प्रेगनेंसी के 7 महीने में कैसे सोना चाहिए? - preganensee ke 7 maheene mein kaise sona chaahie?

गर्भावस्था की जानकारी मिलते ही मां बनने जा रही महिलाएं अपना और अपने गर्भ में पल रहे बच्चे (भ्रूण) का ख्याल रखने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और शरीर का वजन बढ़ता है। गर्भवती महिला के लिए पोषणयुक्त आहार के साथ-साथ पूरी नींद भी जरुरी है साथ ही गर्भावस्था में सोने का तरीका जानना भी उनके लिए बहुत जरूरी है। गर्भावस्था का समय उन महिलाओं के लिए कठिन हो जाता है जो पहली बार मां बन रही हैं।

पहली बार बनने वाली मां कई बातों से अनजान होती है जो गर्भावस्था के दौरान जानना जरूरी होता है। एक्सपर्ट्स का मानना है की गर्भावस्था में सोने का तरीका भी पहली बार मां बनी महिला को जानना जरूरी होता है क्योंकि इसका सीधा असर बच्चे के विकास पर पड़ सकता है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं गर्भावस्था में सोने का तरीका क्या है?

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गर्भावस्था में सोते समय रखें इस बात का खास ध्यान

आपने गर्भावस्था में सोने का तरीका तो जान लिया। इसके अलावा आपको यह भी जानना जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान सोते समय क्या नहीं करना चाहिए। प्रेग्नेंट महिला को पीठ के बल सोने से बचना चाहिए। हालांकि, गर्भावस्था के शुरुआत में आप पीठ के बल लेट सकती हैं, लेकिन लंबे समय तक ऐसा करना सही नहीं है। पीठ के बल ज्यादा देर तक लेटने से गर्भाशय का दबाव पीठ की मांसपेशियों, रीढ़ की हड्डियों और रक्त नलियों पर पड़ सकता है। इसकी वजह से शिशु तक रक्त का संचार सही ढंग से नहीं हो पाता है। साथ ही इससे मांसपेशियों में दर्द व सूजन आ सकती है और ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। इसे अलावा स्लिप एप्निया (sleep apnea) जैसी समस्या का सामना भी गर्भवती महिला को करना पड़ सकता है। इसलिए, गर्भावस्था में सोने का तरीका सही होना जरूरी है। गर्भावस्था में सोने का तरीका आपके होने वाले शिशु के विकास को प्रभावित करता है।

कहा जाता है कि किसी भी महिला के प्रेग्नेंसी के पहले तीन और बाद तीन महीने बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। प्रेग्नेंसी की शुरूआत में शरीर में बहुत से परिवर्तन होते हैं, जिनके लिए महिला पूरी तरह से तैयार भी नहीं होती है। एक से दो महीने बाद तक प्रेग्नेंट महिला के लिए चीजें नॉर्मल होने लगती है। वहीं प्रेग्नेंसी के आखिरी दिनों में जो समस्या मुख्य रूप से आती है, वो है ठीक से सो न पाना। जब पेट अधिक बढ़ जाता है तो लेटने में बहुत-सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं में एक समस्या है महिला को किस तरह से सोना चाहिए ? वैसे तो महिला को करवट लेना सोना आरामदायक लग सकता है लेकिन तकिए का उपयोग महिला को अधिक राहत दिला सकता है। बच्चे के आकार के बढ़ने के साथ ही महिला का शरीर भी बढ़ने लगता है। बढ़े हुए वजन के कारण आराम से लेट पाना एक चुनौती बन जाता है। बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए मां का पर्याप्त मात्रा में नींद लेना बहुत जरूरी है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को आठ से नौ घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। वहीं दिन में थकावट का एहसास होने पर महिलाओं को एक से दो घंटे आराम करना चाहिए। अच्छी नींद लेने से एम्ब्रियो को ब्लड और ऑक्सीजन की अच्छी सप्लाई होती है।

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नींद में बांधा बनते हैं ये कारण

प्रेग्नेंसी के फस्ट ट्राइमेस्ट में महिलाओं का पेट भले ही बड़ा न होता हो लेकिन शरीर में सुस्ती का अनुभव होने के कारण या फिर शरीर में हो रहे हार्मोनल चेंजेस की वजह से महिलाओं को नींद नहीं आती है। वहीं कुछ महिलाओं को शारीरिक दर्द या पेट में दर्द के कारण भी नींद नहीं आती है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरॉन के लेवल में बदलाव होता है। वहीं उल्टी या मतली का एहसास भी महिलाओं की नींद में समस्या पैदा कर सकता है।

