1998 में भारत द्वारा पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षणों का कोड नाम क्या था?A. ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्मB. ऑपरेशन विजयC. ऑपरेशन शक्तिD. ऑपरेशन काबूम
Show
Answer (Detailed Solution Below)Option 2 : C Free General Awareness Chapter Test 1 15 Questions 15 Marks 15 Mins विकल्प 2 सही है।
Latest DDA Patwari Updates Last updated on Sep 22, 2022 The Delhi Development Authority (DDA) is expected to release the official notification for the DDA Patwari 2022 soon. A total of 48 vacancies are expected to be released for the recruitment process. The selection process consists of two stages - Prelims and Skill Test. Candidates can refer to the DDA Patwari Previous Year Papers to increase their chances of selection for the Patwari post. With an expected salary range between Rs. 5200 to Rs. 20,200, it is a golden opportunity for government exam aspirants. 11 मई 1998 की वो तारीख जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई. आज ही के रोज राजस्थान के पोखरण में तीन बमों का सफल परीक्षण किया गया था. जिसके बाद भारत न्यूक्लियर स्टेट बन गया. ये परीक्षण देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में हुआ था. ये देश का दूसरा परमाणु परीक्षण था. इससे पहले राजस्थान के जैसलमेर से करीब 140 किमी दूर लोहारकी गांव के पास मलका गांव में 18 मई 1974 को भारत ने गांव के एक सूखे कुएं में पहला परमाणु परीक्षण किया था. ये परमाणु परीक्षण इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ था. इसके बाद 11 मई 1998 का दिन भारत के लिए यादगार बन गया. इसी मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1998 पोखरण परीक्षण को याद करते हुए ट्वीट किया है.
आसान नहीं था परमाणु बम का परीक्षण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए परमाणु बम परीक्षण करना आसान नहीं था. परमाणु परीक्षण के फैसले को लेकर देश में भी विपक्षी दलों ने उनपर निशाना साधा था. अटल बिहारी वाजपेयी जब पोखरण परीक्षण पर संसद में जवाब देने उतरे तो उन्होंने जहां विपक्ष को निरुत्तर कर दिया वहीं दुनिया को ये साफ संदेश दिया कि "ये भारत बदला हुआ भारत है, दुनिया से आंख मिलाकर और हाथ मिलाकर चलना चाहता है. किसी प्रतिबंध से झुकेगा नहीं और शांति और सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा." परमाणु परीक्षण के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने कही थी ये बात सदन में विपक्षी दलों की ओर से परमाणु परीक्षण को लेकर कई सवाल उठाए गए थे, इस पर अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, "ये आश्चर्य की बात है कि परमाणु परिक्षण की आलोचना की गई, पूछा गया देश के सामने कौन सा खतरा था. 1974 में मैं सदन था जब इंदिरा गांधी के नेतृत्व में परमाणु परीक्षण किया गया था.हम प्रतिपक्ष में थे, लेकिन फिर भी हमने स्वागत किया था, क्योंकि देश की रक्षा के लिए परमाणु परिक्षण किया गया था. क्या मुझे कोई बताएगा, उस समय कौन से खतरा था? क्या आत्मरक्षा की तैयारी तभी होगी जब खतरा होगा? अगर तैयारी पहले से हो तो ये अच्छी बात हैं, जो खतरा भविष्य में आने वाला होगा वह भी दूर हो जाएगा. अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, परमाणु बम परीक्षण हमारे कार्यक्रम काल में लिखा हुआ था, जिसके बाद हमने परमाणु बम परीक्षण करने का फैसला किया गया था. ऐसे में जो लोग सवाल उठा रहे हैं वह जान लें, ये कोई छिपी हुई बात नहीं थी, कोई रहस्य नहीं था." क्या था मिशन का नाम पोखरण परमाणु परीक्षण के मिशन का नाम 'ऑपरेशन शक्ति' था. इस मिशन में अहम भूमिका निभाने वालों में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अलावा तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम थे, वह उस समय रक्षा मंत्रालय में सलाहकार वैज्ञानिक