प्रश्न 2: Show उत्तर : प्रस्तुत दोहे में रहीम दास जी ने सच्चे मित्र की पहचान बताते हुए कहा है कि जो हमारे विपत्ति की घड़ी में हमारा साथ दे वही हमारा सच्चा मित्र है। सुदामा चरित्र को पढ़ते हुए हम यह कह सकते हैं कि श्रीकृष्ण ने भी सच्ची मित्रता का परिचय देते हुए विपत्ति के समय अपने मित्र सुदामा की आर्थिक सहायता की। अत: हम यह कह सकते हैं कि रहीम द्वारा दिए गए सच्चे मित्र की परिभाषा तथा श्रीकृष्ण के अपने मित्र की सहायता करने में काफी समानता है। प्रश्न 1: द्रुपद और द्रोणाचार्य भी सहपाठी थे, इनकी मित्रता और शत्रुता की कथा महाभारत से खोजकर सुदामा के कथानक से तुलना कीजिए। उत्तर : सुदामा निर्धन थे तथा श्रीकृष्ण राजा थे। उसी प्रकार महाराज द्रुपद तथा गुरू द्रोणाचार्य भी आश्रम में एक ही साथ शिक्षा ग्रहण करते थे तथा परम मित्र थे। सुदामा के द्वारका जाने पर श्रीकृष्ण ने उनका आदर-सत्कार किया था। परन्तु गुरू द्रोणाचार्य के अपने मित्र राजा द्रुपद के पास जाने पर राजा द्रुपद ने उनका अपमान किया और महाभारत के युद्ध में एक दूसरे के विपरीत युद्ध करके दुश्मनी का परिचय दिया। प्रश्न 2: उच्च पद पर पहुँचकर या अधिक समृद्ध होकर व्यक्ति अपने निर्धन माता-पिता-भाई-बंधुओं से नजर फेरने लग जाता है, ऐसे लोगों के लिए सुदामा चरित कैसी चुनौती खड़ी करता है? लिखिए। उत्तर : उच्च पद पर पहुँच कर लोग अक्सर अपने सगे-संबधियों, अपने मित्रों को भूल जाते हैं, ऐसे लोगों को सुदामा चरित से शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। यह रचना ऐसे लोगों के लिए एक सबक है। जिससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि अधिक समृद्ध हो जाने पर हमें अहंकार वश किसी को तुच्छ नहीं समझना चाहिए। रहीम के अनुसार सच्चा मित्र कौन है?← Prev Question Next Question → 0 votes 247 views asked
Mar 4 in Hindi by ManvikKumar
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रहीम के अनुसार सच्चा मित्र कौन है?
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Mar 4 by ArchanaKumari (37.9k points) Best answer रहीम कहते हैं कि सच्चे मित्र की पहचान विपत्ति के समय होती है। संपत्ति मिलने पर बहुत लोग हमारे मित्र हो जाते हैं। वे हमारी संपत्ति के कारण हमारी मित्रता स्वीकार करते हैं। लेकिन विपत्ति के समय जो हमारा साथ दे वही हमारा सच्चा मित्र है। ← Prev Question Next Question →
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... रहीम जी के अनुसार सच्चे मित्र कौन होते हैं *?लिखिए। उत्तर : प्रस्तुत दोहे में रहीम दास जी ने सच्चे मित्र की पहचान बताते हुए कहा है कि जो हमारे विपत्ति की घड़ी में हमारा साथ दे वही हमारा सच्चा मित्र है। सुदामा चरित्र को पढ़ते हुए हम यह कह सकते हैं कि श्रीकृष्ण ने भी सच्ची मित्रता का परिचय देते हुए विपत्ति के समय अपने मित्र सुदामा की आर्थिक सहायता की।
रहीम के अनुसार सच्चे एवं जूते मित्र की क्या पहचान है?रहीम कवि बताते हैं कि सच्चे मित्र की परीक्षा विपत्ति के समय में होती है। अच्छे दिनों में तो बहुत-से लोग मित्र बन जाते हैं परन्तु सच्चा मित्र वही होता है जिसे विपत्ति की कसौटी पर कस लिया जाय। झूठे मित्र विपत्ति में पास नहीं आते, किन्तु सच्चा मित्र वही होता है जो विपत्ति में भी मित्र की सहायता करता है।
1 रहीम ने सच्चे मित्र की क्या पहचान बताई है?Class 7 Question > सच्चे मित्र की क्या पहचान है?
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