निम्न में से क्रिया शब्द कौन - सा है ?

Contents

  • 1 क्रिया
  • 2 धातु 
    • 2.1 धातु के भेद 
      • 2.1.1 1. मूल धातु
      • 2.1.2 2. सामान्य धातु
      • 2.1.3 3. व्युत्पन्न धातु
      • 2.1.4 4. यौगिक धातु
  • 3 क्रिया के भेद 
    • 3.1 (1) सकर्मक क्रिया
    • 3.2 (2) अकर्मक क्रिया
  • 4 क्रिया के भेद रचना के आधार पर 
    • 4.1 (1)  सामान्य क्रिया 
    • 4.2 (2)  संयुक्त क्रिया
    • 4.3 (3)  नामधातु क्रिया 
    • 4.4 (4)  प्रेरणार्थक क्रिया
    • 4.5 (5) पूर्वकालिक क्रिया
  • 5 हिन्दी व्याकरण

क्रिया

जिस शब्द के द्वारा किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है उसे क्रिया कहते है। क्रिया को करने वाला ‘कर्ता’ कहलाता है।

जैसे – पढ़ना, खाना, पीना, जाना , सोना, रोना, हँसना , गिरना, दौड़ना , नाचना ,खरीदना इत्यादि।

(1) सीमा पुस्तक पढ़ रही है।

(2) रोहन खाना खा रहा है। 

(3) रीमा पानी पी रही है। 

(4) गीता बहुत ज़ोर से हँस रही है। 

(5) दादा जी धीरे धीरे चलते है। 

(6) मीरा बाज़ार जाना चाहती है। 

(7) सिमरन साइकिल खरीद रही है। 

(8) राम  बैट बॉल से खेल रहा है। 

(9) घोडा तेज़ दौड़ता है।

(10) बच्चा पतंग उड़ा रहा है। 

धातु 

जिस मूल रूप से क्रिया को बनाया जाता है उसे धातु कहते है।

जैसे :-सुन , खो, खेल, कूद, बोल , पढ़ , घूम , लिख , गा , हँस , देख , जा , खा , बोल , रो आदि।

धातु के भेद 

1. मूल धातु
2. सामान्य धातु
3. व्युत्पन्न धातु
4. यौगिक धातु

खा + ना = खाना

पढ़ + ना = पढ़ना

जा + ना = जाना

लिख + ना = लिखना

बोल + ना = बोलना 

घूम + ना = घूमना 

डाल+ ना डालना 

1. मूल धातु

मूल धातु किसी पर आश्रित न होकर स्वतंत्र होती हैं उसे मूल धातु कहते हैं।

जैसे : जा, खा, पी, रह, गा , रो , लिख, आदि ।

2. सामान्य धातु

धातु में जो ना प्रत्यय जोडकर उसका सरल रूप बनाया जाता है उसे सामान्य धातु कहते हैं।

जैसे : जाना , खाना , बोलना , रोना,  पढना , बैठना , लिखना , सोना , रोना , घूमना , गाना , हँसना , देखना ,सुनना आदि

3. व्युत्पन्न धातु

सामान्य धातु में प्रत्यय लगाकर या और किसी कारण से जो परिवर्तन किये जाते हैं उसे व्युत्पन्न धातु कहते हैं।

जैसे : सुलवाना , लिखवाना , दिलवाना , करवाना , खिलवाना , धुलवाना , पढवाना , कटवाना  आदि

4. यौगिक धातु

यौगिक धातु को प्रत्यय जोडकर बनाया जाता है।

जैसे : खाना से खिला, पढ़ना से पढ़ा  , लिखना से लिखा , खाना से खिलाना आदि 

निम्न में से क्रिया शब्द कौन - सा है ?

