रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल Class 9 - radaraphord ka paramaanu modal chlass 9

अध्याय 4. परमाणु की संरचना 


टॉमसन का परमाणु मॉडल: 

टाॅमसन ने परमाणुओं की संरचना से संबंधित एक माॅडल प्रस्तुत किया, जो क्रिसमस केक की तरह था। इनके अनुसार परमाणु एक धनावेशित गोला था, जिसमें इलेक्ट्राॅन क्रिसमस केक में लगे सूखे मेवों की तरह थे।

तरबूज का उदाहरण भी ले सकते हैं|

जिसके अनुसार परमाणु में धन आवेश तरबूज के खाने वाले लाल भाग की तरह बिखरा है, जबकि इलेक्ट्रॅान धनावेशित गोले में तरबूज के बीज की भांति ध्ँसे हैं | 

रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल Class 9 - radaraphord ka paramaanu modal chlass 9

        टॉमसन का परमाणु मॉडल 

टाॅमसन ने प्रस्तावित किया किः

(i) परमाणु धन आवेशित गोले का बना होता है और इलेक्ट्रॅान उसमें ध्ँसे होते हैं।
(ii) ऋणात्मक और धनात्मक आवेश परिमाण में समान होते हैं। इसलिए परमाणु वैद्युतीय रूप से उदासीन होते हैं।

टॉमसन के परमाणु मॉडल की कमियाँ/सीमाएँ:

(i) दुसरे वैज्ञानिकों द्वारा किये गए प्रयोगों को इस मॉडल के द्वारा नहीं समझाया जा सका | 

परमाणु नाभिक की खोज: 

परमाणु केन्द्रक की खोज रदरफोर्ड ने की, उन्होने तेज गति से चल रहे अल्फा कणों को सोने की पतली पन्नी पर टकराया गया । जिसके परिणाम से पता चला कि परमाणु में अधिकांश भाग खाली है जहाँ से अल्फा कण बीना टकराये पन्नी से सीधे निकल गये परन्तु कुछ अल्फा कण पन्नी के द्वारा बहुत छोटे कोण से विक्षेपित हुए। जहाँ से ये कण विक्षेपित हुए थे, दरअसल वह परमाणु का नाभिक अर्थात केन्द्रक था । इसप्रकार रदरफोर्ड ने नाभिक की खोज की ।  

रदरफोर्ड के परमाणु प्रयोग के परिणाम: 

अल्फ़ा कण-प्रकीर्णन प्रयोग ने आशा के बिलकुल विपरीत परिणाम दिया । इससे

निम्नलिखित परिणाम मिले -

(i) तेज गति से चल रहे अधिकतर अल्फ़ा कण सोने की पन्नी से सीधे निकल गए।

(ii) कुछ अल्फ़ा कण पन्नी के द्वारा बहुत छोटे कोण से विक्षेपित हुए।

(iii) आश्चर्यजनक रूप से प्रत्येक 12000 कणों में से एक कण वापस आ गया।

रदरफोर्ड के परमाणु नाभकीय मॉडल के लक्षण: 

रदरफोर्ड के प्रयोगो के आधार पर परमाणु का नाभकीय - माॅडल के निम्नलिखित लक्षण थे।
1.    परमाणु का केन्द्र धन आवेशीत होता है जिसे नाभिक कहा जाता है।
2.    एक परमाणु का लगभग सम्पूर्ण द्रव्यमान नाभिक में होता है।
3.    इलेक्ट्रान नाभिक के चारो ओर निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते है। 
4.    नाभिक का आकार परमाणु की तुलना में काफी कम होता हैं।
5.    परमाणु में इलेक्ट्राॅनो की संख्या प्रोट्राॅनो की संख्या के बराबर होता है।

रदरफोर्ड के परमाणु माॅडल:

रदरफोर्ड ने जो परमाणु माॅडल प्रस्तुत किया उसके अनुसार- 

(i) परमाणु के भीतर का अधिकतर भाग खाली है क्योकि अधिकतर अल्फा कण बिना विक्षेपित हुए सोने की पन्नी से बाहर निकल जाते है। 

(ii) बहुत कम कण अपने मार्ग से विक्षेपित होते है जिससे यह ज्ञात होता है कि परमाणु में धन आवेशित भाग बहुत कम होता है। 

(iii) ये धन आवेशित भाग परमाणु का नाभिक होता है। 

(iv) इलेक्ट्राॅन नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते है। 

रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की सीमाएँ: 

रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार;

इलेक्ट्रॉन्स परमाणु के नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते है जैसे- ग्रह सूर्य के चारो ओर चक्कर लगाते है | परन्तु, इलेक्ट्रॉन वृतीय कक्षा में घुमते हुए स्थायी नहीं बने रहेंगे क्योंकि परिक्रमा के दौरान वे त्वरण उत्पन्न करते हैं | इस त्वरण के कारण वे विकिरण के रूप में ऊर्जा मुक्त करेंगे और वे नाभिक की खींचे चले जायेंगे और नाभिक से टकरायेंगे | ऐसी स्थिति में परमाणु अत्यधिक अस्थिर हो जायेगा और नष्ट हो जायेगा | जबकि ऐसी बात नहीं है | 

नील्स बोर के परमाणु माॅडल :