के पद पर थे. - दरअसल, अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA भारत पर नजर रखे हुए थी और उसने पोकरण पर निगरानी रखने के लिए 4 सैटलाइट लगाए थे। हालांकि भारत ने CIA और उसके सैटलाइटों को चकमा देते हुए परमाणु परीक्षण कर दिया। - इस प्रॉजेक्ट के साथ जुड़े वैज्ञानिक कुछ इस कदर सतर्कता बरत रहे थे कि वे एक दूसरे से भी कोड भाषा में बात करते थे और एक दूसरे को छद्म नामों से बुलाते थे। ये झूठे नाम इतने हो गए थे कि कभी-कभी तो साथी वैज्ञानिक एक दूसरे का नाम भूल जाते थे। सेना की वर्दी में वैज्ञानिक - 'मिसाइलमैन' अब्दुल कलाम भी सेना की वर्दी में वहां मौजूद थे। बाद में इसकी तस्वीरें भी सामने आई थीं, जिसमें पूरी टीम सेना की वर्दी में दिखाई पड़ी। सेना की वर्दी में कलाम व अन्य वैज्ञानिक (फाइल) - बताते हैं कि डॉ. कलाम को कर्नल पृथ्वीराज का छद्म नाम दिया गया था और वह कभी ग्रुप में टेस्ट साइट पर नहीं जाते थे। वह अकेले जाते जिससे किसी को भी उन पर शक न हो। - 10 मई की रात को योजना को अंतिम रूप देते हुए ऑपरेशन को 'ऑपरेशन शक्ति' नाम दिया गया। ट्रक से तड़के पहुंचा बम ताजमहल और कुंभकरण जैसे कोडवर्ड्स - परीक्षण के लिए पोकरण को ही चुना गया था क्योंकि यहां मानव बस्ती बहुत दूर थी। आपको बता दें कि जैसलमेर से 110 किमी दूर जैसलमेर-जोधपुर मार्ग पर पोकरण एक प्रमुख कस्बा है। बड़े कुएं खोदे गए थे - धमाके से आसमान में धुएं का गुबार उठा और विस्फोट की जगह पर एक बड़ा गड्ढा बन गया था। इससे कुछ दूरी पर खड़ा 20 वैज्ञानिकों का समूह पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए था। - पोकरण परीक्षण रेंज पर 5 परमाणु बम के परीक्षणों से भारत पहला ऐसा परमाणु शक्ति संपन्न देश बन गया, जिसने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। - परीक्षण के बाद वाजपेयी ने ऐलान किया, 'आज, 15.45 बजे भारत ने पोकरण रेंज में अंडरग्राउड न्यूक्लियर टेस्ट किया'। वह खुद धमाके वाली जगह पर गए थे।कलाम ने टेस्ट के सफल होने की घोषणा की थी। कलाम ने बताया, भारत पर था दबाव - भारत के इन परमाणु परीक्षणों की सफलता से दुनियाभर में भारत की धाक जम गई। केंद्र में वाजपेयी की सरकार बने सिर्फ तीन महीने हुए थे और हर कोई इस बात से हैरान था कि इतनी जल्दी वाजपेयी ने इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया। - हालांकि वाजपेयी ने यह भी कहा था कि हम पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। जिन देशों के पास परमाणु हथियार नहीं हैं, भारत उनके खिलाफ इन हथियारों का इस्तेमाल कभी नहीं करेगा। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें 1998 परमाणु परीक्षण का कोड क्या था?पोखरण-2 मई 1998 में पोखरण परीक्षण रेंज पर किये गए पांच परमाणु बम परीक्षणों की श्रृंखला का एक हिस्सा है। यह दूसरा भारतीय परमाणु परीक्षण था; पहला परीक्षण, कोड नाम स्माइलिंग बुद्धा (मुस्कुराते बुद्ध), मई 1974 में आयोजित किया गया था। बेलनाकार आकार परमाणु बम, शक्ति 1, अपने विस्फोट से पहले।
18 मई 1974 को भारत के पहले परमाणु परीक्षण का कोड नाम क्या था?इस ऑपरेशन का नाम स्माइलिंग बुद्धा रखा गया था। 18 मई 1974 को यह परीक्षण राजस्थान के पोखरण में टॉप अधिकारियों के निगरानी में किया गया था। आज से 48 साल पहले भारत ने पहला सफल परमाणु परीक्षण किया था। इस ऑपरेशन का कोड नाम स्माइलिंग बुद्धा रखा गया था।
1998 में पोखरण II परमाणु परीक्षण के दौरान भारत के प्रधानमंत्री कौन थे?सही उत्तर अटल बिहारी वाजपेयी है। 1998 में आयोजित पोखरण- II परमाणु परीक्षण के दौरान भारत के प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे।
पोखरण परमाणु परीक्षण का कोड नाम क्या है?पोखरण परमाणु परीक्षण 2 मई 1998 में आयोजित किया गया था। पोखरण 2 का कूट नाम ऑपरेशन शक्ति था। यह भारत द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण का दूसरा उदाहरण था। पहला परीक्षण, कूट-नाम स्माइलिंग बुद्धा मई 1974 में आयोजित किया गया था।
|