इसे सुनेंरोकेंकिसी वस्तु के ताप में वृद्धि करने पर उसके क्षेत्रफल में होने वाली वृद्धि को क्षेत्रीय प्रसार कहा जाता है। क्षेत्रीय प्रसार गुणांक : एक डिग्री सेल्सियस (1 ०C) तापमान बढ़ाने पर किसी वस्तु के एकांक क्षेत्रफल में होने वाली वृद्धि या प्रसार गुणांक (β) कहा जाता है। Show
क्षेत्रीय प्रसार से क्या तात्पर्य? इसे सुनेंरोकेंक्षेत्रीय प्रसार गुणांक (i) क्षेत्रफल में वृद्धि, पटल के प्रारंभिक क्षेत्रफल के अनुक्रमानुपाती होती है। (ii) पटल के ताप में वृद्धि के अनुक्रमानुपाती होती है। क्षेत्रीय प्रसार गुणांक का मान पटल के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है। क्षेत्रीय प्रसार गुणांक का मात्रक प्रति डिग्री सेल्सियस (°C-1) होता है। जल का असामान्य प्रसार क्या है?इसे सुनेंरोकेंप्रायः सभी द्रव गर्म किए जाने पर आयतन में बढ़ते हैं परन्तु जल 0°C से 4°C तक गर्म करने पर आयतन में घटता है तथा 4°C के पश्चात् बढ़ना प्रारम्भ करता है। इसका अर्थ यह है. कि 4° पर जल का घनत्व सबसे अधिक होता है। पढ़ना: कतर में मजदूर की सैलरी कितनी है? रेखीय प्रसार गुणांक क्या है? इसे सुनेंरोकेंरेखीय प्रसार गुणांक :- एकांक लम्बाई की छड़ के ताप में 1°C ताप वृद्धि के कारण लम्बाई में उत्पन्न वृद्धि को उस छड़ के पदार्थ का रेखीय प्रसार गुणांक (α) कहते हैं। 1 तापीय प्रसार क्या है?इसे सुनेंरोकेंकिसी वस्तु के ताप में परिवर्तन होने पर उसकी विमाओं में अंतर हो जाता है। किसी वस्तु के ताप में वृद्धि होने पर उसकी विमाओं में वृद्धि होने को तापीय प्रसार कहते हैं। पानी के असामान्य व्यवहार से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकें1. अत्यधिक ठण्ड में जल के पाइप कभी-कभी फट जाते हैं-ठण्डे प्रदेशों में जाड़े के दिनों पाइपों में बहने वाले जल का तापमान 40C से नीचे गिर जाने पर जल के आयतन में बढ़ोतरी होती है, किन्तु धातु से निर्मित जल का पाइप सिकुड़ता है। रैखिक विस्तार के गुणांक की इकाई क्या है?इसे सुनेंरोकेंरेखीय प्रसार गुणांक (Coefficient of Linear Expansion): एक डिग्री सेल्सियंस (1 ०C) तापमान बढ़ाने पर किसी वस्तु की एकांक लम्बाई में होने वाली वृद्धि या प्रसार को रेखीय प्रसार गुणांक (α) कहा जाता है। पढ़ना: संचार के परंपरागत माध्यम कौन कौन से हैं? तापीय क्या है? इसे सुनेंरोकेंभू-तापीय ऊर्जा (जिसे जियोथर्मल पॉवर कहते हैं, ग्रीक धातु जियो से आया है, जिसका अर्थ है पृथ्वी और थर्मोस अर्थात ताप) वह ऊर्जा है जिसे पृथ्वी में संग्रहित ताप से निकाला जाता है। यह भू-तापीय ऊर्जा, ग्रह के मूल गठन से, खनिज के रेडियोधर्मी क्षय से और सतह पर अवशोषित सौर ऊर्जा से उत्पन्न होती है। तापीय प्रसार कितने प्रकार के होते हैं?इसे सुनेंरोकें(i) रेखीय प्रसार, (ii) क्षेत्रीय प्रसार, (iii) आयतन प्रसार। (i) रेखीय प्रसार गुणांक- “किसी पदार्थ की एकांक लम्बाई की छड़ का ताप 1∘C बढ़ाने पर उसकी लम्बाई में जो वृद्धि होती है, उसे उस छड़ के पदार्थ का रेखीय प्रसार गुणांक कहते हैं।” इसे α से व्यक्त कहते हैं। इसका मात्रक प्रति ∘C है। UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 11 Thermal Properties of matter ( द्रव्य के तापीय गुण) are part of UP Board Solutions for Class 11 Physics . Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 11 Thermal Properties of matter ( द्रव्य के तापीय गुण) BoardUP BoardTextbookNCERTClassClass 11SubjectPhysicsChapterChapter 11Chapter NameThermal Properties of matterNumber of Questions Solved86UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 11 Thermal Properties of matter ( द्रव्य के तापीय गुण)अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. (a) तापमापियों A तथा B के द्वारा लिए गए पाठ्यांकों के अनुसार सल्फर के सामान्य गलनांक के परमताप क्या हैं? (b) आपके विचार से तापमापियों A तथा B के उत्तरों में थोड़ा अन्तर होने का क्या कारण है? (दोनों तापमापियों में कोई दोष नहीं है)। दो पाठ्यांकों के बीच की विसंगति को कम करने के लिए इस प्रयोग में और क्या प्रावधान आवश्यक हैं? हल- (a) तापमापी A के लिए। (b) दोनों तापमापियों के पाठ्यांकों में अन्तर इसलिए है क्योंकि प्रयोग की गई गैसें आदर्श नहीं हैं। विसंगति को दूर करने के लिए पाठ्यांक कम दाब पर लेने चाहिए जिससे कि गैसें आदर्श गैस की भाँति व्यवहार करें। प्रश्न 6. अतः यदि स्टील का फीता 45°C पर 1 सेमी मापता है तो छड़ की वास्तविक लम्बाई 1.000216 सेमी होगी। परन्तु यहाँ 45°C परं यह 63 सेमी मापता है। अत: स्टील छड़ की वास्तविक लम्बाई = 63 x 1.000216 सेमी = 63.0136 सेमी जिस दिन ताप 27°C होगा उस दिन स्टील फीते पर 1 सेमी चिह्न की वास्तविक लम्बाई 1 सेमी ही होगी चूंकि यह फीता इसी ताप पर अंशांकित किया गया है। अत: 27°C पर छड़ की वास्तविक लम्बाई = 63.0 x 1 सेमी = 63.0 सेमी ही होगी।’ प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. इन गैसों की मापी गई मोलर विशिष्ट ऊष्मा धारिताएँ एक परमाणुक गैसों की मोलर विशिष्ट ऊष्मा धारिताओं से सुस्पष्ट रूप से भिन्न हैं। प्रतीकात्मक रूप में किसी एक परमाणुक गैस की मोलर विशिष्ट ऊष्मा धारिता 2.92 cal/mol K होती है। इस अन्तर का स्पष्टीकरण कीजिए। क्लोरीन के लिए कुछ अधिक मान (शेष की अपेक्षा) होने से आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं? उत्तर- एक परमाणुक गैसों के अणुओं में केवल स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा होती है जबकि द्विपरमाणुक गैसों के अणुओं में स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा के अतिरिक्त घूर्णी गतिज ऊर्जा भी होती है। ऐसा इसलिए सम्भव है क्योंकि द्विपरमाणुक गैसों के अणु अन्तराणविक अक्ष के लम्बवत् दो अक्षों के परितः घूर्णन भी कर सकते हैं। जब किसी गैस को ऊष्मा दी जाती है तो यह ऊष्मा अणुओं की सभी प्रकार की ऊर्जाओं में समान वृद्धियाँ करती है। अब चूँकि द्विपरमाणुक गैसों के अणुओं की ऊर्जा के प्रकार अधिक होते हैं इसीलिए इनकी मोलर विशिष्ट ऊष्मा धारिताएँ भी अधिक होती हैं। क्लोरीन की मोलर विशिष्ट ऊष्मा धारिता की अधिक होना यह प्रदर्शित करता है कि इसके अणु स्थानान्तरीय तथा घूर्णी गतिज ऊर्जा के अतिरिक्त कम्पनिक गतिज ऊर्जा भी रखते हैं। प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. माना ईसे ऊष्मा को प्राप्त करके m द्रव्यमान बर्फ पिघल जाती है। इस प्रक्रिया में बर्फ द्वारा अवशोषित ऊष्मा प्रश्न 20. प्रश्न 21. स्पष्ट कीजिए कि क्यों प्रश्न 22. परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर बहुविकल्पीय प्रश्न प्रश्न 2. केल्विन पैमाने पर पानी का हिमांक होता है। प्रश्न 3. 