शरीर के अंदर की सफाई कैसे करें? - shareer ke andar kee saphaee kaise karen?

साफ-सुथरा रहना और हल्का महसूस करना कौन नहीं चाहता, खासकर इस पागलपन के बीच जब कई लोगों के लिए उम्मीद की किरण धुंधली हो गई है। खुद को डिटॉक्स करना और खुद को सकारात्मक रखना, कहीं न कहीं कई लोगों के लिए एक लक्ष्य है, चाहे वे इसे जोर से स्वीकार करें या नहीं। लेकिन स्वस्थ मन और संतुलित शरीर को कैसे पाया जा सकता है? अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो हम आपके लिए 10 सुझाव लेकर आए हैं जो शरीर के अंदर की गंदगी को साफ करने में आपकी मदद करेंगे।  

1मेडिटेशन और स्‍टीम बाथ

Meditation at home

रोजाना कुछ देर मेडिटेशन करके अपने मन, शरीर और आत्मा को आराम दें। हर हफ्ते स्टीम बाथ लेने की कोशिश करें। यह आपके नासिका मार्ग को भी साफ करता है और आपके शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। 

2एक्‍सफोलिएशन

Exfoliation

चीनी और नारियल के तेल से स्क्रब करने के अलावा, यह महत्वपूर्ण है कि आप ड्राई ब्रशिंग भी करें। यह आपके शरीर के ब्‍लड सर्कुलेशन में सुधार करने में मदद करता है और डेड स्किन सेल्‍स से भी छुटकारा दिलाता है। आपको ऐसा ड्राई और नेचुरल फाइबर ब्रश से करना चाहिए।

3ऑयल क्‍लींजिंग

oil cleansing

ऑयल क्‍लींजिंग पर स्विच करें। यह साबुन के इस्तेमाल से कहीं बेहतर है। जब आप तेल-आधारित क्लीन्ज़र का इस्‍तेमाल करती हैं, तो वे गंदगी और डेड स्किन सेल्‍स को फंसाते हैं, इसलिए जब आप रिंस करती हैं, तो आपकी त्वचा को हाइड्रेशन की बहुत आवश्यकता होती है, ऑयल बैरियर बना रहता है।

4भरपूर नींद लें

good sleep

इन दिनों जो लोग लैपटॉप, फोन या किसी भी स्क्रीन पर बैठते हैं, वे अच्छी तरह से जानते हैं कि नींद की कमी क्या होती है। अगर हमारे शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिलता है तो यह हमें एक नकारात्मक व्यक्ति बनने के साथ-साथ हर समय चिढ़चिढ़ा भी बना देता है। भरपूर नींद लेने से हमारा शरीर अगले दिन के लिए फिर से एक्टिव हो जाता है।

5वर्कआउट करें

women exercise

पूरे दिन एक ही जगह पर न रहें। आपको समय-समय पर हिलना-डुलना चाहिए, टहलने जाएं, थोड़ा सा वर्कआउट करें, यह न केवल आपके वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है, बल्कि ब्‍लड सर्कुलेशन को भी ठीक रखता है, तनाव से राहत देता है और आपको एक्टिव रखता है।

6आर्गेनिक फूड्स

inside

शरीर के अंदर की गंदगी को साफ करने के लिए अपने पूर्वजों की तरह कीटनाशक फ्री भोजन करने की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है कि हमारा शरीर केमिकल युक्त और इंजेक्शन वाले भोजन को न निगले। इसलिए आर्गेनिक फूड्स पर स्विच करने का प्रयास करें। 

7ग्रीन टी/हर्बल टी

herbal tea

तनाव को कम करके आप शरीर को डिटॉक्‍स कर सकती हैं। ग्रीन टी और हर्बल टी आपके शरीर के लिए अद्भुत हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जब आप इनका सेवन करती हैं तो कई कैलोरी कम कर देते हैं और तनाव को कम करने में भी मदद करते हैं।

8पानी का सेवन

drinking water

पानी पीना जरूरी है क्योंकि यह शरीर को ठीक से काम करता है, विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाता है, आपकी स्किन को ग्‍लोइंग रहता है और इससे आपका डाइजेशन ठीक रहता है।

9चीनी का सेवन

say no to sugar

चीनी बहुत फैट युक्त और अस्वास्थ्यकर होती है। यदि आप बहुत अधिक चीनी का सेवन करती हैं तो आपको पता होना चाहिए कि यह अधिक इंसुलिन का उत्पादन करता है और आपके पैन्क्रियाज पर प्रेशर डालता है। हो सके तो इसे पूरी तरह से छोड़ने की कोशिश करें।

10स्मूदी

smoothie

अगर आपको कच्ची सब्जियां और फल पूरी तरह से पसंद नहीं हैं, तो उन्हें एक जार में डालकर स्मूदी बना लें। दिन में एक बार इसका सेवन करें और आप डिटॉक्स, हाइड्रेटेड और अपने बारे में अच्छा महसूस करेंगी। 

भोपाल। मनुष्य का शरीर एक मशीन की तरह काम करता है इसलिए शरीर के सभी भागो की सफाई करनी चाहिए। शरीर के ऊपरी सफाई तो हर कोई बड़ी आसानी से कर लेता है, किंतु अंदर की सफाई पर ज्यादा लोग ध्यान नहीं देते है। इसका परिणाम शरीर के स्वास्थ्य पर पड़ता है इसलिए शरीर के अंदर की सफाई करना बहुत जरुरी होता है। हम जो खाना खाते हैं वह जब मलाशय से नहीं निकल पाता, तो कोलोन में ही जमा हो जाता है। यदि आपका पेट ठीक प्रका से साफ नहीं होता तो, आपको कोलोन इंफेक्शन होने का भी खतरा हो सकता है। यह वेस्‍ट मटीरियल यदि लंबे समय तक पेट में पड़ा रहे तो टॉक्‍सिक हो सकता है और आपकी हेल्‍थ को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इन टॉक्‍सिक पदार्थों को बाहर निकालना बहुत जरूरी है।

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जैन एवं हिन्दू शास्त्रों, आयुर्वेद और योग सभी यह मानते हैं कि सभी रोगों की जड़ है शरीर में जमी गंदगी। आप स्नान करके शरीर के बाहर की जमी गंदगी को तो साफ कर लेते हैं लेकिन शरीर के भीतर की गंदगी कैसे साफ होगी? आओ जानते हैं कि शरीर में जमी गंदगी भारतीय शास्त्रों के अनुसार बाहर कैसे निकाले।

विशेष- त्रिफला शरीर की गन्दगी निकालती है। 40 दिन तक त्रिफला रोज एक चम्मच खाली पेट लें और कमाल देखें।

कुछ जरूरी जानकारी- शरीर में सर्वप्रथम गंदगी तीन जगह पर जमती है। पहला आहार नाल में और दूसरा पेट में और तीसरा आंतों में। इन तीनों जगह यदि गंदगी ज्यादा समय तक बनी रही तो यह फैलेगी। तब यह किडनी में, फेंफड़ों में और हृदय के आसपास भी जमने लगेगी। अंत में यह खून को गंदा कर देगी। अत: इस गंदगी को साफ करना जरूरी है।

हम जो खाते हैं उसी से गंदगी पैदा होती है। हम क्या खा रहे हैं इस पर ध्यान देने की जरूरत है। हम दो तरह के खाद्य पदार्थ खाते हैं पहला वह जो हमें सीधे प्रकृति से प्राप्त होता है और दूसरा वह जिसे मानव ने निर्मित किया है। प्रकृति से प्राप्त फल और सब्जियां हैं। फल को पचने में 3 घंटे लगते हैं। सब्जियों को पचने में 6 घंटे लगते हैं।

उपरोक्त दोनों के अलावा मानव द्वारा पैदा किया गया, बनाया या उत्पादित किए गए खाद्य पदार्थों में आते हैं- अनाज, दाल, चना, चावल, दूध, मैदा, सोयाबीन आदि और इन्हीं से बने अन्य खाद्य पदार्थ। जैसे ब्रेड, सेंडविच, चीज, बर्गर, चीप्स, पापड़, आदि। इन सभी पदार्थों को पचने में 18 घंटे लगते हैं। अब आप सोचिए कि आपको क्या ज्यादा खाना चाहिए।

त्याज्य पदार्थ- चाय, कॉफी, दूध, कोल्ड्रिंक, मैदा, बेसन, बैंगन, समोसे, कचोरी, पोहे, पिज्जा, बर्गर आदि।

उपवास करें 16 घंटे का। जैसे यदि आप रात को आठ बजे भोजन करते हैं तो फिर अगले दिन सुबह 12 बजे ही भोजन करें। इस बीच आपको कुछ भी नहीं खाना या पीना है। सुबह पानी, नारियल पानी या सब्जी का ज्यूस पी सकते हैं। ऐसा करने लगेंगे तो शरीर स्थित नया-पुराना भोजन पूर्णत: पचकर बाहर निकलने लगेगा।

हमारे शास्त्रों में उपावस का बहुत महत्व है। चातुर्मास में उपवास ही किए जाते है। हिन्दू धर्म में संपूर्ण वर्ष में कई प्रकार के उपवास आते हैं, जैसे वार के उपवास, माह में दूज, चतुर्थी, एकादशी, प्रदोष, अमावस्या या पूर्णिमा के उपवास। वर्ष में नवरात्रि, श्रावण माह या चातुर्मास के उपवास आदि। लेकिन अधिकतर लोग तो खूब फरियाली खाकर उपवास करते हैं। यह उपावास या व्रत नहीं है। उपवास में कुछ भी खाया नहीं जाता।

धौति कर्म- महीन कपड़े की चार अंगुल चौड़ी और सोलह हाथ लंबी पट्टी तैयार कर उसे गरम पानी में उबाल कर धीरे-धीरे खाना चाहिए। खाते-खाते जब पंद्रह हाथ कपड़ा कण्ठ मार्ग से पेट में चला जाए, मात्र एक हाथ बाहर रहे, तब पेट को थोड़ा चलाकर, पुनः धीरे-धीरे उसे पेट से निकाल देना चाहिए। इससे आहार नाल और पेट में जमा गंदगी, कफ आदि बाहर निकल जाते हैं।

हिदायत- इस क्रिया को किसी योग्य योग शिक्षक से सीख कर ही करें। मन से ना करें। कुछ लोग नींबू और सैंधा नमक मिला पानी पीकर बाधी क्रिया अर्थात वमन क्रिया करके भी शरीर की गंदगी बाहार निकालते हैं।

बस्ती- योगानुसार बस्ती करने के लिए पहले गणेशक्रिया का अभ्यास करना आवश्यक है। गणेशक्रिया में अपना मध्यम अंगुली में तेल चुपड़कर उसे गुदा- मार्ग में डालकर बार-बार घुमाते हैं। इससे गुदा-मार्ग की गंदगी दूर हो जाती है और गुदा संकोचन और प्रसार का भी अभ्यास हो जाता है।

जब यह अभ्यास हो जाए, तब किसी होद या टब में कमर तक पानी में खड़े होकर घुटने को थोड़ा आगे की ओर मोड़कर दोनों हाथों को घुटनों पर दृढ़ता से रखकर फिर गुदा मार्ग से पानी ऊपर की ओर खींचे। आंत और पेट में जब पानी भर जाए तब पेट को थोड़ा इधर-उधर घुमाकर, पुनः गुदा मार्ग से पूरा पानी निकाल दें।

शंख प्रशालन- कुछ लोग इसकी जगह शंख प्रशालन करते हैं। प्रातःकाल नित्यक्रिया से निवृत्त हो गुनगुना पानी दो-तीन या चार गिलास पीने के बाद वक्रासन, सर्पासन, कटिचक्रासन, विपरीतकरणी, उड्डियान एवं नौली का अभ्यास करें। इससे अपने आप शौच का वेग आता है। शौच से आने पर पुनः उसी प्रकार पानी पीकर उक्त आसनादिकों का अभ्यास कर शौच को जाएं। इस प्रकार बार-बार पानी पीना, आसनादि करना तथा शौच को जाना सात-आठ बार हो जाने पर अंत में जैसा पानी पीते हैं, वैसा ही पानी जब स्वच्छ रूप से शौच में निकलता है, तब पेट पूरा का पूरा धुलकर साफ हो जाता है। इसके बाद कुछ विश्राम कर ढीली खिचड़ी, घी, हल्का-सा खाकर पूरा दिन लेटकर आराम किया जाता है। दूसरे दिन से सभी काम पूर्ववत करते रहें। इस क्रिया को दो-तीन महीने में एक बार करने की आवश्यकता होती है।

हिदायत- यह क्रिया किसी जानकार व्यक्ति के निर्देशन में ही करना चाहिए। इसके अभ्यास से आंतों में जमा गंदगी दूर होती है। विशेष लाभ यह है कि लिंग-गुदा आदि के सभी रोग सर्वथा समाप्त हो जाते हैं। कई लोग इसकी जगह एनिमा लेकर काम चला लेते हैं।

गीली पट्टियां लगाना- इसे जल पट्टी कहते हैं। पेट पर, गले में और सिर पर सूती पट्टी को ठन्डे पानी में भिगोकर, निचोड़कर लपेटना। इससे रक्त का संचार ठीक तरह से चलता है जिसके चलते रक्त में जमा गंदगी बाहर हो जाती है। आयुर्वेद में तो सूत की गीली पट्टियों में मिट्टी लपेटकर उसे पेट में लपेटा जाता है जिससे पेट की गर्मी छंटती है और साथ ही कब्ज, पेचिस, अजीर्ण, गैस, कोलायिटिस, पेट की नयी-पुरानी सूजन, अनिद्रा, बुखार जैसे रोग भी दूर होते हैं। इससे पेट की चर्बी भी घटती है। यह स्त्रियों के गुप्त रोगों की रामबाण चिकित्सा है।

हितायत- पट्टी कैसे लपेटना, कितनी गीली और ठंडी होना चाहिए, किस मौसम में नहीं लपेटना चाहिए, यह सभी किसी जानकार से पूछकर ही करें।

नोट- उपरोक्त नियमों में से यदि पहला नियम नहीं मानते हैं तो बाकी नियमों का कोई मतलब नहीं। यह भी जरूरी है कि आप बाकी नियम छोड़ दें बस पहला ही नियम मान लें तो भी शरीर की गंदगी बाहर निकलना प्रारंभ हो जाएगी। बाकी नियमों का पालन करने के लिए आपको किसी योग्य योग शिक्षक से सलाह लेना चाहिए।

शरीर के अंदर से गंदगी कैसे निकाले?

खोसला के मुताबिक इसके पांच सबसे अच्छे तरीके हैं:.
खान-पान में सब्जियां, फल, मेवे और बीज (अलसी, सूरजमुखी आदि).
तरल पदार्थो का सेवन करें.
चीनी, प्रोसेस्ड और तली हुई चीजें कम खाएं.
शराब कम पिएं.
सिगरेट से दूरी बनाएं.

शरीर को शुद्ध कैसे करें?

सबसे पहले तो टॉक्सिन का सेवन कम करें। अल्कोहल, कॉफी, सिगरेट, रिफाइंड शूगर और सैचुरेटेड फैट, ये सब शरीर में टॉक्सिन का कार्य करते हैं और शरीर की कार्यप्रणाली में बाधा डालते हैं। एक अच्छी डिटॉक्स डाइट में 60 प्रतिशत तरल और 40 प्रतिशत ठोस खाद्य पदार्थ होना चाहिए। डिटॉक्सीफिकेशन का पहला नियम है अपने शरीर को हाइड्रेड रखें।

पूरा शरीर कैसे साफ करें?

ड्राई वॉश ड्राई वॉश यानि कि शरीर को बॉडी ब्रश की मदद से क्लीन करना। ... .
बॉडी स्क्रब आप होममेड बॉडी स्क्रब से नियमित शरीर की सफाई कर सकती हैं। ... .
डिटॉक्स वॉटर बाथ ... .
बाथ स्टीम ... .
बॉडी मॉइश्चराइजर.

शरीर को डिटॉक्स करने के लिए क्या खाएं?

अधिक पानी का सेवन इसलिए शरीर को डिटॉक्‍स करने के लिए पानी में नींबू का रस या खीरा मिलाकर पीने से फायदा मिल सकता है.