क्रिया के भेद 

कर्म के अनुसार या रचना की दृष्टि से क्रिया के दो भेद हैं-

(1) सकर्मक क्रिया

(2) अकर्मक क्रिया

(1) सकर्मक क्रिया

जिस क्रिया का प्रभाव कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। 

वाक्य में क्रिया शब्द से पहले “क्या”, किसे तथा किसको प्रश्न करने पर यदि उत्तर मिल जाता है, तो क्रिया सकर्मक होती है ।

जैसे:

(1) शैली पुस्तक पढ़ा रही हैं।

(2) रीना  खाना खा रही है।

(3) विकास ने खिलौना खरीदा ।

(4) प्रतिभा लेख लिखती है। 

(5)  सविता फल लाती है।

(5)  नेता भाषण देता है।

(6) रमेश मिठाई बनाता है।

(7) माली ने पानी से पौधों को सींचा।

(8)  लड़के क्रिकेट खेलते हैं।

(9) मोहन दूध पीता है ।

(10) पिताजी पत्र लिखते है

सकर्मक क्रिया के भेद

(i) एककर्मक क्रिया
(ii) द्विकर्मक क्रिया

(i) एककर्मक क्रिया : जिस सकर्मक क्रियाओं में केवल एक ही कर्म होता है, वे एककर्मक सकर्मक क्रिया  कहलाती हैं।

जैसे : 

(1) मोहन  फ़िल्म देख रहा है। 

(2) नीता खाना खा रही है।

(3) सीमा झाड़ू लगा रही है।

(4) सुरेश सामान लाता है।

(5) प्रताप गाड़ी चला रहा है ।

(ii) द्विकर्मक क्रिया

जिन सकमर्क क्रियाओं में एक साथ दो-दो कर्म होते हैं, वे द्विकर्मक सकर्मक क्रिया कहलाते हैं।

जैसे :

(1) श्याम ने राधा को रुपये दिए।

(2) मीरा अपने भाई के साथ फ़िल्म देख रहा है। 

(3) सोहन और मोहन खाना खा रहे है 

(4) छात्र ने अध्यापिका को कॉपी दिखाई ।

(5) टीना ने श्याम को नाश्ता कराया ।

(2) अकर्मक क्रिया

जिस क्रिया का फल कर्ता पर ही पड़ता है वह क्रिया अकर्मक क्रिया कहलाती हैं।

अकर्मक क्रिया का कोई कर्म (कारक) नहीं होता, इसीलिए इसे अकर्मक कहा जाता है ।

जैसे :

(1) पूजा नाचती  है।

(2) श्याम रोता है।

(3) सुनील पढ़ता  है।

(4) घोडा दौड़ता है।

(5) राकेश मारता है।

(6) पक्षी उड़ता है

(7) दर्जी कपड़े सिल रहा है।

(8) मोहन  चिल्लाता है।

(9) बच्चा शरबत पी रहा है।

(10) राधा घूम रही है।

क्रिया के भेद रचना के आधार पर 

(1)  सामान्य क्रिया 
(2)  संयुक्त क्रिया
(3)  नामधातु क्रिया 
(4)  प्रेरणार्थक क्रिया 
(5)  पूर्वकालिक क्रिया

(1)  सामान्य क्रिया 

जब किसी वाक्य में एक ही क्रिया का प्रयोग हो तो वह सामान्य क्रिया कहलाती है ।

जैसे :

(1) सोहन ने गाना गाया 

(2) पिताजी ने पत्र लिखा 

(3) मोर बारिश में नाचा 

(4) सीता ने रोटी खाई 

(5) सोहन ने पुस्तक पढ़ी 

(6) सुनील ने खाना खाया 

(7) माता जी ने खाना बनाया 

(8) मोहन रोया 

(9) मीरा ने पानी पिया 

(10) सुशील गिरा 

(2)  संयुक्त क्रिया

जब दो या दो से अधिक क्रियाएँ मिलकर किसी पूर्ण क्रिया को बनाती हैं, तब वे संयुक्त क्रियाएँ कहलाती हैं।

जैसे:

(1) मैंने खाना खा लिया है 

(2) तुम बाज़ार चले जाओ

(3) वह मेरे घर आया करता है।

(4) रेलगाड़ी चल पड़ी

(5) पिताजी आ गए हैं

(6) आज पढ़ना-लिखना होगा।

(7) सीता हर बात पर रो पढ़ती है 

(8) हमे ईश्वर के आगे झुक जाना चाहिए 

(9) माताजी ने सब्ज़ी बना दी है।

(10) हम पढ़ाई कर चुके।

(3)  नामधातु क्रिया 

संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण शब्दों से बनने वाली क्रियाओं को नामधातु क्रिया कहते हैं ।

