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किसान भाई और पशुपालन करने वाले लोगों को मानसून के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मानसून में न केवल पशु की उत्पादकता घट जाती है। बल्कि इस मौसम के दौरान गाय भैंस को कई तरह के रोग भी सताने लगते हैं। आज हम ऐसे ही एक रोग के बारे में पशुपालकों को बताने वाले हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं बंद पड़ने की समस्या के बारे में। ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें पशु गोबर नहीं कर पाता और केवल पेशाब ही करता रहता है। ये समस्या कई बार पशु की जान तक ले लेती है। आज हम इस रोग के होने के पीछे की वजह से लेकर इसके लक्षण और इसके उपचार के बारे में जानेंगे। अगर आप भी एक पशुपालक हैं तो ये लेख और वीडियो आपके काफी काम आ सकती है। आइए चलिए जानते हैं बंद पड़ने के उपाय, कारण और लक्षण के बारे में। बंद पड़ना क्या हैपशुपालन करने वाले बहुत से लोगों ने समस्या अनुभव की होगी। इस दौरान पशु गोबर का त्याग नहीं कर पाता। जिसके चलते पशु का पेट भारी होने लगता है और वह जुगाली भी नहीं कर पाता। पशु को अगर ये समस्या 5 दिन तक बनी रहें तो इसकी वजह से पशु की जान तक चली जाती है। आइए जानते हैं आखिर पशुओं में कब ये समस्या पैदा होती है। पशु में बंद पड़ने की समस्या के कारणमानसून या अन्य मौसम के दौरान ये पशुओं में बंद पड़ने की दिक्कत पैदा हो जाती है। इस दिक्कत के कुछ कारण हो सकते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं।
बंद पड़ने के लक्षणजब पशु को बंद पड़ने की दिक्कत होती है तो वह गोबर नहीं कर पाता और पेशाब ही करता रहता है। इसके अलावा बंद पड़ने पर पशु जुगाली करना भी छोड़ देता है। वहीं अगर 5 दिन तक पशु पर ध्यान न दिया जाए तो इसकी वजह से पशु की मौत भी हो सकती है। पशु का बंद पड़ने का उपाय और उपचारअगर ये समस्या पशु के साथ हो गई है तो इस समस्या से राहत दिलाने के लिए आपके पास कुछ गिने चुने तरीके हैं। इनमें से पहला और सबसे जरूरी है डॉक्टर से राय लेना। दूसरा है कि आप कुछ घरेलू उपाय अपना सकते हैं। ऐसे ही एक उपाय से हम आपको रूबरू कराने वाले हैं। इस उपाय को आप चाहें तो वीडियो के माध्यम से भी समझ सकते हैं। बंद पड़ने की समस्या के उपाय के लिए सामग्री
उपाय तैयार करने की विधिइन तीनों चीजों को एक लीटर पानी में मिलाकर गर्म कर दें। जब पानी आधा रह जाएं तो इसमें 200 ग्राम गुड़ मिला दें। पशु के उपाय की प्रक्रियाजब यह सामग्री अच्छी तरह मिलकर तैयार हो जाए तो ठंडा होने के पश्चात पशु को नाल या डर्के से पशु को दे दें। इस उपाय को अपनाने से पशु को 30 मिनट से लेकर 60 मिनट तक में राहत मिल जाएगी और वह अपना गोबर त्याग पाएगा। अगर पशु को इस उपाय से राहत न हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और पशु का उपचार कराएं। हमें उम्मीद है कि आपको हमारा लेख पसंद आया होगा। आप इसी तरह की जानकारी हासिल करने के लिए हमारी ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं। इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। आप ऐप के जरिए पशु चिकित्सक से सहायता भी ले सकते हैं। इसके अलावा पशु खरीदने और बेचने के लिए भी ऐप इस्तेमाल की जा सकती है। Solution : यह ठीक बात है कि पक्षियों को पिंजरे में बन्द करने से केवल आजादी का ही हनन नहीं होता, क्योंकि उनका सहज स्वाभाविक स्वभाव होता है, .उड़ना.। उड़े बिना वे में नहीं रह सकते। पिंजरे में बन्द करके तो हम उनकी आजादी छीन लेते हैं। जिससे वे उड़ने के लिए पिंजरे में ही छटपटाते रहते हैं। इसके साथ ही हमारा पर्यावरण भी प्रभावित होता न है, क्योंकि पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने में पक्षियों की बहुत बड़ी भागीदारी होती है। पक्षियों के न रहने पर यह । सन्तुलन बिगड़ने लगता है। बहुत से पक्षी कीड़े-मकोड़ों को खाकर पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में सहयोग करते रहते हैं। इससे हमारा पर्यावरण सन्तुलित रहता है। इसके साथ ही पक्षी फलों को खाकर उनके बीजों का प्रकीर्णन करते हैं। इस प्रकार पक्षी पेड़-पौधे के उगने तथा उनकी वृद्धि करने में भी सहायक होते हैं। नई दिल्ली। क्या आपको मालूम है कि पशु पक्षी आपके वास्तु शास्त्र को कम कर सकते हैं। अगर आप अपने जीवन में इन तरीकों को अपनाते हैं। आपको दुखों से निदान मिल सकता है। क्योंकि पशु-पक्षियों