राम और रावण का युद्ध कितने दिन चला था? - raam aur raavan ka yuddh kitane din chala tha?

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बाल्मीकि रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने बताया है कि राम और रावण का युद्ध लगातार 84 दिन तक चला

balmiki ramayana me maharshi valmiki ne bataya hai ki ram aur ravan ka yudh lagatar 84 din tak chala

बाल्मीकि रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने बताया है कि राम और रावण का युद्ध लगातार 84 दिन तक

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राम और रावण का युद्ध कितने दिन चला था? - raam aur raavan ka yuddh kitane din chala tha?
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राम और रावण का युद्ध कितने दिन चला था? - raam aur raavan ka yuddh kitane din chala tha?

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महाज्ञानी, पराक्रमी और बलशाली रावण वेदों का जानकार था। वह धरती पर मौजूद सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में से एक था। हालांकि उसके अहंकार के कारण उसका अंत हुआ। रावण भगवान शिव का परम भक्त था और उसे यह वरदान था कि कोई भी देवी-देवता का उसका अंत नहीं सकता। यही कारण है कि रावण का वध करने के लिए भगवान विष्णु को मानव रूप में अवतार लेना पड़ा। भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्रीराम ने रावण की नाभि में तीर मारकर उसका अंत किया। रावण के अंत से पहले भगवान श्रीराम और रावण की सेना के बीच कई दिनों तक युद्ध चला। धर्म और अधर्म के बीच हुआ यह युद्ध कितने दिनों तक चला, इस बार में बहुत कम लोगों को जानकारी है।

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वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम और रावण की सेना के बीच 84 दिनों तक युद्ध लड़ा गया। युद्ध में सफलता के लिए भगवान श्रीराम ने शक्ति की उपासना की थी। इसके बाद लगातार 9 दिनों तक युद्ध के बाद दसवें दिन रावण का अंत कर दिया। इसलिए हिन्दू धर्म में नौ दिनों तक शक्ति की उपासना की जाती है और दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है। रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम और रावण के बीच लगातार 8 दिनों सीधे युद्ध हुआ था। अश्विन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को दोनों के बीच शुरू हुआ संग्राम दशमी को रावण वध के साथ समाप्त हुआ। रावण का अंत करने के बाद भगवान श्रीराम को वापस अयोध्या पहुंचने में करीब 20 दिन लगे थे।

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शास्त्रों के अनुसार रावण की सेना में करोड़ो लोग थे, बावजूद इसके भगवान श्रीराम और उनकी वानर सेना ने बहुत पराक्रम के साथ युद्ध किया, और श्रीराम ने रावण का अंत कर दिया। सिर्फ रावण ही नहीं बल्कि उसकी सेना में ऐसे कई पराक्रमी योद्धा थे, जिन्हें किसी मनुष्य के लिए हराना असंभव था। इसलिए भगवान विष्णु के अवतार के साथ-साथ भगवान शिव और अन्य देवताओं ने भी अवतार लिए थें। श्रीराम-रावण के युद्ध में रावण के चार भाइयों कुम्भकर्ण, खर, दूषण और अहिरावण ने हिस्सा लिया था। इनमें से अहिरावण का अंत हनुमानजी ने किया था जबकि बाकी तीन भाइयों का अंत श्रीराम के हाथों हुआ।

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युद्ध में रावण के सात शूरवीर पुत्र भी उतरे थे। इनमें से मेघनाद, प्रहस्त और अतिकाय का अंत लक्ष्मणजी ने किया जबकि नरान्तक, देवान्तक और अक्षयकुमार का अंत हनुमानजी के हाथों हुआ। रावण के एक पुत्र त्रिशिरा का अंत श्रीराम के हाथों हुआ।

Explanation : वाल्मिकी रामायण के अनुसार राम-रावण युद्ध 84 दिन चला था। लगातार 8 दिन युद्ध कर राम ने रावण का वध किया। अश्विन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को दोनों के बीच शुरू हुआ संग्राम दशमी को रावण वध के साथ समाप्त हुआ। पदृम पुराण के पातालखंड के अनुसार राम रावण युद्ध पौष शुक्ल द्वितीया से चैत्र शुक्ल चौदस यानि 87 दिन चला। इस युद्ध अवधि में कुल 15 दिन युद्ध नहीं हुआ। पुराण के अनुसार प्रभु राम के 14 वर्षों के वनवास काल में 12 वर्ष पंचवटी में कटे, जबकि शेष दो वर्ष राक्षसों से संग्राम में बीते। कार्तिक कृष्ण के 10वें दिन से शूर्पणखा को कुरूप करने से शुरू हुआ। दूसरे वर्ष में बैशाख शुक्ल के 12वें दिन रावण वध से समाप्त हुआ।....अगला सवाल पढ़े

Tags : रामायण प्रश्नोत्तरी

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Web Title : Ram Ravan Yudh Kitne Din Chala Tha