गर्भावस्था में सोने का तरीका

प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण और योनि का आकार बढ़ने की वजह से गर्भवती महिला को सोने में दिक्कत होती है। वहीं, इस अवस्था में डॉक्टर पेट के बल न सोने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे भ्रूण पर दबाव पड़ता है। यही बात बार-बार गर्भवती महिला के दिमाग में चलती रहती है जिस वजह से वह रात में सही नींद से भी वंचित रह जाती है। इनके अलावा भी कई कारण होते हैं, जिनके चलते प्रेग्नेंसी पीरियड में महिला का सोना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में गर्भावस्था में सोने का सही तरीका जानकर आप बिना किसी डर के नींद ले सकती हैंनीचे गर्भावस्था में सोने का सही तरीका जानें-

1.प्रेग्नेंसी में बेस्ट पॉस्चर: तकिए का इस्तेमाल करें

प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर का वजन बढ़ता जाता है और ऐसे में तकिए का इस्तेमाल आपको आरामदायक लगेगा। तकिए का इस्तेमाल पैरों के बीच में, कमर के पीछे हिस्से में रखने से आराम मिलेगा। इससे गर्भवती महिला को सपोर्ट मिलेगा और वे पेट को बैलेंस कर सकती है। इसलिए गर्भावस्था में सोने का तरीका अपना रहीं हैं, तो सोने के दौरान तकिये का इस्तेमाल करें। तकिए का इस्तेमाल आप करवट लेने के दौरान पेट के नीचे की ओर भी कर सकते हैं। ऐसा करने से पेट को सपोर्ट मिलता है। साथ ही पेट में खिचांव भी महसूस नहीं होता है। आप अगर प्रेग्नेंसी के दौरान तकिए के उपयोग को लेकर कंफ्यूज हैं तो डॉक्टर से भी इस बारे में सलाह ले सकती हैं।

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2.कमर के बल नहीं सोना चाहिए

गर्भावस्था में सोने का तरीका अगर कमर के बल है, तो इससे बेहतर है किसी एक करवट सोने की कोशिश करें। कमर के बल सोने से आपको पीठ दर्द का एहसास भी हो सकता है। आपको प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी के रिलेक्स के बारे में अधिक सोचना चाहिए।

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3. प्रेग्नेंसी में बेस्ट पॉस्चर: बाईं करवट सोएं

बाईं करवट सोने की कोशिश ज्यादा करें इससे भी आपको आराम मिलेगा।

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4.पीठ के बल नहीं सोएं

खासकर गर्भावस्था के आखिरी महीनों में शरीर का वजन ज्यादा बढ़ जाता है जिससे पीठ के बल सोने में परेशानी होने लगती है। हालांकि गर्भावस्था के पहले तीन महीने तक पीठ के बल सोने से अगर कोई परेशानी नहीं होती है तो आपको आगे भी पीठ के बल सोने से कोई परेशानी नहीं होगी।

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5. प्रेग्नेंसी में बेस्ट पॉस्चर: पेट के बल नहीं सोएं

प्रेग्नेंसी के दौरान पेट के बल सोना बच्चे की पॉजिशन पर असर डालता है। इसलिए बेहतर होगा कि पेट के बल ना सोएं। कभी-कभी पेट के बल सोने से पेट में दर्द और सूजन भी हो सकती है। इससे डिलिवरी के वक़्त भी परेशानी हो सकती है। पेट के बल सोना कहीं न कहीं बेचैनी भी पैदा कर सकता है।

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प्रेग्नेंसी में बेस्ट पॉस्चर: किन-किन बातों का रखें ध्यान

गर्भावस्था में सोने का सही तरीका याद रखने के साथ ही कुछ और बातों पर भी ध्यान देना चाहिए जैसे-

