स्पीति में बारिश को लिखा है महान कवि कृष्णनाथ जी ने। कृष्णनाथ जी ने ऐसी कई रचनाएं लिखी हैं। हम यहां उन्ही के द्वारा स्पीति में बारिश पाठ से आपके सामने लेखक परिचय, पाठ का सारांश, कठिन शब्द और प्रश्न-उत्तर आपके सामने लाएंगे. चलिए, जानते हैं स्पीति में बारिश को इस ब्लॉग की मदद से I Show स्पीति-में-बारिश-pdfDownload This Blog Includes:
लेखक परिचयSource – Youtubeलेखक कृष्णनाथ जी का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 1934 में हुआ था। इन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में एमए की। यह समाजवादी आंदोलन से जुड़े थे और बाद में यह बौद्ध दर्शन की ओर हो गए। बौद्ध दर्शन में इनकी गहरी पैठ है। काशी विद्यापीठ में यह इकोनॉमिक्स विषय के प्रोफेसर भी रहे। यह दोनों भाषाओं की पत्रकारिता से जुड़े रहे। ये हिंदी की साहित्यिक पत्रिका कल्पना के संपादक मंडल में कई वर्ष तक रहे। इन्होंने अंग्रेजी के मैनकाइंड का कुछ वर्षों तक संपादन भी किया। वे राजनीति, पत्रकारिता और अध्यापन की प्रक्रिया में भी थे। इन्होंने भारतीय व तिब्बती आचार्यों के साथ बैठकर नागार्जुन के दर्शन और वज़यानी परंपरा का अध्यापन किया। इन्होंने भारतीय चिंतक जे. कृष्णमूर्ति के साथ बौद्ध दर्शन पर काम किया। इन्हें लोहिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रचनाएंलद्दाख में राग-विराग, किन्नर धर्मलोक, स्पीति में बारिश, पृथ्वी परिकमा, हिमालय यात्रा. अरुणाचल यात्रा, बौद्ध निबंधावली। इसके अलावा, इन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में कई पुस्तकों का संपादन भी किया। पाठ का सारांश
स्पीति में बारिश गद्य की कौन-सी विधा है?स्पीति में बारिश का सारांश प्रस्तुत पाठ या यात्रा-वृतांत स्पीति में बारिश लेखक कृष्णनाथ जी के द्वारा लिखा गया है। स्पीति हिमांचल प्रदेश की एक तहसील है। यह स्थान अपनी भौगोलिक एवं प्राकृतिक विशेषताओं के कारण अन्य पर्वतीय स्थलों से भिन्न है। कठिन शब्दस्पीति में बारिश पाठ में निम्नलिखित कठिन शब्द और उनके उत्तर दिए हैं –
स्पीति रेगुलेशन कब पास हुआ?स्पीति रेगुलेशन किस वर्ष पास हुआ इसकी जानकारी नीचे दी गई है-
स्पीति में बारिश प्रश्न-उत्तरप्रश्न 1: स्पीति कहाँ स्थित हैं? उत्तर: स्पीति हिमाचल प्रदेश के लाहुल-स्पीति जिले की तहसील है। यह पहाड़ी भू-भाग बहुत ऊँचा-नीचा है। यहाँ के दरें और पहाड़ इसे दुर्गम बनाते हैं। प्रश्न 2: स्पीति में कोन-सी कठिन परिस्थितियाँ हैं? उत्तर: (क) भयंकर ठंड प्रश्न 3: स्पीति की किन पवतश्रेणियों ने घर रखा है? उनकी ऊँचाई कितनी हैं? उत्तर: स्पीति मध्य हिमालय पर बसा हुआ है। इसके उत्तर की ओर बारालाचा श्रेणियाँ हैं। इनकी ऊँचाई 16,221 फीट से लेकर 16,500 फीट तक है। इस पर्वत-श्रेणी की दो चोटियों की ऊँचाई 21,000 फीट से अधिक है। दक्षिण में माने श्रेणी है। प्रश्न 4: स्पीति का नाम इतिहास में कम क्यों हैं? उत्तर: स्पीति का इतिहास में कम ही नाम आता है, क्योंकि ऊँचे दरों व कठिन रास्तों के कारण यह आम संसार से कटा रहता है। वहाँ आवागमन अत्यंत कठिन है। प्रश्न 5: स्पीति में किस धर्म का प्रभाव है? उत्तर: स्पीति में बौद्ध धर्म का प्रभाव है। यहाँ की पर्वत श्रेणी को माने श्रेणी कहा जाता है। शायद इसका नाम माने के नाम पर ही हुआ हो। यदि ऐसा नहीं है तो भी यहाँ माने का जाप हुआ है, जिससे स्पष्ट होता है कि यहाँ बौद्ध धर्म का प्रभाव है। प्रश्न 6: स्पीति में मुख्य फसल कौन सी है? उत्तर: स्पीति में एक ही फसल होती है जिनमें जौ, गेहूँ, मटर व सरसों प्रमुख