Bharat Me Sarwaadhik Varsha Wala SthanPradeep Chawla on 12-05-2019 Show
मासिनराम मेघालय में स्थित है, जो अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और अत्यधिक वर्षा के कारण प्रसिद्ध है। मेघालय के इस स्थान को विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाले स्थान के रूप में जाना जाता है। मेघालय में स्थित चेरापूंजी और मासिनराम में सबसे ज़्यादा बारिश होती है। चेरापूंजी में 1012 से.मी़. तो मासिनराम में उससे अधिक 1221 से.मी़. वर्षा होती है। वर्षा में यहाँ ऊँचाई से गिरते पानी के फ़व्वारे और कुहासे जैसे घने बादलों को क़रीब से देखने का अपना ही आनन्द है। बंगाल की खाड़ी का मानूसन दक्षिणी हिन्द महासागर की स्थायी पवनों की वह शाखा है, जो भूमध्य रेखा को पार करके भारत में पूर्व की ओर प्रवेश करती है। इसके द्वारा सबसे पहले म्यांमार की अराकान योमा तथा पीगूयोमा पर्वतमालाओं से टकराकर तीव्र वर्षा की जाती है। इसके बाद ये पवनें सीधे उत्तर की दिशा में मुड़कर गंगा के डेल्टा क्षेत्र से होकर खासी पहाड़ियों तक पहुँचती हैं तथा लगभग 15,00 मीटर की ऊँचाई तक उठकर मेघालय के चेरापूंजी तथा मासिनराम नामक स्थानों पर घनघोर वर्षा करती हैं। सम्बन्धित प्रश्नComments Shiv prakash gupta on 06-03-2021 भारत में सर्वाधिक वर्षा कितनी होती है Srushti Burrewar on 01-02-2021 Vishwa Mein sarvadhik Varsha kahan hoti hai Babulal on 31-08-2020 मानसी राम में सर्वाधिक वरचा कितनी दर्ज की गई Rahul verma on 12-08-2020 भारत के किस राज्य में सर्वाधिक वर्षा होता हैं Vik8 on 21-06-2020 Nice Shabnam on 09-06-2020 Bhart me baris kaha hoti h Manish dendor on 01-05-2020 राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा कहा होती हैं Sunita on 10-04-2020 Bharat ki sbse unchi murti Dinkar on 12-02-2020 Hindustan रिव्यू का प्रकाशन किसने किया? Deepak on 07-01-2020 Ab Hartman me Bharat me sabse adhik barsa Wala palace he Prabhat Saxena on 25-11-2019 Dry land area Dinesh Kumar on 14-09-2019 Fountain pen ka aviskarak Bharat mein sarvadhik Varsha kahan hoti hai on 21-08-2019 Bharat mein sarvadhik Varsha Kaha hoti hai In south india area of maximum rainfall is on 12-06-2019 In south india area of maximum rainfall is Saket kumar on 12-05-2019 Kiss pahari pardesh me sarvadhik varsa hoti hai Ravi kumar on 12-05-2019 Bhart me adik varsa kha hoti ha S.k.T. on 22-02-2019 Bharat me sabse jyada varsha kaha hoti hai S.k.T. on 22-02-2019 Gereen india messon kab prarambha huaa दुनिया में सबसे ज़्यादा बारिश कहां होती है?
