मुख्यपृष्ठCTET Notesस्वामी विवेकानंद के शैक्षिक विचार , जीवन दर्शन, शिक्षा के उद्देश्य, आधारभूत सिद्धांत Show
स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय (swami vivekanand ka jivan parichay) swami vivekananda biography in hindi स्वामी विवेकानंद का जन्म सन् 1863 ई. में कलकाता में हुआ था। उनका पहले का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। वे बचपन से ही प्रतिभाशाली छात्र थे। उनके विषय में उनके प्रधानाचार्य हैस्ट्री ने कहे थे " मैंने विश्व के विभिन्न देशों की यात्राएं की है परंतु किशोरावस्था में ही इसके समान योग्य एवं महान क्षमताओं वाला युवक मुझे जर्मन विश्वविद्यालय में नहीं मिला।'' स्वामी विवेकानंद का जीवन दर्शन स्वामी विवेकानंद का जीवन दर्शन मानव के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण एवं प्रेरणादायक हैं। उन्होंने बताया कि जीवन एक संघर्ष है। इस संघर्ष में केवल समर्थ ही विजय होती हैं तथा असमर्थ नष्ट हो जाता है। जो चरित्र निर्माण नहीं कर सकती, जो समाज सेवक की भावना को विकसित नहीं कर ऐसी शिक्षा का क्या लाभ है। स्वामी विवेकानंद का शिक्षा दर्शन (swami vivekanand ka shiksha darshan) जिस प्रकार स्वामी जी का जीवन दर्शन विस्तृत और यथार्थवादी है उसी प्रकार उनका शिक्षा दर्शन है स्वामी विवेकानंद के शिक्षा दर्शन के आधारभूत सिद्धांत स्वामी विवेकानंद के शिक्षा दर्शन के आधारभूत सिद्धांत निम्नलिखित हैं- विवेकानंद के अनुसार शिक्षा के उद्देश्य १. पुर्णत्व को प्राप्त करने का उद्देश्य २. शारीरिक एवं मानसिक विकास का उद्देश्य ३. नैतिक तथा आध्यात्मिक विकास का उद्देश्य ४. चरित्र
निर्माण का उद्देश्य ५. आत्मविश्वास, श्रद्धा एवं आत्मत्याग की भावना ६. धार्मिक विकास का उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के जीवन का उद्देश्य क्या था?श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद एक ऐसे संत थे जिनका रोम-रोम राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत था। राष्ट्र के दीन-हीनजनों की सेवा को ही वे ईश्वर की सच्ची पूजा मानते थे। इस युवा संन्यासी ने निजी मुक्ति को जीवन का लक्ष्य नहीं बनाया था, बल्कि करोड़ों देशवासियों के उत्थान को ही अपना जीवन-लक्ष्य बनाया।
स्वामी विवेकानंद के अनुसार दर्शन क्या है?स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि 'जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सके, मनुष्य बन सके, चरित्र गठन कर सके और विचारो का सामंजस्य कर सके वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है'। मानव निर्माण को शिक्षा का मूल उद्देश्य मानने वाले स्वामी विवेकानंद का शैक्षिक दर्शन परम्परागत और आधुनिक शिक्षा प्रणाली का अद्भुत समन्वय है।
स्वामी विवेकानंद के अनुसार जीवन क्या है?कहा जाता है कि जीवन में कुछ भी व्यर्थ नहीं होता। जीवन में केवल वही कार्य करने योग्य नहीं हैं जो हमारे मनोनुकूल हैं। जो भी कार्य सामने है, उसी को वांछित मानकर कार्य करना मनुष्य को ऊंचाइयों की ओर ले जाने वाला मार्ग है।
स्वामी विवेकानंद का अनमोल वचन क्या है?स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि जिस पल मुझे यह ज्ञात हो गया कि हर मानव के हृदय में भगवान हैं तभी से मैं अपने सामने आने वाले हर व्यक्ति में ईश्वर की छवि देखने लगा हूं और उसी पल मैं हर बंधन से छूट गया। हर उस चीज से जो बंद रखती है, धूमिल हो जाती है और मैं तो आजाद हूं। अपने ज्ञानमय विचारो से सभी को प्रभावित किया।
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