मिठाई वाला व्यवसाय में पैसों को कम महत्व क्यों देता था? - mithaee vaala vyavasaay mein paison ko kam mahatv kyon deta tha?

कहानी से

प्रश्न 1: मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?

उत्तर: मिठाईवाला कभी भी पैसे कमाने के उद्देश्य से चीजें नहीं बेचता था। उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी। उसका तो एकमात्र उद्देश्य था अन्य बच्चों की खुशी में अपने बच्चों को ढ़ूँढ़ना। इसलिए वह अलग-अलग चीजें बेचता था और महीनों बाद आता था।

प्रश्न 2: मिठाईवाले में वे कौन गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?

उत्तर: मिठाईवाले की आवाज में गजब की मधुरता थी। बच्चों द्वारा परेशान किये जाने पर भी वह विचलित नहीं होता था और सबसे मनोविनोद से बात करता था। इसलिए बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे।

प्रश्न 3: विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?

उत्तर: ग्राहक हमेशा चाहता है कि उसे चीजों के कम से कम दाम देने पड़े और विक्रेता की कोशिश होती है अधिक से अधिक दाम ले। विक्रेता मुनाफा कमाना चाहता है और ग्राहक पैसे बचाना चाहता है। विजय बाबू को लगता है कि बिना मुनाफे के कोई अपना सामान क्यों बेचेगा। इसलिए उन्हें लगता है कि फेरीवाला उन्हें बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहा है। फेरीवाला बताता है कि बाजार में उससे सस्ती मुरली कोई नहीं बेच सकता क्योंकि वह अधिक मात्रा में सामान खरीदता है तब उसे औरों से सस्ता मिलता है।

प्रश्न 4: खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?

उत्तर: खिलौनेवाले के आने पर बच्चे अपना काम धाम छोड़कर उसकी तरफ दौड़े चले आते थे। थोड़ी देर में बच्चे उसे घेर लेते थे और ऊधम मचाना शुरु कर देते थे। हर बच्चा यही चाहता था कि सबसे पहले उसे उसका मनपसंद खिलौना मिले।


मिठाई वाला व्यवसाय में पैसे को कम महत्व क्यों देता था?

मिठाई वाला अपने व्यवसाय में पैसों को अधिक महत्व नहीं देता था क्योंकि उस बच्चों से बहुत प्रेम था बच्चों के चेहरे पर मुस्कान देखकर वह अति प्रसन्न हो जाता था। मिठाई वाला इस संसार में अकेला था, वह विभिन्न प्रकार की वस्तुएं बेचकर छोटे छोटे बच्चो के चेहरे पर खुशी लाना चाहता था

मिठाई वाले को अपने व्यवसाय से क्या मिलता था?

Answer: मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है सो भी दो-दो पैसे भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा. मेहनत भी तो न आती होगी!” 3. मिठाईवाला हर्ष, संशय और विस्मयादि भावों मे डूबकर बोला – “इससे पहले मुरली लेकर आया था, और उससे भी पहले खिलौने लेकर.”

मिठाईवाला इस कहानी का मुख्य उद्देश्य क्या है इसे अपने शब्दों में लिखिए?

मिठाईवाला. कहानी के माध्यम से कहानीकार यह बताना चाहता है कि मनुष्य अपने दुःख के समय में भी दूसरों के प्रति अपने मन में परोपकार की भावना रखता है तो उसे मानसिक सुख और शान्ति प्राप्त होती है। जैसे मिठाईवाला अपनी खट्टी मीठी गोलियाँ बेचकर बच्चों को खुश करता है और अपना पेट भी भरता है।

मिठाई वाले ने मिठाई की क्या क्या विशेषता बताइए?

प्रस्तुत कहानी शीर्षक मिठाई वाला मिठाई वाले के पात्र बिल्कुल अलग है। है। जब उनसे मिठाइयों की विशेषता की बात होती है तब वह कहता है हमारे पास रंग बिरंगी में और यह ना सिर्फ खाने में खट्टा मीठा हर तरह का स्वाद देता हैं। साथ ही इनमें बहुत सारे आयुर्वेदिक गुण भी होते हैं जो पेट की बीमारियों को दूर करता है।