9 सितंबर 2015 दुनिया में सबसे ज़्यादा नमी (आद्रता) वाली जगह कौन सी है? कुछ लोग इसका जवाब मारिना ट्रेंच दे सकते हैं जो महासागरों में सबसे गहरी जगह है और जिसके ऊपर करीब 10 हज़ार मीटर पानी मौजूद है. लेकिन अगर ज़मीन पर सबसे ज़्यादा नमी वाली जगह की बात हो तो इसका जवाब इतना आसान नही है. दुनिया में सबसे ज़्यादा नमी वाले जगह के तौर पर गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भारत के मेघालय में मासिनराम का नाम दर्ज है. यहां बंगाल की खाड़ी की वजह से काफी ज़्यादा नमी है और 1491 मीटर की ऊंचाई वाले खासी पहाड़ियों की बदौलत यह नमी संघनित भी हो जाती है. यहां औसतन सालाना बारिश 11,871 मिलीमीटर होती है. ऐसी बारिश में रियो डि जेनेरियो स्थित क्राइस्ट की 30 मीटर ऊंची मूर्ति के घुटनों तक पानी होगा. इस इलाके में काफी ज़्यादा हरियाली है. मुग्ध करने वाले जलप्रपात हैं और उससे गिरने वाले झरनों के नीचे आकर्षक पहाड़ी गुफाएं हैं. इससे 10 मील पूर्व में स्थित है चेरापूंजी. सोहरा में रिकॉर्डतोड़ बारिशस्थानीय लोग चेरापुंजी को सोहरा नाम से जानते हैं. यह दुनिया की दूसरा सबसे नमी वाली जगह है. यहां औसतन बारिश मासिनराम से 100 मिलीमीटर कम होती है. हालांकि कई बार (कुछ महीने और सालों के दौरान) यह दुनिया का सबसे नमी वाला स्थान भी बन जाता है. जुलाई, 1861 में यहां 9,300 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी. बीते अगस्त से अब तक चेरापूंजी में 26,470 मिलीमीटर की रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज हो चुकी है. दुनिया भर में सबसे ज़्यादा बारिश वाली ये दोनों जगहें मेघालय में मौजूद हैं. ये पूरा इलाका हमेशा बादलों से घिरा रहता है. यहां लोग बेंत से बने छाते जिन्हें कनूप कहते हैं, साथ में रखते हैं ताकि शरीर हमेशा ढंका रहे और वो बारिश के दौरान भी लगातार काम करते रहें. उनका ज्यादातर समय वहाँ बारिश से टूटी फूटी सड़कों की मरम्मत करने और नई सड़कें तैयार करने में लगता है. मुश्किल भरा जीवन यापनलगातार होने वाली भारी बारिश की वजह से इस इलाके में खेती करना असंभव है. ऐसे में लोग ड्रायर से सुखाए सामान तिरपाल से लपेट कर बाज़ारों में बेचे जाते हैं. इसका अलावा इलाके में बने पुलों को सुरक्षित रखने में काफी मुश्किल होती है, जहां परंपरागत सामान जल्दी ही सड़ गल जाता है. ऐसे में लोग पेड़ों की जड़ों को आपस में बांधकर पुल बनाते हैं. भारत में रबर के पौधे काफी मज़बूत होते हैं, उनकी जड़े काफी लचीली भी होती है. इसके जरिए स्थानीय लोग नदी नालों को पार कर जाते हैं. इसके अलावा बांस के पुल भी बनाए जाते हैं. पेड़ की जड़ों और लचीले तनों के बीच बांस रखकर भी पुल बनाए जाते हैं. बाद में बांस के गल जाने पर भी पुल कायम रहते हैं. ऐसे में एक पुल को तैयार होने में 10 साल तक का समय लगता है. लेकिन ऐसे पुल फिर सैकड़ों साल तक चलते हैं. इस इलाके में ऐसा एक पुल तो पांच सौ साल पुराना बताया जाता है. पहाड़ियों के बीच बसा ये इलाका ऐतिहासिक तौर पर दुनिया भर में सबसे ज़्यादा बारिश के लिए जाना जाता है, पर पिछले कुछ समय से कहा जा रहा है कि दुनिया में सबसे नमी वाला इलाका कहीं और हो सकता है. कोलंबिया से मिलती चुनौतीमेघालय की इन जगहों को कोलंबिया की दो जगहों से चुनौती मिल रही है, लेकिन तकनीकी तौर पर इनकी तुलना भारत के दोनों जगहों से नहीं हो सकती. उत्तरी पश्चिमी कोलंबिया के शहर लाइओरो में 1952 से 1954 के बीच सालाना बारिश 13,473 मिलीमीटर दर्ज हुई थी. यह मासिनराम में होने वाली औसत बारिश से ज्यादा है. लेकिन उस समय बारिश मापने के लिए इस्तेमाल पैमाने अब मान्य नहीं हैं. मौसम इतिहासकार क्रिस्टोफर सी बर्ट के मुताबिक