राष्ट्रवाद के विकास में नेपोलियन प्रथम का क्या योगदान थे? - raashtravaad ke vikaas mein nepoliyan pratham ka kya yogadaan the?

यूरोप में राष्ट्रवाद - उदय और विकास ( Europe mein rashtrawad in Hindi ) class 10th History

राष्ट्रवाद की अवधारणा पूर्ण जागरण काल में जन्म ले चुकी थी परंतु 18वीं और 19वीं शताब्दी में इसका विकास हुआ इसका आरंभ फ्रांस की 1789 की महान क्रांति से माना जा सकता है इस क्रांति में परिवार जनता ने एकजुट होकर सशक्त रूप से विरोध किया और फ्रांस में राज्य सत्ता का परिवर्तन किया !

इसके साथ ही राष्ट्रवादी धारणा का विकास हुआ जिसमें जर्मनी और इटली का एकीकरण संभव कर दिया ।

History class 10th notes of Bihar Board

राष्ट्रवाद की अवधारणा

इसका तात्पर्य अपने राष्ट्र के प्रति सोच और लगाओ कि भावना का विकास भाषाएं नस्लें और आवाज के आधार पर राष्ट्र का निर्माण होता है। धर्मवीर राष्ट्र का आधार होता है। इसकी कल्पना फ्रांसीसी कलाकार सॉरयू ने भी की।

यूरोप में राष्ट्रवाद

• राष्ट्रवाद की अवधारणा

• फ्रांस में राष्ट्रवाद

• राष्ट्रवाद के प्रसार में नेपोलियन बोनापार्ट का योगदान

• 18 वीं शताब्दी में यूरोप में राष्ट्रवाद का निर्माण

• उदारवादी राष्ट्रवाद

यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

इस अध्याय की मुख्य बातें:


• यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

• फ्रांसीसी क्रांति

• नेपोलियन का शासन और उसके प्रभाव

• जर्मनी में राष्ट्र की स्थापना

• इटली का एकीकरण

• ब्रिटेन की अलग कहानी

• बाल्कन का क्षेत्र

• साम्राज्यवाद और राष्ट्रवाद

राष्ट्रवाद: जो विचारधारा किसी भी राष्ट्र के सदस्यों में एक साझा पहचान को बढ़ावा देती है उसे राष्ट्रवाद कहते हैं। राष्ट्रवाद की भावनाओं की जड़ें जमाने के लिये कई प्रतीकों का सहारा लिया जाता है; जैसे राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रगान, आदि।

यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय: उन्नीसवीं सदी के मध्य तक यूरोपीय देशों का रूप वैसा नहीं था जैसा कि आज है। विभिन्न क्षेत्रों पर अलग-अलग वंश के लोग राज करते थे। इन इलाकों में राजतंत्र का शासन हुआ करता था। उस काल में कई ऐसे तकनीकी परिवर्तन हुए जिनके कारण समाज में अभूतपूर्व बदलाव आये। समाज में आये इन परिवर्तनों ने लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को जन्म दिया।

फ्रांस में राष्ट्रवाद

• यूरोप में राष्ट्रवाद की स्पष्ट रूप से अभिव्यक्ति सबसे पहले फ्रांस में हुई । क्रांति के पहले वहां बुर्गो राजवंश का निरंकुश शासन था ।

• क्रांति के समय वहां का राजा लुइस सोलमा था।

• क्रांति द्वारा तानाशाही को समाप्त कर जनता ने सत्ता अपने हाथों में ले ली । अब प्रभु सत्ता राजा के हाथों में ना रहे बल्कि जनता के हाथों में चली गई, जनता ही अब राष्ट्र की नियति निर्धारित करनेवाली बन गई।

• राजवंशी झंडा क्या स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज के रूप में एक नया फ्रांसीसी झंडा अपनाया गया जो तिरंगा था।

