रुद्राक्ष धारण करने के बाद क्या नहीं करना चाहिए? - rudraaksh dhaaran karane ke baad kya nahin karana chaahie?

रुद्राक्ष पहनने से पहले जान लें ये नियम, वरना फायदे की जगह होगा भारी नुकसान

Author: Shivani SinghPublish Date: Tue, 10 May 2022 03:00 PM (IST)Updated Date: Tue, 10 May 2022 03:08 PM (IST)

Rudraksha Wearing Rules अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में हर तरह के कष्टों को खत्म करना चाहता है तो उसे रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। लेकिन रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसके नियम जानना बेहद जरूरी है। क्योंकि नियमों का पालन न करने से शुभ फलों की प्राप्ति नहीं होगी।

नई दिल्ली, Rudraksha Wearing Rules: शास्त्रों में रुद्राक्ष का काफी महत्व बताया गया है। माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव को अति प्रिय है। इसी कारण जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसे भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इसी कारण रुद्राक्ष को चमत्कारी और अलौकिक माना जाता है। रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक पाए जाते हैं। जिनकी अपने अलग-अलग महत्व है। माना जाता है कि जो व्यक्ति रुद्राक्ष को नियम और विधि के अनुसार पहन लें तो वह हर तरह के संकटों से छुटकारा पा लेता है और कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी सही हो जाती है। जानिए रुद्राक्ष पहनने से पहले कौन से नियम जानना बेहद जरूरी है, जिससे इसे धारण करने के पूर्ण फल प्राप्त हो।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब माता सती ने खुद को अग्नि में प्रवेश कराकर देह का त्याग कर दिया था तब भगवान शिव के रुदन से निकले आंसू पृथ्वी पर कई जगह गिरे और उनसे प्रकृति को रुद्राक्ष के रूप में एक चमत्कारी तत्व की प्राप्ति हुई थी।

रुद्राक्ष धारण करने के बाद क्या नहीं करना चाहिए? - rudraaksh dhaaran karane ke baad kya nahin karana chaahie?

रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • प्रात:काल जब रुद्राक्ष धारण करें तो रुद्राक्ष मंत्र और रुद्राक्ष मूल मंत्र का 9 बार जाप करना चाहिए, साथ ही इसे सोने से पहले और रुद्राक्ष को हटाने के बाद भी दोहराया जाना चाहिए। रुद्राक्ष को एक बार निकाल लेने के बाद उस पवित्र स्थान पर रखना चाहिए जहां आप पूजा करते हैं।
  • रुद्राक्ष को तुलसी की माला की तरह की पवित्र माना जाता है। इसलिए इसे धारण करने के बाद मांस-मदिरा से दूरी बना लेना चाहिए।
  • एक महत्वपूर्ण बात यह है कि रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट पर नहीं ले जाना चाहिए। इसके अलावा नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष ले जाने से बचना चाहिए।
  • महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
  • रुद्राक्ष को बिना स्नान किए नहीं छूना चाहिए। स्नान करने के बाद शुद्ध करके ही इसे धारण करें।
  • रुद्राक्ष धारण करते समय भगवान शिव का मनन करें।इ सके साथ ही शिव मंत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करते रहें।
  • रुद्राक्ष को हमेशा लाल या फिर पीले रंग के धागे में पहनना चाहिए। कभी भी इसे काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए। इससे अशुभ प्रभाव पड़ता है।
  • रुद्राक्ष माला को आपने धारण कर लिया है तो अब इसे किसी और को बिल्कुल न दें। इसके साथ ही दूसरे की दी गई रुद्राक्ष को बिल्कुल धारण न करें।
  • रुद्राक्ष की माला को हमेशा विषम संख्या में पहनना चाहिए। लेकिन 27 मनकों से कम नहीं होनी चाहिए।
  • रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें। मनके के छिद्रों में धूल और गंदगी जम सकती है। जितनी बार हो सके इन्हें साफ करें.. अगर धागा गंदा या क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो इसे बदल दें। सफाई के बाद रुद्राक्ष को गंगाजल से धो लें। यह इसकी पवित्रता बनाए रखने में मदद करता है।
  • रुद्राक्ष गर्म प्रकृति के होते हैं। जिसके कारण कुछ लोगों को एलर्जी की समस्या हो जाती है। इसलिए बेहतर है कि इसका उपयोग न करें बल्कि पूजा घर में रखकर रोजाना पूजा करें। 

Pic Credit- instagram/eternalzencanada/bhagyajyotishsansthan5

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Edited By: Shivani Singh

अगर आपने धारण किया है रूद्राक्ष, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला Published by: शशि सिंह Updated Wed, 24 Nov 2021 07:50 AM IST

सार

रुद्राक्ष पहनने के धार्मिक व अध्यात्मिक लाभ तो होते ही हैं साथ ही इससे स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। यहां जानिए रूद्राक्ष धारण करते समय किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

रुद्राक्ष धारण करने के बाद क्या नहीं करना चाहिए? - rudraaksh dhaaran karane ke baad kya nahin karana chaahie?

