चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। Show आपका प्रश्न की भाषा के शुद्ध रूप का ज्ञान कराने वाला शास्त्र क्या कहलाता है तो आपके प्रश्न का उत्तर है भाषा का क्षेत्रीय रूप में रूप बोली कहलाता है भाषा का शुद्ध और अस्थाई रूप को निश्चित करने के लिए नियम पथ योजना की आवश्यकता होती है और उस नियम बद योजना को हम व्याकरण कहते हैं परिभाषा व्याकरण व शास्त्र है जिसके द्वारा किसी भी भाषा के शब्दों और वाक्यों को शुद्ध स्वरूप एवं शुद्ध प्रयोग का विशद ज्ञान कराया जाता है Romanized Version भाषा के शुद्ध रूप का ज्ञान कराने वाला शास्त्र को क्या कहते हैं?हिंदी व्याकरण, हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला शास्त्र है।
भाषा को शुद्ध करने वाले शास्त्र का क्या नाम है?दिया जाता है तो भाषा के व्याकरणीय नियमों का प्रयोग किया जाता है।
भाषा के शुद्ध रूप को लिखने तथा बोलने के नियमों का ज्ञान कौन कराता है?भाषा के शुद्ध और स्थायी रूप को निश्चित करने के लिए नियमबद्ध योजना की आवश्यकता होती है और उस नियमबद्ध योजना को हम व्याकरण कहते हैं। व्याकरण वह शास्त्र है जिसके द्वारा किसी भी भाषा के शब्दों और वाक्यों के शुद्ध स्वरूपों एवं शुद्ध प्रयोगों का विशद ज्ञान कराया जाता है। अतः विकल्प 3 'व्याकरण' सही उत्तर है।
ज्ञान कराने वाले को क्या कहते हैं?इसलिए तर्कभाषा के अनुसार इंद्रिय वह प्रमेय है जो शरीर से संयुक्त, अतींद्रिय (इंद्रियों से ग्रहीत न होनेवाला) तथा ज्ञान का करण हो (शरीरसंयुक्तं ज्ञानं करणमतींद्रियम्)। इंद्रिय को संस्कृत भाषा में 'करण' भी कहते हैं। इंद्रिय शरीर का वह अवयव है, जिसके द्वारा हम कोई काम करते हैं या कोई ज्ञान प्राप्त करते हैं।
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