गर्दन का दर्द कैसे ठीक करें in Hindi? - gardan ka dard kaise theek karen in hindi?

Neck Pain Cure गर्दन का दर्द गर्दन के किसी भी हिस्से में हो सकता है जिसमें मांसपेशियां नस हड्डियां जोड़ और हड्डियों के बीच की डिस्क शामिल हैं। कई बार गर्दन दर्द की वजह से गर्दन में अकड़न तक आ जाती है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। गर्दन में अगर दर्द हो जाए तो गर्दन को हल्का सा भी मूव करना भारी पड़ता है। इस दर्द की वजह से सोना, उठना और बैठना तक दूभर हो जाता है। गर्दन का दर्द गर्दन के किसी भी हिस्से में हो सकता है, जिसमें मांसपेशियां, नस, हड्डियां, जोड़ और हड्डियों के बीच की डिस्क शामिल हैं। कई बार गर्दन का दर्द इस कदर बढ़ जाता है कि दर्द की वजह से गर्दन में अकड़न तक आ जाती है।

गर्दन के दर्द का कारण?

गर्दन का दर्द कई कारणों से हो सकता है जैसे लंबे समय तक एक ही पोजिशन में काम करना, तकिया का गलत इस्तेमाल करना, घंटों तक गर्दन का एक ओर झुकाव, खराब पोस्चर में बैठकर टीवी देखना, कंप्यूटर मॉनिटर का अधिक या कम ऊंचाई पर होना, एक्सरसाइज करते समय गर्दन को सही तरीके से न मोड़ने की वजह से गर्दन में दर्द हो सकता है। आप भी अगर गर्दन के दर्द से परेशान हैं तो कुछ सावधानियों को बरतें साथ ही घर में उसका उपचार भी करें।

गर्दन के दर्द का उपचार

गर्दन की बर्फ से सिकाई करें:

गर्दन के दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए दिन में कई बार पांच मिनट तक बर्फ से सिकाई करें। गर्दन दर्द से निजात पाने के लिए गर्म पानी से नहाएं या फिर दर्द वाली जगह हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें। आपको दर्द में राहत मिल सकती है।

गर्दन की मालिश करें:

दर्द के तेल से गर्दन की मालिश आपको गर्दन और पीठ की मांसपेशियों में दर्द से राहत दिलाएगी।

सेंधा नमक से सिकाई करें:

गर्दन दर्द के उपाय में सेंधा नमक दवा की तरह काम करता है। इसका उपयोग मांसपेशियों में दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। इसके इस्तेमाल से गर्दन दर्द में राहत मिलती है। एक बाथटब को तीन चौथाई गुनगुने पानी से भरें और इसमें सेंधा नमक मिलाएं। इस पानी में गर्दन तक 10-15 मिनट तक बैठे रहें, आपको दर्द से राहत मिलेगी।

इन बातों का भी रखें ख्याल:

  • काम करने के लिए हमेशा टेबल और चेयर का इस्तेमाल करें। बेड पर बैठ कर काम करने से बचें।
  • लैपटॉप व आंखों का लेवल 90 डिग्री पर होना चाहिए।
  • लंबे सयम तक काम करने के लिये लैपटॉप के बजाय डेशबोर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • हर 40 मिनट के बाद वॉक करें।
  • रात को सोने के लिए पतला और हल्का तकिया इस्तेमाल करें। 

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

Edited By: Shahina Soni Noor

गर्दन दर्द क्या है ?

गर्दन में दर्द होने की दिक्कत भारत में बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। शरीर का संतुलन ठीक न होने के कारण गर्दन में जो मांसपेशियां होती हैं उनमें खिंचाव आ जाता है। आज कल की कार्य जीवन शैली जैसे मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर ने इस खतरे को काफी गंभीर कर दिया है ।

आजकल के दौर में ज्यादातर लोग अपना काम या फिर बिना काम के कईं घंटों तक लगातार मोबाइल औरकंप्यूटर पर झुके रहते हैं, और इस वजह से यह दिक्कत आजकल आम हो गई है ।