• पुरानी संस्था स्टेट जनरल के अस्थान पर नेशनल असेंबली का गठन किया गया।

• 21 जनवरी 1793 को लोसल में को गिलोटिन पर चढ़ा कर सार्वजनिक रूप से फांसी दी गई कुछ समय बाद रानी को भी फांसी दे दी गई।

राष्ट्रवाद के प्रसार में नेपोलियन बोनापार्ट का योगदान

नेपोलियन बोनापार्ट ने 1799 में डायरेक्टरी का शासन समाप्त कर प्रथम काउंसिल के रूप में फ्रांस में सत्ता पर अधिकार कर लिया 1804 में वह फ्रांस का सम्राट भी बन गया प्रथम काउंसल बनने के पूर्व ही उसने ऑस्ट्रेलिया को पराजित कर इटली के एक बड़े भाग पर अधिकार कर लिया था

1804 में नेपोलियन संहिता द्वारा जनजाति विशेषाधिकार समाप्त कर दिया गया कानून के समक्ष समानता का सिद्धांत अपनाया गया सामंती व्यवस्था समाप्त कर दी गई इसमें किसानों को भू-दासत्व से मुक्ति मिल गई व्यस्त आमंत्रित कर चुकाने से भी बच गए।

18 वीं शताब्दी में यूरोप में राष्ट्रवाद का निर्माण

18 वीं शताब्दी के मध्य में यूरोप में एकीकृत राष्ट्र नहीं थे वे भिन्न छोटे-छोटे स्वायत्त और अर्ध स्वायत्त राजनीति के कार्यों में बैठे हुए थे 

जैसे राज साहेबांचे कैटन इत्यादि इन राजस्थानो में विभिन्न भाषा भाषा और प्रजाति के लोग निवास करते थे ।

इसकी संस्कृति और भाषा एक नहीं थी इसलिए इनकी सामुदायिक पहचान नहीं थी ।

हंगरी की आधी आबादी मैग्यार भाषा बोलते थे शेष अन्य प्रकार की बोलियां बोलते थे

गोली सिया का कुलीन वर्ग पुलिस भाषा बोलता था।

रुमानीवाद

राष्ट्रवाद के विकास में रूमानीवाद ( romanticism ) का भी महत्वपूर्ण योगदान था रूमानीवाद के अंतर्गत राष्ट्रवाद की भावना का विकास करने के लिए संस्कृति का सहारा लिया गया अब तो रूमानी वाद एक सांस्कृतिक आंदोलन बन गया।

उदारवादी राष्ट्रवाद

उदारवाद शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के मूल शब्द "लिबर" से मानी गई है इस शब्द का अर्थ 'आजाद' है।

उदारवादी व्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के समक्ष समानता पर बल देते थे।

• इसी आधार पर फ्रांस में सिर्फ धनी व्यक्तियों को ही मताधिकार दिया गया महिलाओं को भी बता दे कार से लंबे समय तक वंचित रखा गया।

• परंतु व्यवहार में इसे लागू नहीं किया गया इसलिए 19वीं और 20वीं शताब्दी यों के आरंभिक वर्षों में महिलाओं सहित सभी वयस्कों के लिए मताधिकार की मांग को लेकर आंदोलन में उदारवादी राष्ट्रवादी ओ ने प्रेस की आजादी का मुद्दा भी उठाया

आर्थिक उदारवाद

अवस्था के संबंध में भी उदार वादियों की अपनी अवधारणा थी उदारवादी मुक्त व्यापार के पक्षधर थे वे आर्थिक गतिविधियों में राजकीय नियंत्रण के विरोधी थे।

• वे चाहते थे कि बाजार सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो तथा बिना राज्य के हस्तक्षेप अथवा नियंत्रण के पूंजी का आवागमन हो