जैसे: हाथ –हथियाना, रंग- रंगना, शर्म-शर्माना, अपना – अपनाना, गरम- गरमाना, बात से बतियाना, दुख से दुखाना, चिकना से चिकनाना, लाठी से लठियाना,  स्वीकार-स्वीकारना, धिक्कार-धिक्कारना,  साठ – सठियाना, चिकना- चिकनाना, भीतर – भितराना

(4)  प्रेरणार्थक क्रिया

जहाँ कर्ता कार्य को स्वयं न करके, किसी दूसरे से करवाता है, वहाँ प्रेरणार्थक क्रिया होती है ।

जैसे:

(1) शिक्षक ने विद्यार्थी से पुस्तक पढ़वायी 

(2) हम कुली से बोझ उठवाते हैं।

(3) माता ने बच्चे को खाना खिलवाया

(4) नौकर माली से पत्र लिखवाता है

(5) मालिक नौकर से सफ़ाई करवाता है 

(6) महेश नाई से बाल कटवाता है

(7)वह अपनी बेटी से गीता पढ़वाता है

(8) रमेश अपना इलाज डॉक्टर से करवाता है 

(9) मैं आपको कहानी सुनाऊंगी

(10) पिता जी अपनी कार मैकेनिक से ठीक करवाते है 

(5) पूर्वकालिक क्रिया

जब कर्ता एक क्रिया को समाप्त करके तत्काल किसी दूसरी क्रिया को आरंभ करता है, तब पहली क्रिया को पूर्वकालिक क्रिया कहते हैं ।

जैसे:

(1) वह पढ़ कर सो गया।

(2) सीमा खेल कर थक गई।

(3) वह अख़बार पढ़ कर नहाने गाया।

(4) सोहन पढ़ कर खेलने गया। 

(5) वह गाकर चला गया।

(6) मीना रो कर चुप हो गई। 

(7) मैं दौड़कर जाऊँगा। 

(8) राकेश पढ़ कर टी.वी देखेगा। 

(9) रीटा पानी पीकर चली गई। 

(10) मोहन बाज़ार जाकर आ गया। 

हिन्दी व्याकरण

संज्ञा संधि लिंग
काल क्रिया धातु
वचन कारक समास
अलंकार विशेषण सर्वनाम
उपसर्ग प्रत्यय संस्कृत प्रत्यय

क्रिया शब्द कौन कौन से हैं?

प्रयोग के आधार पर क्रिया भेद.
संयुक्त क्रिया.
सहायक क्रिया.
प्रेरणार्थक क्रिया.
पूर्वकालिक क्रिया.

क्रिया की पहचान क्या है?

अकर्मक क्रिया की पहचान क्रिया से पहले 'क्या', किसे, किसको शब्द लगाकर प्रश्न करने पर यदि नहीं मिलता तो क्रिया अकर्मक होती है। → प्रश्न करने पर यदि उत्तर… “कर्ता” की प्राप्ति होती है तो भी क्रिया अकर्मक होती है। जैसे- बच्चा सो गया। प्रश्न – “क्या” सो गया।

क्रिया कैसे बनाएं?

क्रिया का वह रूप जिसमें क्रिया का निर्माण संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण में प्रत्यय जोड़ने से होता हो उसे नामधातु क्रिया कहते हैं। आमतौर पर क्रियाओं का निर्माण धातु से होता है, लेकिन नामधातु क्रियाओं को संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण शब्दों में 'ना' प्रत्यय जोड़कर बनाया जाता है।

निम्न में से कौन सा वाक्य सकर्मक क्रिया का उदाहरण है?

उत्तर 3 - अकर्मक क्रिया में कर्म नहीं पाया जाता है जबकि सकर्मक क्रिया में कर्म पाया जाता है। उदा०- पक्षी उड़ रहे हैं । सीता पत्र लिख रही है । समय घड़ी में चार बजे हैं ।