कोलंबिया का प्यूर्टो लोपाज दुनिया में सबसे ज़्यादा नमी वाली वाली जगह है. वे कहते हैं, "असल में दुनिया में सबसे ज़्यादा नमी वाली जगह कोलंबिया में प्यूर्टो लोपाज है जहां औसतन 12,892 मिलीमीटर बारिश होती है." बर्ट के मुताबिक पिछले 50 सालों से यहां की बारिश को मापा जाता है, लेकिन बीच के कई महीनों के आंकड़े ग़ायब हैं. इसलिए प्यूर्टो लोपाज में होने वाली बारिश के आंकड़े पूरी तरह मुकम्मल नहीं हैं, ऐसे में बीते 30 सालों से जिन जगहों के आंकड़े तैयार हुए हैं, उनसे इनकी तुलना नहीं हो सकती. बर्ट कहते हैं, "जितने समय के आंकड़े मौजूद हैं और जितने समय के पूरे साल भर के आंकड़े मौजूद हैं, उसके आधार पर ही मैं भरोसे से कह सकता हूं कि प्यूर्टो लोपाज में सामान्य तौर पर मासिनराम से ज़्यादा बारिश होती है." कोलंबियाई शहर में साल भर बारिश होती है, क्योंकि यह एंडीज पर्वत श्रृंखलाओं में बसा हुआ है. क्यों होती है इतनी बारिश?बर्ट कहते हैं, "प्रशांत महासागर की ओर से यहां लगातार नमी का दबाव रहता है और उस दबाव को पर्वत रोकते हैं जिसके चलते प्यूर्टो लोपाज में काफ़ी ज़्यादा बारिश होती है. मुझे लगता है कि औसतन यहां सालाना 320 से ज़्यादा दिनों की बारिश होती है. यहां साल दर साल एकसमान बारिश होती रहती है." ऐसे में एक बात ध्यान रखने योग्य है, कि औसत बारिश और अधिकतम बारिश में फर्क होता है. महज दो दिनों के अंदर भारत में सबसे ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई. 2014 की गर्मियों में विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने आंकड़ों के साथ बताया कि चेरापूंजी में 15 और 16 जून, 1995 को 2,493 मिलीमीटर बारिश हुई थी. मासिनराम की रिकॉर्डतोड़ बारिश में से 90 फ़ीसदी बारिश महज छह महीनों के भीतर हो जाती है, मई से अक्तूबर के बीच. यहां जुलाई में सबसे ज़्यादा बारिश होती है. औसतन यहां इस महीने में 3500 मिलीमीटर बारिश होती है. दिसंबर से फरवरी के बीच यहां बहुत कम बारिश होती है. हालांकि यह दुनिया का सबसे ज़्यादा नमी और बारिश वाला इलाका है, लेकिन यहां के लोगों को पीने के पानी की किल्लत से भी जूझना पड़ता है. (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.) मासिनराम में सबसे अधिक वर्षा क्यों होती है?दुनिया में सबसे ज़्यादा नमी वाले जगह के तौर पर गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भारत के मेघालय में मासिनराम का नाम दर्ज है. यहां बंगाल की खाड़ी की वजह से काफी ज़्यादा नमी है और 1491 मीटर की ऊंचाई वाले खासी पहाड़ियों की बदौलत यह नमी संघनित भी हो जाती है. यहां औसतन सालाना बारिश 11,871 मिलीमीटर होती है.
सबसे ज्यादा वर्षा कौन से जिले में होती है?1-मेघालय के मासिनराम में दुनिया का सबसे अधिक बारिश और नम इलाका है. यहां करीब 11,871 मिलीमीटर वर्षा होती है.
चेरापूंजी में सबसे ज्यादा बारिश क्यों होती है?चेरापूंजी में वर्षा के लिए मुख्य रूप से यहाँ की पर्वतीय सरंचना को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। दक्षिण की ओर से पहाड़ियों की और उड़ते बदल घाटी में हवा के दबाव से तेजी पाते हैं। बादलों लम्बवत चेरापूंजी से टकराते हैं और बादल तेजी से ऊपर उठ जाते हैं।
भारत का सबसे अधिक वर्षा वाला राज्य कौन सा है?मासिनराम मेघालय में स्थित है, जो अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और अत्यधिक वर्षा के कारण प्रसिद्ध है। मेघालय के इस स्थान को विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाले स्थान के रूप में जाना जाता है। मेघालय में स्थित चेरापूंजी और मासिनराम में सबसे ज़्यादा बारिश होती है।
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