Show
Please follow and like us: Pran Pratishtha Vidhi – कई बार आप लोगों ने सुना होगा कि नवनिर्मित मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा क्यों की जाती है और ये कैसे की जाती है, ये बात बहुत कम लोग जानते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि किसी भी मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा क्यों की जाती है और इसका क्या विधि- विधान होता है। भगवान की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा क्यों की जाती है? – Pran pratishtha vidhi – murti sthapana mantra
Must Read – गुरु ग्रह को ऐसे करें मजबूत, मिलेगी धन, संतान, वैवाहिक जीवन में सफलता प्राण प्रतिष्ठा पूजा विधि और मंत्र – pran pratishtha kaise kare – pran pratishtha vidhi
‘अस्य श्री प्राण प्रतिष्ठा मंत्रस्य ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वराः ऋषय: ऋग्यजु सामानि छन्दांसि क्रियामय वपु: प्राणाख्या देवता. आं बीजं ह्रीं शक्तिः क्रौं कीलकम् अस्मिन ( जिन भगवान की मूर्ती स्थापित करनी है उनका नाम) यंत्रे प्राण प्रतिष्ठापने विनियोग।
Must Read – दुख और विपत्तियों से छुटकारा पाने के लिए करें ये वैदिक नियम प्राण प्रतिष्ठा मंत्र – pran pratishtha mantra pdf ॐ आं ह्रीं क्रौं यं रं लं वं शं षं सं हों।। Must Read – जानिए कुंडली में जब चार ग्रह एक साथ हों, तो जातक पर क्या प्रभाव पड़ता है Read more articles like; Pran Pratishtha Vidhi, हमारे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हमें फ़ॉलो करें और हमारे वीडियो के बेस्ट कलेक्शन को देखने के लिए, YouTube पर हमें फॉलो करें। राधा कृष्ण की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें?सबसे पहले मुख्य हवन कुंड की बोली लगाई गई। उसके बाद महाआरती और अन्य हवन कुंड की बोलियों के साथ पंडित ने जोड़ों को हवन कुंड के पास बैठा कर यज्ञ हवन पूजा का कार्य शुरू किया। हवन यज्ञ के बाद पंडित विधि विधान से मंदिर में बाबा रामदेवजी महाराज श्री राधा-कृष्ण की मूर्तियों की स्थापना कर प्राणप्रतिष्ठा की गई।
मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा कैसे की जाती है?प्राण प्रतिष्ठा. ध्यान रखें. घर में राधा कृष्ण की मूर्ति रखने से क्या होता है?राधा कृष्ण के निःस्वार्थ प्रेम को सच्चे प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इसलिए वैवाहिक जीवन में राधा कृष्ण के प्रेम जैसा सुख पाने के लिए उनकी तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि तस्वीर लगाने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है और वैवाहिक जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।
राधा कृष्ण की पूजा कैसे की जाती है?Radha Ashtami 2022 Date: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है और ठीक 15 दिन बाद इसी माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी होती है. कहते हैं कि राधा अष्टमी के दिन व्रत रखने और राधा संग कृष्ण की पूजा करने से जीवन खुशियों से भर जाता है.
|