राज्य कैबिनेट मंत्री क्या होता है - raajy kaibinet mantree kya hota hai

Know, what is the difference among cabinet minister, minister of state and minister of state independent charge? And what are their power |  what is the difference between cabinet minister, minister of state, and minister of states

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हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल या मोदी कैबिनेट के मंत्र‍िमंडल का विस्तार हुआ है. इस विस्तार से पहले ही केंद्रीय श‍िक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंंक और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने अपना इस्तीफा दे दिया था. भारत के केंद्रीय मंत्र‍िमंडल में तीन प्रकार के मंत्री यानि कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister), राज्य मंत्री (Minister of State) और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार (Minister of State Independent Charge) होते हैं. इस विस्तार में पीएम मोदी की कैबिनेट में कुल 43 नेताओं को शामिल किया गया है. हमने अक्सर देखा है कि कई लोग कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister), राज्य मंत्री (Minister of State) और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार (Minister of State Independent Charge) को लेकर confuse रहते है, इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि – कितने प्रकार के मंत्री होते है, और रैंक के हिसाब से इनकी क्या पॉवर होती है. (A key difference between Cabinet Minister, Minister of State and Minister of State with Independent Charge in Hindi.)

कैबिनेट मंत्री

1. केन्द्रीय मंत्री/Cabinet Minister, 

2. राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)/Minister of State (Independent Charge),

3. राज्य मंत्री/Minister of State.

1. केंद्रीय मंत्रिमंडल में ऊपर से नीचे के पॉवर क्रम के हिसाब से देखें तो कैबिनेट मंत्री पहले नंबर पर आते हैं. ये कैबिनेट के सदस्य मंत्र‍िमंडल का वो हिस्सा होते हैं जिन पर मंत्रालय का नेतृत्व करने का जिम्मा होता है.

2. इसके बाद दूसरे नंबर पर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आते हैं जिन्हें जूनियर या कनिष्ठ मंत्री कहते हैं, हालांकि ये कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट नहीं करते हैं. 

3. इसके बाद तीसरे नंबर पर आते हैं राज्य मंत्री जो कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते हैं, उन्हें आमतौर पर उसी मंत्रालय में एक विशेष जिम्मेदारी सौंपी जाती है. 

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Difference between Cabinet Ministers, Minister of State and MoS with Independent charge in Hindi. What is Cabinet Minister, Minister of State and Minister of State with Independent Charge in hindi. 

कैबिनेट मंत्री –Cabinet ministers

मंत्रिमंडल का खास हिस्सा कैबिनेट मंत्रियों के पास होता है. उन्हें एक या इससे अध‍िक मंत्रालय भी आवंटित किए जाते हैं. सरकार के सभी फैसलों में कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं. आमतौर पर हर हफ्ते कैबिनेट की बैठक होती है. सरकार कोई भी फैसला, कोई अध्यादेश, नया कानून, कानून संसोधन वगैरह कैबिनेट की बैठक में ही तय करती है.

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)- MoS Independent charge

मंत्री परिषद का हिस्सा स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों के पास आवंटित मंत्रालय और विभाग की पूरी जवाबदेही होती है लेकिन वो आम तौर पर कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हो सकते. कैबिनेट इनको उनके मंत्रालय या विभाग से संबंधित मसलों पर चर्चा और फैसलों के लिए खास मौकों पर बुला सकता है.

राज्य मंत्री- Minister of State.

मंत्रिपरिषद का हिस्सा राज्य मंत्री कैबिनेट मिनिस्टर के अन्दर काम करने वाले मंत्री हैं. बता दें कि एक कैबिनेट मंत्री के अंदर एक या उससे ज्यादा राज्य मंत्री भी हो सकते हैं. इसके अलावा एक मंत्रालय के अंदर कई विभाग होते हैं जो राज्य मंत्रियों के बीच बांटे जाते हैं ताकि वो कैबिनेट मंत्री को मंत्रालय चलाने में मदद कर सकें.

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कैबिनेट मंत्री की सैलरी व सुविधाएं कैबिनेट मंत्री को हर महीने 1,00,000 रुपए मूल वेतन मिलता है. इसके साथ ही निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 70,000 रुपए, कार्यालय भत्ता 60,000 रुपए और सत्कार भत्ता 2,000 रुपए शामिल है. राज्य मंत्रियों को 1,000 रुपए प्रतिदिन और डिप्टी मंत्री को 600 रुपए प्रतिदिन सत्कार भत्ता मिलता है. इसके अलावा उन्हें संसद सदस्य की तरह की यात्रा भत्ता/यात्रा सुविधाएं, रेल यात्रा सुविधाएं, स्टीमर पास, आवास, टेलीफोन सुविधाएं और वाहन क्रय हेतु अग्रिम राशि मिलती है. (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के राज्यमंत्री दिनेश खटीक और जितिन प्रसाद को लेकर घमासान मचा हुआ है. मामला केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंच गया है. ऐसे में जानिए, कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) में क्या फर्क है...

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के जल शक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) के इस्तीफे पर घमासान मचा हुआ है. दिनेश खटिक का कहना है, उन्हें राज्यमंत्री तो बनाया गया, गाड़ी भी दी गई, लेकिन अधिकारी हमारी बात नहीं सुनते. दिनेश खटिक ने केंद्रीय गृह मंत्री (Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) को जो चिट्ठी लिखी है, उसमें कई आरोप लगाए गए. उन्होंने आरोप लगाया है कि दलित होने के कारण विभाग में न तो सुनवाई नहीं की जा रही है और न ही उनको किसी बैठक की जानकारी दी जाती है. इतना ही नहीं, उन्होंने अधिकारियों पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया है. वहीं उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की और केंद्रीय नेतृत्व से मिलने की बात चर्चा में रही. चूंकि मामला केंद्रीय स्तर तक पहुंच गया है, ऐसे में जानते हैं मंंत्री कितनी तरह के होते हैं और उनमें फर्क क्या है…

मंत्री मुख्यत: तीन तरह के होते हैं -राज्यमंत्री, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और कैबिनेट मंत्री, जानिए इन तीनों में क्या फर्क होता है

भारत में कैबिनेट मंत्री क्या करते हैं?

कैबिनेट अपेक्षाकृत महत्वपूर्ण मंत्रियों का अधिक छोटा समुदाय है जो देश (अथवा प्रदेश) के शासन के संबंध में सारे महत्वपूर्ण मामलों में नीति का निर्धारण और निर्णय करता है। इसका आकार सरकार के विविध विभागों के कार्यभार के अनुसार घटता बढ़ता और देश-देश में बदलता रहता है।

भारत में कितने मंत्री होते हैं?

मौजूदा समय में केंद्र सरकार में खोल 53 मंत्रालय है जिन का कार्यभार 31 मंत्रियों को संभालने को मिला है। चलिए आपको बताते हैं कि किस मंत्री को कौन सा मंत्रालय है दिया गया है यह आपकी प्रतियोगी परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है। क्योंकि अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में कैबिनेट मंत्री से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं

यूपी के कैबिनेट मंत्री कौन है?

कैबिनेट मंत्री.

भारत के राज्य मंत्री का क्या नाम है?

अजय कुमार मिश्र भारतीय राजनीतिज्ञ तथा 17वीं लोक सभा में संसद सदस्य हैं। ये गृह मंत्रालय, भारत सरकार में राज्यमंत्री हैं।