विषयसूची कभी कभी मृत व्यक्ति के लिए कपड़ा खरीदने के लिए क्या करना पड़ता है हैं?
मृत लड़का क्या काम करता था?इसे सुनेंरोकेंवह उस जमीन में खरबूजे उगाता था। वहाँ से वह खरबूजे तोड़कर लाता था और बेचता था। कभी-कभी वह स्वयं दुकानदारी करता था तो कभी दुकान पर उसकी माँ बैठती थी। Question 5: लड़के की मृत्यु के दूसरे ही दिन बुढ़िया खरबूजे बेचने क्यों चल पड़ी? बुढ़िया को कोई भी उधार क्यों नहीं देता?इसे सुनेंरोकें5. बुढ़िया को कोई भी क्यों उधार नहीं देता? उत्तर:- बुढिया का बेटा मर गया था इसलिए बुढ़िया को दिए उधार को लौटने की कोई संभावना नहीं थी। इस वजह से बुढ़िया को कोई उधार नहीं देता था। बुढ़िया ने घर में किसकी पूजा करवाई? इसे सुनेंरोकेंओझा को दान दक्षिणा देने के लिए बुढ़िया ने घर में जो कुछ था दे दिया। घर में नागदेव की पूजा भी करवाई। संभ्रांत महिला को सहानुभूति दिखाने कौन आते थे? इसे सुनेंरोकेंपोशाक मात्र शरीर को ढकने के लिए नहीं होती है बल्कि यह मौसम की मार से बचाती है। पोशाक से मनुष्य की हैसियत, पद तथा समाज में उसके स्थान का पता चलता है। पोशाक मनुष्य के व्यक्तित्व को निखारती है। जब हम किसी से मिलते हैं, तो पहले उसकी पोशाक से प्रभावित होते हैं तथा उसके व्यक्तित्व का अंदाज़ा लगाते हैं। भगवाना की माँ के सामने कौन सी समस्या आ खड़ी हुई?इसे सुनेंरोकें(ग) भगवाना की मृत्यु के बाद उसकी माँ के सामने परिवार का पेट भरने की समस्या आ खड़ी हुई घर में अनाज नहीं था। बहू बुखार से तप रही थी। उसकी दवाई की व्यवस्था करनी थी। उसके अपना छन्नी-ककना बेचकर कफन का कपड़ा खरीदा था। चाहे उसके लिए माँ के हाथों के छन्नी ककना ही क्यों न बिक जायें ऐसा क्यों कहा जा रहा है?इसे सुनेंरोकें(क) छन्नी-ककना- पुराने जमाने में गरीब स्त्रियाँ ही छन्नी-ककनी पहनती थीं। अढ़ाई मास- मक्के की यह प्रजाति अढाई मास में तैयार हो जाती है। पास-पड़ोस- व्यक्ति पर उसके पास-पड़ोस का असर अवश्य पड़ता है। दुअन्नी-चवन्नी- कभी दुअन्नी-चवन्नी भी अपनी कीमत रखते थे, पर आज वे चलन में नहीं हैं। लोगों द्वारा बुढ़िया को पत्थर दिल कहने के पीछे क्या कारण था?इसे सुनेंरोकेंबुढ़िया को पत्थर दिल इसलिए कहा गया है क्योंकि वह उसके जवान बेटे के मरने के बाद भी वह खरबूज बेसह रही थी । इस स्तिति को देखकर अनजान लोग उसे पत्थर दिल कह रहे थे । बुढ़िया के पास कौन रहता था? इसे सुनेंरोकें2. पास-पड़ोसवालों से लेखक को पता चला कि बुढ़िया का 23 बरस का जवान लड़का था। घर में उसकी बहू और पोता-पोती हैं। लड़का शहर के बाहर डेढ़ बीघा जमीन में खेती कर अपने परिवार को निर्वाह करता था। इसे सुनेंरोकेंपोशाक के कारण कभी उसके सब रास्ते खुल जाते हैं और कभी अड़चनें आ घेरती हैं। प्रश्न 2. उत्तर: पोशाक हमारे लिए उस समय बंधन और अड़चन बन जाती है जब हम अपने से निचले स्तर के व्यक्ति के दुख में शामिल होकर सहानुभूति प्रकट करना चाहते हैं तब पोशाक हमारे आड़े आ जाती है। बाजार के लोग खरबूजे बेचनेवाली स्त्री के बारे में क्या क्या कह रहे थे अपने शब्दों में लिखिए? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: बाजार के लोग खरबूजे बेचनेवाली स्त्री के बारे में तरह तरह की बातें कर रहे थे। कोई कह रहा था कि बेटे की मृत्यु के तुरंत बाद बुढ़िया को बाहर निकलना ही नहीं चाहिए था। कोई कह रहा था कि सूतक की स्थिति में वह दूसरे का धर्म भ्रष्ट कर सकती थी इसलिए उसे नहीं निकलना चाहिए था। कपड़े में मुँह को छिपाए सिर को घुटनों पर रखकर कौन रो रहा था?Here is a compilation of Free MCQs of Class 9 Hindi Sparsh book Chapter 1 Dukh ka Adhikar by Yashpal….Dukh ka Adhikar – Class 9 Hindi Sparsh Book Chapter 1 MCQs.
हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी में क्यों लगने लगे?इसे सुनेंरोकेंहरिहर काका को मंहत और भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे? उत्तर:- हरिहर काका नि:संतान थे और उनके हिस्से में पंद्रह बीघे उपजाऊ जमीन थी। मंहत और भाई दोनों का उद्देश्य हरिहर काका की इसी उपजाऊ पंद्रह बीघे जमीन को अपने कब्जे में करना था। हरिहर काका और लेखक दोनों ही ठाकुरबारी जाना पसंद नहीं करते थे क्यों?इसे सुनेंरोकेंहरिहर काका ने अपनी परिस्थितिओं के कारण देव-स्थान में जाना बंद कर दिया था। मन बहलाने के लिए लेखक भी कभी-कभी देव-स्थान चला जाता था। लेकिन लेखक कहता है कि वहाँ के साधु-संत उसे बिलकुल भी पसंद नहीं थे। क्योंकि वे काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते थे। हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे उन्होंने उनके साथ कैसा बर्ताव? इसे सुनेंरोकेंहरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले लोग महंत के आदमी थे। वे रात के समय हथियारों से लैस होकर आते हैं और हरिहर काका को ठाकुरबारी उठा कर ले जाते हैं। उसने हरिहर काका को कई बार ज़मीन जायदाद ठाकुर बाड़ी के नाम कर देने को कहा परन्तु वो नही मान रहे थे। |