0°, केल्विन पैमाने का मान होता है। प्रश्न 4. सेल्सियस तथा फारेनहाइट पैमाने में सम्बन्ध है। उत्तर- (i) °C = [latex]\frac { 5 }{ 9 }[/latex](°F – 32) प्रश्न 5. केल्विन पैमाने पर पानी का क्वथनांक होता है। प्रश्न 6. प्रश्न 7. आदर्श गैस के रुद्रोष्म प्रक्रम में ताप T तथा दाब P में सम्बन्थ है उत्तर- (i) [latex s=2]\frac { { T }^{ \gamma } }{ { P }^{ ^{ \gamma }-1 } } [/latex] नियतांक प्रश्न 8. प्रश्न 9. उत्तर- (ii) [latex s=2]\gamma =1+\frac { R }{ { C }_{ \upsilon } } [/latex] प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. उत्तर- (i) द्रव का वास्तविक प्रसार गुणांक = [latex s=2]\frac { { \left( \Delta V \right) }_{ r } }{ V\times \Delta \theta } [/latex] प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17.विशिष्ट ऊष्मा का SI मात्रक होता है। प्रश्न 18. उत्तर- (ii) मोलर विशिष्ट ऊष्मा [latex s=2]\frac { 1 }{ \mu } .\frac { \Delta Q }{ \Delta T } [/latex] प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. अतिलघु उत्तरीय प्रश्न : प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. मानव शरीर का सामान्य ताप क्या होता है? प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. किसी पदार्थ का रेखीय प्रसार गुणांक, लम्बाई में उस वृद्धि के बराबर होता है, जब उसकी एकांक लम्बाई का ताप 1°C बढ़ाते हैं। यह छड़ के पदार्थ पर भी निर्भर करता है। यदि विभिन्न पदार्थों की समान छड़ों को समान ताप तक गर्म किया जाये तो उनकी लम्बाई में वृद्धि भिन्न-भिन्न होती है। उपर्युक्त सूत्र (2) से रेखीय प्रसार गुणांक का मात्रक = अत: रेखीय प्रसार गुणांक का मात्रक प्रति डिग्री सेल्सियस होता है। प्रश्न 2. जल का असंगत प्रसार–प्राय: सभी द्रवों का आयतन ताप बढ़ने से बढ़ता है परन्तु जब जल को 0°C से 4°C तक गर्म किया जाता है, तो उसका आयतन (बढ़ने की बजाय घटता है तथा 4°C के पश्चात् फिर जल का आयतन बढ़ने लगता है [चित्र 11.1 (a)]। 4C पर जल का आयतन (UPBoardSolutions.com) न्यूनतम होता है; अतः 4°C पर जल का घनत्व अधिकतम होता है। जल के अधिकतम घनत्व का मान 1.0000 x 103 किग्रा/मीटर3 है। जल के घनत्व तथा ताप का ग्राफ चित्र 11.1(b) में प्रदर्शित है। स्पष्टत: 0°C से 4°C तक जल का प्रसार असामान्य होता है, परन्तु 4°C से ऊपर के तापों पर इसका प्रसार सामान्य होता है। प्रश्न 3. प्रश्न 4. अत: किसी द्रव को वास्तविक प्रसार गुणांक उस द्रव के आभासी-प्रसार गुणांक तथा बर्तन के पदार्थ के आयतन प्रसार गुणांक के योग के बराबर होता है। प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. विस्तृत उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. अत: किसी पदार्थ के पटल (lamina) के एकांक क्षेत्रफल का ताप 1°c बढ़ाने पर उसके क्षेत्रफल में जो वृद्धि होती है उसे उसे पदार्थ का क्षेत्रीय प्रसार गुणांक कहते हैं। क्षेत्रीय प्रसार गुणांक (β) का मात्रक भी प्रति °c होता है। आयतन प्रसार गुणांक- प्रयोगों द्वारा पाया गया कि किसी ठोस के आयतन में वृद्धि (i) उसके (UPBoardSolutions.com) प्रारम्भिक आयतन v के तथा (ii) ताप में वृद्धि ∆t के अनुक्रमानुपाती होती है अर्थात् यदि किसी वस्तु का प्रारम्भिक आयतन V हो तथा उसके ताप में ∆T वृद्धि करने पर उसके आयतन