हमारा संपूर्ण शरीर छोटी-छोटी इकाइयों से मिलकर बना होता है जिन्हें कोशिका कहा जाता है इन कोशिकाओं के अंदर भी बहुत सारी चीजें होती हैं और इन कोशिकाओं में एक महत्वपूर्ण चीज होती है जिसका नाम माइट्रोकांड्रिया होता है। माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का पावर हाउस भी कहते हैं क्योंकि यह संपूर्ण कोशिका में होने वाले भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। Show
हम इस आर्टिकल में माइटोकॉन्ड्रिया के बारे में जानकारी देंगे जैसे कि माइटोकॉन्ड्रिया क्या है, कैसे काम करता है, संरचना इत्यादि (Mitochondria in Hindi)
माइटोकॉन्ड्रिया:- माइटोकॉन्ड्रिया लैटिन भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना होता है। Mitos और Chondrion तथा इसलिए इसे सूत्र कणिका भी कहते हैं यह कोशिका के अंदर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका के कोशिका द्रव्य में पाया जाता है यह आकार में अंडाकार होता है। तथा इसे कोशिका का बिजलीघर भी कहते हैं। Mitochondria 3D Modelमाइटोकॉन्ड्रिया की खोज किसने की – Discovery of mitochondria in Hindiसबसे पहले कोलीकर ने वर्ष 1890 में माइटोकॉन्ड्रिया के बारे में रिसर्च की। सी बैंडा आने 1897 में माइटोकॉन्ड्रिया की खोज की। माइटोकॉन्ड्रिया के कार्य – Function of Mitrocondriya in Hindiमाइटोकॉन्ड्रिया कोशिका द्रव्य में पाया जाता है इसे कोशिका का पावर हाउस या ऊर्जा घर भी कहा जाता है क्योंकि जिस प्रकार उर्जा किसी भी सेल में स्टोर हो जाती है उसी प्रकार इसमें ऊर्जा एटीपी यानी एडिनोसिन ट्राईफास्फेट के रूप में संचित रहती है। मतलब इसके अंदर ऊर्जा एटीपी के रूप में स्टोर हो जाती है। जब कोशिका को विभिन्न जैविक क्रियाओं तथा अन्य क्रियाकलापों के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है तब माइटोकॉन्ड्रिया उपस्थित यह ऊर्जा जो कि माइटोकॉन्ड्रिया में एटीपी के रूप में संचित रहती है कोशिका में होने वाले भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए प्रयोग में लाई जाती है।
माइटोकॉन्ड्रियल रोग – Mitochondrial disease in Hindiअगर माइटोकॉन्ड्रिया के कार्य करने के तरीके में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी होती है तो यह मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। लेकिन आमतौर पर माइट्रोकांड्रिया से जुड़ी बीमारियों का पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं। यह सभी व्यक्तियों में एक समान नहीं होते माइटोकॉन्ड्रिया में समस्या होने पर गंभीर बीमारियां हो सकती हैं और कुछ मामलों में तो ऑर्गन फेल हो जाने की समस्या भी हो जाती है। माइटोकांड्रियल डिसीसिस
माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना – Structure of mitochondria in Hindi
माइटोकॉन्ड्रिया के बारे में रोचक तथ्य – Facts about mitochondria in Hindi
माइटोकॉन्ड्रियल रोग के लक्षण – Symptoms of mitochondria disease in Hindiमाइट्रोकांड्रिया डिजीज होने पर निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें:- तंत्रिका कोशिका (neurons) | न्यूरॉन्स के संरचना और कार्य, प्रकार, संरचना इत्यादि माइटोकॉन्ड्रियल रोग के कारण – Causes of mitochondria disease in Hindiमाइटोकॉन्ड्रियल रोग ज्यादातर वंशानुगत कारणों से होते हैं
आदि माइट्रोकांड्रियल रोग होने के मुख्य कारण हैं।
माइटोकॉन्ड्रिया की खोज किसने की – Discovery of mitochondria in Hindiसबसे पहले कोलीकर ने वर्ष 1890 में माइटोकॉन्ड्रिया के बारे में रिसर्च की। सी बैंडा आने 1897 में माइटोकॉन्ड्रिया की खोज की। माइटोकॉन्ड्रिया के कार्य – Function of Mitrocondriya in Hindiमाइटोकॉन्ड्रिया कोशिका द्रव्य में पाया जाता है इसे कोशिका का पावर हाउस या ऊर्जा घर भी कहा जाता है क्योंकि जिस प्रकार उर्जा किसी भी सेल में स्टोर हो जाती है उसी प्रकार इसमें ऊर्जा एटीपी यानी एडिनोसिन ट्राईफास्फेट के रूप में संचित रहती है। मतलब इसके अंदर ऊर्जा एटीपी के रूप में स्टोर हो जाती है। जब कोशिका को विभिन्न जैविक क्रियाओं तथा अन्य क्रियाकलापों के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है तब माइटोकॉन्ड्रिया उपस्थित यह ऊर्जा जो कि माइटोकॉन्ड्रिया में एटीपी के रूप में संचित रहती है कोशिका में होने वाले भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए प्रयोग में लाई जाती है।
माइटोकॉन्ड्रियल रोग – Mitochondrial disease in Hindiअगर माइटोकॉन्ड्रिया के कार्य करने के तरीके में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी होती है तो यह मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। लेकिन आमतौर पर माइट्रोकांड्रिया से जुड़ी बीमारियों का पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं। यह सभी व्यक्तियों में एक समान नहीं होते माइटोकॉन्ड्रिया में समस्या होने पर गंभीर बीमारियां हो सकती हैं और कुछ मामलों में तो ऑर्गन फेल हो जाने की समस्या भी हो जाती है। माइटोकांड्रियल डिसीसिस
माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना – Structure of mitochondria in Hindi
माइटोकॉन्ड्रिया के बारे में रोचक तथ्य – Facts about mitochondria in Hindi
माइटोकॉन्ड्रियल रोग के लक्षण – Symptoms of mitochondria disease in Hindiमाइट्रोकांड्रिया डिजीज होने पर निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें:- तंत्रिका कोशिका (neurons) | न्यूरॉन्स के संरचना और कार्य, प्रकार, संरचना इत्यादि माइटोकॉन्ड्रियल रोग के कारण – Causes of mitochondria disease in Hindiमाइटोकॉन्ड्रियल रोग ज्यादातर वंशानुगत कारणों से होते हैं
आदि माइट्रोकांड्रियल रोग होने के मुख्य कारण हैं।
माइटोकॉन्ड्रियल रोग का इलाज – Treatment of Mitochondrial disease in Hindiमाइटोकॉन्ड्रियल रोग अलग-अलग प्रकार के होते हैं और यह शरीर के अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करते हैं। दवाइयां:- अलग-अलग प्रकार की दवाइयों द्वारा माइटोकॉन्ड्रियल रोग का इलाज किया जाता है। शारीरिक श्रम:- नियमित रूप से शारीरिक श्रम करना एक्सरसाइज करना योगा करना आदि। . यह भी पढ़ें:- Pituitary gland in hindi | पीयूष ग्रंथि क्या है, कार्य, रोग इत्यादि निष्कर्षइस आर्टिकल में हमने माइटोकॉन्ड्रिया के बारे में जानकारी दिया है जैसे किमाइटोकॉन्ड्रिया क्या है, कैसे काम करता है, संरचना इत्यादि (Mitochondria in Hindi) मैं आशा करता हूं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा अगर आपको हमारे आर्टिकल पसंद आता है या आप क्या कोई सवाल या जवाब है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं धन्यवाद। ReferencesMitochondria. (n.d.). Genome.gov. https://www.genome.gov/genetics-glossary/Mitochondria Mitochondrial DNA: MedlinePlus genetics. (n.d.). MedlinePlus – Health Information from the National Library of Medicine. https://medlineplus.gov/genetics/chromosome/mitochondrial-dna/ Characterization of the human heart mitochondrial proteome. (n.d.). PubMed. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/12592411 Communication between mitochondria and other organelles: A brand-new perspective on mitochondria in cancer. (2019, March 19). Cell & Bioscience. https://cellandbioscience.biomedcentral.com/articles/10.1186/s13578-019-0289-8 Mitochondria: An organelle of bacterial origin controlling inflammation. (n.d.). Frontiers. https://www.frontiersin.org/articles/10.3389/fimmu.2018.00536/full Mitochondria – The cell – NCBI bookshelf. (n.d.). National Center for Biotechnology Information. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK9896/ Dr Shubam malhotra एक general physician है। Dr Shubam malhotra नई दिल्ली में रहते हैं। कई अस्पतालों में काम कर चुके Dr Shubam malhotra का अनुभव 13 साल से भी ज्यादा है Qualification:- MBBS माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना क्या है?माइटोकॉन्ड्रिया की बाहरी झिल्ली प्रोटीन और फॉस्फोलिपिड की बनी होती है इसमें फॉस्फेटिडिल कोलीन की मात्रा अधिक होती है। इसकी मोटाई 60-70 Å होती है। इसकी बाहरी झिल्ली द्वारा बहुत बड़े अणुओं (6000 kD) का स्थानांतरण हो सकता है।
माइटोकॉन्ड्रिया के प्रमुख कार्य क्या है?माइटोकॉन्ड्रिया का मुख्य काम सेलुलर श्वसन करना है। इसका मतलब यह है कि यह कोशिका से पोषक तत्वों में ले जाता है, इसे तोड़ देता है, और इसे ऊर्जा में बदल देता है। इस ऊर्जा को तब विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए सेल द्वारा उपयोग किया जाता है। प्रत्येक कोशिका में माइटोकॉन्ड्रिया की एक अलग संख्या होती है।
माइटोकॉन्ड्रिया क्या है माइटोकॉन्ड्रिया के कार्य की व्याख्या करें?माइटोकांड्रिया के कार्य Functions of mitochondria
इस ऑक्सीसोम में ही स्वशन (Respiration) की क्रिया होती है। इसमें विभिन्न प्रकार के एंजाइम्स और सह एंजाइम पाए जाते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया में ही एटीपी का संश्लेषण होता है, तथा यह विभिन्न शारीरिक क्रियाओं के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।
माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना कार्य पावर हाउस क्यों कहते हैं समझाइए?माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका या ऊर्जा कारखानों का बिजलीघर कहा जाता है क्योंकि वे सेलुलर श्वसन के माध्यम से भोजन से ऊर्जा निकालने में मदद करते हैं। ऊर्जा एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (एटीपी) के रूप में निकलती है। इसे कोशिका की ऊर्जा मुद्रा भी कहते हैं।
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