है। सिंचाई के साधन पहाड़ों से बहने वाले झरने हैं। स्पीति नदी का पानी काम में नहीं आता। स्पीति की भूमि पर खेती की जा सकती है बशर्त वहाँ पानी पहुँचाया जाए। प्रश्न 7: लेखक के आने को लोग शुभ क्यों बता रहे थे? उत्तर: वह काजा के डाक बंगले में सो रहा था। आधी रात के समय उन्हें लगा कि कोई खिड़की खड़का रहा है। उसने खिड़की खोली तो हवा का तेज झोंका मुँह व हाथ को छीलने-सा लगा। उसने पल्ला बंद किया तथा आड़ में देखा कि बारिश हो रही है। बर्फ की बारिश हो रही थी। सुबह उठने पर पता चला कि लोग उनकी यात्रा को शुभ बता रहे थे। यहाँ बहुत दिनों बाद बारिश हुई। प्रश्न 8: स्पीति में कौन सी ऋतुएँ है? उत्तर: स्पीति में दो ही ऋतुएँ होती हैं। जून से सितंबर तक अल्पकालिक वसंत ऋतु तथा शेष वर्ष शीत ऋतु होती है। प्रश्न 9: स्पीति में सर्दी और बसंत में कितना तापमान रहता है? उत्तर: बसंत में जुलाई में औसत तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तथा सर्दियों में, जनवरी में औसत तापमान 8 डिग्री सेल्सियस होता है। वसंत में दिन गर्म तथा रात ठंडी होती है। शीत ऋतु की ठंड की कल्पना ही की जा सकती है। प्रश्न 10: भारत को स्पीति का प्रशासन किस्से मिला था? उत्तर: भारत को यह ब्रिटिश राज से मिला था। अंग्रेजों ने 1846 ई. में कश्मीर के राजा गुलाब सिंह से यहाँ का प्रशासन लिया था ताकि वे पश्चिमी तिब्बत के ऊन वाले क्षेत्र में जा सकें। लद्दाख मंडल के समय यहाँ का शासन स्थानीय राजा (नोनी) द्वारा चलाया जाता था। लेखक क्या नहीं चाहता तथा क्यों? लेखक यह नहीं चाहता कि ऊँचाइयों के माप के चक्कर में पड़ा जाए। वह उनसे होड़ लगाने के पक्ष में भी नहीं है। इसका कारण यह है कि ऊँचाइयों से होड़ लगाना मृत्यु का कारण बन सकता है। लेखक किन्हें यहाँ बुलाना चाहता है? क्यों? लेखक दुनिया के मैदानों व पहाड़ों से युवक-युवतियों को बुलाना चाहता है ताकि वे यहाँ आकर पहले अपने अहंकार को गलाएँ तथा फिर चोटियों का मान-मर्दन करें। इससे उन्हें आनंद की अनुभूति होगी। स्पीति में पावस क्यों नहीं आता? स्पीति हिमालय की मध्य घाटियों में स्थित है। यहाँ वर्षा ऋतु नहीं होती, क्योंकि यहां बादल नहीं पहुँचते। यहाँ कभी-कभी वर्षा होती भी है तो बर्फ की, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है। स्पीति के लोग क्या नहीं जानते? और क्यों? स्पीति के लोग यह नहीं जानते कि बरसात में नदियां बहती हैं, बादल बरसते हैं, मस्त हाथी चिंघाड़ते हैं, जंगल हरे-भरे हो जाते हैं, वियोगिनी स्त्रियां तड़पती हैं, मोर नाचते हैं तथा बंदर गुफाओं में जा छिपते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि यहाँ वर्षा न के बराबर ही होती है। कालिदास यहाँ आकर क्या कहेंगे? कालिदास यहाँ आकर कहेंगे कि अपने बहुत-से-सुंदर गुणों से सुहानी लगने वाली, स्त्रियों का जी खिलाने वाली, पेड़ों की टहनियों और बेला की सच्ची सखी तथा सभी जीवों का प्राण बनी हुई वर्षा ऋतु आपके मन की सब साधे पूरी करें। स्पीति के लोग जीवनयापन के लिए किन कठिनाइयों का सामना करते हैं? उत्तर- स्पीति का जीवन बहुत कठोर है। यहाँ लंबी शीत ऋतु होती है। आठ-नौ महीने यह क्षेत्र शेष विश्व से कटा रहता है। यहाँ जलाने के लिए लकड़ी भी नहीं होती। लोग ठंड से ठिठुरते रहते हैं। यहाँ न हरियाली है और न ही पेड़। यहाँ पर्याप्त वर्षा भी नहीं होती। यहाँ साल में एक ही फसल उगा सकते हैं। जौ, गेहूँ, मटर व सरसों के अलावा दूसरी फसल नहीं हो सकती। किसी प्रकार का फल व सब्जियाँ पैदा नहीं होतीं। यहाँ रोजगार के साधन नहीं हैं। यहाँ की जमीन