में ∆V की वृद्धि हो, तो उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर अतः किसी वस्तु का आयतन प्रसार गुणांक उसके आयतन में वृद्धि के बराबर होता है जब उसके एकांक आयतन का ताप 1°C बढ़ाया जाता है। आयतन प्रसार गुणांक को मात्रक प्रति डिग्री सेल्सियस होता है। रेखीय, क्षेत्रीय और आयतन प्रसार गुणांक में सम्बन्ध हम जानते हैं कि β = 2α , γ = 3α अतः α : β : γ = α : 2 α : 3 α α : β : γ = 1 : 2 : 3 प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. स्थिर दाब पर ग्राम-अणुक विशिष्ट ऊष्मा(Cp) – स्थिर दाब पर, किसी गैस के 1 ग्राम-अणु द्रव्यमान का ताप 1°C बढ़ाने के। लिए जितनी ऊष्मा की आवश्यकता होती है, उसे स्थिर दाब पर गैस की ग्राम-अणुक विशिष्ट ऊष्मा (Cp) कहते हैं। Cp = MCp (जहाँ, M = अणुभार) स्थिर आयतन पर ग्राम-अणुळे विशिष्ट ऊष्मा (Cυ)-स्थिर आयतन पर किसी गैस के 1 ग्राम-अणु द्रव्यमान का ताप 1°C बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को उस गैस की स्थिर आयतन पर ग्राम-अणुक विशिष्ट ऊष्मा (Cυ) कहते हैं। Cυ = MCυ (जहाँ M = अणुभार) मेयर के सूत्र Cp – Cυ = R की व्युत्पत्ति-माना आदर्श गैस के 1 ग्राम-अणु या एक मोल का दाब, ताप व आयतन क्रमश: P, T व V हैं। गैस की यह अवस्था ताप T पर खींचे गए एक समतापीय वक्र के बिन्दु A से प्रदर्शित है। माना गैस का आयतन स्थिर रखते हुए उसका ताप AT बढ़ाया गया, जिसके कारण यह अवस्था A से C में चली जाती है। ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से प्रक्रम A →C में गैस की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन Uc -UA = ΔU = Q – W जहाँ Q गैस द्वारा ली गई ऊष्मा तथा W गैस द्वारा कृत-कार्य है। चूंकि इस प्रक्रम में आयतन नियत है। (ΔV = 0), अतः W = P X ΔV = 0 तथा Q = Cυ ΔT इसलिए Uc – UA = Cυ ΔT …(1) माना गैस को पुनः अवस्था A में वापस लाया जाता है फिर नियत दाब पर इसका ताप T से T + ΔT कर दिया जाता है, जिससे कि गैस अवस्था A से B में चली जाती है। अत: A → B में आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन UB – UA = ΔU = Q – W चूँकि इस प्रक्रम में आयतन में परिवर्तन ΔV होता है। अतः इस प्रक्रम में किया गया कार्य W = PΔV तथा Q = CpΔt UB – UA = CpΔT – PΔV ..(2) प्रक्रम A → B के लिए प्रारम्भिक अवस्था A में गैस का आयतन V व परमताप T है तथा अन्तिम अवस्था B में गैस का आयतन (V + ΔV) तथा परमताप (T + ΔT) हो जाता है, जबकि दाब P नियत रहता है। अत: अवस्था A व B के लिए आदर्श गैस समीकरण से PV = RT (अवस्था A के लिए) …(3) P(V + ΔV) = R(T + ΔT) (अवस्था B के लिए) ..(4) समी० (4) में से समी० (3) को घटाने पर, PΔV = RΔT …(5) समी० (5) तथा समी० (2) से, UB – UA = CpΔT – RΔT …(6) चूंकि प्रक्रम A → B तथा A →C में गैस के ताप में परिवर्तन ΔT होता है तथा आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल ताप पर निर्भर करती है। अत: इन दोनों प्रक्रमों में आन्तरिक ऊर्जा में समान परिवर्तन होगा। अर्थात् । UC -UA = UB – UA समी० (1) व समी० (6) से, CυΔT = CpΔT – RΔT दोनों पक्षों में ΔT से भाग देने पर प्रश्न 5. रुद्वोष्म वक्र परन्तु यदि गैस का अवस्था A से रुद्धोष्म प्रसार करें (जिससे कि यह बाहर से ऊष्मा नहीं ले सकती) तो दाब के साथ-साथ इसका ताप भी गिर जायेगा। माना कि गैस