रेडिट शेषों के योग में समानता, व्यवहार की गणितीय शुद्धता सुनिश्चित करना है। सभी खातों के शेष उपलब्ध हो जाने से वितीय विवरण पत्रक तैयार करने में सहायता होती है।

ट्रायल बैलेंस क्या है और इसकी सीमाएं क्या हैं?

Trial Balance की निम्नलिखित सीमाएं है : तलपट का मिलान बही-खातों की परिशुद्धता का अंतिम प्रमाण नहीं है। यह बहियों पर एक प्रकार का नियंत्रण है... Trial Balance कैसे बनाया जाता है ? Trial Balance के उपयोग क्या है ?