अगर वक्त रहते इसका इलाज न कराया जाए तो सर्वाइकल पेन हो जाता है और अगर एक बार सर्वाइकल हो गया तो यह सिर्फ गर्दन तक सीमित नहीं रहता बल्किधीरे-धीरे शरीर के दूसरे भागों को भी प्रभावित करके अपनी पकड़ में ले लेता है ।

गर्दन दर्द की समस्या को ही सर्वाइकल पेन भी कहते हैं। गर्दन से जुड़ी हुई और गुज़रकर जाने वाली सर्वाइकल स्पाइन में जब दर्द होता है तो उसे ही सर्वाइकल पेन कहते हैं । ऐसा अक्सर हड्डियों के टूटने  से होता है। 

आयु के बढ़ने के विपरित कईं दूसरे कारण भी होते हैं जो गर्दन दर्द की समस्या पैदा करते हैं । जैसे- गर्दन में चोट,लिगामेंट का कठोर हो जाना औरगर्दन का लंबे वक्त तक किसी असुविधाजनक स्थिति में रहना । 

 गर्दन दर्द के लक्षणों को कैसे पहचानें ?

  • गर्दन का कठोर या सख्त हो जाना
  • गर्दन में कठोरता का आभास होता है, चाहकर भी गर्दन को ज्यादा हिला नहीं सकते और अगर सामान्य तरीके से गर्दन को घुमाते हैं तो भारी दर्द होता है ।
  • गर्दन में दर्द होना
  • गर्दन में अधिकांश समय दर्द का आभास होना और तमाम घरेलू उपचारों के बाद भी ठीक न होना । गर्दन में असहनीय पीड़ा का अनुभव करना ।
  • हाथ, पैर और पैर के पंजों का सुन्न होना
  • गर्दन में दर्द होने का एक बड़ा विचित्र लक्षण यह है कि यदि आपको गर्दन दर्द हो रहा है या होने वाला है तो आपके हाथ,पैर और पंजे अचानक सुन्न हो जाएंगे ।
  • मस्तिष्क के पिछले भाग और दोनों कंधों में दर्द का अनुभव होना
  • गर्दन से जुड़ें हो दो अन्य भाग हैं । एक है गर्दन का पीछला और निचला भाग और दूसरे हैं हमारे कंधे । गर्दन दर्द या जिस सर्वाइकल पेन कहते हैं, अगर यह समस्या आपको हो रही है या होने वाली है तो आप गर्दन की पिछली तरफ और कंधों मे दर्द का अनुभव करेंगे ।
  • शरीर को संतुलित करने में असमर्थ होना या ठीक से न चल पाना
  • एक और लक्षण गर्दन दर्द में देखे जाते हैं । यदि शरीर में कमजोरी है और चलने में दिक्कत का आभास हो रहा है तो आपको गर्दन दर्द की शिकायत हो सकती है । 
  • मांसपेशियों में अकड़न महसूस करना

अगर आपके शरीर के किसी भी भाग में विशेषकर कमर से उपर की मांसपेशोयों में आप अकड़न का अनुभव कर रहे हैं तो यह गर्दन दर्द का सुचक हो सकती है । 

गर्दन दर्द क्यों हो जाता है ?

कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल में यदि आप एक ही मुद्रा में रहकर लंबा समय बिता रहे हैं तो यह मांसपेशियों में खिंचाव का कारण बनता है, जिस कारण गर्दन दर्द होता है। 

जब आप किसी भी तरह का पठन कार्य कर रहे हैं या कोई दूसरा कार्य कर रहे हैं तो गर्दन में दर्द पैदा होना आम बात है ।

गर्दन का दर्द आयु पर भी कईं हद तक निर्भर करता है । यदि आपकी आयु 60 या इससे अधिक हो चुकी है तो आपको गर्दन में दर्द की शिकायत हो सकती है, इसीलिए स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहें ।

अर्थराइट्स के कारण गर्दन की हड्डियों काकमजोर या क्षतिग्रस्त होकर पीड़ा महसूस करना

किसी दुर्घटना या घाव लगने पर भी गर्दन का दर्द हो सकता है । क्योंकि चोट लगने पर मांसपेशियों में खिंचाव आना स्वभाविक है । ऐसे समय पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ।

गर्दन दर्द का उपचार क्या है ?

