हाइपरएसिडिटी के क्या कारण हैं? हाइपरएसिडिटी यानी पित्त का ज्यादा बनने का कई कारण हैं जैसे मसालेदार भोजन, गर्म मसलों का अधिक इस्तेमाल, फास्ट फूड ज्यादा तेल वाली चीजें, कम पानी पीना आदि। आयुर्वेद डॉक्टर अंकित अग्रवाल के अनुसार, रोजाना खाए जाने वाले कुछ
खाद्य-पदार्थ इस समस्या को बढ़ा सकते हैं।
शरीर में पित्त का उत्पादन ज्यादा होने यानी एसिडिटी के लक्षण क्या हैं? इसके लक्षणों में हार्ट और चेस्ट बर्न, खट्टी या कड़वी डकार, जी मिचलाना, गला जलना, उल्टी, पेट की गैस, पेट में भारीपन, पेट में दर्द, छाती में दर्द, सिरदर्द, सांस की बदबू, पैरों, हाथों में तेज जलन महसूस होना, मुंह में अल्सर, थकान, चक्कर आना और पूरे शरीर में खुजली महसूस होना आदि शामिल हैं।
दूध के साथ मछली या नमक
पेट में ज्यादा पित्त बनने की वजह ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन है, जिनका आपस में कोई मेल नहीं है। गलत फूड कॉम्बिनेशन न सिर्फ हाइपरएसिडिटी बल्कि कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आपको कभी भी दूध और मछली या दूध और नमक नहीं खाना चाहिए।
बासी खाना
कई लोग सुबह उठकर नाश्ते में रात का बचा हुआ बासी खाना खाते हैं। बासी खाने के नुकसान की लिस्ट लंबी है।अगर आप भी ऐसे लोगों में से हैं, तो आपको इस आदत में सुधार कर लेना चाहिए। बासी खाना आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है और इससे एसिडिटी या फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
पेट में क्यों बनता है ज्यादा तेज़ाब
भोजन छोड़ना भी है पित्त की वजह
खाने-पीने की गलत आदतें जैसे अनियमित भोजन करना, भोजन छोड़ना और मसालेदार, तैलीय और फास्ट-फूड का सेवन करने से एसिडिटी हो सकती है। आपको इन चीजों को रात में खाने से बचना चाहिए।
बियर या वाइन
अगर आप बियर या वाइन पीने की शौकीन हैं, तो आपको इस आदत में थोड़ा सुधार कर लेना चाहिए। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर आपको बहुत अधिक मात्रा में बियर या वाइन का सेवन करते हैं, तो आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
पैकेज्ड या फ्रोजन फूड
अगर आप बहुत बार पैकेज्ड या फ्रोजन फूड खाने वालों में से हैं, तो आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। यह चीजें पेट में गैस बनाती हैं और एसिड के उत्पादन को बढ़ा सकती हैं।
हाइपरएसिडिटी से बचने के उपाय
डॉक्टर अंकित के अनुसार, पित्त दोष के उचित पाचन और रखरखाव से आपको एसिडिटी, गैस्ट्राइटिस और सूजन से राहत मिलती है। इसके लिए आपको ज्यादा मसालेदार भोजन से बचना चाहिए, फल-सब्जियों का अधिक सेवन करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, समय पर खाएं, भोजन न छोड़ें और खाली पेट कैफीन न लें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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By उस्मान | Published: March 3, 2021 09:16 AM2021-03-03T09:16:13+5:302021-03-03T09:16:13+5:30
जानिये पेट में क्यों बनता है तेजाब और इससे क्या नुकसान हो सकते हैं
एसिडिटी का घरेलू इलाज
Highlightsगलत खानपान है इसकी बड़ी वजहघर में मौजूद है एसिडिटी का इलाजलक्षण गंभीर होने पर तुरंत डॉक्टर से मिले