में इन दोषों को कम करने की शक्ति होती है। हालांकि इन्हें आप टोटके भी कहते हैं। लेकिन ये आपके घर में मौजूद नकारात्मक शक्तियों को कम कर सकती हैं। आमतौर कहा जाता है कि अगर आप अपने सूर्य ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं तो रविवार को गुड़ गाय को खिलाएं। आपको अपने जीवन ने शासन सत्ता से लाभ जरूर मिलेगा। वहीं अगर आप कुत्तों को रोज रोटी देते हैं तो आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा। क्योंकि कुत्तों में बीमारियों को खत्म करने शक्ति होती है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि पशु पक्षियों में अनिष्ट और नकारात्मक शक्तियों को खत्म करने की शक्ति होती है। वहीं अगर आप ने घर में गाय कुत्ता पाला है तो आपके घर के कई वास्तु दोष अपने आप खत्म हो सकते हैं। आपको याद होगा कि जब देश के दक्षिणी हिस्सों में सुनामी आई तो उस इलाके से पक्षी गायब हो गए थे। जानवरों ने खाना खाना बंद कर दिया था। असल में जानवरों में कई इंद्रियां ऐसी हैं जिससे उन्हें इस बात का आभास हो जाता है कि कुछ अनिष्ट होने वाला है। इसके जरिए वह बता देते हैं कि कुछ ऐसा होने वाला है। लिहाजा अगर आप ग्रहों से पीड़ित हैं तो वास्तु दोष के कारण आपको नुकसान हो रहा तो जानवरों और पशी पक्षियों की सेवा करें। आपके कई बिगड़े काम बनेंगे। अगर आप कहीं पर अपना घर बना रहे हैं तो निर्माण कार्य से पहले वहां पर किसी गाय और उसके बछड़े को पालें और उसे चारा खिलाएं। इससे आपके घर के वास्तु दोष खत्म हो जाएंगे। भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए गाय पालना उत्तम माना गया है। अगर आप हर दिन गाय को रोटी खिलाते हैं तो आपको पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। यानी आप आपने राहु केतू को शांत कर सकते हैं। यही नहीं घर के कलेश भी कम होंगे। अगर आपके व्यापार में घाटा हो रहा है और आप ज्यादा लाभ कमाना चाहते हैं तो प्रतिदिन पक्षियों को दाना दें और उनके लिए पानी रखें। वहीं अगर आप कई तरह के कठिनाईयों में उलझे हुए हैं तो गिलहरियों को रोटी खिलाए। अगर आप बुध ग्रह से पीड़ित हैं तो गाय को हरा चारा खिलाएं।रविवार को गाय को गुड़ खिलाने से सूर्य ग्रह को आप मजबूत कर सकते हैं। सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। वहीं घर में तोता पालना भी शुभ माना जाता है। क्योंकि इससे वास्तु दोष खत्म होते हैं। मछलियों आटे की गोलियां खिलाने से अनेक दोष दूर होते हैं। गुरुवार को हाथी को केले खिलाने से नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं इसे गुरु ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। अगर आप सफलता पाना चाहते हैं तो अपने घर में गरुड़ की मूर्ति या फोटो रखें। पक्षी पशु को बंद कर रखने से क्या लाभ होता है?पशु-पक्षियों एवं जीव-जंतुओं पर भी नवग्रहों का प्रभाव होता है। पक्षी हमेशा खुले आकाश से ही प्रेम करते है। यदि उन्हें पिंजरे में बंद कर दिया जाए, तो पिंजरा उनके लिए जेल के समान हो जाता है। हिंदू धर्मशास्त्रों में पक्षियों को दाना खिलाना बहुत ही पुण्य का काम माना गया है।
पशु पक्षियों को पिंजरे में बंद क्यों नहीं करना चाहिए?पक्षियों को पिंजरे में बंद करके उसकी स्वतंत्रता का हनन होता है, क्योंकि उनकी प्रवृत्ति है 'उड़ना'। अतः प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में पृथ्वी के सभी जीवों की समान रूप से महत्त्वपूर्ण भूमिका है। पृथ्वी के पर्यावरण संतुलन के लिए मनुष्य एवं पशु दोनों की आवश्यकता समान रूप से है।
क्या जानवरों को पिंजरे में बंद कर देना चाहिए?पक्षी हमेशा खुले आकाश से ही प्रेम करते है. अगर उन्हें पिंजरे में बंद कर दिया जाये तो वो पिंजरा उनके लिए जेल के समान हो जाता है. हमारे धर्मशास्त्रों में पक्षियों को दाना खिलाना बहुत ज़्यादा पुण्य का काम माना जाता है. इसलिए अगर आप पक्षियों को पिंजरे में बंद कतरे है तो पाप के भागीदारी बन जाते हैं.
पक्षी को पिंजरे में बंद करने से प्रकृति को क्या क्या नुकसान है?Answer: पिंजरे में बन्द करके तो हम उनकी आजादी छीन लेते हैं। जिससे वे उड़ने के लिए पिंजरे में ही छटपटाते रहते हैं। इसके साथ ही हमारा पर्यावरण भी प्रभावित होता न है, क्योंकि पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने में पक्षियों की बहुत बड़ी भागीदारी होती है।
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