  1. गर्भावस्था के दौरान खाने-पीने में पौष्टिक आहार शामिल करें। जिससे गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत भी अच्छी रहेगी।
  2. सोने से पहले आप अपने हाथों, पैरों, गर्दन और सिर की हल्की मालिश करवा सकते हैं। इससे मसल्स में आया तनाव कम होता है और आराम मिलता है।
  3. गर्भवती महिला का कमरा और बेड साफ-सुथरा और माहौल शांत होना चाहिए।
  4. प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों में सूजन और दर्द रहता है। ऐसे में पैरों के हल्की मसाज करवाना गर्भवती महिला के लिए आरामदायक होगा।
  5. रात को सोने से पहले पानी थोड़ा कम पिएं। इससे बार-बार आपको टॉयलेट नहीं जाना होगा और आप चैन की नींद सो सकती हैं।
  6. गर्भावस्था के दौरान शरीर का वजन बढ़ता जाता है इसलिए सोने के तरीकों को थोड़ा आरामदायक और अडजस्टेबल बनाए रखना जरुरी है।
  7. योग और वॉक करें इससे भी अच्छी नींद आने में गर्भवती महिला को मदद मिलेगी।
  8. गर्भावस्था के दौरान अच्छी नींद आए इसके लिए रात को सोने से पहले भारी-भरकम, मिर्च-मसाले और तले हुए खाने से परहेज करें। इसकी जगह सोने से करीब दो घंटे पहले हल्का भोजन करें और कुछ देर टहलें।
  9. बेहतर नींद के लिए सोने से पहले एक गिलास गुनगुना दूध या फिर हर्बल चाय भी आप ले सकती हैं।
  10. सोने से पहले प्रेग्नेंट महिला गहरी और लंबी सांसें भी ले सकती है। इससे ह्रदय की गति सामान्य होती है, जिस कारण नींद न आने की समस्या दूर होती है।

गर्भावस्था में सोने का तरीका ठीक होना बहुत जरूरी है। ताकि वह अगली सुबह एनर्जेटिक और फ्रेश फील के सके। साथ ही गर्भवती महिला का पूरी नींद लेना गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए भी जरूरी है। ऊपर बताया गया गर्भावस्था में सोने का सही तरीका गर्भवती महिलाओं के लिए मददगार साबित होगा।

उम्मीद है कि ऊपर बताए गए टिप्स से गर्भवती महिलाओं को नींद से जुड़ी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी। फिर भी गर्भावस्था में सोना का सही तरीका या प्रेग्नेंसी में बेस्ट पॉस्चर के बारे में आपको जानकारी के लिए डॉक्टर से भी संपर्क करना चाहिएप्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह की परेशानी या असहज महसूस होने पर या फिर गर्भावस्था में सोने का तरीका समझ न आने की स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेना गर्भवती महिला और बच्चे के लिए सही निर्णय होगा। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।

प्रेगनेंसी में सीधा लेटने से क्या होता है?

सीधा लेटने पर यूट्रस आईवीसी के ऊपर प्रेशर डालता है। हो सकता है कि इसके कारण सीधा लेटने पर आपको सांस लेने में दिक्‍कत हो या फिर आपको भारीपन महसूस हो। इस वजह से आपको चौथे महीने के बाद से पीठ के बल सोना बंद कर देना चाहिए। इस समय सीधे लेटने की वजह से एसिडिटी वगैरह भी हो सकती है।

गर्भवती महिला को 7 महीने में क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए?

आपको आयरन, कैल्शियम, फाइबर, डीएचए, मैग्नीशियम, विटामिन और प्रोटीन आदि से भरपूर दूसरे पदार्थों का भी सेवन करना चाहिए। आपके खान पान में वो सभी चीजें शामिल होनी चाहिए जो Pregnancy 7 Month in Hindi प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में मां और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होती हैं।

गर्भवती महिला को कैसे बैठना चाहिए?

कैसे बैठें: सही अवस्था एकदम सीधा बैठना या फिर थोड़ा सा पीछे की तरफ झुकाव देकर बैठने की मुद्रा अच्छी है। आपके स्तन एकदम सामने या हल्के से ऊपर की तरफ होने चाहिए। वे आपके पेट से लगे हुए नहीं होने चाहिए। आपकी टांगें भी एक-दूसरे से जुड़ी न हों, ताकि बढ़े हुए पेट को जगह मिल सके।

बच्चा गोरा होने के लिए क्या खाएं?

​फ्रूट्स खट्टे फल जैसे कि संतरा प्रेग्‍नेंसी में खाने से बच्‍चे का रंग साफ होता है। इन फलों में विटामिन सी होता है जो न सिर्फ बच्‍चे के विकास में मदद करते हैं बल्कि बेबी की स्किन टोन में भी सुधार करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अनानास में भी विटामिन सी होता है और यह शिशु के रंग को साफ कर सकता है।