सुषुम सेतु का क्या अर्थ है? - sushum setu ka kya arth hai?

भावार्थ : कवयित्री कहती हैं कि ईश्वर को पाने के लिए संसार में वह सीधे रास्ते से आई थी, लेकिन संसार में आकर मोहमाया आदि के चक्कर में पड़कर रास्ता भूल गई । वह जीवनभर योग-साधना, सुषुम्ना नाड़ी के सहारे कुंडलिनी जागरण में ही लगी रही । इसी तरह देखते-देखते समय बीत गया । अब मृत्यु की घड़ी निकट आ चुकी है । जब उन्होंने अपने जीवन का लेखाजोखा किया तो पाया कि उनके पास तो कुछ भी नहीं है । भवसागर पार उतारनेवाले प्रभु सपी माँझी उतराई के रूप में पुण्यकर्भ माँगेंगे तो वह क्या देगी ? अपनी स्थिति पर उन्हें बहुत पश्चाताप हो रहा है ।

1. ‘गई न सीधी राह’ का क्या तात्पर्य है ?

2. ‘जेब टटोली कौड़ी न पाई’ का क्या अर्थ है ?

3. कवयित्री क्यों पश्चाताप कर रही है ?

4. ‘माझी’ किसे कहा गया है ?

5. माझी रूपी ईश्वर को उतराई के रूप में क्या देना होगा ?

6. ‘सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह !’ रेखांकित शब्द में कौन-सा अलंकार है ?

सुषुम सेतु से आप कया समझते है?

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  • Posted by Pawan Raghav 4 years, 11 months ago

    CBSE > Class 09 > हिंदी ए

    • 2 answers

    Sweta & Suchita Indian Girls T 2 years, 5 months ago

    sambhavi

    4Thank You

    Shelly Jain 1 year ago

    sushum setu Kya hai in Hindi

    3Thank You

    ANSWER

    इसे सुनेंरोकेंPul Meaning in Hindi – पुल का मतलब हिंदी में पुल (फ़ा.) [संज्ञा पुल्लिंग] खाइयों, नदी-नालों, रेल लाइनों आदि के ऊपर आर-पार पाट कर बनाई हुई वह वास्तु रचना जिसपर से होकर गाड़ियाँ और आदमी इधर से उधर आते-जाते हैं ; सेतु ; (ब्रिज)।

    पुल्लिंग का अर्थ क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंपुल्लिंग Meaning in Hindi – पुल्लिंग का मतलब हिंदी में पुल्लिंग संस्कृत [संज्ञा पुल्लिंग] 1. पुरुष वाचक 2. पुरुष के चिह्न या लिंग से युक्त 3. (व्याकरण) वह शब्द जो पुरुष जाति या उससे संबंध रखने वाले विशेषणों, क्रियाओं आदि का बोधक हो ; (मैसकुलिन)।

    सुषुम सेतु का क्या अर्थ है 1 Point?

    इसे सुनेंरोकेंसुषुम सेतु = सुषुम्ना नाड़ी के मध्य; माझी = नाविक अच्छे-बुरे की समझ रखने वाला; साहिब = ईश्वर, परमात्मा। प्रश्न 2. कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास न खाकर बनेगा अहंकारी।

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    सुषुम सेतु पर खड़ी थी बीत गया दिन आह — सुषुम सेतु वाक्यांश का यहाँ अभिप्राय है?

    इसे सुनेंरोकेंसुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह! ज़ेब टटोली कौड़ी ना पाई। माझी को दूँ, क्या उतराई? भावार्थ :- अपनी इन पंक्तियों में कवयित्री ने मनुष्य द्वारा ईश्वर की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर कड़ा प्रहार किया है।

    नित्य पुल्लिंग शब्द क्या है?

    इसे सुनेंरोकें1. नित्य पुल्लिंग की परिभाषा: वे शब्द जो सदैव पुल्लिंग में ही प्रयुक्त होते हैं, चाहे वह किसी भी जाति का हो उसे पुल्लिंग के रूप में ही उच्चारित किया जाता है, उन्हें नित्य पुल्लिंग कहते हैं ; जैसे- मगर, कौआ, उल्लू, मच्छर, कछुआ, खरगोश, तोता आदि।

    पुल को उर्दू में क्या कहते हैं?

    इसे सुनेंरोकेंاپنی مشکل کو حل کرنے کیلئے والٹر نے پُل سے کود جانے کا فیصلہ کر لیا۔

    सुषुम सेतु कौन सा पुल है *?