• प्रत्येक राज्य में सीमा शुल्क अलग-अलग दलों से वसूले जाते थे।

रूढ़िवाद की पुनर्स्थापना

• वियना कांग्रेस

• नाक की संधि

• यूरोपिय कन्सर्ट 

• मेटरनिक व्यवस्था

विनया कांग्रेस - 1815 में वाटर लू के युद्ध में नेपोलियन बोनापार्ट की निर्णायक रूप से पराजय हुई। इसके साथ ही विरोध में पुणे एक नई व्यवस्था की स्थापना की गई जिसमें फ्रांसीसी क्रांति की उपलब्धियों को बदलने का प्रयास किया गया।

इसी वर्ष ऑस्ट्रेलिया की राजधानी वियना नगर में नेपोलियन को पराजित करने वाले प्रमुख राष्ट्रीय ब्रिटेन रूस और ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित किया गया जिसे वियना कांग्रेस या वियना सम्मेलन कहा जाता है।

वियना की संधि

इस संधि का उद्देश्य पुलिया द्वारा यूरोपीय राजनीतिक व्यवस्था में लाए गए परिवर्तनों को समाप्त करना एवं नेपोलियन के पूर्व के शक्ति संतुलन को बनाए रखना था।

मेटरनिख व्यवस्था - वियना कांग्रेस और उसके बाद कि यूरोपीय व्यवस्था स्थापित करने में प्रमुख भूमिका ऑस्ट्रेलिया के चांसलर मैटर ने की थी उसकी नीति का मूल मंत्र था - शासन करो और कोई परिवर्तन ना होनेे दो। 

उसने जिस प्रकार की व्यवस्था यूरोप में स्थापित कि उसे मेटरनिख व्यवस्था ( metternich System ) कहा जाता है।

क्रांतियों का दौर ( 1830- 48 )

18 से 30 तक यूरोप में उदारवाद राष्ट्रवाद और रोटी बाद प्रतिक्रिया बाद में संघर्ष अनिवार्य हो गया 1830 - 48 के मध्य आने की रोक राष्ट्र राष्ट्रवादी क्रांतियां हुई उनके शासन व्यवस्था व्यवस्था की स्थापना करना था।

1830 की यूरोपीय क्रांतियाँ

• फ्रांस की जुलाई क्रांति

• स्पेन

• पुर्तगाल

• स्विजरलैंड

• बेल्जियम

• पोलैंड

• जर्मनी - इटली

• इंग्लैंड

1848 की क्रांतिया

• फ्रांस

• इटली

• जर्मनी

• आस्ट्रेलिया

• हंगरी

• पोलैंड

इटली का एकीकरण

निश्चित शताब्दी के यूरोपीय इतिहास के दो महत्वपूर्ण घटनाएं थी।

1. इटली और जर्मनी का एकीकरण

इनके परिणाम स्वरूप यूरोप के मानचित्र पर दो नए राष्ट्रों का उदय हुआ - इटली और जर्मनी।

• प्रथम विश्वयुद्ध के पूर्व एवं बाद के वर्षों में इन राष्ट्रों ने यूरोपीय राजनीतिक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एकीकरण के प्रमुख नायक

इटली के एकीकरण के तीन प्रमुख नायक थे।

i. मेजिनी ( 1805 - 72 )

ii. कावूर ( 1810 - 61 )

iii. गैरीबाल्डी ( 1807 -72 )

डेनमार्क के युद्ध - 1864 मैं सेल्सविग और हॉस्टिन के प्रश्न पर प्रश्न और डेनमार्क में युद्ध हुआ इन दोनों क्षेत्रों में जर्मन निवास करते थे परंतु डेनमार्क इसेेे आधिपत्य मैं रखनााा चाहता था युद्ध आरंभ करनेेे के पूर्व बिस्मर्क नेे कूटनीति का सहारा लेकर ऑस्ट्रेलिया से समझौता कर लिया

Notes: - बिहार बोर्ड के सभी विषयों का नोट्स और सभी वर्ग के notes उपलब्ध हैं । 

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राष्ट्रवाद के विकास में नेपोलियन प्रथम का क्या योगदान थे? - raashtravaad ke vikaas mein nepoliyan pratham ka kya yogadaan the?

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