नील्स बोर अपने परमाणु माॅडल की निम्न अवधारणाएॅ प्रस्तुत कीं - 

(i) इलेक्ट्राॅन केवल कुछ निश्चित कक्षाओं में ही चक्कर लगा सकते है, जिन्हें इलेक्ट्राॅन की विविक्त कक्षा कहते है। 
(ii) जब इलेक्ट्राॅन इस विविक्त कक्षा में चक्कर लगाते है तो उनकी उर्जा का विकिरण नहीं होता।  

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रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल Class 9 - radaraphord ka paramaanu modal chlass 9

रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल का चित्रात्मक रूप : इसमें इलेक्ट्रॉनों को हरे रंग से एवं नाभिक को लाल रंग से दर्शाया गया है।

रदरफोर्ड के मॉडल पर आधारित परमाणु का एक त्रिवीमीय एनिमेशन (3D animation)

रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल प्रसिद्ध रसायनज्ञ तथा भौतिकशास्त्री अर्नेस्ट रदरफोर्ड द्वारा प्रस्तुत परमाणु मॉडल है जिसे उन्होने सन 1911 के अपने इलेक्ट्रॉन के प्रयोगों के आधार पर प्रस्तुत किया। इस मॉडल ने परमाणु के भीतर धनावेशित भाग होने की बात बताई। उन्होंने यह दर्शाने के लिए एक प्रयोग किया, जो निम्नानुसार है:

रदरफोर्ड ने सोने की 100 nm (100 नेनोमीटर) की पतली पन्नी पर अल्फा कणों की बौछार की। सोने की पन्नी के चारों ओर फोटोग्राफिक प्लेट लगाई जो प्रतिदीप्त पदार्थ (ZnS, जिंक सल्फाइड)से लेपित थी। जब उन्होने सोने की पन्नी पर अल्फा कणो की बौछार की तो निम्न परिणाम प्राप्त हुए-

  1. अधिकांश अल्फा कण सोने की पन्नी से बिना विक्षेपित हुए निकल गए।
  2. अल्फा कणो का कम अंश बहुत कम कोण से विक्षेपित हुआ।
  3. बहुत ही थोड़े कण (1,00,000 में से 1) वापिस उसी पथ से लौट आए अर्थात 180० के कोण पर लौट आए।

रदरफोर्ड ने यह निष्कर्ष निकाले -

  1. परमाणु का अधिकांश भाग रिक्त या खोखला होता है।
  2. कुछ ही अल्फा कण प्रतिकर्षण बल के कारण विक्षेपित हुए। इससे यह पता चलता है कि परमाणु के मध्य धनावेशित भाग पाया जाता है।
  3. रदरफोर्ड ने गणना करके दिखाया कि नाभिक का आयतन परमाणु के कुल आयतन की तुलना में नगण्य है। परमाणु की त्रिज्या लगभग 10−10 होती है व नाभिक की त्रिज्या 10−15 होती है।
  4. परमाणु का धनावेश व द्रव्यमान एक अति अल्प क्षेत्र में केन्द्रित होता है। रदरफोर्ड ने इसे 'नाभिक' कहा।
  5. रदरफोर्ड ने कहा कि नाभिक के चारो ओर इलेक्ट्रॉन वृत्ताकार कक्षाओ में जिन्हे कक्षा कहा गया। इन कक्षाओ में इलेक्ट्रॉन बहुत तेजी से घूमते हैं। इसलिए यह परमाणु मॉडल सौरमंडल से मिलता-जुलता है,जिसमे सूर्य नाभिक होता है और ग्रह गतिमान इलेक्ट्रॉन की तरह होते हैं।
  6. इलेक्ट्रॉन और नाभिक आपस में आकर्षण के स्थिर वैधयुत बलो द्वारा बंधे रहते हैं।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • Rutherford's Model by Raymond College
  • Rutherford's Model by Kyushu University

रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल क्या है in Hindi?

रदरफोर्ड ने कहा कि नाभिक के चारो ओर इलेक्ट्रॉन वृत्ताकार कक्षाओ में जिन्हे कक्षा कहा गया। इन कक्षाओ में इलेक्ट्रॉन बहुत तेजी से घूमते हैं। इसलिए यह परमाणु मॉडल सौरमंडल से मिलता-जुलता है,जिसमे सूर्य नाभिक होता है और ग्रह गतिमान इलेक्ट्रॉन की तरह होते हैं।

रदरफोर्ड ने नाभिक की खोज कब की?

अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने 1911 में परमाणु के नाभिक की खोज की थी।

रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की दो कमियां क्या थी?

Solution : रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल में अग्र दो कमियाँ थीं- <br> (1) यह मॉडल परमाणु के स्थायित्व की व्याख्या नहीं कर सका। <br> (2) यह परमाणु की इलेक्ट्रॉनिक संरचना को स्पष्ट नहीं कर पाया।

रदरफोर्ड मॉडल में क्या कमी थी?

रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की कमियां (1) रदरफोर्ड द्वारा प्रस्तुत परमाणु मॉडल, परमाणु के स्थायित्व की व्याख्या नहीं कर सका। (2) रदरफोर्ड द्वारा प्रस्तुत परमाणु मॉडल, रेखीय स्पेक्ट्रम की व्याख्या नहीं कर सका।