रुद्राक्ष पहनने के नियम (प्रतीकात्मक तस्वीर)

विस्तार

रुद्राक्ष भगवान शिव को अति प्रिय है। माना जाता है कि जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं, उनके ऊपर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से मानी गई है। रुद्राक्ष धारण करने के धार्मिक ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। रक्तचाप, हृदय रोग आदि में भी रुद्राक्ष धारण करना लाभप्रद माना जाता है। एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक रुद्राक्ष पाए जाते हैं। इन सभी रुद्राक्ष की अपनी एक अलग महिमा होती है। मान्यता है कि इसे धारण करने से संकटों का नाश होता है व जातक को ग्रहों की अशुभता से भी मुक्ति मिलती है। रुद्राक्ष धारण करने के कई फायदे हैं। रुद्राक्ष को बहुत ही चमत्कारी और आलौकिक माना जाता है, लेकिन रुद्राक्ष धारण करने से पहले इससे जुड़े नियमों को जानना बेहद आवश्यक होता है। तो चलिए जानते हैं रुद्राक्ष धारण करने के नियम।

रुद्राक्ष पहनने के नियम-

  • रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में धारण नहीं करना चाहिए इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें।
  • रुद्राक्ष बेहद पवित्र होता है इसलिए इसे कभी अशुद्ध हाथों से न छुएं और स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही इसे धारण करें।
  • रुद्राक्ष धारण करते समय शिव जी के मंत्र ऊं नमः शिवाय का उच्चारण करना चाहिए।
  • स्वयं का पहना हुआ रुद्राक्ष कभी भी किसी दूसरे को धारण करने के लिए नहीं देना चाहिए।
  • यदि आप रुद्राक्ष की माला बनवा रहे हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि विषम संख्या में ही रुद्राक्ष धारण करें।
  • इस बात का ध्यान रखें कि माला 27 मनकों से कम की नहीं होनी चाहिए।
  • रुद्राक्ष को वैसे तो केवल धागे में माला की  तरह पिरोकर भी धारण किया जा सकता है, लेकिन इसके अलावा आप चांदी या सोने में जड़वाकर भी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
  • रुद्राक्ष धारण करने वालों को मांस, मदिरा या अन्य किसी भी प्रकार से नशीली चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।

रुद्राक्ष पहनने के बाद क्या क्या नहीं करना चाहिए?

रुद्राक्ष को तुलसी की माला की तरह की पवित्र माना जाता है। इसलिए इसे धारण करने के बाद मांस-मदिरा से दूरी बना लेना चाहिए। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट पर नहीं ले जाना चाहिए। इसके अलावा नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष ले जाने से बचना चाहिए

रुद्राक्ष कितने दिन में असर दिखाता है?

रुद्राक्ष कितने दिनों में दिखाता है असर? सिद्ध किया गया रुद्राक्ष का चमत्कारिक प्रभाव केवल 7 दिनों में ही असर दिखाने लगता है.

रुद्राक्ष कब कब नहीं पहनना चाहिए?

कब धारण नहीं करना चाहिए रुद्राक्ष भगवान शिव को जीवन और मृत्यु से परे माना जाता है. इसलिए उनके अंश माने जाने वाले रुद्राक्ष को पहनकर शवयात्रा या जहां बच्चे का जन्म हुआ हो उस कक्ष में नहीं जाना चाहिए. ऐसा करने से इसकी शक्तियां कम हो जाती है. सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए.

क्या रुद्राक्ष पहन कर सोना चाहिए?

पहन कर न सोएं रुद्राक्ष सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। माना जाता है कि सोते समय शरीर अशुद्ध रहता है। यह भी कहा जाता है कि तकिए के नीचे रुद्राक्ष रखकर सोने से आत्मिक शांति मिलती है। रुद्राक्ष - फोटो : अमर उजाला।