इसे सुनेंरोकेंश्रीपादकृष्णमूर्तिशास्त्री — ने वेदों का पूर्ण अध्ययन किया। शताधिक तेलुगु ग्रंथों की रचना की। उनकी महाभारत की रचना तेलुगु साहित्य में विशेष उल्लेखनीय है। Show
हमें बताया क्यों नहीं गया पुस्तक के लेखक कौन हैं?इसे सुनेंरोकेंरुडयार्ड किपलिंग (30 दिसम्बर 1865 – 18 जनवरी 1936) एक ब्रिटिश लेखक और कवि थे। 19 वीं शताब्दी के अंत में और 20 वीं सदी में किपलिंग अंग्रेजी के गद्य और पद्य दोनों में अति लोकप्रिय लेखकों में से एक थे। … दीन कविता के लेखक कौन है? पढ़ना: सैमसंग का परमाणु मॉडल क्या है? प्रायश्चित किसकी रचना है?इसे सुनेंरोकेंअगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी, तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी, तो कबरी बिल्ली से. इतिहास किसकी कृति है?इसे सुनेंरोकेंहिन्दी साहित्य के अब तक लिखे गए इतिहासों में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा लिखे गए हिन्दी साहित्य का इतिहास को सबसे प्रामाणिक तथा व्यवस्थित इतिहास माना जाता है। हिंदी कथा साहित्य के संपादक कौन हैं? इसे सुनेंरोकेंप्रेमचंद (३१ जुलाई, १८८० – ८ अक्तूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव वाले प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। अरदकुंड के लेखक कौन है?इसे सुनेंरोकेंरिटर द्वारा रचित अर्डकुण्डे (Erdkunde) नामक ग्रन्थ में किस भूगोल का उल्लेख है? – PassingMarks. कहानी अंतिम के रचनाकार कौन है?इसे सुनेंरोकेंरबीन्द्रनाथ टैगोर की कहानियाँ हिन्दी में पढ़ना: 1903 में यातायात के लिए खोली गई कालका शिमला रेलवे लाइन पर कितने मंदिर हैं? सरोज स्मृति किसकी रचना है? सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ निराला की अंतिम कविता कौन है?इसे सुनेंरोकें2. निराला का प्रथम काव्य-संग्रह ‘अनामिका’ (1923 ई.) एवं अंतिम काव्य-संग्रह ‘सांध्यकाकली’ (1969 ई.) चोरी और प्रायश्चित किसकी रचना है?इसे सुनेंरोकेंचोरी और प्रायश्चित / सत्य के प्रयोग / महात्मा गांधी प्रायश्चित कहानी की प्रमुख पात्र कौन हैं? इसे सुनेंरोकेंकहानी में पात्रों की संख्या कम है। मुख्य पात्र रामू की बहू, कबरी बिल्ली, पण्डित परमसुख और रामू की माँ हैं। अन्य सभी पात्र–मिसरानी, छन्नू की दादी, महरी, किसनू की माँ आदि गौण पात्र हैं, जो केवल कथावस्तु को विस्तार देने के उद्देश्य से ही प्रयुक्त किये गये हैं। इसे सुनेंरोकेंतेलुगु का लिपिबद्ध साहित्य ई॰ सन् 11वीं शताब्दी के आरंभ से पाया जाता है। तेलुगु के आदिकवि नन्नय भट्ट ने संस्कृत महाभारत का अनुवाद तेलुगु पद्य में किया। यह अनुवाद होते हुए भी स्वतंत्र कृति के रूप में दिखाई देता है। शैली संस्कृतशब्दबहुला तथा कोमल है। पढ़ना: पसलियों के नीचे दर्द क्यों होता है? तेलुगु की प्रसिद्ध साहित्यिक विधा कौन सी है?इसे सुनेंरोकें1200-1240) को तेलुगु में नई साहित्यिक विधाओं जैसे गदिया, रगड़ा, सटका और उधराणा को विकसित करने में ट्रेलब्लेज़र माना जाता था। लोकप्रिय तेलुगु साहित्यिक रूप को प्रबन्ध के रूप में संदर्भित किया गया है, जैसा कि ऊपर कहा गया है, श्रीनाथ (1365-1441) द्वारा एक सर्व-स्वीकृत रूप और जीवन दिया गया था। तेलुगु भाषा और साहित्यतेलुगु दक्षिण भारत में आन्ध्रप्रदेश की एक भाषा है, तथा इसा भाषा में लिखे गये साहित्य को तेलुगु साहित्य कहते हैं। यह आधुनिक भारतीय भाषाओं में एक प्रमुख भाषा है, जो हिन्दी के बाद सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाती है। इसकी लिपि अलग है तथा इसकी समुन्नत सांस्कृतिक और साहित्यिक परम्परा है। इस भाषा को तेनुगु तथा आन्ध्र के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्राचीन भाषा है। तेलुगु साहित्य के इतिहास के रचयिता कौन हैं?“तेलुगु साहित्य का इतिहास” ठाकुर प्रसाद सिंह की कृति है। इस पुस्तक का पहला संस्करण 1964 में आया था।
तेलुगु की प्रसिद्ध साहित्यिक विधा कौन सी है?1200-1240) को तेलुगु में नई साहित्यिक विधाओं जैसे गदिया, रगड़ा, सटका और उधराणा को विकसित करने में ट्रेलब्लेज़र माना जाता था। लोकप्रिय तेलुगु साहित्यिक रूप को प्रबन्ध के रूप में संदर्भित किया गया है, जैसा कि ऊपर कहा गया है, श्रीनाथ (1365-1441) द्वारा एक सर्व-स्वीकृत रूप और जीवन दिया गया था।
तेलुगु साहित्य के आधुनिक काल के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं समाज सुधारक कौन थे?कंदुकूरि वीरेशलिंगम् (16 अप्रैल 1848 - 27 मई 1919) तेलुगु साहित्य के आधुनिक काल के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं समाज सुधारक थे। उन्हें 'गद्य ब्रह्मा' के नाम से ख्याति मिली।
तेलुगु साहित्य में कितनी रामायण की रचना हुई है?परमार भोज ने भी चंपु रामायण की रचना की थी। राम कथा अन्य अनेक भारतीय भाषाओं में भी लिखी गयीं। हिन्दी में कम से कम 11, मराठी में 8, बाङ्ला में 25, तमिल में 12, तेलुगु में 12 तथा उड़िया में 6 रामायणें मिलती हैं। हिंदी में लिखित गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरित मानस ने उत्तर भारत में विशेष स्थान पाया।
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