के अन्तिम आयतन व ताप क्रमशः P2, V2, व T2, हो जाते हैं। गैस की यह अवस्था बिन्दु B द्वारा प्रदर्शित होगी जो कि ताप T2, वाले । समतापी वक्र पर स्थित है। चूंकि गैस की अवस्था A से अवस्था B तक रुद्धोष्म प्रसार हुआ है, अत: बिन्दु A व B को मिलाने वाला वक्र AB रुद्धोष्म वक्र होगा। यदि हम गैस के दाब को स्थिर रखते हुए उसे गर्म करें तो गैस का प्रसार चार्ल्स के नियम के अनुसार होगा। इस दशा में गैस का दाब-आयतन वक्र (P-V curve) एक सरल रेखा के रूप में होगा। इसे ‘समदाबी रेखा’ कहते हैं तथा यह आयतन-कक्ष के समान्तर होती है। (चित्र 11.5)। दूसरे शब्दों में, समदाबी रेखा का आयतन-अक्ष से ढलान (slope) शून्य है। समतापी तथा रुद्धोष्म वक्रों की तुलना से यह स्पष्ट है कि रुद्धोष्म वक्र का ढलान समतापी वक्र के ढलान से अधिक है। इसका कारण यह है कि गैस के समतापी तथा रुद्धोष्म दोनों प्रसारों में गैस का दाब गिरता है, परन्तु गैस के दाब में होने वाली. उतनी ही गिरावट के लिए, गैस के आयतन में रुद्धोष्म प्रसार के समय होने वाली वृद्धि, समतापी प्रसार के समय होने वाली वृद्धि की अपेक्षा कम होती है क्योंकि रुद्धोष्म प्रसार में गैस का ताप भी गिर जाता है। γ का मान सदैव 1 से अधिक होता है, एक-परमाणुक गैस के लिए 1.67, द्वि-परमाणुक गैस के लिए 1.41. तथा बहुपरमाणुक गैस के लिए 1.33. अत: किसी बिन्दु पर रुद्धोष्म वक्र ढलान उस बिन्दु पर समतापी वक्र के ढलान से अधिक होता है। किसी रुद्धोष्म प्रक्रम में γ का मान जितना अधिक होगा, रुद्धोष्म वक्र का ढलान उतना ही अधिक होगा। द्वि-परमाणुक गैस की अपेक्षा, एक-परमाणुक गैस के रुद्धोष्म वक्र का ढलान अधिक होता है। ढलान अधिक होने के कारण (i) गैस के प्रसार में रुद्धोष्म वक्र समतापी वक्र के नीचे होगा [चित्र 11.6 (a)]। (ii) गैस के संकुचन में रुद्धोष्म वक्र समतापी वक्र से ऊपर होगा [चित्र 11.6 (b)]] प्रश्न 6. प्रश्न 7. यदि बाह्य परिवेश में ऊष्मा का ह्रास होता है, तब ली गई ऊष्मा कम होगी। अत: विशिष्ट ऊष्मा c कम होगी। प्रश्न 8. We hope the UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 11 Thermal Properties of matter help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 11 Physics Chapter 11 Thermal Properties of matter, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. तापीय प्रसार कितने प्रकार के होते हैं?अनुक्रम. 1.1 ठोसों का तापीय प्रसार. 1.2 द्रवों का तापीय प्रसार. 1.3 गैसों का तापीय प्रसार. तापीय प्रसार क्या है?ऊष्मीय प्रसार (Thermal Expansion)
जब किसी पदार्थ को गर्म किया जाता है तो वह गर्मी पाकर फैलने लगता है और उसके आकार में वृद्धि हो जाती है, क्योंकि ताप बढ़ने पर पदार्थ के अणुओं (अथवा परमाणुओं) के बीच कि साम्य कि दूरी बढ़ जाती है जिससे पदार्थ फैल जाता है । गर्मी पाकर वस्तुओं का फैलना ही ऊष्मीय प्रसार कहलाता है ।
ताप बढ़ाने पर आयतन पर क्या प्रभाव पड़ता है?किसी द्रव के ताप में वृद्धि करने पर
इसलिए द्रव का आयतन बढ़ता है। अतः द्रव का घनत्व घटता है।
प्रसार कितने प्रकार के होते हैं?इसे पदार्थ का ऊष्मीय प्रसार कहते हैं।" <br> ठोसों में निम्नलिखित तीन प्रकार के ऊष्मीय प्रसार होते हैं- <br> (i) रेखीय प्रसार, (ii) क्षेत्रीय प्रसार, (iii) आयतन प्रसार।
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