खेती योग्य है, परंतु सिंचाई के साधन विकसित नहीं हैं। अत: यहाँ के लोग अत्यंत जटिल परिस्थिति में रहते हैं। लेखक माने श्रेणी का नाम बौदधों के माने मंत्र के नाम पर करने के पक्ष में क्यों है? उत्तर- स्पीति का जीवन बहुत कठोर है। यहाँ लंबी शीत ऋतु होती है। आठ-नौ महीने यह क्षेत्र शेष विश्व से कटा रहता है। यहाँ जलाने के लिए लकड़ी भी नहीं होती। लोग ठंड से ठिठुरते रहते हैं। यहाँ न हरियाली है और न ही पेड़। यहाँ पर्याप्त वर्षा भी नहीं होती। यहाँ साल में एक ही फसल उगा सकते हैं। जौ, गेहूँ, मटर व सरसों के अलावा दूसरी फसल नहीं हो सकती। किसी प्रकार का फल व सब्जियाँ पैदा नहीं होतीं। यहाँ रोजगार के साधन नहीं हैं। यहाँ की जमीन खेती योग्य है, परंतु सिंचाई के साधन विकसित नहीं हैं। अत: यहाँ के लोग अत्यंत जटिल परिस्थिति में रहते हैं। ये माने की चोटियाँ बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई हैं-इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने युवा वर्ग से क्या आग्रह किया है? उत्तर- लेखक ने बताया है कि माने पर्वत श्रेणियाँ बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई हैं, क्योंकि उनके जाप से यहाँ का वातावरण बोझिल व नीरस हो गया है। लेखक पहाड़ों व मैदानों से युवक-युवतियों को बुलाना चाहता है ताकि वे यहाँ आकर क्रीड़ा-कौतुक करें, प्रेम के खेल खेलें, जिससे यहाँ के वातावरण में ताजगी व उत्साह का संचार हों। चोटियों पर चढ़ने से जीवन औगड़ाई लेने लगेगा। युवाओं के अट्टहास से चोटियों पर जमा आर्तनाद पिघलेगा। वर्षा यहाँ एक घटना है, एक सुखद संयोग हैं-लेखक ने ऐसा क्यों कहा है? उत्तर- स्पीति में वर्षा नहीं होती। वहाँ के लोग वर्षा की आनंददायक स्थितियों से अनभिज्ञ हैं। यहाँ वर्षा ऋतु मन की साध पूरी नहीं करती। यहाँ की धरती सूखी, ठंडी और वंध्या रहती है। स्पीति में साल में केवल एक फ़सल होती है। सिंचाई का साधन है-पहाड़ों से आ रहे नाले। उपजाऊ और खेती के योग्य धरती का तो यहाँ अभाव नहीं है, परंतु वर्षा नहीं होती। वर्षा यहाँ के लोगों के लिए एक घटना है। इसीलिए लेखक ने इसे एक सुखद संयोग माना है। स्पीति की यात्रा के दौरान वहाँ की वर्षा देखने का सौभाग्य भी लेखक को मिला था। स्थानीय लोगों ने भी इसी कारण लेखक की यात्रा को शुभ कहा था। ये माने की चोटियाँ बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई हैं-इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने युवा वर्ग से क्या आग्रह किया है? उत्तर- लेखक ने बताया है कि माने पर्वत श्रेणियाँ बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई हैं, क्योंकि उनके जाप से यहाँ का वातावरण बोझिल व नीरस हो गया है। लेखक पहाड़ों व मैदानों से युवक-युवतियों को बुलाना चाहता है ताकि वे यहाँ आकर क्रीड़ा-कौतुक करें, प्रेम के खेल खेलें, जिससे यहाँ के वातावरण में ताजगी व उत्साह का संचार हों। चोटियों पर चढ़ने से जीवन औगड़ाई लेने लगेगा। युवाओं के अट्टहास से चोटियों पर जमा आर्तनाद पिघलेगा। स्पीति में बारिश MCQsप्रश्न 1: लेखक हिमाचल प्रदेश में किस जगह जाता है? उत्तर: (घ) प्रश्न 2: लेखक के आने ऐसी क्या चीज़ हुई थी जिससे लोग उनके आने को शुभ कह रहे थे? उत्तर: (क) प्रश्न 3: लेखक के अनुसार अब स्पीति की जनसंख्या कितनी है? उत्तर: (ग) प्रश्न 4: जनवरी में स्पीति का औसत तापमान क्या रहता है? उत्तर: (ख) प्रश्न 5: लेखक किस कवि को अपने ‘ऋतु संहार’ ग्रंथ में से वर्षा ऋतु हटाने के लिए कहता है? उत्तर: (घ) कालिदास ने वर्षा का वर्णन किस रचना में