गलत खानपान और जीवनशैली की वजह से आजकल बहुत से लोग पेट की समस्याओं से पीड़ित रहते हैं। पेट की एक आम समस्या तेजाब बनना यानी एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux) भी है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पित्त या पेट के एसिड हमारे घुटकी या भोजन नली में वापस आ जाते हैं और जलन पैदा करते हैं। इससे छाती में जलन होती है जो एसिडिटी का सबसे आम लक्षण है।
पेट में तेजाब बनने के लक्षण
इस समस्या के होने पर आपको छाती, पेट या गले में दर्द और जलन, पेट फूलना या गैस बनना, खट्टी डकार, बदबूदार सांस, कब्ज, मतली या उल्टी की भावना, खाने के बाद पेट में भारीपन और मुंह में खाना वापस आना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
सौंफ
लगभग 1 चम्मच सौंफ पाउडर को एक गिलास गर्म पानी के साथ लेने से एसिडिटी और उसके लक्षण जैसे बेचैनी, सूजन और पाचन में सुधार हो सकता है। आपको खाने के बाद भी इसका सेवन करना चाहिए।
काला जीरा
जीरे को
सीधे चबाएं या उनमें से 1 चम्मच एक गिलास पानी में उबालें और इसे पीने से एसिडिटी से राहत मिलती है। काला जीरा गैस्ट्रो-प्रोटेक्टिव होता है। यह अम्लता को कम करने और रोकने में प्रभावी है।
लौंग
एसिडिटी और इसके लक्षणों जैसे पेट फूलना, अपच, मतली, गैस, चिड़चिड़ापन आदि से छुटकारा पाने के लिए लौंग के एक टुकड़े को चूसें और गर्म पानी पियें। आप सोते समय भी एक लौंग खा सकते हैं।
गुनगुना
इस समस्या से बचने के लिए आपको रोजाना सुबह उठने के बाद खाली पेट
और रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए। ऐसे करने से आपको एसिडिटी से राहत मिल सकती है।
तरबूज का रस
अगर आपको अक्सर पेट से जुड़ी कोई समस्या रहती है, तो आपको नियमित रूप से तरबूज का रस पीना चाहिए। यह एसिडिटी से राहत दिलाने में प्रभावी है और पाचन के लिए भी अच्छा है।
इलायची
प्रतिदिन एक हरी इलायची चबाने से अम्लता, पेट फूलना जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है और पाचन में भी सुधार होता है। इसके आलावा इलायची में सभी वो
जरूरी तत्व पाए जाते हैं, जो पेट को आराम दे सकते हैं।
छाछ
छाछ में लैक्टिक एसिड पेट में अम्लता को सामान्य करता है और सुखदायक प्रभाव देता है। काली मिर्च और धनिया के साथ छाछ का एक गिलास अम्लता के हमारे लक्षणों को तुरंत कम करने में मदद करता है।
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा पेट के एसिड को जल्दी से बेअसर कर सकता है और खाने के बाद अपच, सूजन और गैस से राहत दिला सकता है। इस उपाय के लिए, 1/2 चम्मच बेकिंग सोडा को 4 औंस गर्म पानी में मिलाकर
पिएं।
खूब पानी पियें
दूसरा आप ये कर सकते हैं कि जितना हो सके पानी पीएं। दिन भर में कम पानी का सेवन करना भी रात में आपकी तकलीफ को बढ़ा सकता है। इसलिए खाने को ठीक से पचाने के लिए और शरीर में गए पोषक तत्वों को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
अदरक
अपच के लिए अदरक एक और प्राकृतिक उपचार है क्योंकि यह पेट के एसिड को कम कर सकता है। पेट को शांत करने और अपच से छुटकारा पाने के लिए एक कप अदरक की चाय पिएं। अन्य विकल्पों में अदरक कैंडी को
चूसना, अदरक का रस पीना, या अदरक चबाना शामिल है। चार कप पानी में एक या दो टुकड़े अदरक की जड़ को उबालें। पीने से पहले नींबू या शहद के साथ स्वाद जोड़ें।