सांप अपना खाना कैसे खाता है? - saamp apana khaana kaise khaata hai?

इसे सुनेंरोकेंकिस देश के लोग सांप खाते हैं? वियतनाम के उत्तरी पश्चिम में लोग सांप से बने व्यंजन खाते हैं ताकि उनका पाचन दुरुस्त रहे, सिरदर्द न हो और उन्हें दवाइयां न खानी पड़ें। वियतनाम की राजधानी हनोई से तीन घंटे की दूरी पर उत्तरपश्चिम में स्थित प्रांत येन बाई के रेस्टोरेंट में सांप के अनेक व्यंजन परोसे जाते हैं।

सांप क्या क्या खाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसाँप मेढक, छिपकली, पक्षी, चूहे तथा दूसरे साँपों को खाता है। यह कभी-कभी बड़े जन्तुओं को भी निगल जाता है। सरीसृप वर्ग के अन्य सभी सदस्यों की तरह ही सर्प शीतरक्त का प्राणी है अर्थात् यह अपने शरीर का तापमान स्वंय नियंत्रित नहीं कर सकता है। इसके शरीर का तापमान वातावरण के ताप के अनुसार घटता या बढ़ता रहता है।

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चीन में सांप कैसे खाता है?

इसे सुनेंरोकेंचीन के खाने में सांपों की रेसीपी बेशक शामिल है लेकिन यहां ये लोग सापों को खाने के लिए नहीं बल्कि दवाई बनाने के लिए पैदा करते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि चीन अपनी चिकित्सा पद्धति के लिए पंरपरागत तरीको पर ही यकिन करता है. यहां के लोगों का पेड़ पौधे और जंगली जनवरों की मदद से अपना इलाज करते हैं.

चीन में सांप को कैसे खाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंयहाँ पाले जाने वाले सांपों का मांस व शरीर के अंग बड़ी संख्या में बेचे जाते हैं जिनसे काफी अच्छी मात्रा में मुनाफा कमाया जाता है. गौरतलब है कि चीन जैसे देश में सांप का मांस काफी शौक से खाया जाता है. इसके साथ ही इनके शरीर के अंगों का उपयोग चीनी दवा के उद्योग में लाया जाता है.

सांप अपना भोजन कैसे बनाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकुछ साँपों को महीनों बाद-बाद भोजन मिलता है तथा कुछ सर्प वर्ष में मात्र एक बार या दो बार ढेड़ सारा खाना खाकर जीवीत रहते हैं। खाते समय साँप भोजन को चबाकर नहीं खाता है बल्कि पूरा का पूरा निकल जाता है। अधिकांश सर्पों के जबड़े इनके सिर से भी बड़े शिकार को निगल सकने के लिए अनुकुलित होते हैं।

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सांप शिकार कैसे करता है?

इसे सुनेंरोकेंसांप अपने शिकार को पकड़ने के लिए उसका पीछा करते हैं या एक जगह घात लगाकर बैठ जाते हैं। जब शिकार इनके पहुंच में आता है तो जो सांप जहरीला होता है वह शिकार को डस लेता है और शिकार का पीछा करता है। जब शिकार पर जहर का असर होने लगता है और वह मर जाता है तब तक सांप उसके पास पहुंच जाता है और उसे निगल जाता है।

