दुर्गा सप्तशती का कौन सा अध्याय पढ़ना चाहिए? - durga saptashatee ka kaun sa adhyaay padhana chaahie?

दुर्गा सप्तशती : कैसे पूरे करें समस्त अध्याय

दुर्गा सप्तशती सिद्ध करने की सरल प्रामाणिक विधि

दुर्गा सप्तशती का कौन सा अध्याय पढ़ना चाहिए? - durga saptashatee ka kaun sa adhyaay padhana chaahie?



दुर्गा सप्तशति को करने से पहले साफ-सफाई और नियम का पालन आवश्यक है। वैसे नवार्ण मंत्र जप और सप्तशती न्यास के बाद तेरह अध्यायों का क्रमशः पाठ, प्राचीन काल में कीलक, कवच और अर्गला का पाठ भी सप्तशती के मूल मंत्रों के साथ ही किया जाता रहा है।

वर्तमान में इसमें अथर्वशीर्ष, कुंजिका मंत्र, वेदोक्त रात्रि देवी सूक्त आदि का पाठ भी समाहित है जिससे साधक एक घंटे में देवी पाठ करते हैं।

आगे बताई गई कुछ सरल और सामान्य विधियों से दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से संपूर्ण मनोरथ प्राप्त होते हैं।


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दुर्गा सप्तशती का कौनसा अध्याय पढ़ना चाहिए?

पंचम अध्याय - दुर्गा सप्तशती के पांचवें अध्याय का पाठ करने से भक्ति, शक्ति एवं देवी दर्शन का आशीर्वाद मिलता है. षष्ठ अध्याय - दुर्गा सप्तशती के छठवें अध्याय का पाठ करने से दुख, दारिद्रय, भय आदि दूर होता है. सप्तम अध्याय - दुर्गा सप्तशती के सातवें अध्याय का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

दुर्गा सप्तशती का कौन सा पाठ करना चाहिए?

कम समय में दुर्गा सप्तशती का संपूर्ण लाभ लेने के लिए सबसे पहले कवच, कीलक व अर्गला स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इसके बाद कुंजिका स्त्रोत का पाठ कर लें। ऐसा करने से दुर्गा सप्‍तशती के संपूर्ण पाठ का फल प्राप्‍त हो जाता है।

दुर्गा सप्तशती के पाठ में क्या क्या पढ़ना चाहिए?

श्रीदुर्गा सप्तशती के पाठ में कवच, अर्गला, कीलक और तीन रहस्यों को भी सम्मिलत करना चाहिए. दुर्गा सप्तशती के पाठ के बाद क्षमा प्रार्थना अवश्य करनी चाहिए, ताकि अनजाने में आपके द्वारा हुए अपराध से मुक्ति मिल सके. 10. श्रीदुर्गा सप्तशती के पाठ के दौरान किसी भी अध्याय को अधूरा न छोड़ें.

सप्तशती का पाठ कैसे करते हैं?

दुर्गा सप्तशती पाठ की सरल विधि सबसे पहले अगर घर में आपने कलश स्थापना की हुई है, तो वहाँ पर आपने गणेश पूजन भी किया होगा। गणेश पूजन कीजिये फिर कलश पूजन, फिर नवगृह पूजन और फिर ज्योति पूजन। इसके बाद श्री दुर्गा सप्तशती ग्रंथ को शुद्ध आसन पर एक लाल कपड़ा बिछाकर रखना चाहिए।