मुंह में सफेद दाग होने से क्या होता है? - munh mein saphed daag hone se kya hota hai?

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • वेब स्टोरीज
  • ई-पेपर

मुंह में सफेद दाग होने से क्या होता है? - munh mein saphed daag hone se kya hota hai?

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • वेब स्टोरीज
  • ई-पेपर

  • Hindi News
  • मुंह में तीन सेंटीमीटर अंगुली डालकर कर सकते हैं कैंसर की पहचान।

मुंह में तीन सेंटीमीटर अंगुली डालकर कर सकते हैं कैंसर की पहचान

मुंह में सफेद दाग होने से क्या होता है? - munh mein saphed daag hone se kya hota hai?

जमशेदपुर. दिल्ली के डॉ. चिंतामणि ने कहा कि आपको मुंह का कैंसर है या नहीं, इसकी पहचान आप स्वयं कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने मुंह में तीन अंगुली डालनी होगी। अगर आपका मुंह तीन सेंटीमीटर तक खुले यानी मुंह में तीन उंगली घुस जाए, तो समझिए की आपको कैंसर की संभावना नहीं के बराबर है। ठीक इसके उलट, अगर तीन अंगुली मुंह में नहीं घुसे, तो कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। अब मोबाइल से भी इस बीमारी की जांच की जा सकती है। मोबाइल से आप अपने मुंह के अंदर की तस्वीर ले लें। यदि मुंह के अंदर लाल, सफेद व काला दाग तस्वीर में दिखे है, तो समझिए कुछ गड़बड़ है। इसके बाद आप शीघ्र डॉक्टरी सलाह लें। अगर दाग नहीं है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। डॉ चिंतामणि टीएमएच के डिपार्टमेंट ऑफ सर्जरी की ओर से आयोजित क्लिनिकल सर्जरी अपडेट-2015 में शामिल होने शुक्रवार को शहर आए थे। डॉ चिंतामणि ने टीएमएच में भास्कर संवाददाता से विशेष बातचीत करते हुए उक्त बातें कहीं।

क्यों होता है मुंह का कैंसर

1. गुटखा- तंबाकू खाने से तथा स्मोकिंग करने से
2. ओरल सेक्स करने से
3. अनुवांशिक कारण से
क्या है मुंह कैंसर के प्रारंभिक लक्षण
1. मुंह का तीन सेंटीमीटर तक नहीं खुलना
2. मुंह के अंदर लाल, काला व सफेद दाग होना
3. आवाज में परिवर्तन

मोबाइल के ज्यादा उपयोग से भी होता है कैंसर
डॉ चिंतामणि ने कहा कि अगर कोई आदमी एक दिन में औसतन डेढ़ घंटा से अधिक मोबाइल का उपयोग करता है, तो उसमें हेड-नेक कैंसर की संभावना अधिक होती है। डॉ चिंतामणि के अनुसार नए शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि रेडिएशन से कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसी कारण मोबाइल टावर के आसपास रहने वाले लोग भी कैंसर मरीज बन रहे हैं।

मुंह का घाव ठीक नहीं हो रहा, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें

झारखंड-बिहार के इकलौते एफआरसीए के एक्जामिनर डॉ चिंतामणि ने कहा कि मुंह के अंदर कोई घाव अगर ठीक नहीं हो रहा है, तो तुरंत ईएनटी के डॉक्टर से जांच कराएं। मुंह के अंदर लाल दाग सबसे खतरनाक होता है। सामान्यतः: इसे प्री कैंसर माना जाता है। अगर मुंह के अंदर का दाग काला से लाल या सफेद से लाल हो रहा है, तो इसे कैंसर का शुरुआती दौर माना जाता है। इस दौर तक बीमारी का इलाज आसानी से संभव है। इलाज के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है। डॉ चिंतामणि ने कहा कि इस तरह के मामलों में मरीज पहले डेंटिस्ट के पास चले जाते हैं और जांच वगैरह में एक दो सप्ताह से अधिक समय गंवा देते हैं। इससे आसानी से ठीक होने वाला कैंसर बाद में जानलेवा हो जाता है।

झारखंड-बिहार में ज्यादा मामले

डॉ चिंतामणि ने कहा कि पूरी दुनिया में मुंह का कैंसर सबसे ज्यादा झारखंड, बिहार और ओड़िशा में होता है। क्योंकि यहां लोगों की जिंदगी ही तंबाकू से शुरू होती है। इन प्रदेशों में मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण तंबाकू है। उन्होंने कहा कि तंबाकू छुड़ाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ-साथ मीडिया को भी आगे आकर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।

मुंह में सफेद दाग होने से क्या होता है? - munh mein saphed daag hone se kya hota hai?