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"साँप" या "सर्प", पृष्ठवंशी सरीसृप वर्ग का प्राणी है। यह जल तथा थल दोनों जगह पाया जाता है। इसका शरीर लम्बी रस्सी के समान होता है जो पूरा का पूरा स्केल्स से ढँका रहता है। साँप के पैर नहीं होते हैं। यह निचले भाग में उपस्थित घड़ारियों की सहायता से चलता फिरता है। सांपों के स्पष्टतः कान भी नहीं होते, बल्कि इनमें आंतरिक ध्वनि-तंत्र होता है। इनमें कान के पर्दे कि बजाय एक बेहद छोटी आंतरिक हड्डी होती है, जो बेहद संवेदनशील होती है। पहले ध्वनि भूमि द्वारा त्वचा ग्रहण करती है और फिर धमनियों द्वारा मस्तिष्क के पास कि हड्डी तक पहुँचती है। जब हवा से ध्वनि आती है, तो मस्तिष्क के कंकाल में कंपन होने से आवाज सुनाई देती है। इसकी आँखों में पलकें नहीं होती, ये हमेशा खुली रहती हैं। साँप विषैले तथा विषहीन दोनों प्रकार के होते हैं।[1] इसके ऊपरी और निचले जबड़े की हड्डियाँ इस प्रकार की सन्धि बनाती है जिसके कारण इसका मुँह बड़े आकार में खुलता है। इसके मुँह में विष की थैली होती है जिससे जुडे़ दाँत तेज तथा खोखले होते हैं अतः इसके काटते ही विष शरीर में प्रवेश कर जाता है। दुनिया में साँपों की कोई २५००-३००० प्रजातियाँ पाई जाती हैं। जिनमे से भारत में जहरीला सर्पो की ६९ प्रजाति ज्ञात्त है जिनमे से २९ समुद्री सर्प तथा ४० स्थलीय सर्प है जहरीले सर्प के सिर में जहरीला संचालक तथा ऊपरी जबड़े में एक जोड़ी जबड़े पाये जाते है । बिषहीन सर्पो के काटने पर अनेको छोटे गड्ढे सेमि सरकल में पाये जाते है।जबकि बिषाक्त सर्पो में केवल दो गहरे गड्ढे पाये जाते है।[2] इसकी कुछ प्रजातियों का आकार १० सेण्टीमीटर होता है जबकि अजगर नामक साँप २५ फिट तक लम्बा होता है। साँप मेढक, छिपकली, पक्षी, चूहे तथा दूसरे साँपों को खाता है। यह कभी-कभी बड़े जन्तुओं को भी निगल जाता है। सरीसृप वर्ग के अन्य सभी सदस्यों की तरह ही सर्प शीतरक्त का प्राणी है अर्थात् यह अपने शरीर का तापमान स्वंय नियंत्रित नहीं कर सकता है। इसके शरीर का तापमान वातावरण के ताप के अनुसार घटता या बढ़ता रहता है। यह अपने शरीर के तापमान को बढ़ाने के लिए भोजन पर निर्भर नहीं है इसलिए अत्यन्त कम भोजन मिलने पर भी यह जीवीत रहता है। कुछ साँपों को महीनों बाद-बाद भोजन मिलता है तथा कुछ सर्प वर्ष में मात्र एक बार या दो बार ढेड़ सारा खाना खाकर जीवीत रहते हैं। खाते समय साँप भोजन को चबाकर नहीं खाता है बल्कि पूरा का पूरा निकल जाता है। अधिकांश सर्पों के जबड़े इनके सिर से भी बड़े शिकार को निगल सकने के लिए अनुकुलित होते हैं। अफ्रीका का अजगर तो छोटी गाय आदि को भी नगल जाता है। विश्व का सबसे छोटा साँप थ्रेड स्नेक होता है। जो कैरेबियन सागर के सेट लुसिया माटिनिक तथा वारवडोस आदि द्वीपों में पाया जाता है वह केवल १०-१२ सेंटीमीटर लंबा होता है। विश्व का सबसे लंबा साँप रैटिकुलेटेड पेथोन (जालीदार अजगर) है, जो प्राय: १० मीटर से भी अधिक लंबा तथा १२० किलोग्राम वजन तक का पाया जाता है। यह दक्षिण -पूर्वी एशिया तथा फिलीपींस में मिलता है।[3]

चित्र वीथि

  • टेक्सस में पाया जाने वाला कोरल सर्प

  • केंचुली छोड़ता हुआ एक साँप

  • अफ्रीका का एक अंडे खाने वाला साँप

  • अफ्रीका का हरे रंग का अजगर साँप, यह पेड़ पर रहता है।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

सांप कैसे भोजन करता है?

खाते समय साँप भोजन को चबाकर नहीं खाता है बल्कि पूरा का पूरा निकल जाता है। अधिकांश सर्पों के जबड़े इनके सिर से भी बड़े शिकार को निगल सकने के लिए अनुकुलित होते हैं। अफ्रीका का अजगर तो छोटी गाय आदि को भी नगल जाता है। विश्व का सबसे छोटा साँप थ्रेड स्नेक होता है।

सांप का भोजन क्या होता है?

साँप मेढक, छिपकली, पक्षी, चूहे तथा दूसरे साँपों को खाता है। यह कभी-कभी बड़े जन्तुओं को भी निगल जाता है। सरीसृप वर्ग के अन्य सभी सदस्यों की तरह ही सर्प शीतरक्त का प्राणी है अर्थात् यह अपने शरीर का तापमान स्वंय नियंत्रित नहीं कर सकता है। इसके शरीर का तापमान वातावरण के ताप के अनुसार घटता या बढ़ता रहता है।

सांप कितने दिन तक भूखा रह सकता है?

सर्प विशेषज्ञ मोहम्मद सलीम बताते हैं कि सपेरे नाग पंचमी से पहले कोबरा सांपों को पकड़कर उनके दांत तोड़ देते हैं और जहर की थैली निकाल लेते हैं। इससे सांप के मुहं में घाव हो जाता है। इसके बाद सपेरे सांप को करीब 15 दिनों तक भूखा रखते हैं।

सांप क्या पीते हैं?

सांप दूध नहीं पीता है। वहीं, लोगों को करतब दिखाने के लिए सपेरे सांप को भूखा प्यासा रखते हैं। भूखे-प्यासे सांप को जब दूध मिलता है तो वो इसे पी लेता है।