1990 में सेंटर इन इंडिया में कौन था? - 1990 mein sentar in indiya mein kaun tha?

पांधी ने लोगों को याद दिलाया कि जब कश्मीरी पंडितों पर जुल्म हो रहा था तब देश में भारतीय जनता पार्टी के समर्थन वाली सरकार थी। जैसे ही कांग्रेस नेता ने यह ट्वीट किया लोग इसपर मजेदार कमेंट्स करने लगे।

कश्मीर के अनंतनाग जिले में कश्मीरी पंडित सरपंच की हत्या के बाद एक बार फिर कश्मीरी पंडितों का मुद्दा सुर्खियों में है। इसे लेकर कांग्रेस के डिजिटल कम्यूनिकेशन और सोशल मीडिया के नेशनल कोऑर्डिनेटर गौरव पांधी ने एक ट्वीट किया है। पांधी ने लोगों को याद दिलाया कि जब कश्मीरी पंडितों पर जुल्म हो रहा था तब देश में भारतीय जनता पार्टी के समर्थन वाली सरकार थी। जैसे ही कांग्रेस नेता ने यह ट्वीट किया लोग इसपर मजेदार कमेंट्स करने लगे।

पांधी ने लिखा ” फ़ैक्ट जनवरी 1990 में, जब कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, तब भाजपा द्वारा समर्थित केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी और जम्मू और कश्मीर में गोवेर्नर रूल था। उस वक़्त जम्मू कश्मीर के राज्यपाल जगमोहन थे। जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।” इसपर एक यूजर ने ट्वीट किया “जगमोहन सिंह अटल बिहारी वाजपेयी के राजनैतिक सचिव भी रह चुके थे। जगमोहन सिंह को अटल बिहारी वाजपेयी की सिफारिश पर ही राज्यपाल बनाया गया था।”

pic.twitter.com/1zEukTj5hI

— Himanshu Prabhat (@HimanshuPrabha9) June 11, 2020

सामान बेचना है OLX पर जाए ,
ईमान बेचना है तो RSS में जाये ,

गंदी राजनीति करना होतो बीजेपी में जाये ,
और देश बेचना है तो हर हर मोदी ज़िंदाबाद ,

— Farhan Rao (@indianmundda) June 11, 2020

एक ने लिखा “सामान बेचना है OLX पर जाए, ईमान बेचना है तो RSS में जाये, गंदी राजनीति करना होतो बीजेपी में जाये और देश बेचना है तो हर हर मोदी ज़िंदाबाद।” एक ने लिखा “दावों के विपरीत भाजपा के सत्ता में आने के बाद से कश्मीर में आतंकवाद बढ़ रहा है। जहाँ बीजेपी के तारिक अहमद मीर जैसे नेता जिन्हें NIA ने मुजाहिदीन को हथियार देने के आरोप में गिरफ्तार किया था, वहीं अजय पंडिता जैसे ईमानदार नेताओं की हत्या हो रहीं हैं।”

बता दें जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार को कश्मीरी पंडित सरपंच अजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरपंच की हत्या आतंकवादियों ने की है। पंडिता की हत्या के बाद बुधवार को कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इसके खिलाफ जम्मू में प्रदर्शन किया था।  कांग्रेस ने घाटी में चुने गए पंचों और सरपंचों को सुरक्षा दिए जाने की मांग की।

कश्मीरी पंडित कांड के समय केंद्र में किसकी सरकार थी?

जब पंडितों पर हमले हो रहे थे, तब फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे, जब घाटी से पंडितों का पलायन हुआ, तब मुफ्ती मोहम्मद सईद देश के गृहमंत्री थे।

1990 में केंद्र में सरकार किसकी थी?

विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत गणराज्य के 10 ‌‌दसवे क्रम के (७वें व्यक्ति) प्रधानमंत्री थे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके है। उनका शासन एक साल से कम चला, २ दिसम्बर १९८९ से १० नवम्बर १९९० तक।

1990 में कितने कश्मीरी पंडित मारे गए?

टीकू का यह भी मानना ​​है कि अकेले 1990 में ही 302 कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी गई थी.

कश्मीरी पंडितों का नरसंहार कब हुआ?

आज हम आपको 1989 की उस घटना के बारे में भी बताएंगे, जहां से कश्मीरी हिंदुओं पर अत्याचार शुरू हुआ था। यह भी बताएंगे कि कैसे हिंदुओं का नरसंहार हुआ और वह कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर हुए... कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार की शुरुआत 14 मार्च 1989 से शुरू हुई।