विभिन्न संस्कृतियों, पर्वों तथा विभिन्न स्थानीय भाषाओं से समृद्ध भारत में यदि अखण्डता का प्रतीक है तो वह है हजारों वर्ष से चली आ रही परम्परागत त्योहारों श्रृंखला, जो एक दूसरे को जोड़ने का काम करता है।

भारतीय विभिन्न संस्कृतियों पर अध्ययन करने वाले रिसर्चरों (शोधकर्ताओं) ने स्वीकार किया है कि विश्व का एक ऐसा अनूठा देश है, जो भारतीय अन्तिम शासक पृथ्वीराज चौहान के बाद लगभग 651 वर्षों तक मुगलों और अंग्रेजों के अधीन रहा।

वैदेशिक प्रसिद्ध दार्शनिक डॉ. कीथ के दर्शन का अध्ययन करने पर प्रकृतिवाद की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 'भारत आध्यात्मिक भूमि है इसी कारण वहां कभी भी सनातनीय ढांचे को हानि नहीं पहुंचाया जा सकता' तो इससे यह प्रतीत होता है कि भारतीय पर्व प्रसंग आध्यात्मिकता परकाष्ठा और 'अयं निज: परोवेति गणना लघु चेतसाम्' का अलख जगाते है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं पर जुल्म ढाह रहे महिषासुर का देवी दुर्गा ने की और सभी देवताओं देवी के क्रोध को शांत करने के लिये एक विशेष प्रकार का जज्ञ किया, इसीलिए नवरात्र के बाद इसे दुर्गा के नौ शक्ति रूप के विजय-दिवस के रूप में विजया-दशमी के नाम से मनाया जाता है।

एक और कथा के अनुसार महिसासुर के वध के उपरान्त मां अपने धाम को वापस जा रहीं थी, तो यह विजय-यात्रा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। वैसे तो वाल्मीकि रामायण के अनुसार 84 दिन लगातार राम रावण युद्ध चला था।

राम के सफल ना होने पर प्रभु श्रीराम को शक्ति पूजा करनी पड़ी और फिर बाद में भगवान श्रीराम ने नौ दिनो तक रावण के साथ युद्ध करके दसवें दिन ही रावण का वध किया था, इसलिए इस दिन को भगवान श्रीराम के संदर्भ में भी विजय-दशमी के रूप में मनाते हैं।

साथ ही इस दिन रावण का वध हुआ था, जिसके दस सिर थे, इसलिए इस दिन को दशहरा यानी दस सिर वाले के प्राण हरण होने वाले दिन के रूप में भी मनाया जाता है।

सनातन धर्मावलम्बियों के क्षात्रजनों द्वारा दशहरा यानी विजय-दशमी एक ऐसा त्‍योहार है जिस दिन क्षत्रिय शस्‍त्र-पूजा करते हैं जबकि ब्राम्‍हण उसी दिन शास्‍त्र-पूजा करते हैं।

पढ़ें:पंचमुखी हनुमान ने किया जब अहिरावण का अंत

पुराने समय में राजा-महाराजा जब किसी दूसरे राज्‍य पर आक्रमण कर उस पर कब्‍जा करना चाहते थे, तो वे आक्रमण के लिए इसी दिन का चुनाव करते थे, जबकि ब्राम्‍हण विद्यार्जन के लिए प्रस्‍थान करने हेतु इस दिन का चुनाव करते थे।

राम और रावण के बीच कितने दिन तक युद्ध चला?

उस दिन से ही हर वर्ष दशहरा का पर्व हमारे देश में मनाया जाता है. इसके बाद भगवान राम और रावण का युद्ध कुल 8 दिनों तक चला था, लेकिन कुछ मान्यताओं के अनुसार यह भी बताया जाता है कि यह युद्ध 84 दिनों तक चला था.

मृत्यु के समय रावण की उम्र कितनी थी?

तो इस आधार पर हम ये कह सकते हैं कि रावण की आयु कम से कम 40000 वर्ष तो थी ही (उससे भी थोडी अधिक हो सकती है)। अर्थात वो करीब 112 दिव्य वर्षों तक जीवित रहा। श्रीराम और माता सीता के विषय मे वाल्मीकि रामायण मे कहा गया है कि देवी सीता श्रीराम से 7 वर्ष 1 माह छोटी थी

भगवान श्री राम की आयु कितनी थी?

दशरथ को साठ हजार साल की आयु में संतान की प्राप्ति हुई थी. सीता और राम के विवाह के वक्त रामजी की आयु सिर्फ 14 साल थी, जबकि सीताजी की मात्र 6 साल की थीं. शादी के बाद दोनों 12 वर्षों तक अयोध्या में रहे, इसके बाद उन्हें वनवास भोगने के लिए वन जाना पड़ा. इस समय तक सीताजी 18, राम जी 26 साल के हो गए थे.

राम और रावण का युद्ध कब हुआ?

रामायण का युद्ध अश्विन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को शुरू हुआ था। ये युद्ध दशहरे के दिन यानी दशमी को रावण वध के साथ समाप्त हुआ था। रामायण का युद्ध पूरे आठ दिन चल था।