गर्दन में होने वाली पीड़ा या सर्वाइकल पेन की स्थिति अगर मामूली हैतो उसे सहजता से दूर किया जा सकता है । अगर व्यक्ति अपनी दिनचर्या को अनुशासित कर ले और जीवनशैली में बदलाव ले आए तोगर्दन के दर्द से छुटकारा मिल सकता है । परंतु यदि मामला गंभीर है तो फौरन किसी आर्थोपेडिक सर्जन से संपर्क करें ।

आजकल तकनीक के चलते चिकित्सा बहुत आगे निकल गई है । एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन द्वारा बढ़ी सहजता से दर्द के कारण का पता लगाया जा सकता है और सही दवाईयों और परामर्श के द्वारा दर्द को ठीक भी किया जा सकता है ।

कभी-कभी गर्दन में दर्द सूजन का रुप ले लेता है और मांसपेशियां अकड़ जाती हैं । ऐसे में इसे कम करने हेतु कुछ दवाइयां दी जाती हैं । यहां तक कि कभी – कभी पीड़ा हरने के लिए स्टेरॉइड भी देना पड़ता है।

व्यायाम, एक्सरसाइज़ या फिजिकल थेरेपी, यह वह दवा है जो गर्दन के दर्द में सबसे असरकारक काम करती है और इसे मुक्ति भी दिलाती है । सर्वाइकल पेन में भी एक्सरसाइज़ करके बहुत आराम मिलता है ।

क्या न करें ?

आप चाहे कोई भी काम करें, किसी भी अवस्था में बहुत अधिक समय तक वक्त न बिताएं । कहने का तात्पर्य यह है कि आप अगर सीधे बैठे हैं तो घंटों तक वैसे बैठे न रहें, थोड़ा ऊपर, नीचे, दाएं, बाएं हो लें। 

अपने शरीर पर पूरा ध्यान दें, नित्य व्यायाम करने जाएं । दौडें, लेटें, स्ट्रेचिंग करें, योगा करें और वह व्यायाम विशेष तौर पर करें जो आपको गर्दन के दर्द में आराम दे ।

एक बात हमेशा याद रहे कि कभी भी मोबाइल पर बात करने के लिए अपने कंधों और गर्दन का सहारा न लें । यह गर्दन दर्द होने का प्रमुख कारण हो सकता है । चाहे कितना भी ज़रुरी फोन हो, जब आप उसे उठाने में समर्थ और सहज महसूस करें तभी फोन को उठाएं ।

मानव शरीर में हड्डियों का स्वस्थ रहना बहुत उपयोगी होता है और हड्डियों को स्वस्थ रखने में विटामिन और कैल्शियम का अहम योगदान होता है, इसीलिए ऐसा भोजन करें जिसमें विटामिन और कैल्शियम की मात्रा अत्यधिक हो । याद रखिए यह आपको भविष्य में गर्दन में होने वाले तमाम रोगों से बचाएगी ।

गर्दन का दर्द जल्दी कैसे ठीक करें?

Highlights.
गर्दन दर्द से छुटकारा पाने के लिए करें ये एक्सरसाइज.
गर्दन दर्द में कारगर ये घरेलू उपाय.
आइस पैक से करें सिकाई ... .
प्रभावित जगह पर आइस पैक लगाएं ... .
हीट पैक ... .
सरसों या लेवेंडर का तेल ... .
गर्म पानी से करें सिकाई ... .
अदरक और शहद.

गर्दन में दर्द होने का क्या कारण है?

क्यों होता है गर्दन में दर्द- कई बार सुबह सोकर उठने के बाद गर्दन में दर्द या अकड़न महसूस होती है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे ऊंचे तकीये के ऊपर सिर रखना, हार्ड गद्दे पर सोना या फिर रात में सोते समय नींद में गर्दन टेढ़ी हो जाना.

गर्दन और कंधे में दर्द क्यों होता है?

कंधे का दर्द एक आम संयुक्त समस्या है जो तब हो सकती है जब हड्डी की संरचना या नरम ऊतक जो कंधे को बनाता है। कंधे के दर्द में किसी व्यक्ति की मांसपेशियों, उपास्थि, स्नायुबंधन, नसों, कण्डरा, कंधे के ब्लेड, गर्दन, हाथ या हाथ से संबंधित समस्याएं शामिल हो सकती हैं।