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1st & 2nd Floor, Zion Building, [email protected] Toll Free:1800 833 0800 Office Hours: 10 AM to 7 PM (all 7 days) मानव शरीर में लहू का संचरण लहू या रुधिर या खून(Blood) एक शारीरिक तरल (द्रव) है जो लहू वाहिनियों के अन्दर विभिन्न अंगों में लगातार बहता रहता है। रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होने वाला यह गाढ़ा, कुछ चिपचिपा, लाल रंग का द्रव्य, एक जीवित ऊतक है। यह प्लाज़मा और रक्त कणों से मिल कर बनता है। प्लाज़मा वह निर्जीव तरल माध्यम है जिसमें रक्त कण तैरते रहते हैं। प्लाज़मा के सहारे ही ये कण सारे शरीर में पहुंच पाते हैं और वह प्लाज़मा ही है जो आंतों से शोषित पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है और पाचन क्रिया के बाद बने हानिकारक पदार्थों को उत्सर्जी अंगो तक ले जा कर उन्हें फिर साफ़ होने का मौका देता है। रक्तकण तीन प्रकार के होते हैं, लाल रक्त कणिका, श्वेत रक्त कणिका और प्लैटलैट्स। लाल रक्त कणिका श्वसन अंगों से आक्सीजन ले कर सारे शरीर में पहुंचाने का और कार्बन डाईआक्साईड को शरीर से श्वसन अंगों तक ले जाने का काम करता है। इनकी कमी से रक्ताल्पता (अनिमिया) का रोग हो जाता है। श्वैत रक्त कणिका हानीकारक तत्वों तथा बिमारी पैदा करने वाले जिवाणुओं से शरीर की रक्षा करते हैं। प्लेटलेट्स रक्त वाहिनियों की सुरक्षा तथा खून बनाने में सहायक होते हैं। मनुष्य-शरीर में करीब पाँच लिटर लहू विद्यमान रहता है। लाल रक्त कणिका की आयु कुछ दिनों से लेकर १२० दिनों तक की होती है। इसके बाद इसकी कोशिकाएं तिल्ली में टूटती रहती हैं। परन्तु इसके साथ-साथ अस्थि मज्जा (बोन मैरो) में इसका उत्पादन भी होता रहता है। यह बनने और टूटने की क्रिया एक निश्चित अनुपात में होती रहती है, जिससे शरीर में खून की कमी नहीं हो पाती। मनुष्यों में लहू ही सबसे आसानी से प्रत्यारोपित किया जा सकता है। एटीजंस से लहू को विभिन्न वर्गों में बांटा गया है और रक्तदान करते समय इसी का ध्यान रखा जाता है। महत्वपूर्ण एटीजंस को दो भागों में बांटा गया है। पहला ए, बी, ओ तथा दूसरा आर-एच व एच-आर। जिन लोगों का रक्त जिस एटीजंस वाला होता है उसे उसी एटीजंस वाला रक्त देते हैं। जिन पर कोई एटीजंस नहीं होता उनका ग्रुप "ओ" कहलाता है। जिनके रक्त कण पर आर-एच एटीजंस पाया जाता है वे आर-एच पाजिटिव और जिनपर नहीं पाया जाता वे आर-एच नेगेटिव कहलाते हैं। ओ-वर्ग वाले व्यक्ति को सर्वदाता तथा एबी वाले को सर्वग्राही कहा जाता है। परन्तु एबी रक्त वाले को एबी रक्त ही दिया जाता है। जहां स्वस्थ व्यक्ति का रक्त किसी की जान बचा सकता है, वहीं रोगी, अस्वस्थ व्यक्ति का खून किसी के लिये जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसीलिए खून लेने-देने में बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है। लहू का pH मान 7.4 होता है कार्य
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सन्दर्भ[संपादित करें]कौन सा अंग मानव शरीर में रक्त शुद्ध करता है?...जीवनज्ञानHUMANBODY Manvendra Singh RathoreTeacher0:15 चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। नमस्कार आप उसमें मानव शरीर का रक्त कहां सोते हैं पति की सजा बन उसी के रखते हो तो तब होता है Romanized Version 10 2668 4 जवाब ऐसे और सवाल जहां रक्त मानव शरीर में शुद्ध होता है...मानव शरीर में रक्त जहां पर शुद्ध होता है तो वहां किडनी किडनी इसे कहते...और पढ़ें ShreekantStartups मानव शरीर का कौन सा अंग रक्त को शुद्ध करने का कार्य करता है?...और पढ़ें Puneet SinghTeacher मानव शरीर में रक्त कहा शुद्ध होता है?...आपके प्रश्न किया है मानव शरीर में रक्त कहा शुद्ध होता है तो मैं आपकोऔर पढ़ें Akil AzharTeacher मानव शरीर में शुद्ध रक्त कितना होता है...मानव शरीर में रक्त लगभग 4 से 5 लीटर होता है प्रत्येक स्वस्थ मनुष्य केऔर पढ़ें AMRESH KUMARTeacher मानव शरीर में कितना रक्त होते हैं?...नमस्कारऔर पढ़ें Manvendra Singh RathoreTeacher रक्त को कौन सा अंग शुद्ध करता है?...आपका प्रश्न है कि रक्त को कौन सा अंग शुद्ध करता है तो इसका उत्तरऔर पढ़ें Sachin KumarStudent अशुद्ध रक्त को कौन सा अंग शुद्ध करता है?...अशुद्ध रक्त को मानव शरीर के अंग रक्त को शुद्ध करते हैं पहला फेफड़ा अंग्रेजीऔर पढ़ें Kishan Saket मानव शरीर का रक्त किस में शुद्ध होता है?...मानव शरीर में किडनी में शुद्ध ब्लड होता हैऔर पढ़ें Raj BahadurStudy Please Subscribe On YouTube मानव शरीर के रक्त में से अशुद्ध रक्त को छानकर अलग क्या करता है?...मानव शरीर के रक्त में से अशुद्ध रक्त को छानकर क्या अलग करता है मानवऔर पढ़ें
Sanjay Kumar Related Searches: रक्त को शुद्ध करने वाला अंग ; rakt ko shudh kaun karta hai ; manav sharir mein rakt ko saaf karne ka karya kaun karta hai ; मानव शरीर में रक्त कहा शुद्ध होता है ; शरीर का कौन सा अंग रक्त को शुद्ध करता है ; kaun sa ang rakt ko shudh karta hai ; kaun sa ang hamare rakt ko shudh karta hai ; blood ko shudh kon karta hai ; blood ko shudh karta hai ; कौन सा अंग रक्त को शुद्ध करता है ; This Question Also Answers:
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रक्त का शुद्धिकरण कैसे होता है?रक्त के शुद्धिकरण के लिए वृक्क जिम्मेदार है। वृक्क, बीन के आकार के दो अंग होते हैं , जिनमें से प्रत्येक एक मुट्ठी के आकार का होता है। वृक्क रिब पिंजरे के ठीक नीचे स्थित होती है, आपकी रीढ़ के प्रत्येक तरफ एक। स्वस्थ वृक्क हर मिनट लगभग आधा कप खून को फिल्टर करता है।
मनुष्य के शरीर में खून के शुद्धिकरण की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?Answer C - डायलिसिस मानव शरीर में खून का शुद्धिकरण के प्रकिया को डायलिसिस कहते हैं,और यह प्रक्रिया मानव शरीर के किडनी में होता है.
शुद्ध रक्त कहाँ पाया जाता है?शुद्ध रक्त का प्रहाव धमनी के द्वारा होता है, अशुद्ध रक्त का प्रहाव शिरा के द्वारा होता है.
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