किया था? A. ऋतु प्रसंग उत्तर: C लाहौल-स्पीति में सुखद संयोग किसे माना गया है? A. शीत को उत्तर: C ‘स्पीति में बारिश’ नामक पाठ के रचयिता हैं? A. कृष्णनाथ उत्तर: A स्पीति किस राज्य की एक तहसील है? A. हरियाणा उत्तर: C अन्य दूरवर्ती क्षेत्रों से लाहुल-स्पीति का संबंध किस माध्यम से है? A. टेलीफोन उत्तर: D वसंत ऋतु में भी कितने मील तक लाहौल-स्पीति में जाना कठिन है? A. 150 उत्तर: C किस के आक्रमण से भयभीत लोग स्पीति छोड़ कर भाग गए थे? A. जोगा सिंह उत्तर: C स्पीति की जनसंख्या प्रति वर्ग मील कितने से भी कम है? A. चार उत्तर: A लाहौल-स्पीति अंग्रेजों को किस के जरिए मिला था? A. राजा गुलाब मल उत्तर: C लद्दाख मंडल के दिनों में स्पीति का शासन कौन चलाता था? A. बोनो उत्तर: C FAQsस्पीति में बारिश पाठ क्या है? स्पीति में बारिश पाठ एक यात्रा-वृत्तांत है। लेखक ने इस पाठ में स्पीति की जनसंख्या, ऋतु, फ़सल, जलवायु तथा भूगोल का वर्णन किया है जो परस्पर एक-दूसरे से संबंधित हैं। पाठ में दुर्गम क्षेत्र स्पीति में रहने वाले लोगों के कठिनाई भरे जीवन का भी वर्णन किया गया है। स्पीति में बारिश के लेखक कौन है? स्पीति में बारिश के लेखक भारत के मशहूर कथाकार कृष्णनाथ जी हैं। लाहौल स्पीति में आवागमन की क्या घटनाएं हैं? लाहौल स्पीति में आवागमन की अनेक कठिनाइयां हैं। स्पीति में पूरे साल में लगभग 8 से 9 महीने बर्फी जमा रहती है, इस कारण सारे रास्ते जाम हो जाते हैं और यह क्षेत्र बाकी दुनिया से कटा रहता है। लाहौल स्पीति में पूरे साल में सिर्फ एक फसल होती है तथा गेहूं, जौ, मटर अथवा सरसों के अलावा किसी अन्य तरह की फसल हो ही नहीं पाती। लाहौल स्पीति का मुख्यालय कहाँ है? लाहौल स्पीति का मुख्यालय केलांग में है। लेखक को स्पीति में लोगों के रहने पर आश्चर्य क्यों है ? लेखक कहता है कि यहां भयंकर ठंड होती है। यहाँ लकड़ी, रोजगार नहीं है। फसल भी एक ही होती है। ऐसी दुर्गम स्थितियों में भी लोग यहां रहते हैं। स्पीति के लोग जीवन-यापन के लिए किन कठिनाइयों का सामना करते हैं? स्पीति के लोग जीवन यापन के लिए सब प्रकार की कठिनाइयों का सामना करते हैं। स्पीति में साल के आठ-नौ महीने बर्फ रहती है तथा यह क्षेत्र शेष संसार से कटा रहता है। कठिनता से तीन-चार महीने वसंत ऋतु आती है। यहाँ न हरियाली है, न पेड़। स्पीति में कब बारिश होती है? स्पीति हिमालय की मध्य घाटियों में स्थित है। यहाँ वर्षा ऋतु नहीं होती, क्योंकि यहां बादल नहीं पहुँचते। यहाँ कभी-कभी वर्षा होती भी है तो बर्फ की, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है। आशा करते हैं कि आपको स्पीति में बारिश के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। यदि आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आज ही हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स को 1800572000 पर कॉल करें और 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। स्पीति नदी कौन सी नदी मे मिलती है?स्पीति नदी स्पीति में है जो किन्नौर जिले के खाब स्थान पर सतलज में मिल जाती है। पिन नदी स्पीति की सहायक नदी है।
चिनाब नदी का पुराना नाम क्या है?वैदिक काल में चेनाब नदी को भारतीय लोग अश्किनी या इसकमती के नाम से जानते थे।
हिमाचल से कौन सी नदी निकलती है?हिमाचल प्रदेश के अंदर बहने वाली नदियों में चिनाब,यमुना,रावी, व्यास और सतलुज मुख्य नदियाँ हैं।
चिनाब नदी की भारत में कितनी लंबाई है?960 कि.मी.चिनाब नदी / लंबाईnull
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