ल्यूकोप्लाकिया के उपचार (Source: Pixabay)  |  तस्वीर साभार: Representative Image

मुख्य बातें

  • जरूरत से ज्यादा धूम्रपान व शराब पीने से मुंह के अंदर सफेद निशान बन जाते हैं जिसे ल्यूकोप्लाकिया कहते हैं

  • इसके लक्षण बढ़ जाने से बाद में ओरल कैंसर होने का खतरा हो जाता है

  • ये खौस तौर पर उन लोगों को होता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है

जरूरत से ज्यादा धूम्रपान करने से व शराब पीने से मुंह के अंदर सफेद निशान बन जाते हैं साथ ही दानेदार दाग भी होते हैं जिन्हें आसानी से हटाया नहीं जा सकता है। अगर ये दाग ज्यादा बढ़ जाए तो इस बीमारी को ल्यूकोप्लाकिया नामक बीमारी कहते हैं। जब इस तरह के लंक्षण हद से ज्यादा बढ़ जाते हैं तो इससे ओरल कैंसर होने का भी खतरा होती है जो प्राणघातक भी हो सकता है।

इससे बचाव के लिए सबसे पहले तो धूम्रपान छोड़ने की सलाह दी जाती है इसके अलावा अगर शुरुआती लक्षणों में इसका पता चल गया तो इसका निदान संभव है वरना अगर काफी समय बाद इसका पता चला तो मरीज को ओरल कैंसर का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है।

इसमें खास तौर पर तंबाकू खाने से मुंह के अंदर होने वाले जलन से ये सारी समस्या पैदा होती है। इसमें मसूड़ों में, जीभ में, मुंह के अंदर नीचे या फिर गाल के अंदर में एक सफेद दानेदार दाग बन जाते हैं इसी को ल्यूकोप्लाकिया कहते हैं। ये खौस तौर पर उन लोगों को होता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। 

लक्षण
ल्यूकोप्लाकिया में मरीज के मुंह के अंदर दानेदार दार हो जाते हैं जो आम तौर पर दर्न नहीं देता है लेकिन बाद में ये पीड़ादायक हो जाता है। ये निशान आसानी से मिटाए नहीं जा सकते हैं। कभी-कभी उभरे हुए लाल घाव भी हो जाते हैं जो कैंसर के शुरुआती लक्षण होते हैं। अगर शुरू में इसका निदान नहीं किया गया तो बाद में ये प्राणघातक हो जाता है। इसके अलावा जबड़े खोलने का आकार कम होता जाता है। भोजन निगलते समय कानों में दर्द का भी एहसास होता है। इसमें व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और उसका वजन भी घटने लगता है।

इसके उपाय
इसके सरल उपाय ये हैं कि आप जितनी जल्दी से जल्दी धूम्रपान करना या फिर तंबाकू खाना छोड़ दें उतनी ही जल्दी इसका निदान संभव है। अगर आपको शराब पीने की भी लत है तो लगातार अपने मुंह की डॉक्टर से जांच करवाते रहें। अगर किसी प्रकार के लक्षण दिखे तो तुरंत उसका इलाज करवाएं। हालांकि इससे बचाव का सबसे बेहतर उपाय है तंबाकू और धूम्रपान छोड़ना।

घरेलू उपचार
थोड़ी सी पीसी हल्दी के साथ 2 लौंग और कुछ अमरुद की पत्तियों को पानी में उबाल लें। अब इस पानी को ठंडा होने दें और फिर इस पानी से रोजाना कुल्ला करने की आदत डालें। इसके अलावा पीसी हल्दी को पीस कर इसे मुंह में रगड़ने से भी राहत मिलता है।
ग्रीन टी को एक गिलास पानी मे उबाल कर इसका सेवन करें। इससे भी ल्यकोप्लाकिया में राहत मिलता है।  
मछली, गाजर, कद्दू, कंद इत्यादि विटामिन ए वाले खाद्य पदार्थ हैं। इनका सेवन करने से ल्यूकोप्लाकिया में राहत मिलता है। 
विटामिन ई वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे अवोकैडो, मूंगफली, सफेद चना इत्यादि।

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए है, इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रुप में नहीं लिया जा सकता। कोई भी स्टेप लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लें।)

मुंह में सफेद दाग क्यों होते हैं?

ल्यूकोप्लाकिया जीभ, गालों और मुंह के तल पर सफेद धब्बे की स्थिति है। हल्के ल्यूकोप्लाकिया में कोई गंभीर लक्षण और लक्षण नहीं होते हैं जो अपने आप दूर हो सकते हैं। इससे दर्द के रूप में कोई असुविधा नहीं होती है लेकिन लंबे समय तक नुकसान हो सकता है। इससे मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

मुंह पर सफेद दाग कैसे ठीक करें?

अधिकतर बार सफेद दाग अपने आप ठीक हो जाते हैं लेकिन बेहतर होगा कि यदि आप डर्मेटोलॉजिस्ट से मिल लें और अपना इलाज करा लें।

कैंसर के छाले कैसे होते हैं?

​ओरल कैंसर के लक्षण.
मुंह या जीभ की परत पर धब्बे.
मुंह में छाले.
मसूड़ों का मोटा होना.
दांतों का ढीला होना.
मुंह से खून बहना.
कान में दर्द.
जबड़े में सूजन आना.
गले में खराश सा महसूस होना.

मुंह के कैंसर की दूसरी स्टेज पर मरीज को क्या क्या परेशानी आती है?

-मुंह से दुर्गंध, आवाज बदलना, आवाज बैठ जाना, कुछ निगलने में तकलीफ, लार का अधिक या ब्लड के साथ आना, ये भी मुंह के कैंसर के लक्षण हैं. -इसमें घाव, सूजन, खून निकलने, जलन, मुंह में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं.