श्री गणेश की मूर्ति कैसे बनाते हैं? - shree ganesh kee moorti kaise banaate hain?

गणेशोत्सव पर हम सभी अपने घर में श्री गणेश की स्थापना करेंगे। आप भी श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित करने जा रहे हैं तो यह 7 बातें आपके काम की है।


1.
बाईं
तरफ सूंड :
आप जिस मूर्ति को घर में स्‍थापित करें, उसकी सूंड बाईं ओर होनी चाहिए, जो उनकी मां गौरी के प्रति उनका प्‍यार दर्शाती है। कई लोग मां गौरी और भगवान गणेश को एक साथ पूजते हैं। इसलिए घर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति की सूंड की दिशा की ओर अवश्य ध्‍यान दें।

2. पीठ न दिखें : भगवान गणेश की मूर्ति घर में इस प्रकार स्‍थापित करनी चाहिए कि उनकी पीठ घर के किसी भी कमरे की ओर न हों। श्री गणेश की पीठ के पीछे दरिद्रता का निवास होता है। अत: इस बात का ध्यान रखें कि घर में रखी कोई भी गणेश की प्रतिमा की पीठ घर के बाहर ही की तरफ ही रहे और वहां आपका कोई भी कमरा ना हो।

3. दक्षिण दिशा वर्जित :
भगवान गणेश की मूर्ति को घर में कभी भी दक्षिण की ओर दिशा करके न स्‍थापित करें। भगवान को पूर्व या पश्चिम की ओर स्‍थापित करने की कोशिश करें। यहां तक कि आपका पूजा का कमरा भी दक्षिण की ओर दिशा में नहीं होना चाहिए।

4. टॉयलेट : भगवान गणेश को कभी भी उस दीवार पर स्‍थापित न करें जो टॉयलेट की दीवार से जुड़ी हुई हों।

5. चांदी के गणेश : कई परिवार घरों में चांदी के भगवान गणेश स्‍थापित करते हैं। अगर आपके भगवान गणेश चांदी के हैं, तो इसे उत्‍तर पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में स्‍थापित करें।

6. उत्‍तर- पूर्व : आपके घर में जो उत्‍तरपूर्व कोना हों, उसमें भगवान गणेश की मूर्ति स्‍थापित करना सबसे शुभ होता है। अगर आपके घर में इस दिशा का कोना न हों तो परेशान न हों, पूर्व या पश्चिम दिशा में ही स्‍थापित कर लें।

7. सीढ़ियों के नीचे : अगर आप ड्यूप्‍लेक्‍स या बंगले में रहते हैं तो कभी भी सीढ़ियों के नीचे भगवान की मूर्ति को स्‍थापित न करें, क्‍योंकि सारा दिन सीढ़ियों से ऊपर नीचे आते-जाते रहते हैं और धर्म के अनुसार, यह ईश्‍वर का अपमान है। वास्‍तु के हिसाब से ऐसा करने से घर में दुर्भाग्‍य आता है।

गणेश भगवान का मूर्ति कैसे बनाता है?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना करते समय दिशा का सबसे अधिक ध्यान रखें। इसलिए गणेश जी की मूर्ति उत्तर दिशा में रखें। क्योंकि इस दिशा में मां लक्ष्मी के साथ शिवजी भी वास करते हैं। इसके साथ ही उनका मुख घर के मुख्य द्वार की ओर होना चाहिए।

गणेश जी की कौन सी मूर्ति शुभ होती है?

गणेशजी की मिट्टी की बनी हुई प्रतिमा शुभ फलदायी मानी गई है लेकिन अगर बाजार यह उपल्बध ना हो तो केमिकल वाली मूर्ति को ना लाकर धातु से बनी मूर्ति को घर लेकर आना चाहिए। धातु से बनी हुई मूर्ति भी फलदायी होती है।

घर पर गणेश जी की मूर्ति कैसे बनाएं?

आटा या मिट्टी को चार टुकड़ों में से एक लें, इसे चपटा करें और अपनी मूर्ति का आधार बनाएं. ... .
मूर्ति में गोल-गोल आकार का धड़ बनाएं और मूर्ति के शरीर और आधार को जोड़ने के लिए टूथपिक का इस्तेमाल करें. ... .
मूर्ति के पैर, हाथ और सूंड बनाने के लिए चार लंबे रोल बनाएं. ... .
मूर्ति के लिए हथेली बनाएं..

गणेश जी की सूंड किधर होना चाहिए?

गणपति बप्पा की मूर्तियों में उनकी सूंड दाएं, बाएं और सीधी होती है. वहीं धार्मिक मान्यता के मुताबिक, सीधी सूंड वाले गणपति बप्पा दुर्लभ होते हैं. भगवान गणेश की एक तरफ मुड़ी हुई सूंड के कारण ही भगवान गणेश को वक्र तुंड कहा जाता है. गणपति बप्पा की बायीं सूंड में चंद्रमा का और दायीं सूंड में सूर्य का प्रभाव माना जाता है.