    इसे सुनेंरोकें12. ‘सुषुम-सेतु’ कौन-सा पुल है? (D) सांसारिक मोह-माया रूपी पुल। उत्तर – सुषुम्ना नाड़ी रूपी पुल।

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    सुषुम सेतु कौन सा पल है?

    इसे सुनेंरोकेंकवयित्री कहती है कि मैंने प्रभु से मिलने का जो रास्ता अपनाया था। वह सही न था। आरम्भ में प्रभु भक्ति का सीधा सरल रास्ता ही अपना रही थी परन्तु जब इसमें आगे बढ़ी तो मैंने सीधी राह (मार्ग) के स्थान पर गलत रास्ता अपना लिया।

    सुषुम सेतु पर खड़े होने का क्या अभिप्राय है?

    बीत गया दिन आह का क्या अर्थ है?

    इसे सुनेंरोकेंकवयित्री के हृदय में ‘घर जाने की चाह’ इसलिए विद्यमान है. . /आई सीधी राह से, गई न सीधी राह। क्योंकि वह सांसारिक आवागमन से मुक्ति चाहती है अर्थात सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह! परमात्मा से मिलन और मोक्ष की प्राप्ति चाहती है।

    नित्य स्त्रीलिंग शब्द कौन सा है?

    इसे सुनेंरोकेंवह शब्द जिनको सुनने से हमें हमेशा स्त्रीलिंग की ही अनुभूति होती है चाहे उन शब्दों को किसी पुरुष के लिए ही क्यों ना इस्तेमाल किया गया हो नित्य स्त्रीलिंग शब्द कहलाते है। ये दोनो शब्द हमेश स्त्रीलिंग का ही बोध कराते है। जबकि छिपकली और गिलहरी में नर और मादा दोनो प्रकृति के जीव पाए जाते है।

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    सुषुम सेतु पर खड़ी थी का भावार्थ क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंभावार्थ :- अपनी इन पंक्तियों में कवयित्री ने मनुष्य द्वारा ईश्वर की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर कड़ा प्रहार किया है।

    सुषुम सेतु पर खड़ी थी बीत गया दिन आह में कौनसा अलंकार है?

    इसे सुनेंरोकेंAnswer: सुषुम-सेतु में अनुप्रास अलंकार है।

    सुषमा सेतु पर खड़े होने का क्या अभिप्राय है?

    इसे सुनेंरोकें’सुषुम-सेतु’ सुषुम्ना नाड़ी की साधना को कहा गया है। हठयोगी इस I. कवयित्री ज्ञानी को अपने अंदर की आत्मा को पहचानकर .

    Pul को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

    इसे सुनेंरोकेंA bridge is a structure built over a river, road, or railway so that people or vehicles can cross from one side to the other. I walked across the bridge.

    ब्रिंजल की स्पेलिंग क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंBRINJAL MEANING – NEAR BY WORDS उदाहरण : ब्रिजल भरता भारतकी एक बेनमून सब्जी है. Usage : in India ladies do masturbation with the help of brinjal, cucumber by inserting in her pussy.

    सुषम सेतु क्या है?

    'सुषुम- सेतु' सुषुम्ना नाड़ी की साधना को कहा गया है। हठयोगी इस पद्धति के द्वारा सुषुम्ना नाड़ी में कुंडलिनी जागृत करने के लिए विभिन्न प्रकार की योग साधनाएँ करते हैं। II. माझी ईश्वर है, जो संसार रूपी भवसागर को पार कराने वाला नाविक है

    सुषुम सेतु पर खड़े होने का क्या अर्थ है?

    सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह! ज़ेब टटोली कौड़ी ना पाई। माझी को दूँ, क्या उतराई ? भावार्थ :- अपनी इन पंक्तियों में कवयित्री ने मनुष्य द्वारा ईश्वर की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर कड़ा प्रहार किया है।

    सुषुम सेतु किसे कहा गया है और वहां कौन रहता है?

    उत्तर: 'सुषुम-सेतु' से तात्पर्य है-हठयोग में सुषुम्ना नाड़ी की साधना। इस कठिन साधना के बाद भी ईश्वर प्राप्ति की निश्चितता नहीं होती।

    सुषुम का अर्थ क्या है?

    सुसुम पु वि० [सं० सुषमा] सुंदर ।